कुमार विश्वास से बोले कपिल मिश्रा, आप राजस्थान के प्रभारी बन गए तो भ्रष्टाचार पर चुप हो गए

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New Delhi, 24 June: आम आदमी के बागी विधायक और दिल्ली के पूर्व जल मंत्री कपिल शर्मा ने आज कुमार विश्वास पर भी खतरनाक शब्दवाण छोड़कर उन्हें क्लीनबोल्ड कर दिया है, कपिल मिश्रा ने कुमार विश्वास के नाम पर खुला ख़त लिखकर उनकी आत्मा को झकझोरने का प्रयास किया है, कपिल मिश्रा ने कहा कि हमने तो आपका साथ देने के लिए बगावत शुरू की थी, हमनें सोचा था कि केजरीवाल आप पर एक्शन लेंगे आपको भ्रष्टाचार पर बोलने की सजा देंगे इसलिए आपका साथ देना चाहिए लेकिन आपने बंद कमरे में केजरीवाल से सेटिंग कर ली, आपको राजस्थान का प्रभारी बना दिया गया और आपने भ्रष्टाचार पर चुप्पी साध ली. ऐसे कैसे चलेगा.

पढ़ें कपिल मिश्रा का कुमार विश्वास को खुला ख़त

आदरणीय कुमार भाई, 
आपको ये बातें पत्र के माध्यम से लिख रहा हूँ और सार्वजनिक भी करूँगा इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ. आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में इन बातों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा आवश्यक है, यही धर्म है.

सबसे पहले एक दिल की बात कहना चाहता हूँ, जिस प्रकार से अरविन्द केजरीवाल के साथ रहने वाले, 24 घंटे CM हाउस में रहने वाले कुछ दरबारियों एवं विदूषकों के द्वारा ट्विटर पर, सड़क पर और मीडिया में, बार बार आपको अपमानित किया जा रहा है वो पीड़ादायक है, माफ़ करने योग्य नहीं है, और उसका प्रतिउत्तर किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति द्वारा दिया जाना अत्यंत आवश्यक है. 

ऐसा भी नहीं कि आपके द्वारा ये सब कुछ पूरी तरह से नजरअंदाज किया जा रहा हो, आपके साथियों द्वारा मीडिया पर और आपके द्वारा भी अपरोक्ष रूप से ट्विटर और बयानों के माध्यम से कुछ कुछ कहा तो जा रहा है पर सीधे कहने से बचने की एक कोशिश, बाद में समझौते की एक खिड़की खोल कर रखने की बेचैनी दिखती है.

ऐसा लगता है बस थोड़ा बहुत कुछ इशारा करके, पूरी बात को बिना कहे, दबाव बनाकर किसी और मुद्दे पर पिछली बार की तरह बंद कमरों में समझौता करने का प्रयास है. उदाहरण के लिए, जब आप 5-6 लोगों की राजमहलीय राजनीति कहते हो तब आप उनके नाम क्यों नहीं बताते, क्या कार्यकर्ताओं और जनता को उनके नाम जानने का हक नहीं है.

पिछले कुछ समय में पार्टी एवं सरकार में भ्रष्टाचार पर आपने खुलकर आवाज उठाई, जब 'We the Nation वीडियो में आपने खुलकर कहा कि अरविन्द केजरीवाल भ्रष्टाचार पर मौन हैं तो बहुत बवाल उठा था. अपने घर में कई लोगों के सामने आपने कहा कि आप सत्येन्द्र जैन के भ्रष्टाचार के खिलाफ इशारा कर रहे हैं और इसको स्वीकार नहीं करेंगे, इसके बाद कई विधायक और कार्यकर्त्ता खुलकर आपके साथ आ गए.

आपने कई टीवी चैनल पर लगातार इंटरव्यू दिए, जिन 27 विधायकों ने खुलकर आपके घर आकर आपका साथ देना का भरोसा दिया उनको लगा कि आप भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ करोगे, कार्यकर्ताओं को भी आपमें कुछ आशा की किरण नजर आयी, मैंने भी खुलकर आपका साथ दिया, खासतौर पर जब अमानतुल्ला के माध्यम से आपके खिलाफ साजिश शुरू की गयी, मुझे लगा कि भ्रष्टाचार पर बोलने की सजा शायद आपको दी जाएगी इसलिए हमें खुलकर आपका साथ देना चाहिए.

उसके बाद जो हुआ, वो हैरान कर देने वाला था. अरविन्द केजरीवाल आपके घर आते हैं, आप उठकर उनके घर जाते हैं, हम सब और मीडिया वाले भी आपके पीछे आते हैं, वहां बंद कमरे में मीटिंग होती है, आप, अरविन्द केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह, बस और कोई नहीं.

किसी को कुछ नहीं बताया जाता और अगले दिन आप बन जाते हैं राजस्थान के प्रभारी. भ्रष्टाचार के सारे सवाल ख़त्म हो जाते हैं, उस दिन से आप विल्कुल चुप, सवाल शुरू हुआ था केजरीवाल की भ्रष्टाचार पर चुप्पी से और ख़त्म होता है आपके राजस्थान के प्रभारी बनने पर.

ये क्या था? उस मीटिंग में ऐसा क्या हुआ था? आप भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हो गए? Back to Basic का मतलब क्या घोटालों और भ्रष्टाचार पर चुप्पी?

उसके बाद से आप चुप हो, सत्येन्द्र के घोटालों पर जिसकी अधिकतर जानकारी आपके पास है, मैंने भी और सबूत देने की कोशिश की लेकिन आपने लिए ही नहीं.

मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार की जांच चल रही है लेकिन आप चुप हैं, केजरीवाल के परिवार के 10 करोड़ रुपये के फर्जी बिल पकडे गए पर आप चुप हैं. पार्टी के चंदे में करोड़ों रुपये के हवाला के सबूत हैं पर आप चुप हैं. सत्येन्द्र जैन ने 200 बीघा बेनामी जमीन खरीदी लेकिन आप चुप हैं, दवाई में, एम्बुलेंस में, CNG में घोटालों के मामले सामने आये लेकिन आप चुप हैं, केजरीवाल के गैंग पर भ्रष्टाचार की 15 FIR दर्ज हो गयी लेकिन आप चुप हैं.

पार्टी के अकाउंट में फर्जीवाड़े के कारण इनकम टैक्स और चुनाव आयोग का नोटिश आया पर आप चुप हैं, आखिर क्यों? ये कौन सा Back to Basic है?

आप दिल्ली की जनता और कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाये बगैर राजस्थान में कैसे जा सकते हो? क्या सिखाएंगे हम राजस्थान के साथियों को? चुनाव लड़ो, सरकार बनाओ और भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दो. अपने ही वरिष्ठ नेताओं को राज्यसभा सीट के लिए जानवरों की तरह लड़ते हुए देखो.

दिल्ली के कार्यकर्ताओं से, ऑटो टैक्सी वालों से, युवाओं से, जनता से धोखा हुआ है और आप चल दिए राजस्थान. ऐसे कैसे चलेगा, आपने भी तो दिल्ली वालों से वोट मांगे थे. आपकी कोई नैतिक जिम्मेदारी नहीं है.

सभी कार्यकर्त्ता एवं विधायक कई दिनों से इन्तजार कर रहे हैं कि आप भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ बोलेंगे. कल से आपके भाषण का बड़ी उम्मीदों से इन्तजार है. हम सबको आशा है कि कल आप सत्येन्द्र जैन के घोटालों पर, केजरीवाल के परिवार द्वारा फर्जीवाड़े पर, चंदे की गड़बड़ी पर जरूर बोलेंगे तभी होगा असली Back to Basic.

बिना दिल्ली को न्याय मिले, राजस्थान से धोखा नहीं होने देंगे हम. कल India Against Corruption का एक डेलिगेशन भी जयपुर आएगा. आपको सुनने, देखने कि आप भ्रष्टाचार पर बोलते हैं या चुप रह जाते हैं. प्रभात कुमार के नेतृत्व में एक डेलिगेशन 160000 पन्नों के सबूतों के साथ आपको कल 12 बजे के आसपास जयपुर में मिलेगा.

उम्मीद है कि आप कल सबूत लेने से इनकार नहीं करेंगे. आशा है आप दिल्ली की सरकार एवं पार्टी के भ्रष्टाचार पर कल खुलकर बोलेंगे.

एक बात कहना चाहता हूँ भैया, दिल्ली की जनता को न्याय दिलाए बगैर आपको राजस्थान तो क्या, देश में कहीं भी जनता को धोखा देने नहीं जाने देंगे हम. जिस प्रकार से दिल्ली को लूटा गया है उस प्रकार से राजस्थान को नहीं लूटने देंगे. कल आपसे निवेदन है कि भ्रष्टाचार पर जरूर बोलियेगा. 

आपका अनुज. कपिल मिश्रा.
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Delhi

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