ये दोनों वकील आराम से राम रहीम को साबित कर सकते हैं निर्दोष, CBI को साबित कर सकते हैं झूठा

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गुरमीत राम रहीम के खिलाफ उनके आश्रम की दो महिलाओं ने 1999 में रेप का आरोप लगाया, उन्होंने सीधा प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को चिट्ठी लिखकर बताया कि हमारे साथ आश्रम में रेप और यौन शोषण होता है, चिट्ठी पब्लिक में आते ही सनसनी फ़ैल गयी, महिलाओं ने तीन साल बाद राम रहीम पर आरोप लगाया था, मतलब तीन साल उन्होंने कुछ भी नहीं किया, ना तो उनका मेडिकल हुआ, ना ही वह आज तक मीडिया के सामने आयी हैं, उनकी चिट्ठी के आधार पर ही CBI ने जांच की और CBI कोर्ट ने उन्हें 20 साल के लिए जेल भेज दिया.

राम रहीम के समर्थक कह रहे हैं कि बाबा को फंसाया गया है, ब्लैकमेल करने के लिए उनके खिलाफ चिट्ठी लिखकर आरोप लगाए गए, अगर आरोप सही है तो दोनों महिलाओं को सामने लाओ. हालाँकि उनकी फ़रियाद नहीं सुनी गयी और राम रहीम को जेल भेज दिया गया.

अब राम रहीम के लिए खुशखबरी है क्योंकि वकील तनवीर अहमद मीर और दिलीप उन्हें हाईकोर्ट में निर्दोष साबित कर सकते हैं जबकि CBI और CBI कोर्ट को झूठा साबित कर सकते हैं, कल ऐसे ही एक मामले में इलाहबाद हाई कोर्ट ने गाजियाबाद की CBI कोर्ट का फैसला बदल दिया और CBI की दलीलों को खारिज करते हुए पांच साल से जेल में बंद राजेश तलवार और उनकी पत्नी नुपुर तलवार को हत्या के आरोप से बरी कर दिया.

राजेश तलवार और उनकी पत्नी नुपुर तलवार पर उनकी ही बेटी आरुषी तलवार और नौकर हेमराज की हत्या का आरोप था, 19 मई 2008 को आरुषी की हत्या उसके ही बेडरूम में कर दी गयी थी, एक दिन बाद घर के नौकर हेमराज की लाश भी छत से बरामद हुई. जांच में कहा गया था कि माँ-बाप ने आरुषी और हेमराज को आपत्तिजनक हालत में देख लिया और दोनों की हत्या कर दी.

बाद में CBI कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुना दी, दोनों पांच साल से डासना जेल में बंद थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी, उन्होंने CBI कोर्ट के फैसले को इलाहबाद हाई कोर्ट में चैलेंज किया, कल हाईकोर्ट ने CBI कोर्ट का फैसला बदल दिया, कल CBI की सभी दलीलों को खारिज कर दिया गया.

राजेश तलवार का केस तनवीर अहमद मीर ने लड़ा, उन्होंने ना सिर्फ CBI की दलीलों को गलत साबित किया बल्कि CBI कोर्ट के फैसले को भी गलत साबित कर दिया.

अगर तनवीर अहमद मेरे राम रहीम का भी केस हाई कोर्ट में लड़ें तो वे राम रहीम को बाइज्जत बरी करा सकते हैं, वे CBI से दोनों महिलाओं को सामने लाने और उनका लाइ डिटेक्टर टेस्ट कराने की मांग कर सकते हैं. यही नहीं सभी गवाहों का भी लाइ डिटेक्टर टेस्ट होना चाहिए. तनवीर अहमद मीर आराम से CBI कोर्ट का फैसला बदलवा सकते हैं जैसा उन्होंने कल करके दिखाया है.
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