तिरुवनंतपुरम, 3 मार्च: 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' के बाद अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने मलयालम फिल्म 'का बॉडीस्केप्स' को प्रमाण-पत्र देने से इनकार कर दिया है। बोर्ड का कहना है कि फिल्म समलैंगिक संबंधों का महिमामंडन करती है। फिल्म के निर्देशक जयन चेरियन ने गुरुवार को फेसबुक पर पोस्ट किया, "यह आधिकारिक है, पहलाज निहलानी (सीबीएफसी अध्यक्ष) ने मेरी फिल्म को प्रमाण-पत्र देने से मना कर दिया।"
चेरियन ने सीबीएफसी से मिले उस पत्र को भी साझा किया, जिसमें इसे प्रमाण-पत्र नहीं देने की वजह बताई गई है। इसमें कहा गया है, "दूसरी पुन:निरीक्षण समिति ने पाया कि फिल्म में समलैंगिक संबंधों का महिमामंडन किया गया है.. फिल्म में नग्नता परोसी गई है।"
पत्र में कहा गया है, "फिल्म में हिंदू धर्म को अपामानजनक तरीके से दर्शाया गया है। खासकर भगवान हनुमान का निरादर किया गया है। उन्हें समलैंगिक के रूप में दिखाया गया है, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं और समाज में कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती है।"
फिल्म की तीन युवाओं समलैंगिक चित्रकार हैरिस, ग्रामीण कबड्डी खिलाड़ी विष्णु और उनकी दोस्त सिया के इर्द-गिर्द घूमती है।
इससे पहले लिपस्टिक अंडर माय बुर्का फिल्म को भी सेंसर बोर्ड ने बैन कर दिया, इस फिल्म में मुस्लिम महिलाओं को बुर्के के पीछे छपकर आधुनिक रूप में दिखाया गया है और कई सेक्सी सीन भी हैं।
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