पद्मावत फिल्म का विरोध करके करणी सेना ने किया है एंटी-हिन्दू काम, विरोध तो खिलजियों को करना था

Karni Sena protest and demand of ban in India was Anti-Hindu act because this movie will unite Hindus and Hindutva
karni-sena-protest-padmaavat-film-was-hindu-virodhi-act-read-why

नई दिल्ली: करणी सेना चाहती थी कि पद्मावत फिल्म को कूड़े के डिब्बे में डाल दी जाय जबकि यह फिल्म हिन्दुओं के लिए एक अनमोल तोहफा है, इसे कूड़े के डिब्बे में डालने की मांग तो खिलजियों को करना था क्योंकि फिल्म में उनकी गद्दारी और धोखेबाजी को दिखाया गया है, इसीलिए मुस्लिम बहुल देश मलेशिया ने इस फिल्म को कूड़े के डिब्बे में डाल दिया, पाकिस्तान में यह फिल्म मूर्खता में और सिर्फ भारत में विरोध को देखकर लगाई है, अगर भारत में करणी सेना इस फिल्म का विरोध ना करती तो पाकिस्तान भी यह फिल्म ना लगाता और इसे कूड़े के डिब्बे में डाल देना.

हमारी नजर में करणी सेना ने इस फिल्म को रोकने की कोशिश करके हिन्दू-विरोधी काम किया है, यह फिल्म हिन्दुओं को एकजुट करने के लिए है, एक रहो वरना कटोगे का सन्देश देने वाली फिल्म है और करणी सेना इस फिल्म को कूड़े के डिब्बे में डालना चाहती थी, यह फिल्म हिन्दुओं को जोड़ेगी जबकि खिलजियों की असलियत खोलकर हिन्दुओं को सावधान करेगी.

हिंदुत्व का प्रचार करने वाली फिल्म

संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत हिन्दुओं और हिंदुत्व के लिए एक अनमोल तोहफा है, यह फिल्म हर हिन्दू को जरूर देखनी चाहिए, जो भी हिन्दू इस फिल्म को देख रहा है उसे हिन्दू-हिदुत्व और हिंदुस्तान से प्यार हो जाता है और खिलजियों से नफरत हो जाती है.

संजय लीला भंसाली हिंदुत्ववादी

पद्मावत जैसी फिल्म एक कट्टर हिन्दू ही बना सकता है, फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली एक कट्टर हिन्दू हैं इसीलिए उन्होंने यह फिल्म बनायी है, सेक्युलर लोग तो यह फिल्म बना ही नहीं सकते, सिर्फ कट्टर हिन्दू ही ऐसी फिल्म बना सकता है, वरना तो आजकल लोग खिलजी धर्म वालों को खुश करने में लगे रहते हैं.

इस फिल्म में खिलजियों की गद्दारी और धोखेबाजी को बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है जबकि राजपूतों के महान उसूलों को दिखाया गया है, राजपूत लोग उसूलों से लड़ाई करते हैं लेकिन खिलजी लोग धोखेबाजी से उन्हें मारते हैं.

खिलजी ने धोखेबाजी करके राजा रतन सिंह को मारा

मेवाण के रावल रत्न सिंह चाहते तो एक मिनट में अलाउद्दीन खिलजी की सेना को ध्वस्त कर सकते थे लेकिन उन्होंने खिलजी को माफ़ कर दिया और उसकी पहल पर उसे अपने महल में आमंत्रित किया और उसकी मेहमाननवाजी की, उसके बाद खिलजी ने कहा कि हमें भी एक बार मेहमाननवाजी का मौका दो, जब रतन सिंह उसके पास गए तो उसनें धोखे से कैद कर लिया और दिल्ली लाकर जेल में कैद कर दिया.

इसके बाद महारानी पद्मिनी खिलजी के महल दिल्ली जाती हैं और बहुत ही चालाकी से राजा रतन सिंह को छुड़ाकर वापस लाती हैं.

इसके बाद खिलजी फिर मेवाण पर आक्रमण करने आता है, राजा रतन सिंह और खिलजी के बीच युद्ध होता है, वीर राजा रतन सिंह उसे पटक पटक कर मारते हैं, जब खिलजी का सर काटने के लिए आगे बढ़ते हैं तो खिलजी का गुलाम मलिक काफूर उन्हें पीछे से तीरों से भेद देता है और उनकी हत्या कर देता है.

महारानी पद्मिनी का जौहर, खोलेगा हिन्दू युवतियों की ऑंखें

इसके बाद हवस में पागल खिलजी जब महारानी पद्मावती को देखने के लिए किले में जाता है तो उसके पहुँचने से पहले महारानी पद्मिनी 16000 महिलाओं के साथ जौहर कर लेती हैं और इतिहास में खुद को अमर कर लेती हैं, जौहर का दृश्य बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है जो हर हिन्दू युवती और महिला की ऑंखें खोलने वाला है, सदेश यह मिलता है कि भले ही अपनी जान देना पड़े लेकिन खिलजियों और जिहादियों को हाथ मत लगाने दो.

कहने का मतलब ये है कि पद्मावत फिल्म हिन्दुओं के लिए भंसाली का एक अनमोल तोहफा है, हिन्दुओं की ऑंखें खोलने के लिए यह फिल्म देखना बहुत जरूरी है, उनकी धोखेबाजी को समझना बहुत जरूरी है, ये लोग धोखा कल भी करते थे और आज भी करते हैं.

करणी सेना का विरोध हिन्दू-विरोधी

इस फिल्म का विरोध करके करणी सेना ने हिन्दू विरोधी काम किया है, विरोध तो खिलजियों को करना चाहिए क्योंकि उनकी धोखेबाजी और गद्दारी को दिखाया गया है, उनके राक्षसों वाले रूप को दिखाया गया है, हिन्दुओं के तो महान उसूलों को दिखाया गया है, उनकी महानता को दिखाया गया है, हमें लगता है कि जो भी हिन्दू इस फिल्म को देख लेगा उसे करणी सेना से नफरत हो जाएगी जबकि भंसाली का फैन बन जाएगा. असली राजपूत और हिन्दू संजय लीला भंसाली है जो ऐसी फिल्म बनाया है. 
फेसबुक, WhatsApp, ट्विटर पर शेयर करें

India

Politics

Post A Comment:

0 comments: