पिछले लगभग 1 महीनों से दिल्ली बॉर्डर पर कृषि कानून के विरोध में पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ किसान आंदोलन कर रहे हैं, किसान संगठन के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच अबतक 6 राउंड की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है, कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों की मांग है कि कृषि कानून रद्द हो, मांग पूरा न होने तक आंदोलन का ऐलान किया है, इन सबके बीच कई किसान संगठनों ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर कृषि कानून का समर्थन किया है।
नई दिल्ली के "इंडियन किसान यूनियन" से प्राप्त नए कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में प्राप्त पत्र…
उन्होंने इन कानूनों को किसान हितैषी व किसानों को आत्मनिर्भर बनाने वाला बताया…#FarmersWithModi pic.twitter.com/KQl58lFYkg
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) December 28, 2020
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि नई दिल्ली के “इंडियन किसान यूनियन” और लखनऊ, उत्तर प्रदेश के “राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन” ने पत्र लिखकर कृषि कानून का समर्थन किया है. कृषि कानून का समर्थन करने वाले किसान संगठन का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए तीनों नए कृषि कानून किसानों के हित में हैं..इसलिए किसी के दबाव में आकर ये कानून वापस न लिए जाएँ।
लखनऊ उत्तरप्रदेश के "राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन" से प्राप्त नए कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में प्राप्त पत्र…
उन्होंने कहा कि हम पूर्ण रूप से सरकार के साथ हैं…#FarmersWithModi pic.twitter.com/BbZEbg3WNb
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) December 28, 2020
कृषि कानून की तारीफ करते हुए दिल्ली के इंडियन किसान यूनियन ने कहा है कि भारत सरकार द्वारा हाल ही में जो तीन कृषि कानून लाये गए हैं, यह बहुत ही सराहनीय एवं भारत के किसानों की दशा और दिशा को सुधारने वाले कानून हैं. इसलिए सरकार से आग्रह है कि किसी के दबाव में आकर इस कानून को वापस न लिया जाय.
लखनऊ उत्तरप्रदेश के "राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन" से प्राप्त नए कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में प्राप्त पत्र…
उन्होंने कहा कि हम पूर्ण रूप से सरकार के साथ हैं…#FarmersWithModi pic.twitter.com/BbZEbg3WNb
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) December 28, 2020
राष्ट्रीय अन्नदाता यूनियन का कहना है कि भारत सरकार द्वारा लाया गया कृषि कानून किसान हितैषी एवं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने वाला है, जिसका सभी किसान तहे दिल से स्वागत करते हैं..कृषि कनून का विरोध करने वाले किसान संगठनों पर निशाना साधते हुए अन्नदाता यूनियन ने कहा कि कुछ किसान संगठन विपक्ष की साजिश का शिकार होकर बिल का विरोध कर रहे हैं. ये सही नहीं है।