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मायावती से बोले श्रीकांत शर्मा, जातिवाद की राजनीति करके लोगों को आपस में लड़ाना गन्दी बात है

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New Delhi: आज उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और बीजेपी नेता श्रीकांत शर्मा ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि वे जातिवाद की राजनीति करने से बाज आयें, लोगों को आपस में लड़ाना बंद करें और योगी आदित्यनाथ सरकार के शान्ति के प्रयासों में आग ना लगाएं,

शर्मा ने कहा कि मायावती ने अब तक दलितों के नाम पर बहुत राजनीति की है, वे सत्ता पाने के लिए दलितों का इस्तेमाल करती हैं लेकिन जब सत्ता में आती हैं तो दलितों को भूल जाती हैं.

उन्होंने कहा कि सहारनपुर में दो ग्रुपों के बीच झड़प के बाद हमारी सरकार शान्ति का प्रयास कर रही है तो मायावती फिर से आग लगाने के लिए सहारनपुर पहुँच गयीं, हमारे शान्ति के प्रयास उन्हें हजम नहीं हो रहे हैं, वे चाहती हैं कि लड़ाई जारी रहे, दंगे जारी रहें इसीलिए उन्होंने सहारनपुर का दौरा किया है और आग लगाने की कोशिश की है.

उन्होंने मायावती को सलाह देते हुए कहा कि अब जातिवाद ना फैलाएं, राज्य में शान्ति स्थापित होने दें, जातियों में भेदभाव करना बंद करें.

जानकारी के लिए बता दें कि सहारनपुर में कुछ दिन पहले ठाकुरों और दलितों के बीच झड़प हुई थी जिसमें एक युवक की मौत हो गयी थी जबकि कई घायल हुए थे, इस घटना से मायावती को एक बार फिर से दलित राजनीतिकरने का मौका मिल गया है. आज उन्होंने घटनास्थल का दौरा किया और दलितों से मुलाक़ात की.

प्रतापगढ़ के District Magistrate Sharad Kumar Singh कर रहे हैं योगी के आदेश का खुलेआम उल्लंघन

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Pratapgarh: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए सबसे बड़ा खतरा उनके ही नौकरशाह हैं, उत्तर प्रदेश में अभी भी करीब 80 फ़ीसदी अधिकारियों को भ्रष्टाचार की अदात है, खा खा कर इन लोगों को इतनी चर्बी चढ़ गयी है कि आसानी से उनकी अदात जाने वाली नहीं है.

आप खुद सोचिये, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दे रखा है कि सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक अपने दफ्तर में अपनी कुर्सी पर मौजूद रहें, वे किसी भी वक्त उन्हें फोन कर सकते हैं, लेकिन अभी भी कई जिलाधिकारी पुराने जमाने में ही जी रहे हैं और उन्हीं में से एक हैं प्रतापगढ़ के जिलाधिकारी शरद कुमार सिंह.

शरद कुमार सिंह खुलेआम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं, ये सिर्फ 2 घंटे ऑफिस में बैठते हैं, जनता से सिर्फ दो घंटे मिलते हैं, उसके बाद अपने आवास पर आराम फरमाते हैं. लगता है कि या तो इनके सर पर किसी बड़े नेता का हाथ है या इन्हें किसी का डर नहीं है तभी तो ये योगी के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं.

इनकी दबंगई देखिये, इन्होने अपने ऑफिस के बाहर भी लिख रखा है कि ये सिर्फ दो घंटे जनता से मिलेंगे, सिर्फ 9-11 बजे तक ही ऑफिस में रहेंगे, सिर्फ दो घंटे में ये इतने थक जाते हैं कि अपने आवास पर विश्राम करते हैं. वाह DM थी, बहुत बढ़िया. तभी तो प्रतापगढ़ जिले की ये हालत है, जब ऐसे अधिकारियों के जिम्मे पर जिला कर दिया जाएगा तो यही हाल होगा, हर जगह लूट हो रही है, हर जगह भ्रष्टाचार हो रहा है, कभी कभी तो इनके दफ्तर के ही कर्मचारी खुलेआम घूस मांगते हैं.

कल एक पीड़ित धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय गैस एजेंसी के खिलाफ गैस चोरी की शिकायत लेकर आये तो DM अपनी सीट से गायब थे और अपने आपास पर आराम फरमा रहे थे, पीड़ित ने अपनी शिकायत दफ्तर में जमा करा दी तो कर्मचारी ने कहा कि अगर साहब को मौका मिलेगा तो देखेंगे, अगर घूस दे दो तो जल्दी काम हो जाएगा, पीड़ित ने घूस नहीं दिया और गैस चोरी का शिकायत पत्र वहीँ छोड़ दिया, अब देखना है कि गैस एजेंसी के खिलाफ एक्शन होता है या नहीं.

योगीराज में अब हेलमेट नहीं पहनेंगे तो नहीं मिलेगा पेट्रोल, कल लखनऊ से शुरुआत

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Lucknow: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला करते हुए हेलमेट ना पहनने वालों को पेट्रोल देने से मना कर दिया है, फिलहाल कल से लखनऊ से इसकी शुरुआत हो रही है, अगर प्रयोग सफल रहा तो पूरे राज्य में इसे लागू किया जाएगा.

जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, वहां पर ट्रैफिक नियमों की सबसे ज्यादा अनदेखी होती है, योगी सरकार चाहती है कि सभी लोग सड़क पर वाहन दौड़ाते समय हेलमेट पहनकर रखें, इसीलिए सरकार ने फैसला किया है कि हेलमेट ना पहनने वालों को पेट्रोल ही नहीं दिया जाएगा.

योगी सरकार का ये फैसला बहुत बढ़िया है, अब देखना यह है कि इसका कुछ असर पड़ता है या नहीं, लोग हेलमेट पहनना शुरू करते हैं या नहीं और सड़क दुर्घटना में कमीं आती है या नहीं.

सावधान, मोदीराज में गैस चोरी करने के लिए एजेंसी मालिकों ने ढूंढा नया उपाय, हमने किया पर्दाफाश

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New Delhi: तीन साल पहले देश में जब मोदी सरकार बनी थी तो उन्होंने तत्काल कदम उठाते हुए गैस की कालाबाजारी और सरकारी सब्सिडी की अवैध लूट को बंद करवाकर जनता को बहुत बड़ी राहत दी थी लेकिन अब एजेंसी मालिकों ने जनता को लूटने का नया तरीका खोज लिया है, इस तरीके से एजेंसी मालिक सीधा जनता को ही लूट रहे हैं, पहले वे सरकार को लूटकर गरीबों को मिलने वाली सब्सिडी खुद खा जाते थे लेकिन जब से सरकार ने आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़कर बैंक में सब्सिडी के पैसे डालने शुरू कर दिए, एजेंसी मालिकों की लूट बंद हो गयी.

मोदी सरकार ने काम तो जबरजस्त किया लेकिन अब एजेंसी मालिकों ने सरकार की बजाय जनता को ही लूटना शुरू कर दिया है, हर सिलेंडर में 2 किलो गैस निकालकर नकली सील लगा दिया जाता है, देहात एरिया में 80 फ़ीसदी एजेंसी मालिक ग्राहकों को तौलकर भरा हुआ सिलेंडर नहीं देते क्योंकि सिलेंडर से पहले ही गैस चोरी करके गैस निकाल ली जाती है और नकली सील लगा दिया जाता है या कहीं से सील को मैनेज किया जा रहा है. ग्राहक कम गैस वाला सिलेंडर लेकर घर जाते हैं, हर आदमी के घर में तौलने की मशीन नहीं होती इसलिए लोगों को पता ही नहीं चलता कि उन्हें गैस कम मिली है, नतीजा यह होता है कि जो सिलेंडर 1 महीनें में ख़त्म होना चाहिए वह सिलेंडर केवल 22-25 दिन में ख़त्म हो जाता है और लोग अपनी पत्नियों को बुरा भला कहते हैं.

हाल ही में हमनें गैस चुराने वाली एजेंसी का पर्दाफाश किया है, उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के अंतू-बाबूगंज रोड पर Siddhi Vinayak Indane Service नामक एक गैस एजेंसी है. यह एजेंसी रवींद्र सिंह की है जिसके सर पर बीजेपी नेताओं का हाथ है. बगल में ही अंतू थाना है लेकिन एजेंसी मालिक को ना थाने का डर है और ना ही पुलिस का क्योंकि पुलिसवाले 2 मिनट में बिक जाते हैं या उन्हें बीजेपी नेताओं का फोन आ जाता है.

हमारे सामने एक ग्राहक सिलेंडर लेकर घर आया और उसका वजन किया तो 2.5 किलोग्राम गैस कम निकली, ग्राहक ने एजेंसी पर बात की तो एजेंसी वाले ने कहा कि आप दूसरा सिलेंडर ले जाओ, ग्राहक से सोचा कि उसे तो गैस पूरी मिल जाएगी लेकिन एजेंसी मालिक ऐसे ही जनता को लूटता रहेगा. इसके बाद ग्राहक ने पुलिस में शिकायत की, पुलिस वाले ग्राहक के साथ एजेंसी पर गए और उनके कांटे से गैस तौला तो गैस वाकई में 2.5 किलोग्राम कम थी. इसके बाद पुलिस ने एजेंसी मालिक को बुलवाया. एजेंसी मालिक ने बीजेपी नेता से पुलिस वाले को फोन करवाया तो पुलिस वाला ढीला पड़ गया और ग्राहक से एजेंसी मालिक को एक मौका देने की मांग की, ग्राहक भी मान गया और शिकायत वापस ले ली.

ग्राहक ने शिकायत भले ही वापस ले ली लेकिन देखते ही देखते यह बात गाँव में फैसले लगी, कई लोग गैस लेकर आये और घर पर तौला तो सबकी गैस कम निकलने लगी. धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय नामक एक ग्राहक ने भी गैस ली और उसे घर आकर तौला तो 2.1 किलो गैस कम निकली. हैरानी इस बात की थी कि सभी सिलेंडरों पर सील लगी होने के बावजूद भी गैस कम थी इसका मतलब है कि एजेंसी मालिकों के पास नकली सील है और ये लोग असली सील खोलकर गैस निकाल लेते हैं और उसके बाद नकली सील लगा देते हैं, ग्राहक सोचता है कि सील लगा है तो गैस भी पूरी होगी, एजेंसी वाले ना तो खुद गैस तौलकर देते हैं और ना ही इलेक्ट्रॉनिक काँटा रखते हैं, जब ग्राहक तौलने की मांग करता है तो उसे डपट दिया जाता है.

धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय ने Siddhi Vinayak Indane Service गैस एजेंसी को सबक सिखाने का मन बनाया और सिलेंडर के साथ पुलिस थाने जा पहुंचे लेकिन पुलिस को एजेंसी मालिक ने पहले ही खर्च दे दिया था इसलिए अंतु थाने के दरोगा हरपाल सिंह यादव ने शिकायत सुनने से ही इंकार कर दिया जबकि एक दिन पहले दूसरे ग्राहक की शिकायत पर पुलिस वाले एजेंसी पर गए थे, इस बार दरोगा ने शिकायत ही नहीं सुनी क्योंकि एजेंसी मालिक ने उन्हें खर्चा दे दिया था, दरोगा ने धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय को जिला पूर्ती अधिकारी (District Supply Inspector) के पास भेजा. ये अधिकारी जिला मुख्यलाय में बैठते थे जो कि एजेंसी से करीब 25 किलोमीटर दूर है.

ग्राहक भरी गर्मी में सिलेंडर के साथ जिला पूर्ती अधिकारी के दफ्तर पहुंचा लेकिन वहां पर अधिकारी मिले ही नहीं, योगी सरकार ने सभी अधिकारियों को दफ्तर में मौजूद रहने का आदेश दिया है लेकिन अधिकारी साहब अपने आवास पर आराम फरमा रहे थे. वहां के कर्मचारियों ने धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय को DM के पास भेजा.

इसके बाद धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय जिलाधिकारी शरद कुमार सिंह के दफ्तर आये लेकिन वे भी अपनी सीट पर नदारद थे और अपने आवास पर आराम फरमा रहे थे, आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि सुबह 9 से शाम 6 बजे तक दफ्तर में मौजूद रहें लेकिन प्रतापगढ़ के DM शरद कुमार सिंह ने साफ़ साफ़ बोर्ड लगा रखा है कि वे सिर्फ 9-11 यानी सिर्फ 2 घंटे ही दफ्तर में मौजूद रहेंगे, उसके बाद ये अपने आवास पर आराम फरमाते हैं. देखिये -
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फिलहाल धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय ने अपनी शिकायत DM कार्यालय में दे दी है, अब देखना है कि एजेंसी मालिक पर एक्शन लिया जाता है या DM भी घूसपानी लेकर बैठ जाते हैं क्योंकि DM साहब घूसखोरी के लिए मशहूर हैं.

अगर एजेंसी मालिक पर कार्यवाही हुई तो कई बड़े खुलासे होंगे क्योंकि सरकार को पता चलेगा कि नकली सील कौन बना रहा है, कहीं यह गोरखधंधा सभी एजेंसी मालिक तो नहीं कर रहे हैं क्योंकि जिस तरफ से चिप लगाकर पेट्रोल पम्प वाले पेट्रोल चोरी कर रहे थे, हो सकता है कि सभी गैस एजेंसी मालिक नकली सील लगाकर सिलेंडर से गैस चोरी कर रहे हों, अगर यह बात साबित हो गयी तो इसे देश के साथ धोखा माना जाएगा.
देखिये: गैस चोरी का सबूत (VIDEO)

घोषणाएं करके चले जाते हैं खट्टर, उन्हें पूरा कराने के लिए आमरण-अनशन पर बैठते हैं लोग

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पलवल हरियाणा: करीब एक साल पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पलवल का दौरा किया था और बड़ी बड़ी घोषणाएं करके जनता को खुश कर दिया था, इन घोषणाओं में हसनपुर गाँव में यमुना नदी पर एक पुल की भी घोषणा की गयी थी लेकिन खट्टर ये घोषणा करके भूल गए, एक साल बाद भी जब काम की शुरुआत नहीं हुई तो हसनपुर के एक युवक पवन शर्मा आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.

पवन शर्मा ने धरने पर बैठते समय पत्र में लिखा है कि - मेरे पलवल, होडल और हसनपुर क्षेत्र के निवासियों, हसनपुर में जब तक यमुना पुल का शिलान्याश नहीं होगा, तक तक मैं आमरण अनशन पर बैठूँगा और जल-पान, खाना पीना नहीं करूँगा.

उन्होंने दूसरी मांग बताते हुए कहा - ब्रज 84 कोस परिक्रमा मार्ग में कीचड़ व गन्दगी ना हो और सड़क पक्की होनी चाहिए, मुख्यमंत्री साहब से जो घोषणाएं की हैं उसे पूरी करें.

पवन शर्मा ने कहा है कि अगर मैं आमरण अनशन के बाद मर भी जाऊं तो शरीर को जलाया ना जाए बल्कि ब्रिज मार्ग में दफना दिया जाय ताकि मैं ब्रज भक्तों के चरणों की धुल बनूँ.