देश-दुनिया में कई महीनों से कोरोना वायरस कहर बरपा रहा है, हालाँकि अब राहत की बात यह है कि केंद्र की मोदी सरकार ने कोरोना के खात्मे के लिए वैक्सीन की व्यवस्था कर दी है, जल्द ही टीकाकरण शुरू हो जाएगा, लेकिन उससे पहले वैक्सीन को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा की वैक्सीन बताते हुए न लगवाने का ऐलान किया, अखिलेश यादव के इस बेतुके बयान के बाद उनकी जमकर आलोचना शुरू हो गई. यही वजह है कि अखिलेश यादव अब वैक्सीन को लेकर गंभीर हो गए हैं. उन्होंने कहा है कि वैक्सीन लोगों के जीवन का विषय है.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है इसीलिए भाजपा सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और अग्रिम पुख़्ता इंतज़ामों के बाद ही शुरू करे. ये लोगों के जीवन का विषय है अत: इसमें बाद में सुधार का ख़तरा नहीं उठाया जा सकता है…गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख़ घोषित हो।
कोरोना का टीकाकरण एक संवेदनशील प्रक्रिया है इसीलिए भाजपा सरकार इसे कोई सजावटी-दिखावटी इवेंट न समझे और अग्रिम पुख़्ता इंतज़ामों के बाद ही शुरू करे. ये लोगों के जीवन का विषय है अत: इसमें बाद में सुधार का ख़तरा नहीं उठाया जा सकता है.
गरीबों के टीकाकरण की निश्चित तारीख़ घोषित हो.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 3, 2021
आपको बता दें कि इससे पहले अखिलेश यादव ने कहा था कि मैं बीजेपी की वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकता हूं, जब हमारी सरकार बनेगी तो सभी को फ्री में टीका लगेगा। हम बीजेपी की वैक्सीन नहीं लगवा सकते। सपा एमएलसी आशुतोष पाठक ने कहा कि हो सकता है कोरोना वैक्सीन में कुछ ऐसा हो जिससे आबादी कम करने या नपुंसक बनाने की कोशिश की जाए। सपा एमएलसी ने कहा कि अखिलेश यादव ने जो कहा है वह सही है, सिर्फ समाजवादी पार्टी के ही लोग नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लोगों को वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
अखिलेश यादव द्वारा भाजपा की वैक्सीन बताये जानें को लेकर बवाल मच गया, लोग अखिलेश यादव की जमकर आलोचना करने लगे, कुछ लोगों ने तो अखिलेश यादव की शैक्षिक योग्यता पर भी सवालिया निशाँन खड़े कर दिए।