ससुराल वाले थे कट्टर कांग्रेसी फिर भी निर्मला का कम नहीं हुआ BJP से प्यार, आज हैं रक्षा मंत्री

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भारत की नयी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की कहानी विल्कुल फ़िल्मी है. आज वे भारत की रक्षा मंत्री बन गयी हैं इसलिए उनकी कहानी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. आपको बता दें कि निर्मला सीताराम का ससुराल कट्टर कांग्रेसियों से भरा हुआ इसके बावजूद भी निर्मला के दिल से बीजेपी के प्रति प्यार कम नहीं हुआ और आज उन्हें रक्षा मंत्री बनाकर मोदी ने उनके प्यार का इनाम दिया है. इससे पहले वे केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री थीं लेकिन आज उन्हें रक्षा मंत्री बनाकर बीजेपी के टॉप नेताओं के साथ खड़ा कर दिया गया है.

आपको बता दें कि इससे पहले सिर्फ एक महिला भारत की रक्षा मंत्री रह चुकी हैं और उनका नाम इंदिरा गाँधी है. इंदिरा गाँधी ने प्रधानमंत्री रहते वक्त रक्षा मंत्री का भी प्रभार सम्भाला था. हालाँकि उन्हें फुल टाइम रक्षा मंत्री नहीं माना जा सकता क्योंकि वह देश की प्रधानमंत्री थी और उनके पास अन्य मंत्रालय भी थे. फिलहाल आज निर्मला सीतारमण देश की रक्षा मंत्री बनकर इंदिरा गाँधी की बराबरी कर ली है साथ ही महिलाओं की शशक्तिकरण के मामले में बीजेपी ने कांग्रेस की बराबरी कर दी है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निर्मला सीतारमण कर्नाटक की रहने वाली हैं जबकि उनकी शादी आंध्र प्रदेश में हुई है. वे अपने पति परकाला प्रभाकर से उस वक्त मिली थीं जब वह JNU से इकोनॉमिक्स में MA कर रही थीं, MA पूरा करने के बाद JNU से ही उन्होंने MPhil किया. उसी दौरान उन्हें प्रभाकर से प्यार हुआ और बाद में दोनों की शादी हो गयी. JNU में पढ़ते वक्त ही निर्मला सीतारमण का BJP के प्रति झुकाव हो गया था हालाँकि शादी के बाद पता चला कि उनका ससुराल कट्टर कांग्रेसियों से भरा है.

निर्मला की सास आंध्र प्रदेश से कांग्रेस की विधायक थीं तो ससुर जी 1970 में आंध्र प्रदेश से ही कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. शादी के बाद निर्मला और उनके पति UK चले गए और जब निर्मला सीतारमण प्रेग्नेंट हो गयीं तो 1990 में वापस लौटे,  वे दोनों आंध्र प्रदेश के कोस्टल क्षेत्र नर्सपुरम में रहने लगे, उस समय निर्मला सीतारमण प्रेग्नेंट थीं इसलिए वे अपना देखभाल करने लगीं, वहीँ पर उन्होंने कुछ समय गुजारा और चेन्नई में एक बच्ची को जन्म दिया. जब उनकी डेलिवरी हुई थी तो राजीव गाँधी की हत्या हो गयी थी जिसकी वजह से पूरे तमिलनाडु में कर्फ्यू लग गया था, उन्हें एक हप्ते अस्पताल में ही गुजारने पड़े.

बच्ची के थोडा बड़ी होने के बाद निर्मला सीतारमण ने हैदराबाद में एक परवाना स्कूल की स्थापना की. स्कूल से ही उनका नाम सुर्ख़ियों में रहने लगा. स्कूल चलाने के अलावा वे 2003-2005 में NCW की सदस्य भी रहीं. इसी समय वो सुषमा स्वराज के संपर्क में आयीं. सुषमा ने उन्हें BJP ज्वाइन करने का ऑफर दिया और उन्होने स्वीकार कर लिया.

निर्मला सीतारमण ने 2006 में BJP ज्वाइन किया था.  उसके पहले उनके पति प्रभाकर 2001 में आंध्र प्रदेश के BJP के प्रवक्ता थे. बाद में उनके पति प्रभाकर चिरंजीवी द्वारा शुरू की गयी प्रजाराज्यम से प्रभावित हो गए और उन्होंने बीजेपी छोड़कर 2007 में प्रजाराज्यम पार्टी को ज्वाइन कर लिया हालाँकि कुछ समय बाद उनका मन प्रजाराज्यम पार्टी में नहीं लगा.

इधर BJP ज्वाइन करने के बाद निर्मला सीतारमण की पॉपुलैरिटी बढ़ने लगी. जब नितिन गडकरी बीजेपी के अध्यक्ष थे तो उन्होंने मर्च 2010 में निर्मला सीतारमण को बीजेपी के 6 राष्ट्रीय प्रवक्ताओं में शामिल कर लिया. उसके बाद निर्मला सीतारमण ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, वे हर टीवी चैनल पर बीजेपी का पक्ष रखने लगीं. वे मोदी के मुख्यमंत्री रहते समय दिल्ली से अधिक गुजरात में पॉपुलर हो गयीं. उन्होने 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी का सही तरीके से पक्ष रखा. इसी वजह से मोदी उनसे प्रभावित हुए और उन्हें 2016 में अपनी कैबिनेट में शामिल कर लिया. कैबिनेट में शामिल करने के बाद उन्हें आंध्र प्रदेश से राज्य सभा चुनाव लड़वाया गया जिसमें उनकी विजय हुई. वे अरुण जेटली के अंडर में वाणिज्य और वित्त राज्य मंत्री रहीं, उनके पास उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार भी था. आज 3 सितम्बर को उन्हें भारत का रक्षा मंत्री बना दिया गया है.
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