मुस्लिम महिलाओं का ‘तीन तलाक और हलाला’ जारी रहना चाहिए, सुनवाई बंद करे SC: कपिल सिब्बल

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New Delhi: कांग्रेस पार्टी में एक से बढ़कर एक वकील हैं जिसमें सबसे बड़ा नाम है कपिल सिब्बल का, कपिल सिब्बल भले ही कांग्रेस के बड़े नेता हैं और वे केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं लेकिन वे पैसा कमाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं और किसी भी हद तक गिरने को तैयार रहते हैं और गिर भी जाते हैं.

मुस्लिम संस्था आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने तीन तलाक़ पर सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए कपिल सिब्बल को अपना वकील बनाया है, कपिल सिब्बल की सुप्रीम कोर्ट में बहुत चलती है, उनके आगे बड़े बड़े जजों की बोलती बन हो जाती है, कल उन्होंने अपना जलवा दिखाते हुए तीन तलाक के समर्थन में अजीब अजीब तर्क रखकर करोड़ों मुस्लिम महिलाओं को दुखी कर दिया.

कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि तीन तलाक़ मुस्लिमों की आस्था से जुड़ा मामला है, जिस तरह से हिन्दू लोग भगवान राम में आस्था रखते हैं, अगर अयोध्या में राम का जन्म आस्था का विषय हो सकता है तो मुस्लिमों में तीन तलाक़ आस्था का विषय क्यों नहीं हो सकता, सुप्रीम कोर्ट को तीन तलाक़ मामले पर सुनवाई रोकनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों में तलाक और हलाला पिछले 1400 वर्षों से जारी है इसलिए आगे भी इसे जारी रखना चाहिये.

पहले भी दे चुके हैं रामसेतु पर विवादास्पद बयान

ऐसा नहीं है कि कपिल सिब्बल ने पहली बार विवादास्पद तथ्य रखे हैं, इससे पहले UPA-2 सरकार में केंद्रीय मंत्री रहते हुए उन्होने कोर्ट में राम सेतु का अस्तित्व मानने से ही इनकार कर दिया था, उन्होंने कहा था कि रामसेतु जैसी कोई चीज नहीं है, यह एक कोरी कल्पना है. उस समय कपिल सिब्बल केन्द्रीय मंत्री होने के साथ साथ केंद्र सरकार के वकील भी थे.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मुस्लिमों में तीन तलाक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 11 मई से सुनवाई चल रही है, इस मामले की पैरवी करने के लिए AIMPLB ने कपिल सिब्बल को अपना वकील बनाया है. आज भी इस मामले की सुनवाई होगी और कुछ ही दिनों में अंतिम फैसला आ जाएगा.
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