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लाल सलामियों के लिए बुरी खबर, अब जेल में उम्र बिताएगा उनका सरदार साईंबाबा

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मुंबई, 8 मार्च: नक्सलियों को लाल सलामियों के लिए बुरी खबर है क्योंकि उनके सरदार दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जी.एन. साईंबाबा को महाराष्ट्र की एक अदालत ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। गढ़चिरौली सत्र न्यायालय ने व्हीलचेयर के सहारे चलने वाले साईंबाबा साहित कुल पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है, जबकि एक अन्य अपराधी को 10 वर्ष की जेल दी गई है।

दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध रामलाल आनंद कॉलेज में अंग्रेजी के प्रोफेसर रहे साईंबाबा निलंबित थे। उन्हें मई, 2014 को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।

अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि साईंबाबा के पास से बरामद दस्तावेजों, सीडी और पेन ड्राइव से प्रतिबंधित संगठन 'भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी)' से जुड़े दस्तावेज पाए गए थे।

अदालत ने सजा सुनाते हुए कहा, "आरोपियों ने हिंसा फैलाने, कानून-व्यवस्था भंग करने और केंद्र तथा राज्य सरकारों के प्रति विद्रोह भड़काने की साजिश रची।"

अदालत ने अपने फैसले में आगे कहा है, "आरोपियों पर जो आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाए गए हैं, उसके पक्ष में उनके पास से नक्सली साहित्य पाया गया। इसे प्रतिबंधित संगठन भाकपा (माओवादी) और इसके पितृ संगठन 'रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट' (आरडीएफ) के सदस्यों और अन्य लोगों के बीच वितरित किया जाना था, जिसका उद्देश्य हिंसा भड़काना और कानून-व्यवस्था भंग करना था।"

न्यायाधीश एस.एस. शिंदे ने 47 वर्षीय साईंबाबा को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत सजा सुनाई और साईंबाबा सहित उनके साथियों को आतंकवादी संगठन का सदस्य होने और वामपंथी विद्रोहियों को सहयोग देने का दोषी पाया।

शिवसेना को BMC में बिना शर्त समर्थन देगी BJP, नहीं लेगी कोई भी पद

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मुंबई, 4 मार्च: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहन्मुंबई महानगर निगम के मेयर पद की रेस से खुद को अलग कर लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को यह घोषणा की। फडणवीस ने कहा कि भाजपा, शिवसेना को समर्थन देने को तैयार है, लेकिन कोई पद नहीं लेगी, चाहे वो उप मेयर का पद हो, नेता प्रतिपक्ष का पद हो या किसी भी समिति के चेयरमैन का पद हो।

फडणवीस ने यहां पत्रकारों से कहा, "अगर उन्हें समर्थन की जरूरत पड़ेगी तो भाजपा समर्थन देने के लिए तैयार है।" उन्होंने कहा कि हम समर्थन देने के बाद भी पहले वाले रूख पर कायम रहेंगे और कोई भी भ्रष्टाचार सहन नहीं करेंगे।

भाजपा के रेस से हटने के साथ ही बीएमसी चुनाव में सर्वाधिक 84 सीटें जीतने वाली शिवसेना का आठ मार्च को होने वाले चुनाव में मेयर पद हासिल करना तय हो गया है।

शिवसेना ने भी भाजपा के कदम की सराहना की है। राज्य के परिवहन मंत्री सेना के नेता दिवाकर राउते ने कहा कि भाजपा ने मुंबई वासियों के जनादेश को स्वीकार किया है।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता राजू वाघमारे ने कहा कि इसकी उम्मीद पहले से की जा रही थी, क्योंकि भाजपा और शिवसेना के बीच यह सब पहले से तय था।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (रांकापा) के प्रदेश अध्यक्ष सुनील टटकरे ने कहा कि भाजपा का यह कदम चौंकाने वाला नहीं है, क्योंकि भाजपा नहीं चाहती थी कि शिवसेना केंद्र और राज्य की उसकी सरकार से समर्थन खींच ले।

इस बीच फडणवीस ने कहा है कि भाजपा के पार्षद 'पारदर्शिता के सैनिक' का कार्य करेंगे और बीएमसी प्रशासन पर निगरानी रखने का काम करेंगे।

फडणवीस ने कहा, "हम एक तीन सदस्यीय समन्वय समिति का गठन करेंगे, जो हर तीन महीने पर बीएमसी की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने से जुड़ी अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।"

फडणवीस ने महाराष्ट्र के लोकायुक्त से मुंबई के लिए विशेष तौर पर एक उपायुक्त नियुक्त करने का आग्रह भी किया, ताकि नगर निगम प्रशासन में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।

BMC में शिवसेना को समर्थन देने पर कांग्रेस में मतभेद

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मुंबई: बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव में किसी को भी बहुमत न मिलने के बाद महापौर पद के लिए शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर कांग्रेस में शनिवार को गंभीर मतभेद उभर कर सामने आया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव तथा वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुरुदास कामत ने बीएमसी में शिवसेना को किसी भी तरह के समर्थन के प्रति 'कड़ा विरोध' जताया है।

कामत ने एक बयान में कड़े शब्दों में कहा है, "हम दोनों भगवा पार्टियों से उनकी विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ते रहे हैं और अगर हमने उनके साथ गठबंधन का प्रयास किया, तो जनता हमें कभी माफ नहीं करेगी।"

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैंने अपनी राय से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी अवगत करा दिया है। बीएमसी में शिवसेना के समर्थन के लिए मैं किसी भी चर्चा पर कड़ा विरोध जताता हूं, चाहे वह गठबंधन के लिए हो या अप्रत्यक्ष समर्थन के लिए हो।"

उन्होंने कहा है कि शिवसेना तथा भाजपा अपनी समस्याओं का समाधान खुद करें और इस प्रक्रिया में "दोनों दलों को और सत्ता की उनकी भूख को बेनकाब किया जाए।"

कामत का विरोध ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले शुक्रवार को महाराष्ट्र कांग्रेस में कथित तौर पर इस तरह की चर्चा हुई है कि यदि बीएमसी महापौर पद के लिए शिवसेना-भाजपा में समझौता नहीं हो पाता है, तो इस पद के लिए शिवसेना का समर्थन किया जाना चाहिए।

वहीं, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अशोक चव्हाण तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता नारायण राणे मुद्दे पर पहले ही अपना मत जाहिर कर चुके हैं।

चव्हाण ने कहा, "क्या शिवसेना कोई शत्रु है? नहीं, राजनीति में कोई शत्रु नहीं होता, यह मेरा विचार है।"

उन्होंने हालांकि कहा कि कांग्रेस किसी चीज का वादा नहीं कर रही है और आगे के घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है।

चव्हाण ने कहा, "हमें यह बात ध्यान में रखनी होगी कि शिवसेना का भाजपा के साथ महाराष्ट्र और केंद्र में भी गठबंधन है। अगर वे सरकार से बाहर निकलते हैं, तो हम आगे विचार कर सकते हैं। पहले उन्हें तय करने दीजिए।"

उल्लेखनीय है कि 227 सीटों वाले बीएमसी में शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि भाजपा ने इससे मात्र दो सीटें कम यानी 82 सीटों पर जीत दर्ज की है।

कांग्रेस 31 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर है, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने नौ, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने सात, समाजवादी पार्टी (सपा) ने छह सीटें जीती हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने दो सीटें, एक स्थानीय पार्टी ने एक सीट, जबकि निर्दलीयों ने पांच सीटें जीती हैं।

शिवसेना को चार निर्दलीय पार्षदों का भी समर्थन है, जिनके नामों की घोषणा कर दी गई है। वहीं भाजपा भी चार निर्दलीय पार्षदों के समर्थन का दावा कर रही है, जिनके नाम उसने नहीं बताए हैं।

BMC में शिवसेना ने अपनी हार पर मनाई ख़ुशी, फोड़े पटाखे

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मुंबई: मुंबई में शिवसेना को भले ही सबसे अधिक सीटें मिली हों लेकिन एक तरह से शिवसेना की हार हुई है क्योंकि इससे पहले 2012 के BMC चुनावों में शिवसेना को 89 सीटें मिली थीं लेकिन 2017 के चुनाव में सिर्फ 84 सीटें मिलीं, मतलब पांच सीटें छिन गयीं और इसे हार ही कहा जाएगा। उदाहरण के लिए अगर आप 100 रुपये किसी चीज में लगाओ और आपको 90 रुपये ही मिलें तो आप उसकी ख़ुशी कभी नहीं मनाओगे, आप ख़ुशी तब मनाओगे जब 100 के 110 मिलें लेकिन यहाँ तो शिवसेना को 89 के बदले 84 सीटें ही मिलीं उसके बाद भी शिवसेना ने ख़ुशी मनाई, मिठाई बांटीं और पटाखे भी फोड़े। 

शिवसेना ने क्यों मनाई अपनी हार की ख़ुशी

शिवसेना ने यह ख़ुशी अनजाने में मनाई क्योंकि शुरुआत में शिवसेना के पक्ष में बहुत तेजी से नतीजे आने शुरू हो गए थे, एक समय जब बीजेपी की केवल 30 सीटें थीं तो शिवसेना 65 पर पहुँच गयी थी, कई शिवसैनिक इसके बाद जोश में आ गए और उन्होंने सोचा कि अब बहुमत आना निश्चित है, कुछ ने तो यह भी कहा कि अब हमें बीजेपी की जरूरत ही नहीं पड़ेगा, छोटे मोटे की बात छोडो, शिवसेना सांसद संजय राउत ने खुद कहा कि उन्हें बीजेपी की जरूरत नहीं पड़ेगी समर्थन देने के लिए और भी पार्टियाँ हैं। 

इसके बाद शिवसैनिकों ने ढोल पीटना शुरू कर दिया, बीजेपी को बुरा भला और घमंडी बोलना शुरू कर दिया, कुछ शिवसैनिक तो बीजेपी को चिढ़ाने के लिए दादर में एक बीजेपी नेता के घर पहुँच गए और उसके घर के बाद ढोल पीटना शुरू कर दिया, वे लोग बीजेपी वालों को चिढ़ाने लगे लेकिन उन्हें पुलिस ने भगा दिया, कई जगह बीजेपी और शिवसैनिकों ने झड़प भी हुई। 

जब शिवसेना 92 पर पहुंची तो बीजेपी की सीटें केवल 65 थे, शिवसेना को लग रहा था कि वह बहुमत के नजदीक पहुँच जाएगी, उन्होने आतिशबाजी शुरू कर दी, मिठाइयाँ बांटनी शुरू कर दी, बधाई सन्देश शुरू हो गए, इसके बाद अचानक अंतिम समय में बीजेपी ने तेज गति से दौड़ लगानी शुरू, बीजेपी की सीटें बढ़ती गयी और शिवसेना की कम होने लगी, देखते ही देखते बीजेपी 82 पर पहुँच गयी और शिवसेना घटकर 84 पर आ गयी। 

शुरुआत में शिवसेना वाले बीजेपी को चिढा रहे थे लेकिन बीजेपी ने ऐसी दौड़ लगाईं कि शिवसेना के करीब पहुँच गयी। फाइनल रिजल्ट में शिवसेना की हार हुई थी क्योंकि 2012 की तुलना में शिवसेना को 5 सीटें कम मिलीं थी वहीँ बीजेपी को 2012 की तुलना में 50 सीटें अधिक मिलीं। 2012 में बीजेपी केवल 32 सीटें जीत पायी थी। 

मतलब शिवसेना ने बहुमत मिलने का सपना देखकर ढोल पीटा, ख़ुशी मनाई, मिठाइयाँ भी बांटी, बीजेपी को चिढाया भी लेकिन अंत में पांच सीटें हार गयी।

इससे राजनीतिक पार्टियों को ये सीख मिलती है कि जब तक फाइनल रिजल्ट ना आ जाए, ना ख़ुशी मनानी चाहिए, ना ढोल पीटने चाहिए और ना ही मिठाई बांटनी चाहिए। ऐसा ही काम बीजेपी ने बिहार में विधानसभा के नतीजे के वक्त किया था, जैसे ही बीजेपी ने अपनी जीत होते देखी पटाखे फोड़ने शुरू कर दिए लेकिन उसके बाद बीजेपी की बुरी तरह से हार हुई थी। 

नोटबंदी का विरोध करने के बाद भी मुंबई में क्यों आगे रही शिवसेना, पढ़कर हैरान रह जाएंगे आप

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मुंबई: आपने देखा होगा कि कांग्रेस हमेशा से ही नोटबंदी का विरोध कर रही है, सभी चुनावों में नोटबंदी को मुद्दा बना रही है, इसका परिणाम यह हो रहा है कि कांग्रेस सभी चुनाव हार रही है, कांग्रेस नोटबंदी का जितना अधिक विरोध करती है उतनी ही बुरी तरह हारती है, अब आप खुद देखिये कल महाराष्ट्र निकाल चुनाव के नतीजे आये तो कांग्रेस हर जगह से साफ हो गयी। 10 निकायों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ हो गया। 

कांग्रेस की तरह ही शिवसेना ने भी नोटबंदी का विरोध किया था, चुनाव प्रचार में शिवसेना और उसके अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने नोटबंदी को मुख्य मुद्दा बनाया था और मोदी के खिलाफ जमकर जहर उगला था उसके बावजूद भी शिवसेना मुंबई में सबसे अधिक सीटें जीत गयी। आइये बताते हैं कि शिवसेना की जीत के पीछे क्या कारण था। 

सबसे पहले तो जान लीजिये कि शिवसेना एक क्षेत्रीय पार्टी है और राज्यवाद की राजनीति करती है, यानी मराठी मानुष की राजनीति करती है। शिवसेना की जीत का सबसे बड़ा कारण यह था कि उन्हें कट्टर मराठियों का वोट मिला। उदाहरण के लिए थाणे में शिवसेना की जीत इसलिए हुई क्योंकि वहां पर मराठा वोटर सबसे अधिक थे। शिवसेना कुल 131 सीटों वाले ठाणे नगर निगम पर पहले भी शिवसेना का ही कब्ज़ा था और इस बार भी शिवसेना की ही जीत हुई। यहाँ पर बीजेपी को सिर्फ 23 सीटें मिलीं जबकि एनसीपी को 34 सीटें मिलीं। बीजेपी को सबसे कम सीटें मिलता इस बात का सबूत है कि यहाँ पर मराठा पॉलिटिक्स हावी रही और इन लोगों ने नोटबंदी को नहीं देखा। पर महाराष्ट्रियन हिंदुओं की जनसँख्या करीब 80 फ़ीसदी है जबकि 17 फ़ीसदी मुस्लिम हैं। मुस्लिम 17 फ़ीसदी हैं इसलिए तीन सीटें असद्दुदीन की पार्टी AIMIM ने भी जीत लीं। 

अब आइये, मुंबई की बात करते हैं, यहाँ पर सभी धर्मों, सभी जातियों और सभी राज्यों के लोग रहते हैं लेकिन यहं पर महाराष्ट्रियन हिंदुओं यानी मराठा मानुषों की जनसँख्या 42 फ़ीसदी है जबकि गुजराती हिंदुओं की जनसँख्या 19 फ़ीसदी है इसके अलावा 20 फ़ीसदी मुस्लिम हैं।

यहाँ पर मराठा लोगों की जनसँख्या भले ही 42 फ़ीसदी है लेकिन ये लोग बड़े शहर में रहने के कारण कट्टर मराठी या क्षेत्रवादी नहीं हैं, वैसे भी बड़े शहरों में रहने वाले लोग क्षेत्रवाद नहीं देखते हैं। इसलिए यहाँ पर मराठा लोगों ने बीजेपी को भी वोट दिया और शिवसेना को भी वोट दिया। 

शिवसेना के लिए मुम्बई में जीत के सबसे बड़े फैक्टर बनें हार्दिक पटेल जिन्हें शिवसेना ने चुनाव से ठीक पहले गुजरात में शिवसेना का मुख्यमंत्री उम्मीदवार बना दिया जबकि उनकी ना उम्र है और ना ही कोई अनुभव। शिवसेना ने ऐसा करके बहुत बड़ा राजनीतिक गेम खेल दिया। 

हार्दिक पटेल के पीछे शिवसेना का गेम प्लान

हार्दिक पटेल को सोची समझी रणनीति के तहत शिवसेना में लाया गया है, गुजरात में पटेलों की जनसँख्या 15 फ़ीसदी है यानी करीब 1 करोड़। मुम्बई में 19 फ़ीसदी गुजराती आकर बस गए हैं यानी करीब 20 लाख गुजराती रहते हैं जिनमें से करीब 30 फ़ीसदी यानी 6 लाख पटेल हैं। इन्हीं 6 लाख पटेलों का वोट पाने के लिए हार्दिक पटेल को शिवसेना में लाया गया था और इसका लाभ भी मिला। गुजरात के पटेल पिछले कुछ समय से एंटी बीजेपी हो गए हैं और केवल बीजेपी को हारने वालों को वोट दे रहे हैं, मुंबई में भी पटेलों का वोट शिवसेना की जीत के लिए तुरुफ का इक्का साबित हुआ। अगर शिवसेना ने ऐसा ना किया होता तो शायद शिवसेना को मुम्बई में विपक्ष में बैठना पड़ता। 

अगर ऐसा नहीं है तो आप खुद सोचिये, पाटीदार की राजनीति करने वाले हार्दिक पटेल को अचानक शिवसेना में क्यों लाया गया, उन्हें गुजरात में मुख्यमंत्री उम्मीदवार क्यों बनाया गया, जो शिवसेना महाराष्ट्र में कई जगह खाते भी नहीं खोल पाई वो गुजरात में चुनाव कैसे जीत सकती है और हार्दिक पटेल को गुजरात का मुख्यमंत्री कैसे बना सकती है। यह सब केवल मुंबई में पटेलों का वोट लेने के लिए किया गया था और इस फैक्टर ने काम भी किया। 

उद्धव ठाकरे ने कहा था, BJP की औकात नहीं है 40 सीटें जीतने की, बीजेपी ने जीत ली 82, यानी डबल

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मुंबई: आज BMC चुनाव के नतीजे आ गए और सबसे बड़ी खुशखबरी बीजेपी के लिए आयी क्योंकि मुंबई शिवसेना का गढ़ बाना जाता है और BMC में इससे पहले शिवसेना की ही सरकार थी, उसके पास इससे पहले 89 सीटें थीं जो अब घटकर केवल 84 रह गयी हैं, इससे पहले दोनों पार्टियाँ गठबंधन बनाकर चुनाव लडती थीं लेकिन इस बार बीजेपी शिवसेना के बराबर सीटें मांग रही थी तो शिवसेना ने बीजेपी से कहा कि तुम्हारी औकात 40 सीटें भी जीतने की नहीं है और तुम आधी सीटें मांग रहे हो। 

इसके बाद बीजेपी ने अपनी ताकत दिखाने के लिए अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला किया क्योंकि शिवसेन उसे केवल 60 सीटें देना चाह रही थी। बीजेपी ने शिवसेना का ऑफर ठुकरा दिया और अकेले चुनाव लड़ा। 

बीजेपी के लिए यह लड़ाई बहुत बड़ी थी क्योंकि इससे पहले उनके पास केवल 32 सीटें थी, BMC में कुल 227 सीटें हैं इसलिए बीजेपी को बाकी 196 सीटों पर उम्मीदवार ढूँढने पड़े, जमीन बिछानी पड़ी, प्रचार करना पड़ा। आज BMC चुनाव के नतीजे आ गए और बीजेपी ने 82 सीटों पर जीत दर्ज कर ली, शिवसेना जिस पार्टी की औकात 40 सीटों की औकात बता रही थी उस पार्टी ने 82 सीटें जीतकर अपनी ताकत दिखा दी। 

शिवसेना को एक और झटका, अंतिम सीट पर BJP ने लॉटरी में शिवसेना को पटका, बीजेपी पहुंची 82 पर

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मुंबई: मुंबई शहर के BMC चुनाव के फाइनल नतीजे आ गए हैं, अब तक एक सीट पर मामला अटक गया था क्योंकि शिवसेना और बीजेपी उम्मीदवार दोनों के बराबर वोट थे, वार्ड नंबर 220 की जब पहली बार काउंटिंग हुई तो बीजेपी उम्मीदवार अतुल शाह और शिवसेना उम्मीदवार सुरेन्द्र बगाल्कर के बराबर वोट थे इसके बाद शाम को फिर से काउंटिंग हुई, दोबारा काउंटिंग में भी दोनों के बराबर वोट निकले। 

इसके बाद नगर निगम कमिश्नर की उपस्थिति में लॉटरी निकाली गयी जिसमें बीजेपी उम्मीदवार अतुल शाह ने बाजी मार ली और इस तरह बीजेपी की कुल सीटें 82 पर पहुँच गयी। शिवसेना ने 84 वार्ड पर जीत दर्ज की है और बीजेपी से 2 सीट आगे है। बीजेपी ने दावा किया है कि उसे 4 निर्दलीय पार्षद भी समर्थन दे रहे हैं, अगर ऐसा होता है तो बीजेपी के पास 84 पार्षद हो जाएंगे और बीजेपी BMC में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी।

मुंबई में कांग्रेस-एनसीपी सूपड़ा साफ़, BJP को 50 सीटों का फायदा, शिवसेना को 5 का नुकसान

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मुंबई: आज मुंबई महानगर पालिका (BMC) के चुनावी नतीजे आ गया हैं और सबसे बुरी खबर कांग्रेस और एनसीपी के लिए है, इस चुनाव में कांग्रेस की बुरी हार हुई है लेकिन एनसीपी का तो सूपड़ा ही साफ़ हो गया है, दोनों पार्टियों ने नोटबंदी को मुख्य मुद्दा बनाया हुआ था लेकिन जनता ने इन्हें ऐसा सबक सिखाया कि चुन चुन कर साफ़ कर दिया, दूसरी तरफ बीजेपी और शिवसेना ने भी अकेले चुनाव लड़ा और दोनों ने बड़ी जीत दर्ज की, 227 वार्ड में बीजेपी ने 81 वार्ड में जीत दर्ज की है जबकि शिवसेना ने 84 वार्ड में जीत दर्ज की है, दोनों ने मिलकर 227 में से 165 वार्ड पर जीत दर्ज की है।

अब तक प्राप्त नतीजों में -
BJP ने जीती - 81 सीटें
शिवसेना ने जीती - 84 सीटें
कांग्रेस ने जीतीं - 31 सीटें
एनसीपी ने जीतीं - 9 सीटें
MNS ने जीतीं - 7 सीटें
अन्य ने जीतीं - 14 सीटें
टोटल सीटें = 227 

सबसे बुरी खबर शरद पवार की पार्टी एनसीपी के लिए है क्योंकि 2012 के चुनाव में उनके पास 14 सीटें थीं लेकिन इस बार केवल 9 पर जीत दर्ज कर पाए, वहीँ कांग्रेस के पास 51 सीटें थीं लेकन इस बार केवल 31 सीटें जीत पाए, कांग्रेस को 20 सीटों का नुकसान हुआ है जबकि एनसीपी को 4 सीटों का नुकसान हुआ है।

इस चुनाव में सबसे अधिक फायदा बीजेपी को हुआ है लेकिन 2012 में उनके पास केवल 32 सीटें थीं लेकिन इस बार उन्हें 81 सीटों पर जीत मिली है मतलब उन्हें सीधा सीधा 49 सीटों पर फायदा हुआ है। वहीँ शिवसेना को पांच सीट का नुकसान हुआ है क्योंकि 2012 में उनके पास कुल 89 सीट थी लेकिन इस बार केवल 84 सीटों पर जीत मिली है।

बीजेपी मुम्बई अध्यक्ष आशीष सेलर का कहना है कि हमने 81 सीटें जीत ली हैं और हमें 4 निर्दलीय पार्षदों ने भी समर्थन दिया है, इस तरह से बीजेपी+ की टोटल सीटें 85 हो गयी हैं जो कि शिवसेना से भी अधिक है। 

BMC Result Live: अंतिम समय में BJP ने लगाईं तेज दौड़, पहुँच गयी शिवसेना के विल्कुल करीब

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मुंबई: आज मुंबई महानगर पालिका (BMC) के चुनावी नतीजे आ रहे हैं, सुबह शिवसेना सभी पार्टियों से आगे चल रही थी और ऐसा लग रहा था कि बहुमत का आंकड़ा अकेले पार कर लेगी लेकिन अंतिम समय में बीजेपी ने भाग मिल्खा भाग की तरह ऐसी दौड़ लगाई कि शिवसेना के पास पहुँच गयी है।

अब तक प्राप्त नतीजों में -
BJP ने जीती - 81 सीटें
शिवसेना ने जीती - 84 सीटें
कांग्रेस ने जीतीं - 31 सीटें
एनसीपी ने जीतीं - 9 सीटें
MNS ने जीतीं - 7 सीटें
अन्य ने जीतीं - 14 सीटें
टोटल सीटें = 227 

सुबह 12 बजे तक शिवसेना बीजेपी से लगभग दोगुनी सीटों पर आगे चल रही थी और ऐसा लग रहा था कि बीजेपी केवल 60 सीटों पर अटक जाएगी और शिवसेना अकेले बहुमत प्राप्त कर लेगी लेकिन जैसे जैसी वोटों की गिनती बढ़ी और अंत समय आया तो बीजेपी ने तेज दौड़ लगा दी और शिवसेना के करीब पहुँच गयी। अब बीजेपी शिवसेना से केवल तीन सीटें पीछे है।

बीजेपी मुम्बई अध्यक्ष आशीष सेलर का कहना है कि हमने 81 सीटें जीत ली हैं और हमें 4 निर्दलीय पार्षदों ने भी समर्थन दिया है, इस तरह से बीजेपी+ की टोटल सीटें 85 हो गयी हैं जो कि शिवसेना से भी अधिक है। 

मुंबई में बन सकती है शिवसेना-कांग्रेस गठबंधन की सरकार, BJP निभा सकती है विपक्ष का किरदार

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मुंबई: BMC चुनावों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं, शिवसेना अब तक 94 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है लेकिन बहुमत से अभी भी 20 सीटें दूर है, भारतीय जनता पार्टी 62 सीटें जीतकर दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है लेकिन शिवसेना ने बीजेपी के साथ किसी भी तरह का रिश्ता रखने से इनकार कर दिया है ऐसे में शिवसेना और कांग्रेस के गठबंधन के संकेत मिल रहे हैं।

आज शिवसेना सांसद संजय राउत ने खुद कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन नही करेंगे और मुंबई में हर हाल में शिवसेना का मेयर बनेगा, उन्होने कहा कि अगर गठबंधन करना पड़ा तो बीजेपी के अलावा और भी पार्टियाँ हैं, उन्होंने ऐसा बोलकर कांग्रेस की तरफ इशारा किया था क्योंकि कांग्रेस ने 22 सीटें जीती हैं और शिवसेना-कांग्रेस ने मिलकर बहुमत का आंकड़ा (114) पार कर दिया है।

कांग्रेस के बाद MNS का नंबर आता है जिन्हें 10 सीटें मिली हैं, अगर शिवसेना MNS के साथ गठबंधन करती है तो उसे 105 सीटें जीतनी पड़ेंगी जो कि मुश्किल लग रहा है। शिवसेना के पास एकमात्र विकल्प कांग्रेस है, अब देखना है यह कि दोनों पार्टियाँ मिलकर सरकार बनाती हैं या शिवसेना फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन करती है।

Pune Election Result: पुणे में बीजेपी बड़ी जीत की तरफ

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पुणे: आज पूने महानगर पालिका के भी चुनावी नतीजे आ रहे हैं, शुरुआती रुझानों के अनुसार यहाँ पर भारतीय जनता पार्टी बड़ी जीत की तरह जा रही है, अब तक 162 सीटों में से बीजेपी ने 46 पर बढ़त बना ली है जबकी शरद पवार की NCP ने 16 सीटों पर बढ़त बनायी है, कांग्रेस ने 2, MNS ने 1, शिवसेना ने 7 और और अन्य ने भी 1 सीटों पर बढ़त बनायी है। 

पुणे में अगर यही ट्रेंड रहा तो भारतीय जनता पार्टी को बहुमत मिलता दिख रहा है लेकिन फिलहाल अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। हाँ एनसीपी जरूर टक्कर देगी। यहाँ पर अगर बीजेपी जीतती है तो पहली बार बीजेपी को शहर पर राज करने का मौका मिलेगा। 

नागपुर में BJP जीत की तरफ, कांग्रेस काफी पीछे

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नागपुर: आज महाराष्ट्र में कई नगर निगम के चुनाव रिजल्ट आ रहे हैं, मुंबई के अलवा पुणे, नागपुर सहित 10 निकायों के नतीजे आ रहे हैं। BMC में शिवसेना आगे चल रही है जबकि पुणे और नागपुर में बीजेपी की एकतरफा जीत दिखाई दे रही है, इसके अलावा 10 में से 8 निकायों में बीजेपी आगे चल रही।

नागपुर आरएसएस का गढ़ माना जाता है, यहाँ पर अब तक प्राप्त नतीजों में भारतीय जनता पार्टी ने 40 सीटों पर बढ़त बना ली है जबकि कांग्रेस भी 10 सीटों पर आगे है। शिवसेना और अन्य सीटों को अभी एक भी सीट मिलती नहीं दिखाई दे रही हैं। 

BMC Election Result 2017: शुरुआती नतीजों में शिवसेना BJP से आगे

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मुंबई: BMC चुनावों के नतीजे आने शुरू हो गए हैं, शुरुआती रुझानों में शिवसेना भारतीय जनता पार्टी से आगे है, शिवसेना अब तक 90 सीटों पर आगे हैं जबकि बीजेपी 55 सीटों पर आगे है, कांग्रेस ने 20 जबकि एनसीपी ने भी 5 सीटों पर बढ़त बना ली है, MNS ने भी 10 सीटों पर बढ़त बना ली है जबकि अन्य ने 4 सीटों पर बढ़त बनायी है।

शुरुआत में ऐसा लग रहा है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच के लड़ाई होगी, कांग्रेस थोडा सा टक्कर देगी लेकिन NCP जो पिछली बार विपक्ष में थी इस बार वह सबसे पीछे चल रही है। 

BMC Poll: बीजेपी ने कहा, मुंबई वालों ने शिवसेना के माफियाराज के खिलाफ BJP को किया मतदान

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मुंबई, 22 फ़रवरी: भारतीय जनता पार्टी ने BMC चुनावों में अपनी जीत का भरोसा जताते हुए कहा है कि इस बार की बम्पर वोटिंग बता रही है कि मुंबई वालों ने शिवसेना के माफियाराज के खिलाफ मतदान किया है और ज्यादातर वोटिंग बीजेपी के पक्ष में हुई है इसलिए बीजेपी की जीत पक्की है।

बीजेपी सांसद किरीट सोमैय्या ने कहा कि पहली बार हुआ है कि BMC चुनाव में 55 से 60 फ़ीसदी की वोटिंग हुई है और पांच चुनावों का रिकॉर्ड टूटा है, बम्पर वोटिंग का मतलब लोगों ने मुंबई में शिवसेना के माफियाराज के खिलाफ वोट दिया है। हमें पूरा विश्वास का है कि BJP सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी। हम BMC का विकास करने और पारदर्शिता लाने की काबिलियत रखते हैं और काम करके दिखाएंगे।

जानकारी के लिए बता दें कि कल BMC की 227 सीटों के लिए चुनाव हुए थे और 55 फ़ीसदी वोटिंग दर्ज की गयी थी जो कि पिछले पांच चुनावों में सबसे अधिक है। कल इस चुनाव के रिजल्ट आ जाएंगे। 

BMC में पांच चुनावों का टूटा रिकॉर्ड, इस बार जमकर मतदान

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मुंबई, 21 फरवरी: महाराष्ट्र में मंगलवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी), 11 जिला परिषदों तथा 118 पंचायत समितियों सहित 10 महानगरपालिकाओं के लिए मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। बृहन्मुंबई नगर निगम सहित ठाणे, पुणे तथा नासिक तथा 11 जिला परिषदों तथा 118 पंचायत समितियों के लिए मंगलवार को मतदान हुआ। निकाय चुनाव को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के लिए विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

अनुमानित तौर पर मुंबई के 92 लाख मतदाताओं में से 55 फीसदी ने मतदान किया जो कि पिछले पांच चुनावों में सबसे अधिक है। मतदान करने वालों में राजनीतिज्ञ व बॉलीवुड के दिग्गजों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया हैं। देश की आर्थिक राजधानी और सबसे धनी बृहन्मुंबई नगर निगम चुनाव में अमूमन काफी कम मतदान होता रहा है लेकिन इस बार पांच चुनावों का रिकॉर्ड टूट गया।

मतदान के उत्साहजनक आंकड़ों को लेकर फडणवीस ने ट्वीट किया, "रिकॉर्ड मतदान तथा लोकतंत्र के पर्व में शामिल होने के लिए धन्यवाद मुंबई।"

बीते चार कार्यकाल से बीएमसी पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना गठबंधन का कब्जा है। चालू वित्तवर्ष (2016-17) के लिए बीएमसी का 37,052 करोड़ रुपये का बजट है। इसके मुकाबले, पूरे गोवा का बजट पिछले साल 14,700 करोड़ रुपये का था।

बृहन्मुंबई के 227 पार्षदों के चुनाव के लिए कुल 7,304 मतदान केंद्रों पर मतदान के लिए कई क्षेत्रों के दिग्गज पहुंचे। कुल 2,275 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे।

शिवसेना को कोई नहीं देगा वोट, इन्होने मुंबई को लूटने के सिवा कोई काम नहीं किया: किरीट सोमैया

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Mumbai, 21 Feb: आज BMC के लिए चुनाव हो रहा है, आज मुंबई की किस्मत EVM में बंद हो जाएगी और दो दिन बाद पता चल जाएगा कि मुंबई पर बीजेपी राज करेगी, शिवसेना राज करेगी या कांग्रेस-एनसीपी राज करेगी। सुबह से ही बड़े बड़े दिग्गज अपने घरों से निकलकर वोट डाल रहे हैं। आज भारतीय जनता पार्टी के सांसद किरीट सोमैया ने भी वोट डाला और बीजेपी की जीत पर भरोसा जताया साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना को कोई वोट नहीं देगा क्योंकि उन्होंने मुंबई के लोगों को लूटने के सिवा कोई काम नहीं किया है। 
इस चुनाव में बीजेपी और शिवसेना 20 साल बाद अकेले अकेले किस्मत आजमा रही हैं और बीजेपी को मोदी की नीतियों पर भरोसा है, सोमैया ने कहा कि मुंबई का विकास सिर्फ बीजेपी ही करा सकती है, यहाँ के लोगों को मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस की क्षमता और नरेन्द्र मोदी के विकास मॉडल पर भरोसा है। 

उन्होंने आज फिर शिवसेना पर करारा हमला करते हुए कहा कि मुंबई के लोग इस बार शिवसेना को वोट नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने मुंबई के लोगों को लूटने के अलावा कुछ नहीं किया है, शिवसेना ने पिछले कई वर्षों से कई घोटाले किये हैं, सफाई में भी घोटाला किया है और पीने के पाने में भी घोटाला किया है, अब शिवसेना के अन्दर मुंबई के लोगों का सामना करने की हिम्मत नहीं है। 

जानकारी के लिए बता दें कि किरीट सोमैया काफी पहले से ही शिवसेना का विरोध करते आ रहे हैं, उन्होंने कुछ दिनों पहले अपनी संपत्ति सार्वजनिक करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को भी संपत्ति सार्वजनिक करने की चुनौती दी थी। 

उद्धव ठाकरे ने BJP को दी धमकी, बोले, सामना को बैन करके दिखाओ, अगली बार तुम नहीं दिखोगे

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Mumbai, 19 Feb: उद्धव ठाकरे ने आज बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है और उसे देख लेने की धमकी देते हुए कहा है कि अगर बीजेपी वाले सामना न्यूज़ पेपर को बैन करेंगे तो अगली बार वे दिख नहीं पाएंगे, अगर हिम्मत है तो सामना को बैन करके दिखाओ। 

जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की मुंबई इकाई ने चुनाव आयोग से तीन दिनों के लिए सामना को बैन करने की मांग की है, बीजेपी का कहना है कि BMC चुनावों में सामना में आर्टिकल लिखकर वोटरों को प्रभावित किया जा सकता है इसलिए तीन दिनों के लिए समाचार पत्र को बैन किया जाए क्योंकि यह एक राजनीतिक पार्टी से जुडा समाचार पत्र है। 

बॉम्बे नगर निगम (BMC) के लिए 21 फ़रवरी को मतदान होगा और 23 को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे। इस बार शिवसेना और बीजेपी अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं। 

शिवसेना गिरा दे महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार, लिखकर देता हूँ, नहीं दूंगा BJP को समर्थन: शरद पवार

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मुंबई, 18 फरवरी:| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा शिवसेना के बीच वर्षो पुराने गठबंधन में खटास के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि अगर शिवसेना को डर है कि बीजेपी सरकार गिराने के बाद शरद पवार बीजेपी को समर्थन देकर सरकार बचा लेंगे तो वे बीजेपी सरकार गिराने के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र हैं, मैं उन्हें लिखकर देने को तैयार हूँ कि मैं किसी भी सूरत में बीजेपी को समर्थन नहीं दूंगा। 

शरद पवार ने कहा कि बीजेपी के साथ गठबंधन करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता, मैं अपने फैसले को लिखित में देने और उसकी एक प्रति राज्यपाल को देने के लिए तैयार हूं। लेकिन इसके लिए शिवसेना को भी राज्यपाल को एक पत्र लिखना होगा कि उसने सरकार से समर्थन वापस ले लिया है और उसे उस पत्र को सार्वजनिक करना चाहिए।"

दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच चल रहे वाक युद्ध के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना जताई। 

शिवसेना पिछले कुछ सप्ताह से भाजपा की राज्य तथा केंद्र में कटु आलोचना करती आ रही है। उसने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार नोटिस पीरियड पर चल रही है, जिससे यह संकेत मिलता है कि 23 फरवरी को निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद वह सरकार से समर्थन वापस ले सकती है।

पिछले विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला, क्योंकि सभी प्रमुख पार्टियों ने अकेले एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ा था।

नोटबंदी के लिए केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए पवार ने कहा कि आठ नवंबर को उठाए गए कदम से अर्थव्यवस्था में न सिर्फ नौकरियों का नुकसान हुआ, बल्कि कृषि तथा ग्रामीण क्षेत्रों को भारी नुकसान हुआ।

BMC में सत्ता छिनने से डर गए हैं उद्धव ठाकरे इसलिए BJP-MODI के खिलाफ उगल रहे हैं आग: पर्रिकर

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Mumbai, 18 Feb: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कल शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को करारा जवाब देते हुए कहा कि वे बीजेपी और मोदीजी के खिलाफ इसलिए आग उगल रहे हैं क्योंकि उन्हें BMC और पूणे में सत्ता जाने का डर सता रहा है, ये कुर्सी का डर है जिसकी वजह से उनके मुंह से मोदीजी के लिए भी अनाप शनाप बोल रहे हैं। 

मनोहर पर्रिकर ने कहा कि मोदी सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकियों को सबक दिखाया उसी तरह से मुंबई की जनता विपक्षियों को सबक सिखाकर बीजेपी को वोट देगी और हम यहाँ पर पूरी ताकत से काम करेंगे। 

कल मनोहर पर्रिकर नगर निगम चुनावों के लिए बीजेपी प्रत्याशियों के प्रचार के लिए पुणे के करीब पिंपड़ी चिंचवाडा आये थे। उन्होंने कहा कि उद्धव पिछले कुछ समय से बीजेपी के लिए आग उगल रहे हैं, यह इसलिए क्योंकि उन्हें पुणे और मुंबई में सत्ता जाने का डर सता रहे हैं। 

मोदी-फोबिया का असर, शिवसेना ने कांग्रेस के साथ मिला लिया हाथ

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रायगढ़, 15 फरवरी: इस समय कई पार्टियों को मोदी-फोबिया हो गया है जिससे डरकर दो दुश्मन पार्टियाँ भी एक होकर मोदी के खिलाफ लड़ रही हैं, हाल ही में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने गठबंधन किया तो आज महाराष्ट्र के रायगढ़ स्थानीय चुनावों में शिवसेना ने कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन करके पार्टी के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे के नाम पर कलंक लगा दिया। 

महाराष्ट्र के रायगढ़ में होने वाले जिला परिषद एवं पंचायत समिति के चुनाव में कांग्रेस ने शिवसेना के साथ मिलकर लड़ने का फैसला किया है। रायगढ़ में दोनों ही पार्टियों के स्थानीय नेता यह सफाई दे रहे हैं कि गठबंधन स्थानीय स्तर पर हुआ है। इसमें न तो शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे शामिल हैं और न ही महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण।

यहां लोग उस वक्त अपनी आंख मलने लगे, जब उन्होंने स्थानीय प्रत्याशियों के पोस्टरों और बैनरों पर दिवंगत शिवसेना नेता बाल ठाकरे और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तस्वीरों को एक साथ देखा। इनमें लोगों से कांग्रेस-शिवसेना को मत देने की अपील की गई है।

रायगढ़ में चुनाव 21 फरवरी को होने हैं। इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से कांग्रेस का राज्य नेतृत्व बिफरा हुआ है और उसने जिला नेतृत्व से रिपोर्ट मांगी है।

गंभीर दिख रहे महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के प्रवक्ता सचिन सावंत ने आईएएनएस से कहा, "हमने इस पर जानकारी मांगी है। पार्टी की स्थानीय इकाई ने राज्य नेतृत्व की अनुमति के बिना यह कदम उठाया है। हम मामले को देख रहे हैं।"

भाजपा ने इस गठबंधन की आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता मोहन भंडारी ने अपना यह पुराना बयान दोहराया कि राज्य में हो रहे स्थानीय निकाय चुनावों में कांग्रेस व शिवसेना के बीच 'मैच फिक्सिंग' हो चुकी है।

मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरूपम ने 'मैच फिक्सिंग' के आरोप को सिरे से खारिज किया है। उधर, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सहयोगी भाजपा पर वार का एक भी मौका नहीं चूक रहे हैं।