नई दिल्ली, 7 मार्च: देश में अब वामपंथियों और नक्सलियों के लिए बुरा दौर शुरू हो गया है, एक तरफ जहाँ त्रिपुरा में आतंकवादी ब्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को बुलडोजर द्वारा ध्वस्त कर दिया, तो वहीँ दूसरी ओर वामपंथियों और नक्सलियों का गढ़ और भारत की मानी जानी यूनिवर्सिटी JNU में मुफ्तखोरी को ख़त्म कर दिया गया है.
आपको बता दें कि JNU विश्वविद्यालय प्रशासन ने मेस में खाने के दामों में दोगुने से भी अधिक का इजाफा किया है। कई चीजों के दामों में तो 10 गुना तक का इजाफा हुआ है. तो वहीँ मेस एडवांस राशि को 2700 से बढ़ाकर 4500 रुपये कर दिया गया है। इसके अलावा प्रति सेमेस्टर लगने वाले इस्टेब्लिशमेंट चार्ज 1100 रुपये कर दिया गया है, जो पहले में 550 से था। वहीं न्यूजपेपर के लिए अब छात्र-छात्राओं को 15 रुपये की जगह 50 रुपये देने होंगे।
जानकारी के मुताबिक बता दें कि दो वर्ष पहले 9 फरवरी, 2016 को अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में तथाकथित देश विरोधी नारे भी इसी यूनिवर्सिटी में लगे थे। तब JNU के सभी दलों ने चुप्पी साध ली थी, लेकिन अब फीस क्या बढ़ गयी तो लेफ्ट के सभी धड़ों ने विरोध का सुर तेज करने का एलान किया है।
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