नई दिल्ली: भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कल हरियाणा के कुरुक्षेत्रा में थे, वह राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार हरियाणा पहुंचे थे, सभी मंत्रियों को उनका स्वागत करने के लिए कार्यक्रम में मौजूद रहने को कहा गया था लेकिन कई मंत्रियों ने अपना असली घमंडी रूप दिखा ही दिया, कई मंत्रियों ने उनके कार्यक्रम का बायकॉट कर दिया और अपने अपने कार्यक्रमों में बिजी रहे, उनकी कुर्सियां खाली पड़ी रहीं.
कुछ लोगों का कहना है कि प्रदेश के कई मंत्रियों ने इस कार्यक्रम का इसलिए बायकॉट किया था क्योंकि उन्हें कार्यक्रम के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। कार्यक्रम का जिन मंत्रियों ने बायकॉट किया था उनमें कर्णदेव काम्बोज, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल का नाम प्रमुख है।
अपनी बेबाकी के लिए प्रसिद्ध विज ने मीडिया से इशारों-इशारों में कहा, हरियाणा में मंत्री तो केवल एक ही है, बाकी तो सब संतरी हैं। मुख्यमंत्री के सबसे करीबी मंत्रियों में शुमार पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह आैर सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी इतने बड़े आयोजन से दूरी बनाए रखी। नरबीर जहां गुरुग्राम में थे, वहीं ग्रोवर चंडीगढ़ और पंचकूला में शादियों में शिरकत करते दिखे। अफवाह है कि कल के कार्यक्रम से कई मंत्री नाराज थे।
खैर बात जो भी हो लेकिन इतना साफ़ हो गया है कि ये मंत्री कभी भी किसी तरफ करवट बदल सकते हैं, कार्यक्रम का बहिष्कार करके इन्होने बता दिया है कि इनपर विश्वास करना सही नहीं है.
कुछ लोगों का कहना है कि प्रदेश के कई मंत्रियों ने इस कार्यक्रम का इसलिए बायकॉट किया था क्योंकि उन्हें कार्यक्रम के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। कार्यक्रम का जिन मंत्रियों ने बायकॉट किया था उनमें कर्णदेव काम्बोज, वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु, कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ और उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल का नाम प्रमुख है।
अपनी बेबाकी के लिए प्रसिद्ध विज ने मीडिया से इशारों-इशारों में कहा, हरियाणा में मंत्री तो केवल एक ही है, बाकी तो सब संतरी हैं। मुख्यमंत्री के सबसे करीबी मंत्रियों में शुमार पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह आैर सहकारिता राज्य मंत्री मनीष ग्रोवर ने भी इतने बड़े आयोजन से दूरी बनाए रखी। नरबीर जहां गुरुग्राम में थे, वहीं ग्रोवर चंडीगढ़ और पंचकूला में शादियों में शिरकत करते दिखे। अफवाह है कि कल के कार्यक्रम से कई मंत्री नाराज थे।
खैर बात जो भी हो लेकिन इतना साफ़ हो गया है कि ये मंत्री कभी भी किसी तरफ करवट बदल सकते हैं, कार्यक्रम का बहिष्कार करके इन्होने बता दिया है कि इनपर विश्वास करना सही नहीं है.
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