शाखा के संघियों को सेना के अंदर घुसाने की रणनीति है अग्निपथ योजना: विंग कमांडर अनुमा आचार्य

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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को भारतीय सशस्त्र बलों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू की। कुछ लोग इस योजना का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ इसका विरोध भी कर रहे हैं, विंग कमांडर अनुमा आचार्य (सेवानिवृत्त) ने तो ट्वीट कर कहा है कि अग्निपथ योजना शाखा के संघियों को सेना के अंदर घुसाने की सुनियोजित रणनीति है.

अनुमा आचार्य ने अपने ट्वीट में लिखा, हेडलाइन मैनेजमेंट से ज़्यादा कुछ नहीं है अग्निपथ योजना. जज़्बे वाले, होनहार और महत्वाकांक्षी युवा सिर्फ़ 4 सालों के लिये आयेंगे नहीं. इस तरह शाखा के संघियों को सेना के अंदर पैठाने की सुनियोजित स्ट्रैटिजी है ये! एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, हर संस्था को बर्बाद किया और आज सेनाओं का नम्बर भी आ ही गया!!! चार से छः साल के अंदर जिस तरह से सेना की नींव हिलेगी, उसके ज़िम्मेदार आज के समय के कमांडर और वो वेटेरंस होंगे, जिन्होंने चरण वंदना में ख़ुद ही अपनी रीढ़ की हड्डी गँवा दी!

गौरतलब है कि अग्निपथ भर्ती योजना' के तहत युवाओं को चार साल की अवधि के लिए सेना में शामिल होने का मौका मिलेगा। साढ़े 17 साल से 21 साल के युवा लड़के और लड़कियां इसके लिए पात्र होंगे।  इसके लिए 10वीं से लेकर 12वीं तक के छात्र आवेदन कर सकेंगे। इसकी शुरुआत 90 दिन के भीतर हो जाएगी। इस साल 46 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। पहली भर्ती प्रक्रिया में युवाओं को छह महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का समय भी चार साल में शामिल होगा। 

हर अग्निवीर को भर्ती के साल 30 हजार महीने तनख्वाह मिलेगी। दूसरे साल अग्निवीर की तनख्वाह बढ़कर 33 हजार, तीसरे साल 36.5 हजार तो चौथे साल 40 हजार रुपये हो जाएगी। 25 फीसदी अग्निवीरों को सेवा विस्तार भी मिलेगा। 


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