गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में एक संदिग्ध व्यक्ति ने घुसने का प्रयास किया, जब सुरक्षाकर्मियों ने ने रोकने की कोशिश की तो उसने धारदार हथियार से हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि एक PAC के जवान का हाथ काट गया है. हालाँकि कुछ देर में सुरक्षाकर्मियों ने उसे धर दबोचा। इस संदिग्ध की पहचान मोहम्मद मुर्तज़ा के रूप में हुई. जो मुंबई से गोरखपुर आया था. पुलिस के मुताबिक़, मंदिर में घुसते वक्त मुर्तजा ने अल्लाह-हु-अकबर के नारे भी लगाए। उत्तर प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने सोमवार को एक बयान में कहा कि गोरखनाथ मंदिर की घटना एक "गंभीर साजिश" का हिस्सा थी।
यूपी के गृह विभाग ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि प्राप्त सबूतों के आधार पर हमले को "आतंकवादी" घटना कहना गलत नहीं होगा। बयान में कहा गया है, "हमलावर मंदिर परिसर में घुसकर आतंकी कृत्य को अंजाम देने की कोशिश कर रहा था, जिसे बहादुर पीएसी के जवानों और पुलिस कर्मियों ने नाकाम कर दिया।"
यूपी सरकार ने पीएसी कांस्टेबल और एक पुलिस कांस्टेबल को 5-5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देने की भी घोषणा की है, जो आरोपियों द्वारा घायल हो गए थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी एसटीएफ की एक विशेष टीम को एटीएस की सहायता से मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। गोरखपुर की एक अदालत ने सोमवार को आरोपी अहमद मुर्तजा अब्बासी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
गोरखपुर के सिविल लाइंस इलाके के रहने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी ने 2015 में आईआईटी-मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने दो प्रमुख कंपनियों के साथ काम किया। अगर मुर्तजा मंदिर परिसर में घुसने में कामयाब हो जाता तो बड़ी घटना को अंजाम दे सकता था.
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