IPL में गगनचुंबी छक्के मारने वाले मुंबई इंडियंस के इस खिलाड़ी के पास नहीं है घर

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दुनिया की सबसे धनी और पॉपुलर क्रिकेट लीग यानि इंडियन प्रीमियर लीग ( IPL ) का आगाज हो चुका है, कल आईपीएल के दसवें मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स ने मुंबई इंडियंस को हराकर जीत का सिलसिला बरकरार रखा, मुंबई मैच भले हार गई हो लेकिन मुंबई के 19 वर्षीय बल्लेबाज तिलक वर्मा ने शानदार गननचुम्बी छक्के लगाकर दर्शकों का दिल जरूर जीत लिया। आईपीएल तक पहुँचने के लिए तिलक वर्मा ने बहुत संघर्ष किया है, अभी भी उनका संघर्ष जारी है. तिलक वर्मा हैदराबाद के रहने वाले हैं.

तिलक वर्मा के पास अपना कोई घर नहीं है, स्पोर्ट्स वेबसाइट क्रिकबज से बात करते हुए तिलक वर्मा ने कहा, "हमारे पास अभी तक घर नहीं है, इसलिए मैं इस आईपीएल से जो कुछ भी कमाता हूं, मेरा एकमात्र उद्देश्य अपने माता-पिता के लिए एक घर खरीदना है. तिलक वर्मा के पिता पेशे से एक इलेक्ट्रीशियन हैं, लेकिन क्रिकेट के प्रति अपने बेटे का जूनून देखकर उन्होंने किसी तरह से बेटे को क्रिकेट का ककहरा सीखने के लिए क्रिकेट एकेडमी भेजा। बमुश्किल एकेडमी की फीस भर पाते थे. 

तिलक ने अपने संघर्षों को याद करते हुए क्रिकबज से कहा, "जब मेरी तस्वीर अखबारों में आने लगी और मेरे कोच मेरे माता-पिता से कहते रहे कि मेरे पास पर्याप्त प्रतिभा है, तो वे आश्वस्त हो गए और मुझे अपने क्रिकेट पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति दी।" तिलक वर्मा ने अपनी मेहनत और लगन से न सिर्फ हैदराबाद अंडर -14 टीम की कप्तानी की बल्कि इस प्रतियोगिता में सबसे अधिक रन भी बनाये। अंडर -16 घरेलू एक दिवसीय प्रतियोगिता में भी तिलक वर्मा सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए। तिलक वर्मा अपना आदर्श खिलाडी पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना को मानते हैं.

इस साल हुई आईपीएल की मेगा नीलामी में तिलक वर्मा को अपनी टीम में शामिल करने के लिए राजस्थान रॉयल्स, सनराइजर्स हैदराबाद, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस के बीच जबरदस्त भिड़ंत हुई, अंत में मुंबई इंडियस ने 1.7 करोड़ में अपनी टीम के साथ जोड़ा। तिलक वर्मा ने बताया कि 'जिस दिन आईपीएल की नीलामी चल रही थी, मैं अपने कोच के साथ एक वीडियो कॉल पर था, जब बोली बढ़ने लगी तो मेरे कोच की आँखों से आंसू निकल आये. मुझे खरीदे जाने के बाद जब मैनें अपने माता-पिता को फोन किया तो वे भी कॉल पर रोने लगे, भावुक हो गए. माँ इतना ज्यादा भावुक हो गई कि मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे. 

तिलक वर्मा ने कहा, मुझे यहाँ तक पहुँचने के लिए बहुत आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, मेरे पिता कम वेतन में मेरा क्रिकेट का खर्च उठाने के साथ -साथ मेरे बड़े भाई की पढ़ाई का भी ध्यान रखना पड़ता था। हालाँकि पिछले कुछ वर्षों में मैं जो टूर्नामेंट खेलता था, उससे मेरा क्रिकेट का खर्चा निकल जाता था, अब मेरा एकमात्र लक्ष्य है माता-पिता के लिए एक घर खरीदना। 

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