2014 में मोदी सरकार ना आती तो इन निर्दोषों को हिन्दू आतंकवादी बोलकर जेल में सड़ाती रहती कांग्रेस

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नई दिल्ली: अगर 2014 में केंद्र में मोदी सरकार ना आती और मालेगांव ब्लास्ट केस की फिर से सही तरीके से जांच ना होती तो कांग्रेस पार्टी हिन्दू धर्म को आतंकवादी साबित करने के लिए साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को आतंकवादी बताकर उन्हें अब तक जेल में सड़ाती रहती और उनकी बाकी की जिन्दगी जेल में ही बीतती, शायद कांग्रेस को इसी बात का पाप लगा है तभी तो पूरे देश से मिटती जा रही है.

आज हिंदुस्तान और हिन्दुस्तानियों के लिए खुशखबरी है, पूर्व कांग्रेस सरकार ने हिन्दू धर्म वालों को आतंकवादी साबित करने के लिए साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को मालेगांव ब्लास्ट के झूठे केस में फंसाकर उन्हें आतंकवादी साबित करने की कोशिश की थी, कांग्रेस ने उन्हें आतंकवादी साबित करने के हर कोशिश आजमाई, दोनों को जमकर टार्चर किया गया लेकिन कांग्रेस की कोशिश कामयाब नहीं हो पायी क्योंकि कांग्रेस की पुलिस के आगे ना तो साध्वी प्रज्ञा झुकीं और ना ही कर्नल पुरोहित.

दोनों लोगों के खिलाफ NIA कोई भी सबूत पेश नहीं कर सकी जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें कुछ महीनें पहले जमानत दे दी थी, कांग्रेस सरकार ने दोनों के ऊपर खतरनाक MAKOKA, UAPA और आर्म्स एक्ट  भी लगाया था. आज कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा, रामेश उपाध्याय, अजय रहिकर, कर्नल पुरोहित के ऊपर से मकोका, UAPA और आर्म एक्ट्स हटा लिए.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस सरकार ने हिन्दू धर्म को आतंकवादी साबित करने के लिए साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित को मालेगांव में गिरफ्तार किया था, कर्नल पुरोहित सेना में एक जासूस का काम करते थे और SIMI संगठन को ख़त्म करने के मिशन पर थे, वह अंडरग्राउंड होकर काम कर रहे थे लेकिन एक साजिश के तहत कांग्रेस सरकार ने उन्हें फंसाया और आतंकवादी बना दिया लेकिन आज वह सभी आरोपों से बरी होकर फिर से सेना की ड्यूटी कर रहे हैं. 

यहाँ पर सवाल यह है कि जब कांग्रेस सरकार अपने ही देश वालों को आतंकवादी साबित करने के लिए इतना नीचे गिर सकती है तो कुलभूषण को आतंकवादी साबित करने के लिए पाकिस्तान कितना नीचे गिर सकता है और कांग्रेस किस मुंह से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का दावा कर सकती है.
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