केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए तीन नए कृषि कानून के विरोध में पिछले लगभग 50 दिनों से कथित किसानों का आंदोलन जारी है, इस कथित आंदोलन में अब बुर्कानशीनों की भी इंट्री हो चुकी है, जी हाँ! टीकरी बॉर्डर पर मुस्लिम महिलाओं ने आंदोलन में हिस्सा लिया और सामूहिक नवाज अदा की गई. ये कार्यक्रम किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) की ओर से आयोजित किया गया.
भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) ने कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए ट्वीट में लिखा, आंदोलन में भाग लेने के लिए टीकरी बॉर्डर पर मुस्लिम समुदाय के लोग पहुंचे, हम सब एक हैं. आपको बता दें कि यह वही कथित किसान संगठन है जो इससे पहले गद्दार शरजील इमाम, उमर खालिद, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वरवरा राव और आनंद तेलतुंबडे समेत कई लोगों की रिहाई की मांग कर चुका है. ये किसान संगठन कृषि कानून का विरोध करने के नाम पर टुकड़े-टुकड़े गैंग वालों को रिहा करवाने के लिए सड़क जाम करके बैठा है, सड़क जाम होने से आम जनता को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
Muslim Community Arrived at Tikkri Border to Participate in Protest.
We are United. pic.twitter.com/HtkxbJkIyb— BKU_EKTA_UGRAHAN (@Bkuektaugrahan) January 14, 2021
बता दें कि बीते साल दिसंबर में पोस्टर-बैनर के जरिये भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) ने मांग की थे कि गिरफ्तार बुद्धिजीवियों और छात्रों को रिहा किया जाए. उल्लेखनीय है कि इनमें से कई लोगों पर संगीन मामलो के तहत केस दर्ज हैं. कुछ तो ऐसे हैं जिन पर UAPA के तहत केस दर्ज है. जिसमें उमर खालिद और शरजील इमाम जैसे लोग शामिल हैं।
इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कह था कि एमएसपी, एएमपीसी और अन्य मुद्दे किसानों से संबंधित हैं, लेकिन ये पोस्टर किसान का मुद्दा कैसे हो सकते हैं. यह खतरनाक है और यूनियनों को इससे खुद को दूर रखना चाहिए. यह सिर्फ मुद्दों को हटाने और विचलित करने के लिए है. जानकारी के अनुसार, भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) शाहीन बाग़ में भी शामिल था।