बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है, सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस अधिकारियों को वापस डेपुटेशन पर बुलाने की केंद्र सरकार के अधिकार को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है. नियमों के मुताबिक केंद्र सरकार संबंधित राज्य सरकार की मर्जी नहीं होने के बावजूद किसी भी अधिकारी को अपने पास डेपुटेशन पर वापस बुला सकता है.
केंद्र सरकार के इस अधिकार के खिलाफ पश्चिम बंगाल निवासी एक वकील अबु सोहेल ने याचिका दाखिल की थी. गौरतलब है कि बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर वापस बुलाए जाने को लेकर केंद्र और ममता सरकार में ठनी हुई थी.
गौरतलब है कि पिछले दिनों बंगाल के 3 आईपीएस को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाए जाने को लेकर केंद्र और बंगाल में ममता सरकार में तनातनी शुरू हुई थी. इसी बात को लेकर अबु सोहेल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. आईपीएस (कैडर) एक्ट, 1954 के नियम 6(1) पर सवाल खड़े करते हुए याचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार के पास राज्य सरकार द्वारा ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दों पर अधिक शक्ति है।
दीदी अब आप क्या करेंगी?
सुप्रीम कोर्ट से भी मुँह की खानी पड़ी।
अब तो तीनों IPS अफसरों को जाना ही होगा दिल्ली।
आपके इशारे पर दाखिल PIL आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी। WB कैडर के 3 IPS अफसरों को सेंट्रल डेपुटेशन पर बुलाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है, आप रोक नहीं सकती हैं। https://t.co/Z9XnbAJzae pic.twitter.com/rd8YGLIF2M
— Arjun Singh (@ArjunsinghWB) March 1, 2021
गौरतलब है कि बंगाल चुनाव की तारीखों का ऐलान से पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर बंगाल में जानलेवा हमला हुआ था, इसके बाद गृहमंत्रालय ने बंगाल के तीन आईपीएस अफसरों को दिल्ली बुलाया था, लेकिन ममता बनर्जी सरकार ने दिल्ली भेजने से इनकार कर दिया था, इसके बाद मामला कोर्ट में गया, आख़िरकार अब तीनों आईपीएस अफसरों को दिल्ली आना ही होगा।