केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए कृषि कानून के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ किसान संगठन दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 22 दिनों से आंदोलन कर रहे हैं, किसानों की मांग है कि कृषि कानून रद्द किया जाय, ये किसान विरोधी है।
हालाँकि कृषि कानून के बारें में आंदोलनकारी किसानों को कितनी जानकारी है, क्यों कानून को रद्द करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं, इसकी पड़ताल करने एक रिपोर्टर सिंघु बॉर्डर पहुंचा, मालूम हो कि सिंघु बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान जमे हुए हैं. आंदोलन की रणनीति यहीं से तय होती है।
रिपोर्टर ने आंदोलनकारी किसानों से यह जानने की कोशिश की कि आखिर वे आंदोलन क्यों कर रहे हैं, रिपोर्टर ने कृषि कानून से सम्बंधित कई सवाल पूछे लेकिन किसान एक भी सवाल का समुचित उत्तर नहीं दे पाए. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, लोग जमकर मजाक उड़ा रहे हैं।
रिपोर्टर ने पूछा, इन बिलों में क्या है जो किसान को मंजूर नहीं है, इसका जवाब देते हुए एक आंदोलनकारी किसान ने कहा कि ये बिल गलत है तो किसान को कैसे मंजूर होगा, किसान ने आगे कहा, हमने रोटी खाई हुई है, हमारा पेट भरा हुआ है तो हमारे को जबरदास्ती रोटी क्यों खिलाई जा रही है. मतलब किसान मोदी सरकार पर जबरन रोटी खिलाने का आरोप लगा रहा है।
हालांकि आखिर में किसान ने यह तो बताया कि सरकार ने तीन बिल जारी किये हैं, लेकिन इन तीन बिलों में किसान विरोधी क्या हैं, इसका जवाब नहीं दे पाए. रिपोर्टर ने कई अन्य आंदोलनकारी किसानों से भी जानना चाहा की कृषि कानून में किसान विरोधी क्या है, किसी ने उत्तर नहीं दिया।
Alleged Farmers at Singhu Border have no idea, what they're protesting against.
Clueless people are fed 2-3 points by their leaders, they are just repeating those points.
1/2 pic.twitter.com/yPs2Scv7v2
— Abhishek Panchal (@ipradhanjii) December 15, 2020
गौरतलब है कि आंदोलनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच अबतक 6 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई हल नहीं निकल सका है, किसान कृषि कानून रद्द कराने पर अड़े हैं, वहीँ केंद्र सरकार इसे किसान हितैषी बता रही है, यानी कानून रद्द होने की संभावनाएं नहीं हैं।