महाराष्ट्र, 24 जुलाई: महाराष्ट्र में अब जय श्री राम नारा भी लगाना गुनाह हो गया है, जी हाँ! जय श्री राम का नारा लगानें पर अब कार्यवाही होगी, महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
दरअसल मामला यह है कि अयोध्या में रामंदिर के भूमिपूजन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले कांग्रेस समर्थक साकेत गोखले के मुंबई स्थित उनके घर के बाहर कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाए। जिसका वीडियो खुद गोखले ने अपनें ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया है।
कांग्रेस समर्थक साकेत गोखले ने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें एक अपार्टमेंट के बाहर साफ-साफ़ सुना जा सकता है कि कुछ लोग नारे लगा रहे हैं, बोलो “जय श्री राम” “जय जय श्री राम” इस वीडियो को देखनें के बाद प्रथम दृष्टया कुछ भी विवादित नहीं लग रहा है।
.@SaketGokhale We are taking very serious cognisance of this and have immediately ordered an enquiry into this issue. We will immediately provide you protection. Thane police have been instructed accordingly. #ZeroToleranceForHooliganism https://t.co/p9euseRSe4
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) July 24, 2020
वीडियो शेयर करते हुए साकेत गोखले ने अपनें ट्वीट में लिखा, अर्जेंट, आरएसएस के कार्यकर्ता मेरे घर के बाहर जय श्रीराम का नारा लगा रहे हैं। उन्होंने अभी मेरी मां को धमकी भी दी है, इस ट्वीट में गोखले ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख और ठाणे पुलिस को टैग करके तत्काल मदद की अपील की। हालांकि गोखले ने उसके साक्ष्य ट्वीट नहीं किये हैं, जिसमें उन्होंने दावा किया है कि माँ को भी धमकी दे रहे थे।
साकेत गोखले के ट्वीट पर जवाब देते हुए गृहमंत्री अनिल देशमुख ने लिखा है, हम इस मामलें को बहुत गंभीरता से संज्ञान से ले रहे हैं, और जांच के आदेश दे दिए हैं, हम आपको तुरंत सुरक्षा प्रदान करेंगें। गंभीरता से संज्ञान ले रहे हैं और जांच के आदेश दे दिए हैं का मतलब जो भी दोषी होगा उसे कड़ी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा। मतलब जय श्री का नारा लगानें वालों पर कार्यवाही होगी। ये सब उस पार्टी की सरकार में हो रहा है, जो हिंदुत्व के लिए जानी ही जाती है, नाम है शिवसेना। लेकिन अब शिवसेना ने अपनी विचारधारा बदलनी शुरू कर दी है।
बता दें कि कांग्रेस समर्थक साकेत गोखले ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लेटर पिटीशन भेजी थी. कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई की और खारिज कर दिया. इस याचिका में कहा गया था कि राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाला भूमि पूजन कोविड-19 के अनलॉक- 2 की गाइडलाइन का उल्लंघन है. ऐसे में इस पर रोक लगनी चाहिए. कोर्ट ने इस दलील पर कहा कि आयोजक सभी नियमों का पालन करेंगे।