कृषि कानून और किसान आंदोलन सम्बंधित सभी याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानून को लागू करने पर रोक लगा दी और एक सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इस कमेटी में जो सदस्य हैं उसपर राहुल गाँधी ने सवाल उठाया है, कमेटी में नामित सदस्यों और सुप्रीम कोर्ट का नाम लिए बिना राहुल गाँधी ने अपने ट्वीट में लिखा, क्या कृषि-विरोधी क़ानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है?
क्या कृषि-विरोधी क़ानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है?
ये संघर्ष किसान-मज़दूर विरोधी क़ानूनों के ख़त्म होने तक जारी रहेगा।
जय जवान, जय किसान!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 12, 2021
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि क्या कृषि-विरोधी क़ानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है? ये संघर्ष किसान-मज़दूर विरोधी क़ानूनों के ख़त्म होने तक जारी रहेगा। जय जवान, जय किसान!
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जो चार सदस्यीय कमेटी गठित की है,उसमें भूपिंदर सिंह मान (अध्यक्ष बेकीयू), डॉ प्रमोद कुमार जोशी (अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान), अशोक गुलाटी (कृषि अर्थशास्त्री) और अनिल घनवट (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र) शामिल हैं। जबतक कमेटी की रिपोर्ट नहीं आती है तबतक कृषि कानूनों के अमल पर रोक जारी रहेगी।
हालांकि किसान नेता और कांग्रेस पार्टी कमेटी में शामिल सदस्यों पर आरोप लगा रही है, कहना है कि ये लोग पहले से ही कृषि कानून का समर्थन कर रहे थे, ऐसे में इनसे निष्पक्षता की उम्मीद नहीं की जा सकती।