द्रौपदी मुर्मू जी ने आज राष्ट्रपति पद की शपथ ली, संसद भवन में भारत के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने राष्ट्रपति की शपथ दिलाई। द्रौपदी मुर्मू जी भारत का राष्ट्रपति बनने के साथ ही कई अन्य रिकॉर्ड भी बना ली हैं, द्रौपदी मुर्मू जी पहली आदिवासी महिला हैं जो भारत की राष्ट्रपति बनीं हैं, इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू जी ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हैं जिनका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है।
राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद द्रौपदी मुर्मू जी ने कहा, मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा के एक छोटे से आदिवासी गाँव से शुरू की थी। मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूँ, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था। लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी। मैं जनजातीय समाज से हूँ, और वार्ड कौन्सिलर से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है। यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है।
द्रौपदी मुर्मू जी ने कहा, ये हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है। राष्ट्रपति के पद तक पहुँचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।
Post A Comment:
0 comments: