New Delhi: तीन साल पहले देश में जब मोदी सरकार बनी थी तो उन्होंने तत्काल कदम उठाते हुए गैस की कालाबाजारी और सरकारी सब्सिडी की अवैध लूट को बंद करवाकर जनता को बहुत बड़ी राहत दी थी लेकिन अब एजेंसी मालिकों ने जनता को लूटने का नया तरीका खोज लिया है, इस तरीके से एजेंसी मालिक सीधा जनता को ही लूट रहे हैं, पहले वे सरकार को लूटकर गरीबों को मिलने वाली सब्सिडी खुद खा जाते थे लेकिन जब से सरकार ने आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़कर बैंक में सब्सिडी के पैसे डालने शुरू कर दिए, एजेंसी मालिकों की लूट बंद हो गयी.
मोदी सरकार ने काम तो जबरजस्त किया लेकिन अब एजेंसी मालिकों ने सरकार की बजाय जनता को ही लूटना शुरू कर दिया है, हर सिलेंडर में 2 किलो गैस निकालकर नकली सील लगा दिया जाता है, देहात एरिया में 80 फ़ीसदी एजेंसी मालिक ग्राहकों को तौलकर भरा हुआ सिलेंडर नहीं देते क्योंकि सिलेंडर से पहले ही गैस चोरी करके गैस निकाल ली जाती है और नकली सील लगा दिया जाता है या कहीं से सील को मैनेज किया जा रहा है. ग्राहक कम गैस वाला सिलेंडर लेकर घर जाते हैं, हर आदमी के घर में तौलने की मशीन नहीं होती इसलिए लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें गैस कम मिली है, नतीजा यह होता है कि जो सिलेंडर 1 महीनें में ख़त्म होना चाहिए वह सिलेंडर केवल 22-25 दिन में ख़त्म हो जाता है और लोग अपनी पत्नियों को बुरा भला कहते हैं.
हाल ही में हमनें गैस चुराने वाली एजेंसी का पर्दाफाश किया है, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के अंतू-बाबूगंज रोड पर Siddhi Vinayak Indane Service नामक एक गैस एजेंसी है. यह एजेंसी रवींद्र सिंह की है जिसके सर पर बीजेपी नेताओं का हाथ है. बगल में ही अंतू थाना है लेकिन एजेंसी मालिक को ना थाने का डर है और ना ही पुलिस का क्योंकि पुलिसवाले 2 मिनट में बिक जाते हैं या उन्हें बीजेपी नेताओं का फोन आ जाता है.
हमारे सामने एक ग्राहक सिलेंडर लेकर घर आया और उसका वजन किया तो 2.5 किलोग्राम गैस कम निकली, ग्राहक ने एजेंसी पर बात की तो एजेंसी वाले ने कहा कि आप दूसरा सिलेंडर ले जाओ, ग्राहक से सोचा कि उसे तो गैस पूरी मिल जाएगी लेकिन एजेंसी मालिक ऐसे ही जनता को लूटता रहेगा. इसके बाद ग्राहक ने पुलिस में शिकायत की, पुलिस वाले ग्राहक के साथ एजेंसी पर गए और उनके कांटे से गैस तौला तो गैस वाकई में 2.5 किलोग्राम कम थी. इसके बाद पुलिस ने एजेंसी मालिक को बुलवाया. एजेंसी मालिक ने बीजेपी नेता से पुलिस वाले को फोन करवाया तो पुलिस वाला ढीला पड़ गया और ग्राहक से एजेंसी मालिक को एक मौका देने की मांग की, ग्राहक भी मान गया और शिकायत वापस ले ली.
ग्राहक ने शिकायत भले ही वापस ले ली लेकिन देखते ही देखते यह बात गाँव में फैसले लगी, कई लोग गैस लेकर आये और घर पर तौला तो सबकी गैस कम निकलने लगी. धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय नामक एक ग्राहक ने भी गैस ली और उसे घर आकर तौला तो 2.1 किलो गैस कम निकली. हैरानी इस बात की थी कि सभी सिलेंडरों पर सील लगी होने के बावजूद भी गैस कम थी इसका मतलब है कि एजेंसी मालिकों के पास नकली सील है और ये लोग असली सील खोलकर गैस निकाल लेते हैं और उसके बाद नकली सील लगा देते हैं, ग्राहक सोचता है कि सील लगा है तो गैस भी पूरी होगी, एजेंसी वाले ना तो खुद गैस तौलकर देते हैं और ना ही इलेक्ट्रॉनिक काँटा रखते हैं, जब ग्राहक तौलने की मांग करता है तो उसे डपट दिया जाता है.
धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय ने Siddhi Vinayak Indane Service गैस एजेंसी को सबक सिखाने का मन बनाया और सिलेंडर के साथ पुलिस थाने जा पहुंचे लेकिन पुलिस को एजेंसी मालिक ने पहले ही खर्च दे दिया था इसलिए अंतु थाने के दरोगा हरपाल सिंह यादव ने शिकायत सुनने से ही इंकार कर दिया जबकि एक दिन पहले दूसरे ग्राहक की शिकायत पर पुलिस वाले एजेंसी पर गए थे, इस बार दरोगा ने शिकायत ही नहीं सुनी क्योंकि एजेंसी मालिक ने उन्हें खर्चा दे दिया था, दरोगा ने धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय को जिला पूर्ती अधिकारी (District Supply Inspector) के पास भेजा. ये अधिकारी जिला मुख्यलाय में बैठते थे जो कि एजेंसी से करीब 25 किलोमीटर दूर है.
ग्राहक भरी गर्मी में सिलेंडर के साथ जिला पूर्ती अधिकारी के दफ्तर पहुंचा लेकिन वहां पर अधिकारी मिले ही नहीं, योगी सरकार ने सभी अधिकारियों को दफ्तर में मौजूद रहने का आदेश दिया है लेकिन अधिकारी साहब अपने आवास पर आराम फरमा रहे थे. वहां के कर्मचारियों ने धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय को DM के पास भेजा.
इसके बाद धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय जिलाधिकारी शरद कुमार सिंह के दफ्तर आये लेकिन वे भी अपनी सीट पर नदारद थे और अपने आवास पर आराम फरमा रहे थे, आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि सुबह 9 से शाम 6 बजे तक दफ्तर में मौजूद रहें लेकिन प्रतापगढ़ के DM शरद कुमार सिंह ने साफ़ साफ़ बोर्ड लगा रखा है कि वे सिर्फ 9-11 यानी सिर्फ 2 घंटे ही दफ्तर में मौजूद रहेंगे, उसके बाद ये अपने आवास पर आराम फरमाते हैं. देखिये -
फिलहाल धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय ने अपनी शिकायत DM कार्यालय में दे दी है, अब देखना है कि एजेंसी मालिक पर एक्शन लिया जाता है या DM भी घूसपानी लेकर बैठ जाते हैं क्योंकि DM साहब घूसखोरी के लिए मशहूर हैं.
अगर एजेंसी मालिक पर कार्यवाही हुई तो कई बड़े खुलासे होंगे क्योंकि सरकार को पता चलेगा कि नकली सील कौन बना रहा है, कहीं यह गोरखधंधा सभी एजेंसी मालिक तो नहीं कर रहे हैं क्योंकि जिस तरफ से चिप लगाकर पेट्रोल पम्प वाले पेट्रोल चोरी कर रहे थे, हो सकता है कि सभी गैस एजेंसी मालिक नकली सील लगाकर सिलेंडर से गैस चोरी कर रहे हों, अगर यह बात साबित हो गयी तो इसे देश के साथ धोखा माना जाएगा.
देखिये: गैस चोरी का सबूत (VIDEO)