नई दिल्ली, 5 दिसंबर: 1984 में हुए सिख नरसंहार पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने पहली बार मौन तोड़ा है, मनमोहन सिंह ने बहुत ही चालाकी से राजीव गांधी को बचाते हुए सिख दंगे का आरोपी पीवी नरसिम्हा राव को बना दिया। जो 1984 में तत्कालीन गृहमंत्री थे।
मनमोहन सिंह के इस बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा की, डॉ मनमोहन सिंह को गांधी परिवार भक्ति छोड़कर कभी अपने समाज के बारे में भी सोचना चाहिए।
कांग्रेस पी० वी० नरसिम्हा राव के नाम के बहाने सिख नरसंहार के अपने पापों को धोना चाहती है लेकिन आइये सुनते है कि कैसे राजीव गांधी ने सीखो से बदला लेने की बात खुले मैदान से की थी।
मनमोहन जी को परिवार भक्ति छोड़कर कभी अपने समाज के बारे में भी सोचना चाहिए। pic.twitter.com/x88AbPj05T— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) December 5, 2019
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा की अगर तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने इंद्र कुमार गुजराल की सलाह मानी होती तो दिल्ली में सिख नरसंहार से बचा जा सकता था। बुधवार को दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री गुजराल की 100वीं जयंती पर आयोजित समारोह में मनमोहन सिंह ने ये बात कही।
पूर्व पीएम ने कहा, दिल्ली में जब 84 के सिख दंगे हो रहे थे, गुजराल जी उस समय के गृह मंत्री नरसिम्हा राव के पास गए थे। उन्होंने राव से कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि सरकार के लिए जल्द से जल्द सेना को बुलाना आवश्यक है। अगर राव गुजराल की सलाह मानकर आवश्यक कार्रवाई करते तो तो शायद 1984 के नरसंहार से बचा जा सकता था।’