Amethi, 24, January: उत्तर प्रदेश चुनाव में सबसे दिलचस्प और कांटे की जंग अमेठी में होने वाली है क्योंकि यहाँ पर राजा संजय सिंह की दोनों रानियाँ गरिमा सिंह और अमीता सिंह आपने सामने हैं। संजय सिंह कांग्रेस से राज्य सभा सांसद हैं, अमिता सिंह भी कांग्रेस से पूर्व विधायक और मंत्री रही हैं लेकिन इस बार उन्हें अमेठी से टिकट नहीं मिला इसलिए उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अमेठी से ही समाजवादी के मौजूदा विधायक गायत्री प्रसाद प्रजापति भी चुनाव लड़ रहे हैं इसलिए मुकाबला त्रिकोणीय होने वाला है।
संजय सिंह गरिमा सिंह को छोड़ चुके हैं और दूसरी पत्नी अमिता के साथ रहते हैं, गरिमा सिंह भी एक ही राजमहल में रहती हैं लेकिन वे संजय सिंह से अलग रहती हैं। बीजेपी ने गरिमा सिंह को टिकट देकर मास्टरस्ट्रोक खेला है क्योंकि अमिता सिंह को टिकट नहीं मिला, अगर वे अमेठी से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी तो कांग्रेस के गठबंधन के साझीदार समाजवादी पार्टी को नाराज करेंगी।
समाजवादी पार्टी के विधायक गायत्री प्रसाद प्रजापति का नाम घोटाले में आ चुका है इसलिए अमेठी की जनता उन्हें सबक सिखा सकती है ऐसे में वोटरों का झुकाव गरिमा सिंह की तरफ हो सकता है क्योंकि पिछली बार भी कांग्रेस की तरफ से अमिता सिंह मैदान में थीं लेकिन अमेठी की जनता से उन्हें सबक सिखाने के लिए सपा के गायत्री प्रसाद प्रजापति को वोट दिया था। इस बार हो सकता है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति और अमिता सिंह को सबक सबक सिखाने के लिए अमेठी के लोग गरिमा सिंह को वोट दें, वैसे अमेठी के ज्यादातर लोग गरिमा सिंह से अधिक सहानुभूति रखते हैं क्योंकि संजय सिंह उन्हें छोड़कर दूसरी शादी कर चुके हैं।
बीजेपी ने बहुत चालाकी से गरिमा सिंह को मैदान में उतारा है, वे पहली बार चुनाव मैदान में उतर रही हैं, टिकट के लिए उनके बेटे अनंत सिंह ने भी दावेदारी जताई थी लेकिन बीजेपी ने गरिमा सिंह को तरजीह दी क्योंकि अमेठी के वोटरों की सहानुभूति गरिमा सिंह के लिए अधिक है। अगर सब कुछ सही रहा तो अमेठी में पहली बार कमल खिलेगा। अगर ऐसा हो गया तो बीजेपी अगली बार लोकसभा सीट से भी राहुल गाँधी को साफ़ कर देगी।
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