GST से संबंधित मुद्दे जल्द हल होंगे: अरुण जेटली

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गांधीनगर, 11 जनवरी: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले कुछ सप्ताहों में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित दोहरे नियंत्रण और पार-सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का हल निकल आएगा। जेटली ने कहा, "जीएसटी परिषद में लोकतांत्रिक ढंग से चर्चा के बाद निर्णय किया जाता है। अधिकांश मुद्दे सुलझा लिए गए हैं। कुछ महत्वपूर्ण मुद्दे बचे हुए हैं और मै उममीद करता हूं कि वे भी सुलझा लिए जाएंगे।"

वह वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक सम्मेलन 2017 के हिस्से के रूप में यहां जीएसटी पर आयोजित सम्मेलन 'जीएसटी : द गेम चेंजर फॉर इंडियन इकॉनोमी' में बोल रहे थे।

उन्होंने आगे कहा, "जब जीएसटी सभी करों का विलय करता है और भारत को एकात्मक स्वरूप प्रदान करता है तो यह कर निर्धारिती के लिए लाभदायक है, क्योंकि कर का व्यापक प्रभाव नहीं पड़ेगा और राज्यों को काफी राजस्व प्राप्त होगा।"

जीएसटी परिषद की अगली बैठक 16 जनवरी को होगी, जिसमें दोहरे नियंत्रण और पार सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। 

मोदी कुछ नहीं कर पाएंगे, 2019 में कांग्रेस सत्ता में आएगी तभी ‘अच्छे दिन’ आएँगे: राहुल गाँधी

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नई दिल्ली, 11 जनवरी: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने जिन 'अच्छे दिनों' का वादा किया था, वे तब आएंगे जब 'कांग्रेस सत्ता में आएगी'। 

राहुल ने कांग्रेस के जन वेदना सम्मेलन में अपने भाषण में कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, न्यायपालिकाऔर निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्थाओं के महत्व को कम कर रहे हैं।

राहुल ने कहा कि नोटबंदी का कदम आरबीआई का नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का व्यक्तिगत फैसला था।

उन्होंने कहा, "मोदीजी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका पूरी दुनिया में उपहास किया जा रहा है।"

राहुल ने कहा, "वह स्वच्छ भारत से लेकर सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी कर रहे हैं और देश की जनता आस लगा रही है कि अच्छे दिन कब आएंगे। अच्छे दिन केवल 2019 में आएंगे, जब कांग्रेस सत्ता में आएगी।"

उन्होंने कहा कि मोदी और भाजपा की यह पूछने की आदत रही है कि आजादी के बाद से कांग्रेस सरकारों ने 70 सालों में क्या किया।

उन्होंने कहा, "इस देश के लोग जानते हैं कि कांग्रेस ने क्या किया और क्या नहीं किया। उन्होंने देश के हर राज्य में केवल अपना पसीना ही नहीं बहाया, बल्कि अपना खून भी दिया है..कितने भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपना खून दिया है। "

उन्होंने कहा, "हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि हमने पिछले 70 सालों में क्या किया और क्या नहीं किया..लेकिन भाजपा ने ढाई सालों में वह सब बर्बाद कर दिया, जो हमने 70 सालों में हासिल किया था। उन्होंने उन संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर कर दिया है, जिन्हें हमने इतने दशकों में खड़ा किया था।"

दिल्ली वालों को मिली सीख, लालच में आकर वोट देने वालों को नरक में जीना पड़ता है, बन गए उल्लू


नई दिल्ली, 10 जनवरी: दिल्ली वालों ने फ्री बिजली पानी के चक्कर में केजरीवाल को वोट दे दिया था लेकिन ये नहीं सोचा था कि केजरीवाल के राज में उन्हें नरक के भी दर्शन होंगे और कचरे के ढेर में जीना पाडगा। दिल्ली वालों को सबक मिल गया है कि अगर लालच में आकर किसी पार्टी या किसी नेता को वोट दोगे तो नरक में जीना पड़ता है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली को केवन 3 साल में वर्ल्ड क्लास शहर बनाने का वादा किया था लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री बने लगभग 2 वर्ष हो चुके हैं और इसके पहले भी वे 49 दिन तक सरकार चला चुके हैं लेकिन दिल्ली कचरे का ढेर बनती जा रही है, केजरीवाल पर आरोप है कि में दिल्ली के सफाई कर्मियों को सैलरी के लिए फंड ही नहीं देते, अब वे बेचारे भी इतने मजबूर हो जाते हैं कि सैलरी के लिए बार बार हड़ताल पर जाना पड़ता है, अब सवाल यह उठता है कि जब केजरीवाल सरकार सफाई कर्मियों को सैलरी ही नहीं देगी तो वे सफाई कैसे करेंगे और दिल्ली वर्ल्ड क्लास शहर कैसे बनेगी। 

वेतन नहीं मिलने के मुद्दे पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारियों का एक हिस्सा मंगलवार को हड़ताल पर चला गया। कर्मचारी संघ के एक पदाधिकारी ने यह जानकारी दी। विरोध में तेजी दिल्ली सरकार द्वारा बार-बार अपील किए जाने के बावजूद आई है। सरकार की अपील के बावजूद पूर्वी दिल्ली नगर निगम के हड़ताली कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने से इनकार कर दिया। पूर्वी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी गत शुक्रवार से हड़ताल पर हैं।

दिल्ली नगर निगम कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा के महासचिव राजेंद्र मेवाती ने बताया कि विरोध प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों में सफाई कर्मचारी, इंजीनियर, शिक्षक और माली भी शामिल हैं। 

उन्होंने कहा कि गत दो से चार महीनों से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है।

इस बीच दिल्ली सरकार ने उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लिए जारी की गई राशि का विस्तृत ब्योरा दिया है, जिसके अनुसार वर्तमान वित्तीय वर्ष में आज तक वह 1,103.91 करोड़ रुपये की राशि पहले ही जारी कर चुकी है।

यह आंकड़ा पहले जारी की गई राशि से अधिक है। दिल्ली सरकार ने साल 2012-13 में 767 करोड़ रुपये, साल 2013-14 में 802 करोड़ रुपये और साल 2014-15 में 848 करोड़ रुपये की राशि जारी की थी। 

इसमें कहा गया है कि साल 2015-16 में जब आम आदमी पार्टी सत्ता में थी, तब दिल्ली सरकार ने करीब 1207 करोड़ रुपये जारी किए थे। 

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को पूर्वी दिल्ली नगर निगम के लिए भी आंकड़े जारी किए थे। आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान वित्तीय वर्ष में उक्त तिथि (रविवार) तक दिल्ली सरकार ने 609 करोड़ रुपये और साल 2015-16 में 702 करोड़ रुपये निगम को दिए थे।

सिसोदिया ने कहा कि ठीक इसके विपरीत जब आम आदमी पार्टी का दिल्ली में शासन नहीं था तब आवंटित राशि बहुत कम थी। साल 2014-15 में 441 करोड़, साल 2013-14 में 416 करोड़ और साल 2012-13 में 399 करोड़ रुपये दिए गए थे।

सिसोदिया ने हड़ताली निगम कर्मियों से काम पर लौट आने का अनुरोध किया, क्योंकि सरकार ने उनके वेतन के लिए राशि जारी कर दी है।

सिसोदिया के हस्तक्षेप के बाद मंगलवार को कुछ कर्मचारी काम पर लौट भी आए, लेकिन कर्मचारियों के एक वर्ग ने हड़ताल समाप्त करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि वेतन उनके बैंक खातों में भेजे जाने के बाद ही वे हड़ताल समाप्त करेंगे।

मेवाती ने कहा, "कल (सोमवार को) अफवाहें फैलाकर भ्रम उत्पन्न किया गया कि हड़ताल समाप्त हो गई है। इससे सफाई कर्मी नाराज हैं और विरोधस्वरूप गलियों में कचरा फैला रहे हैं।"