UP चुनाव: कई घाट पर गए अमित जानी, कहीं नहीं मिला पानी, शिवपाल यादव के बाद कांग्रेस ने ठुकराया

हिंदूवादी और राष्ट्रवादी नेता के तौर पर छवि बनाने वाले अमित जानी इस समय बहुत मुश्किलों से गुजर रहे हैं, शिवपाल यादव के करीबी अमित जानी को पहले प्रसपा ने धोखा दिया, उसके बाद कांग्रेस ने भी ठुकरा दिया, जी हाँ! इसीलिए ऊपर शीर्षक दिया गया है कि "कई घाट पर गए अमित जानी, नहीं मिला कहीं पानी"

अमित जानी कुछ साल पहले शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा में शामिल हुए थे, पार्टी में शामिल होने के बाद शिवपाल यादव ने अमित जानी को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी युवजन सभा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। युवजन सभा की कमान मिलने के बाद अमित जानी ने मेरठ के सिवालखास विधानसभा सीट से चुनाव की तैयारियाँ शुरू कर दी, संभवतः उन्हें शिवपाल ने टिकट देने का भरोसा किया था. 

यूपी विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से महीनों भर पहले शिवपाल यादव की पार्टी प्रसपा का समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन हो गया, शायद प्रसपा ने अमित जानी को टिकट देने से इनकार कर दिया, इसके बाद आनन-फानन में अमित जानी ने कांग्रेस का तिरंगा ओढ़ लिया, लेकिन कांग्रेस ने यह कहते हुए अमित जानी को अस्वीकार कर दिया कि 'कांग्रेस पार्टी अपनी विचारधारा के प्रति प्रतिबद्ध है. किसी भी उन्मादी, अतिवादी एवं कट्टरपंथी तत्व की कांग्रेस में कोई जगह नहीं है. विचारधारा को तिलांजलि देकर अमित जानी ने कई पार्टियों का रुख किया, लेकिन किसी ने भाव नहीं दिया। अमित जानी 2019 के लोकसभा चुनाव में झारखण्ड के गिरिडीह से चुनाव लड़कर हार चुके हैं.

राजनैतिक पार्टियों द्वारा भाव न दिए जाने के बाद अब अमित जानी ने सिवालखास विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, हालाँकि अमित जानी का कहना है कि 'हम प्रसपा सपा गठबंधन से भले ही ना लड़ें लेकिन मरते दम तक चाचा ( शिवपाल यादव ) के साथ रहेंगे।

आपको बता दें कि अमित जानी  2012 में मायावती की मूर्तियों को तोड़ चुकें हैं, राहुल गांधी को काले झंडे दिखा चुके हैं, #YOGI4PM कैंपेन चला चुके हैं,  2017 में UP नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष अमित जानी ने आजम खां को जीभ काटने की चेतावनी दी थी. इसके वाला जेएनयू में देश विरोधी नारेबाजी करने के आरोपी कन्हैया कुमार को भी धमका चुका हैं. 

फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

States

Post A Comment:

0 comments: