क्या? शराब नीति में हुए भ्रष्टाचार से ध्यान भटकाने के लिए 'AAP' ने फैलाई विधायक तोड़ने की अफवाह

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जबसे सीबीआई ने दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में घोटाले के आरोपों के बाद मनीष सिसौदिया के घर पर छापेमारी की है तबसे AAP के कई नेताओं को जेल जाने का डर सताने लगा है, एक तरफ भाजपा और कांग्रेस शराब नीति में केजरीवाल सरकार पर भारी भ्रस्टाचार का आरोप लगा रही है, वहीँ 'आम आदमी पार्टी' इस मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए लगातार तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है. 

शराब नीति में भ्रस्टाचार के आरोप लगने के बाद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया शिक्षा नीति का गुणगान कर रहे थे, लेकिन इससे बात नहीं बनी तो भाजपा पर सरकार गिराने का आरोप लगाकर मुद्दे को डायवर्ट करने में जुट गए, पहले मनीष सिसोदिया ने दावा किया कि भाजपा उन्हें खरीदने की कोशिश कर रही है, उसके बाद आरोप लगाया कि भाजपा 'AAP' विधायकों को 20-20 करोड़ का ऑफर देकर केजरीवाल सरकार को गिराना चाहती है. हालाँकि सिसोसिया ने ऐसा कोई सबूत सार्वजनिक नहीं किया जिससे यह साबित हो सके कि भाजपा 'AAP' विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है.

आपको बता दें कि 'दिल्ली में कुल 70 विधायक हैं, 'आम आदमी पार्टी' के 62 विधायक हैं और भाजपा के पास 8 विधायक हैं, सरकार बनाने के लिए 36 विधायकों की जरूरत है, AAP विधायक दल में टूट के लिए 47 विधायकों को अलग होना होगा। 10 -12 विधायक तो बिक भी सकते हैं लेकिन एक साथ 47 विधायकों को तोड़ना आसान काम नहीं है, ये तभी संभव है जब कोई दमदार नेता लगभग पूरी पार्टी ही लेकर चला जाये। जैसा महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे ने किया, फ़िलहाल आप में ऐसा कोई नेता दिखाई नहीं दे रहा है, ऐसे में AAP के आरोपों में सत्यता कम दिखाई दे रही है कि भाजपा AAP विधायकों को खरीदना चाहती है. 

हालाँकि अपने दावों को सिद्ध करने के लिए आज सीएम केजरीवाल ने विधायक दल की बैठक बुलाई, इसी दौरान अफवाह उड़ने लगी कि कई विधायक संपर्क में नहीं है, फिर कुछ विधायक बैठक में नहीं पहुंचे। फिर कहेंगे कि हमें खरीदने की कोशिश हुई..जबकि सत्यता यह है कि विधायक दल की बैठक में AAP के 55 से ज्यादा विधायक पहुंचे, कुछ विधायक दिल्ली से बाहर हैं और सत्येंद्र जैन भ्रस्टाचार के आरोप में लगभग 3 महीनें से तिहाड़ जेल की हवा खा रहे हैं जो नहीं पहुंचे। हो सकता है कि कुछ विधायकों को बोला गया हो कि बैठक में तुम मत आना ताकि हम शराब नीति से ध्यान भटकाकर यह कह दें कि भाजपा धनबल से सरकार को गिराना चाहती है.

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Delhi

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