आठ पुलिसकर्मियों के हत्यारे दुर्दांत अपराधी विकास दुबे का आज सुबह यूपी एसटीएफ-पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया। विकास दुबे का एनकाउंटर उस वक्त हुआ जब एसटीएफ विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ला रही थी। कानपुर से लगभग 15 किलोमीटर पहले एसटीएफ की गाडी पलट गई जिसमें विकास दुबे था, इस दौरान विकास दुबे पुलिस की पिस्टल छीनकर फायरिंग की और भागनें की कोशिश की। इसी दौरान पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलाई और विकास दुबे मारा गया।
8 पुलिसकर्मियों के हत्यारे विकास दुबे का एनकाउंटर होनें के बाद राजनीती गरमा गई है, कोई इस एनकाउंटर को फर्जी बता रहा है तो कोई एनकाउंटर होनें के बाद जश्न मना रहा है, इन सबके बीच कांग्रेस समर्थक तहसीन पूनावाला ने विकास दुबे एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की शिकायत की है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के जीजा रॉबर्ट वाड्रा के बहनोई तहसीन पूनावाला ने ट्वीट करके जानकारी दी कि मैंने यूपी के नेताओं, योगी आदित्यनाथ सरकार और यूपी के पुलिस पदाधिकारियों को बचाने के लिए तय स्क्रिप्ट के तहत शुक्रवार सुबह को विकास दुबे कथित फर्जी एनकाउंटर के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करवाई है। उनकी शिकायत एचआरसी नेट पोर्टल की डायरी नंबर 10210 / IN / 2020 में प्राप्त हुई है।
I have filled a complaint with the National Human Rights Commission on the alleged #fake_encounter of #vikasDubeyEncounter this #fridaymorning as part of a "script" to protect UP politicians & the Yogi Adityanath ji govt & other UP police officers. #vikasDubeyEncounter pic.twitter.com/d5JlHM4BmC
— Tehseen Poonawalla Official (@tehseenp) July 10, 2020
तहसीन पूनावाला ने अपने ट्वीट में शिकायत की कॉपी भी संलग्न की है जिसमें विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर पांच सवाल उठाए गए हैं?
1. सड़क बिल्कुल सपाट और अच्छी है तो फिर एसयूवी पलट कैसे गई?
2. विकास दुबे शारीरिक रूप से तंदुरुस्त नहीं है, बावजूद इसके उसने बेहद तंदुरुस्त पुलिस वालों को धक्का देकर पलटी हुई गाड़ी से निकल कैसे गया, खासकर तब जब आरोपी को पुलिसवालों के बीच में बिठाया जाता है?
3. विकास दुबे इतना बड़ा खूंखार अपराधी था, फिर भी उसका हाथ बंधा क्यों नहीं था?
4. विकास दुबे ने जो पिस्टल पुलिस वाले से छीना, वो वर्दी के साथ अटैच क्यों नहीं था?
5. विकास दुबे की गाड़ी साथ जा रहे पुलिस वाले क्या कर रहे थे?
अब देखना यह दिलचस्प होगा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पूनावाला की शिकायत को संज्ञान में लेता है या नहीं। क्योंकि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में ऐसी बहुत सी शिकायतें की जाती हैं।