चुनाव आयोग ने साबित किया, ना बीजेपी का एजेंट हैं और ना मोदी का, सिर्फ कांग्रेस की चलती है वहां

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अब तक कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियाँ चुनाव आयोग पर मोदी और बीजेपी एजेंट होने का आरोप लगाती थीं, स्वयं कांग्रेस चुनाव आयोग पर ऐसे आरोप लगाती थी और हाल ही में उन्होंने मोदी के साथ मिलकर EVM टेम्परिंग के भी आरोप लगाए थे लेकिन आज चुनाव आयोग ने साबित कर दिया है कि वो ना तो बीजेपी का एजेंट है और ना मोदी का. वहां पर सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस की सुनी जाती है और बीजेपी की तो सुनी ही नहीं जाती.

कल गुजरात राज्य सभा चुनाव में दो कांग्रेसी विधायकों ने बीजेपी को दिया था और एक बीजेपी विधायक ने कांग्रेस को वोट दिया था. चुनाव आयोग ने दोनों कांग्रेसी विधायकों का वोट रद्द कर दिया लेकिन उस बीजेपी विधायक का वोट रद्द नहीं किया जिसनें कांग्रेस को वोट दिया था. अगर चुनाव आयोग बीजेपी के साथ भेदभाव ना करता तो गुजरात की तीसरी राज्य सभा सीट भी बीजेपी की झोली में जाती लेकिन ऐसा नहीं हो सका और कांग्रेस के उम्मीदवार अहमद पटेल चुनाव जीत गए.

इससे पहले कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत करके बीजेपी को वोट देने वाले राघवजी पटेल और गोलाभाई का वोट रद्द करवा दिया, इसके बाद बीजेपी ने भी अपने विधायक नलिन कोटाडिया के खिलाफ शिकायत की जिसनें कांग्रेस को वोट दिया था लेकिन चुनाव आयोग ने बीजेपी की मांग को ख़ारिज कर दिया जिसकी वजह से अहमद पटेल चुनाव जीत गए.

चुनाव आयोग के फैसले से विजय रुपानी नाराज

गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी चुनाव आयोग के फैसले से नाराज हैं, उन्हें चुनाव आयोग से ऐसे पक्षपात की उम्मींद नहीं थी इसलिए अब उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कोर्ट में जाने के ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने गलत निर्णय लिया है इसलिए हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और न्याय के लिए न्यायलय का दरवाजा खटखटाएंगे.

उन्होंने उन आरोपों का भी खंडन किया जिसमें बीजेपी पर पॉवर और पैसे के दुरूपयोग की बात की जा रही है, उन्होंने कहा कि कांग्रेस के आरोप गलत हैं, उन्होंने खुद पॉवर और पैसे का इस्तेमाल किया है और अपने विधायकों को बैंगलोर में होटल में ऐशो-आराम करवाया है.
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1 comments:

  1. चुनाव आयोग पहले भी कब न्याय करता थ जो अब उससे न्याय कि उम्मीद कि जा रही थी ! ये हमारे देश का दुर्भाग्य ही है कि सभी संबैधानिक संस्थाओं के शीर्ष पदों पर कांग्रेस के दलाल काबिज हो रखे है या यो कहें कि कांग्रेस ने अपनी सरकारों के दौरान निकम्मों और अयोग्य लोगों को ऐसे पदों पर नियुक्त किया है ताकि जरूरत पड़ने पर वे कांग्रेस के अहसानों को उतार सकें ! जैसा कि चुनाव आयोग ने करके दिखाया है ! चुनाव आयोग ही नहीं हमारे देश के कई न्यायाधीश भी ऐसी ही कांग्रेसी मेहरबानी से उच्च पदों पर बैठे हैं जिनके कारण ही हमारा न्यायिक संसथान अपंग सा महसूस होता है और यहाँ कई सैलून तक लोगों को न्याय से महरूम रखा जाता है ! वैसे हमारे देश का आम ईमानदार इन्सान तो न्यायपालिका कि इसी खूबी के कारण न्यायालय जाना ही पसंद नहीं करता है क्योंकि उसे न्याय मिलने की उम्मीद ही नहीं होती ! जो लोग मजबूरी में न्यायालय जाते भी हैं वे बाद में कई सैलून तक न्याय न मिलने से पछताते हैं कि यहाँ आकर गलती कर दी ! और ये सब कांग्रेस के द्वारा अपनी लूट खसोट को न्यायिक पर्दा डालने के लिए न्यायालयों को अपंग बनाया गया जिसका सबूत लालू सरीखे कई चोरों का देश के साथ मचाई लूट के बाबजूद ऐस करना है !

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