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सुशासन नहीं कुशासन दे रही है खट्टर सरकार, अरबों रुपये के ESI अस्पताल में गरीब परेशान: VIDEO

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फरीदाबाद, 27 मार्च: अगर किसी को लगता है कि सभी बीजेपी सरकारें सुशासन देती हैं, बढ़िया प्रशासन देती हैं तो हरियाणा के मामले में यह विल्कुल गलत साबित होता है क्योंकि हरियाणा में बीजेपी की सरकार बने ढाई दाल हो रहे हैं लेकिन अभी तक ना तो व्यवस्थाओं में सुधार नजर आता है और ना ही सुधार आने की संभावना नजर आती है, कांग्रेस की तरह बीजेपी नेता भी सत्ता के मजे ले रहे हैं, सरकार हर मामले में फेल नजर आती है। 

खट्टर के कुशासन का हम एक सबूत देने जा रहे हैं, फरीदाबाद में अरबों रुपये में भव्य ESI अस्पताल बना है, इस अस्पताल को पूर्व कांग्रेस सरकार ने बनवाया था, उद्घाटन भी पूर्व कांग्रेस सरकार करके गयी थी लेकिन ढाई साल बाद भी खट्टर सरकार इस अस्पताल में सभी सुविधाएं देने में नाकाम रही है। 

यह अस्पताल अब तक का सबसे बड़ा ESI अस्पताल माना जा रहा है, अगर खट्टर चाहते तो सुविधाएं लाकर मजदूरों को खुश कर सकते थे लेकिन वे ऐसा कुछ नहीं कर पाए, अगर सुविधाओं के मामले में देखा जाए तो इसे केवल खँडहर कहा जाएगा। 

फरीदाबाद का ESI अस्पताल कहने को तो मेडिकल कॉलेज है लेकिन यहाँ ना तो पढ़ाई होती है, ना ही अच्छे डॉक्टर हैं, ना अच्छा इलाज हो पा रहा है और ना ही अच्छी दवाइयाँ दी जाती हैं, डॉक्टर जो दवाइयां लिखते हैं वे अस्पताल की डिस्पेंसरी में होती ही नहीं, यहाँ तक की Paracetamal और Combiflam जैसी कॉमन दवाइयाँ यहाँ पर नहीं होतीं और इन दवाइयों के लिए मरीजों को वापस डिस्पेंसरी में भेज दिया जाता है, कई दवाइयाँ डिस्पेंसरी में भी नहीं मिलती तो मरीजों को मेडिकल स्टोर से वे दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं, बिल बनवाना पड़ता है, अपनी कंपनी में बिल पास कराना पड़ता है और उसके बाद वापस ESI की डिस्पेंसरी में बिल दिखाकर मेडिकल स्टोर पर खरीदी गयी दवा के पैसे लिए जाते हैं।

कुल मिलकर कहें तो ESI वाले मरीजों को इतना परेशान कर लेते हैं कि कई मरीज ESI कार्ड होते हुए भी डिस्पेंसरी और अस्पतालों में जाने से डरते हैं और अपने घर के पास प्राइवेट डॉक्टरों  से दवा लेकर काम चला लेते हैं, लोग सोचते हैं कहाँ जाएं यार, वहां पर 100-200 रुपये किराए में खर्च हो जाएंगे, दौड़ भाग अलग करनी पड़ेगी, समय अलग खर्च होगा, इससे बढ़िया है प्राइवेट डॉक्टरों से इलाज करा लो, समय भी बचेगा और भागदौड़ भी नहीं करनी पड़ेगी। आप यह VIDEO देखिये, पता चल जाएगा कि ESI अस्पताल मरीजों को दवा के लिए कितना परेशान करते हैं और मजदूर मरीज ESI अस्पतालों, प्रशासन और सरकार के बारे में क्या राय रखते हैं। अगर यह VIDEO हरियाणा की खट्टर-बीजेपी सरकार देखेगी तो शर्म से डूब मरेगी। 

शर्म से डूब मरो खट्टर साहब, गरीब मजदूरों को लुटवा रहे हो आप, गालियाँ दिलवा रहे हो MODI को

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फरीदाबाद, 27 मार्च: हरियाणा में 2009 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को केवल 4 सीटें मिली थीं लेकिन 2014 चुनाव में मोदी के नाम पर हरियाणा एक लोगों ने वोट दिया और दो तिहाई बहुमत से बीजेपी की सरकार बन गयी, मनोहर लाल खट्टर को इमानदार बताकर उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया लेकिन मनोहर लाल खट्टर विल्कुल कांग्रेस पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे ही इमानदार हैं और भ्रष्टाचार और घोटालों पर वैसे ही आँख मूँद कर बैठे हैं जिस तरह से मनमोहन सिंह ने घोटालों पर अपनी आँखें मूँद ली थीं, खट्टर की वजह से हरियाणा में जगह जगह कारनामे हो रहे हैं और गालियाँ मोदी को पड़ रही हैं क्योंकि राज्य के लोगों ने मोदी के नाम पर वोट दिया था। 

आपको बता दें कि फरीदाबाद में ESIC (Employee's State Insurance Corporation) ने बहुत बड़ा अस्पताल बनवाया है, यह अस्पताल दो साल पहले ही बनकर तैयार हो गया था लेकिन अब तक सभी सुविधाएं यहाँ पर नहीं उपलब्ध कराई गयी हैं, दवाइयों के लिए मजदूरों को छोटी डिस्पेंसरी में भेजा जाता है और अगर वहां भी दवाइयाँ नहीं मिलतीं तो उन्हें मेडिकल स्टोर पर भेजा जाता है और वहां से बिल लाकर ESI में जमा कराने के लिए कहा जाता है, मतलब मजदूरों की परेड करा लेते हैं ESI वाले। 

इस अस्पताल में सुविधाएं तो नहीं है लेकिन बीजेपी सरकार ने गरीब मजदूरों को पार्किंग के नाम पर लूटना शुरू कर दिया है, आपको बता दें कि ESI अस्पताल मजदूरों के पैसे से बनते हैं, सरकार एक भी पैसे नहीं लगाती, हर महीने मजदूरों की सैलरी से 400-500 रुपये काट लिए जाते हैं, इन्हीं पैसों से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ और सरकार को और अन्य कर्मचारियों को सैलरी भी मिलती है लेकिन यह बहुत ही शर्म का विषय है कि हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार गरीब मजदूरों से पार्किंग चार्ज भी लेने लगी है, इससे भी शर्मनाक बात यह है कि साइकिल वाले मजदूरों से भी पार्किंग चार्ज लिया जा रहा है, जैसे ही मजदूरों से पार्किंग चार्ज लिया जाता है उन्हें बहुत दुःख होता है, सरकार से निराश होते हैं और गालियाँ मोदी को देते हैं क्योंकि अस्पताल में हर जगह मोदी की फोटो लगाईं गयी है। देखें VIDEO. मजदूर क्या कह रहा है पार्किंग चार्ज के बारे में। 

कहते हैं कि बीजेपी सरकार आने के बाद रामराज्य आता है लेकिन हरियाणा में तो लूट हो रही है, ESI में केवल मजदूरों का ही इलाज होता है, उनकी सैलरी से पहले ही पैसे काट लिए जाते हैं, मजदूरों के ही अस्पताल में ही मजदूरों से पार्किंग वसूला जा रहा है, यह हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार के लिए शर्म का विषय है, इन्हें चुल्ल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। 

यहाँ पर कार के लिए पार्किंग चार्ज 40 रुपये है, मोटरसाइकिल के लिए पार्किंग चार्ज 10 रुपये और साइकिल के लिए पार्किंग चार्ज 5 रुपये है, पार्किंग का ठेकेदार देवेन्द्र डागर (पहलवान) है जो तहसील हथीन, जिला पलवल का निवासी है।
कैसे लूटते हैं खट्टर के ठेकेदार

यहाँ पर तीन महीने से पार्किंग चल रही है और अगले दो साल तक के लिए देवेंद्र पहलवान को ठेका दिया गया है, वैसे तो ESI अस्पताल में पार्किंग चार्ज नहीं वसूल जाना चाहिए क्योंकि यहाँ पर गरीब मजदूर इलाज कराते हैं और उनकी सैलरी से ही अस्पताल बनाया जाता है इसके बावजूद भी हरियाण की बीजेपी सरकार मजदूरों को लुटवा रही है और दो साल तक लुटवाएगी। किसी किसी मजदूर से तो एक ही दिन में कई बार पार्किंग चार्ज वसूल लिया जाता है क्योंकि उनको किसी काम के लिए साइकिल या मोटर साइकिल निकालनी होती है, दोबारा आने पर उनकी फिर से पर्ची काट दी जाती है, खट्टर ने उन्हें दो साल तक गरीब मजदूरों को लूटने का ठेका दे दिया है।

अगर ऐसे ही मजदूरों से पार्किंग चार्ज वसूल जाता रहा तो तीन साल में फिर से चुनाव होंगे, उसमें गरीब मजदूर बीजेपी को सबक सिखा देंगे और खट्टर को उखाड़ फेंकेंगे। 

योगी का फरमान, जनता के बीच में पैदल घूमें पुलिस अधिकारी, डर नहीं उनमें विश्वास पैदा करें


Lucknow, 27 March: योगी को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बने केवल 7 दिन हुए हैं लेकिन इस वक्त सिर्फ उत्तर प्रदेश में महसूस हो रहा है कि कोई सरकार है, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार में मंदी चल रही है, कहीं कोई चर्चा नहीं हो रही है, चर्चा हो रही है तो सिर्फ योगी आदित्यनाथ की चर्चा हो रही है क्योंकि वे एक्शन फिल्म के एक्शन हीरो की तरह काम कर रहे हैं। 

योगी आदित्यनाथ की राहें बहुत मुश्किल हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था बहुत बदनाम थी, पुलिस वालों को गुंडों की तरह देखा जाता था लेकिन सिर्फ दो दिन में उन्होंने झाडू पकड़ लिया और दफ्तर की सफाई करने लगे, पहले गुंडे समझे जाते थे लेकिन अब जनता के नौकर समझे जाते हैं। 

योगी ने कल यूपी के पुलिस अधिकारीयों और सिपाहियों को फरमान सुनाते हुए कहा कि अब आप लोगों को अपनी छवि बदलनी है, जनता आपसे डरनी नहीं चाहिए बल्कि आप लोगों को देखकर उन्हें विश्वास होना चाहिए इसलिए आप हर रोज डेढ़ से दो किलोमीटर पैदल घूमकर जनता में विश्वास पैदा करें। 

अब तक पुलिस वाली गाड़ियों से घुमते थे, जहाँ पहुँच जाते थे वहीँ पर जनता सहम जाती थी, डर जाती थी लेकिन अब शायद जनता पुलिस वालों से डरना छोड़कर उन्हें अपना नौकर समझे क्योंकि पुलिस वाले जनता के ही नौकर हैं लेकिन इनकी इमेज गुंडों की बन गयी थी। 

योगी ने आदेश दे दिया है कि अगर कहीं पर गुनाह होता है तो जिम्मेदारी जिलाधिकारी और पुलिस के बड़े अधिकारियों की बनेगी इसलिए कुर्सी छोड़ों और जनता के बीच जाओ, कानून व्यवस्था का राज स्थापित करो, अब अगर कहीं पर गुनाह हुआ तो जिम्मेदारी बड़े अधिकारीयों पर आएगी और उनके कुर्सी या तो जाएगी या कहीं और ट्रांसफर हो जाएगा। 

योगी ने अपने अधकारियों को राशन माफियाओं, खनन माफियाओं, गो माफियाओं और वन माफियाओं के खिलाफ भी कार्यवाही का आदेश दे दिया है, उन्होने यह भी कहा है किसी जनपद में अगर भूख या बीमारी से किसी व्यक्ति की मौत हुई तो संबंधित जिलाधिकारी एंव सीएमओ दंडित होंगे। 

पिछले साथ दिनों में योगी के एक्शन को देखकर ऐसा लग रहा है कि वे अनिल कपूर की फिल्म नायक देखकर आ गए हैं और नायक की तरह की काम कर रहे हैं और करेंगे भी क्योंकि उनके आगे आगे पीछे कुछ नहीं है, खोने के लिए कुछ नहीं है, उन्हें सिर्फ काम करना है। 

बहुत होशियार हैं मोदी, दिल्ली के बजाय दूसरे शहरों में करा रहे हैं बड़े सम्मलेन, 1 तीर 2 निशाने?

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नई दिल्ली, 26 मार्च: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस वक्त एक तीर से दो दो शिकार कर रहे हैं, बड़े बड़े सम्मलेन दिल्ली से बाहर करा रहे हैं ताकि छोटे शहरों का भी विकास हो सके, बड़े बड़े सम्मलेन होने पर सम्मेलन स्थल, उसके आस पास के रोड और अन्य सुविधाओं के लिए करोड़ों रुपये का खर्च आता है, दिल्ली में इस वक्त आम आदमी पार्टी की सरकार है, केजरीवाल से मोदी की बनती नहीं है, अगर बड़े बड़े सम्मलेन दिल्ली में होंगे तो मोदी सरकार को दिल्ली की सड़कें बनाने के लिए केजरीवाल सरकार को पैसा देना पड़ेगा, अरबों खरबों रुपये जब दिल्ली में खर्च होंगे तो कमाई केजरीवाल की होगी, इसका क्रेडिट भी केजरीवाल मार ले जाएंगे इसलिए मोदी दिल्ली में कोई सम्मलेन करवा ही नहीं रहे हैं। 

अब बड़े बड़े सम्मलेन गोवा, चंडीगढ़ और वाराणसी में हो रहे हैं ताकि इन शहरों का विकास हो सके साथ ही टूरिज्म का बढ़ावा हो सके, इसी महीने में G-20 फ्रेमवर्क कार्य समूह की मीटिंग दिल्ली में होने वाली थी उसे शिफ्ट करके वाराणसी में अरेंज कर दिया गया, अगर दिल्ली में मीटिंग होती तो समेल्लन स्थल और आस पास के रोड बनाने, व्यवस्था खड़ी करने, इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने आदि के लिए मोदी सरकार केजरीवाल को पैसे देती, मोदी को इसका क्रेडिट भी नहीं मिलता, अब यही सम्मलेन वाराणसी में होगा तो केंद्र सरकार के पैसे से वाराणसी में रोड बनेंगे, कई अन्य चीजें बनेंगी, साफ़-सफाई होगी, इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होगा, टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, कई देशों से करीब 100 बड़े बड़े नेता आयेंगे, उनके इंतजाम में वाराणसी में अरबों रुपये खर्च करने पड़ेंगे, वाराणसी को आर्थिक लाभ होगा साथ ही विकास होगा। 

ऐसा करके मोदी एक तीर से तो शिकार कर रहे हैं, पहला तो केजरीवाल को सबक सिखा रहे हैं और दूसरा इस पैसे को दिल्ली में ना खर्च करके छोटे शहरों में खर्च कर रहे हैं और अब इन शहरों का भी विकास करा रहे हैं, आप खुद ही सोच लीजिये, अगर अरबों रुपये दिल्ली में खर्च होते तो दिल्ली यानी केजरीवाल सरकार को लाभ होगा, अगर यही अरबों रुपये वाराणसी में खर्च होंगे तो बीजेपी सरकार और मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को लाभ होगा। 

28-29 मार्च को वाराणसी में होगी G-20 कार्य समूह की बैठक

जी-20 फ्रेमवर्क कार्य समूह की दो दिवसीय तीसरी बैठक 28 और 29 मार्च को वाराणसी में आयोजित की जा रही है। वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि जी-20 फ्रेमवर्क कार्य समूह की बैठक आर्थिक मामले विभाग, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा संयुक्त रूप से 28 और 29 मार्च को वाराणसी में आयोजित की जा रही है। 

जर्मनी की अध्यक्षता वाले जी-20 कार्य समूह की पहली दो बैठकें पिछले वर्ष दिसम्बर में बर्लिन और इस वर्ष फरवरी में रियाद में आयोजित की गई थी। 

कार्य समूह की 2009 में स्थापना के बाद से यह चौथा अवसर है, जब भारत इस बैठक की मेजबानी कर रहा है। इससे पहले भारत ने नीमराणा, राजस्थान (2012 में मैक्सिको की अध्यक्षता में), गोवा (2014 में जी-20 आस्ट्रेलिया की अध्यक्षता में) और केरल (2015 में जी-20 तुर्की की अध्यक्षता में) में जी-20 एफडब्ल्यूजी की बैठकों की मेजबानी की थी। 

वाराणसी में होने वाली जी-20 कार्य समूह की बैठक में वर्तमान वैश्विक आर्थिक स्थिति और विकास संबंधी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने के लिए इस संगठन के देशों द्वारा अपनाए जाने वाले नीति-विकल्पों पर विचार किया जाएगा। 

इस बैठक में एक महत्वपूर्ण मुद्दा जी-20 की समावेशी विकास कार्यसूची पर विचार करने संबंधी है। इसमें एक फ्रेमवर्क तैयार करने का प्रयास किया जाएगा, जो प्रत्येक राष्ट्र विषयक समावेशी विकास नीतियां तैयार करने में देशों की मदद कर सके।

जी-20 19 देशों और यूरोपीय संघ का समूह है, जो वैश्विक आर्थिक मुद्दों और अन्य महत्वपूर्ण विकास चुनौतियों पर विचार करता है। जी-20 फ्रेमवर्क कार्य समूह जी-20 समूह के बुनियादी कार्य समूहों में से एक है।

वाह मंत्री साहब, गरीब का दर्द सुनते ही दौड़े आये मदद करने

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फरीदाबाद, 26 मार्च: भारत सवा सौ करोड़ का देश है, प्रधानमंत्री मोदी चाहकर भी सबकी आर्थिक मदद नहीं कर सकते लेकिन जिन लोगों को मदद की अत्यधिक जरूरत होती है वह अपनी सैलरी से जरूर मदद करते हैं ठीक इसी तरह से फरीदाबाद भी 20 लाख की जनसँख्या वाला शहर है, यहाँ के सांसद और मोदी सरकार में मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर चाहकर भी सभी लोगों की मदद नहीं कर सकते लेकिन जिन लोगों को मदद की सख्त जरूरत होती है वे उनकी मदद जरूर करते हैं।

आज कृष्ण पाल गुर्जर ने संवेदनशीलता और दयाभाव का अनूठा उदाहरण पेश किया, जानकारी के लिए बता दें कि होली के दिन फरीदाबाद की डबुआ कॉलोनी में रहने वाले एक व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में मौत हो गयी, यह व्यक्ति किराए के मकान में रहता था, दो बेटियां भी शादी की उम्र की हो रही हैं, दो छोटे बच्चे और हैं, घर में कमाने वाले कोई नहीं बचा है, जैसे ही इसकी सूचना मोदी सरकार में राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को हुई, आज उन्होने मृतक व्यक्ति के घर पर पहुंचकर 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद करने के साथ साथ दोनों बेटियों को नौकरी का भरोसा भी दिया। मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर को यह खबर सोशल मीडिया के माध्यम से मिली थी। (देखें VIDEO)



सदमे में था मृतक का परिवार, मंत्री की मदद से ख़ुश


आप को बता दें कि होली के दिन फरीदाबाद की डबुआ कालोनी में एक किराए के मकान में रहने वाले रोशन लाल की  सड़क दुर्घटना में मौत  हो गई। रोशन लाल के चार बच्चे हैं जिनमे दो बेटियां और दो बेटे हैं ये चारों बच्चे अभी पढ़ाई कर रहे हैं। अचानक सर से पिता का साया उठने के बाद पत्नी और बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल था। इन बच्चों की हालात देख सोशल मीडिया के व्हाट्सएप के हरियाणा अब तक ग्रुप में इस दुर्घटना और परिवार की हालत के बारे में बताया गया। इसकी सूचना मिलते ही केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर मदद का आश्वासन दिया। 

आज शाम पांच बजे केंद्रीय राज्य मंत्री गुर्जर डबुआ कालोनी के उस घर पर पहुंचे, उन्होने अपनी तरफ से व्यकतिगत पचास हजार रूपये की मदद की और वादा किया कि मृतक की एक बेटी की नौकरी लगवाने का प्रयास करेंगे ताकि परिवार का गुजारा होता रहे। पीड़ित परिवार मोदी के मंत्री गुर्जर की दिल से तारीफ़ कर रहा है यहां तक की मृतक की एक बेटी का कहना है केंद्रीय मंत्री गुर्जर खुद मेरे घर आये और आर्थिक मदद की और मैं या  मेरा परिवार इन्हें कभी नहीं भूल पाएंगे। 

मृतक के एक भाई जो सूचना के बाद बिहार आये मोदी के मंत्री के  घर से जाने के बाद उनकी आँखें छलक पड़ीं और कहा कि नेता हो तो फरीदाबाद के सांसद एवं मोदी के मंत्री कृष्णपाल गुर्जर जैसा हो जो गरीबों का ख़याल रखता है। इस मौके पर भाजपा जिला अध्यक्ष गोपाल शर्मा, भाजपा नेता नीरा तोमर, वरिष्ठ भाजपा नेता सतीश फागना, पार्षद पति कविंदर फागना, भाजपा नेता साहिल नम्बरदार, अवतार सिंह, भगवान् सिंह, सुरेश पाठक आदि मौजूद थे।