आतंकवाद और दंगों के आरोपी PFI पर मोदी सरकार ने लगाया बैन, सहयोगी संगठन भी प्रतिबंधित किये गए

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कटटर इस्लामिक संगठन 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इण्डिया ( पीएफआई ) पर मोदी सरकार ने बैन लगा दिया है, इसके आलावा पीएफआई के कई सहयोगी संगठनों को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है, हाल ही में देश के कई राज्यों में NIA ने छापेमारी की थी, 300 से ज्यादा पीएफआई के गुर्गों की गिरफ़्तारी हुई थी, जिसके बाद सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए इस संगठन पर ही प्रतिबंध लगा दिया। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के अलावा रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, NCHRO, नेशनल वीमेंस फ्रंट , जूनियर फ्रंट और एम्वायर इंडिया फाउंडेशन को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है.

अधिसूचना में केंद्र सरकार ने कहा कि पीएफआई कई आपराधिक और आतंकी मामलों में शामिल है, यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है। सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ते हैं और आतंक-आधारित प्रतिगामी शासन को प्रोत्साहित करते हैं। वैश्विक आतंकवादी संगठनों के साथ पीएफआई के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के कई उदाहरण हैं और पीएफआई के कुछ कार्यकर्ता ISIS में शामिल हो गए हैं.

केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि "विभिन्न मामलों में जांच से पता चला है कि पीएफआई और उसके कार्यकर्ता बार-बार हिंसक और विध्वंसक कृत्यों में लिप्त रहे हैं। पीएफआई द्वारा किए गए आपराधिक हिंसक कृत्यों में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटना, अन्य धर्मों को मानने वाले संगठनों से जुड़े लोगों की निर्मम हत्याएं शामिल हैं।

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