इस वक्त देश में सबसे बड़ा सवाल यह पैदा हुआ है कि राहुल गाँधी का धर्म क्या है. कोई उन्हें जनेऊधारी हिन्दू बता रहे हैं, कोई उन्हें जनेऊधारी ब्राह्मण बता रहा है, राहुल खुद को शिवभक्त बता रहे हैं, एक समय भगवा और हिन्दू आतंकवाद की परिभाषा गढ़ने वाले कांग्रेसी भी खुद को हिन्दू बता रहे हैं.
एक समय था जब यही कांग्रेसी कहते थे कि भारत पर सबसे पहला हक मुस्लिमों का है, इन्हीं कांग्रेसी नेताओं ने ईद पर इफ्तार पार्टी देने का चलन शुरू किया था और पार्टियों में टोपी लगाकर जाते थे ताकि मुस्लिम खुश हो जाएं और इन्हें वोट दें.
आज जी न्यूज़ पर राहुल गाँधी के हिन्दू धर्म को लेकर बहस हुई तो बीजेपी प्रवक्ता केके शर्मा ने राहुल गाँधी को इक्षाधारी हिन्दू बताया, उन्होंने कहा कि राहुल गाँधी मतलब के अनुसार अपना धर्म बदल लेते हैं, गुजरात में हिन्दू बहुसंख्यक हैं तो राहुल गाँधी ने हिन्दू धर्म धारण कर लिया है, जहाँ मुस्लिम बहुसंख्यक होते हैं तो ये वहां पर अपना धर्म बदल लेते हैं. इनका कोई भरोसा नहीं किया जा सकता, ये सिर्फ मूर्ख बना रहे हैं वरना कोई बताये, क्या आज से पहले उनके धर्म को लेकर बहस हुई, क्या आज से पहले वह मंदिरों के चक्कर काटते थे, क्या आज से पहले कभी उन्होंने खुद को शिवभक्त बताया है.
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