गोरखपुर कांड: हेल्थ मंत्री ने समय से दे दिए थे पैसे फिर भी बिहारी मरीज ने कर दी पुलिस में शिकायत

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गोरखपुर कांड में अब सब कुछ साफ़ हो गया है. लगभग पता चल चुका है की 65 बच्चों की असमय मौत कैसे हुई, पता चल चुका है कि BRD मेडिकल कॉलेज के प्रिसिपल राजीव मिश्रा, Encephalitis वार्ड के इंचार्ज डॉ कफील खान ने कमीशन के चक्कर में ऑक्सीजन सप्लायर की 66 लाख रुपये की पेमेंट रोक दी थी जिसकी वजह से कंपनी ने ऑक्सीजन रोक दी और बच्चों की मौत हो गयी.

इस मामले में यह भी साफ़ हो चुका है कि योगी सरकार ने कोई लापरवाही नहीं की क्योंकि उन्हें पेमेंट के लिए हॉस्पिटल की तरफ से 4 अगस्त को चिट्ठी मिली थी और उन्होने दूसरे ही दिन यानी 5 अगस्त को हॉस्पिटल के बैंक खाने में 2 करोड़ रुपये भेज दिए थे. पैसे मिलने के बाद भी प्रिंसिपल राजीव मिश्रा ने ऑक्सीजन सप्लायर को पांच दिन तक पैसे जारी नहीं किये और यही वजह 65 बच्चों की मौत का कारण बनी.

अब यह साफ़ हो चुका है कि योगी सरकार में स्वास्थय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन की तरफ से कोई लापरवाही नहीं हुई थी इसके बावजूद भी कुछ मीडिया की पेड ख़बरों से प्रभावित होकर बिहार के एक व्यक्ति ने स्वास्थय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन और प्रिंसिपल हेल्थ सेक्रेटरी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है.

बिहार के गोपालगंज के रहने वाले राजभर ने अपने बच्चे को BRD मेडिकल कॉलेज में 10 अगस्त को भर्ती कराया था लेकिन उसकी मौत हो गयी थी. राजभर ने अपने शिकायती पत्र में अपने बच्चे की मौत की वजह ऑक्सीजन सप्लाई बताया है और इसके लिए तीनों लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया है. उन्होंने अपनी शिकायत में ना तो डॉ कफील खान का नाम लिखा है और ना ही राजीव मिश्रा का नाम लिखा है. उन्होने यह भी आरोप लगाया है कि उनके बच्चे का बिना पोस्ट-मार्टम किये लाश दे दी गयी.
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