नई दिल्ली, 1 जुलाई: केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सोमवार ( 29 जून 2020 ) को टिक-टॉक समेत 59 चाइनीज एप पर बैन लगा दिया। इसमें प्रमुख रूप से टिक-टॉक, हेलो, यूसी ब्राउजर, वी चैट समेत 59 चाइनीज एप शामिल हैं। सरकार ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया जब LAC पर चीन के साथ तनातनी चल रही है।
केंद्र सरकार ने न सिर्फ चीनी एप बैन किये बल्कि बहुत बड़ी आर्थिक चोट भी दी है, इसको खुद चीन ने भी स्वीकार लिया है, चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि सिर्फ टिक-टॉक बैन होनें से 6 बिलियन डॉलर ( 600 करोड़ ) का नुकसान होगा।
अब आप खुद सोंचिये सिर्फ टिक-टॉक बैन होनें से चीन को 6 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा। शेष 58 एप को मिलाकर चीन को कितनी घातक चोंट पहुंची है। एक बात साफ़ हो गई है कि बड़े पैमाने पर चीनी वस्तुओं के बहिष्कार से चीन को बड़ी आर्थिक हानि पहुंचाई जा सकती है और साथ ही हमारे देश के वीर जवानों की जान भी बचेगी।
The loss of Chinese internet company ByteDance – mother company of Tik Tok — could be as high as $6 billion after Indian government banned 59 Chinese apps including Tik Tok, following deadly border clash between Indian and Chinese troops last month: source pic.twitter.com/wGvnqVO7mR
— Global Times (@globaltimesnews) July 1, 2020
चीन के सरकारी अखबारी ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, पिछले महीनें चीनी और भारत सैनिकों के बीच सीमा पर झड़प होनें के बाद भारत सरकार ने टिक-टॉक समेत 59 चीनी एप पर बैन लगा दिया। चीनी एप पर प्रतिबन्ध लगनें के बाद टिक-टॉक को चलानें वाली चीनी इंटरनेट कम्पनी बाइटडांस को तकरीबन 6 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा।
बता दें कि आईटी मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि बैन किये गए चाइनीज ऐप्स कुछ ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं जो भारत की रक्षा, सुरक्षा और पब्लिक की संप्रुभता और अखंडता के लिए हानिकारक है, इसलिए इन्हें भारत में बैन कर दिया गया। गौरतलब है कि भारत में टिक-टॉक समेत सभी चाइनीज एप्स यूज करनें वालों का डेटा सीधा चाइना जाता था। चीन उस डेटा का क्या करता था कोई पता नहीं रहता था। इसी को लेकर सरकार ने चाइनीज एप्स को बैन करनें का फैसला लिया।