नई दिल्ली: कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता जरूर है, 12वी शताब्दी में जयचंद ने देश से धोखा देकर देश को 500 साल तक मुगलों और मुस्लिम शासकों का गुलाम बना दिया, जयचंद राजपूत था, उस समय पूरे देश पर राजपूतों का ही राज था, जयचंद ने मोहम्मद गोरी से मिलकर राजपूत शासक पृथ्वीराज को मरवा दिया और खुद मोहम्मद गोरी का गुलाम बन गया, बाद में वह भी मार दिया गया और उसके बाद में एक एक करके राजपूत शासक मार दिए गए और 500 साल के लिए देश मुस्लिम शासकों का गुलाम हो गया.
अब राजपूतों में फिर से कुछ जयचंद निकल आये हैं जिन्होंने पहले खिलजी के नाम पर राजपूतों को भड़काया, खिलजी का विरोध करवाया और उसके बाद खिलजी से ही हाथ मिला लिया, मतलब उस पार्टी से हाथ मिला लिया जो भारत में खिलजी युग लाना चाहती है, लव जिहाद, इस्लामीकरण का समर्थन करती है, मुस्लिम तुष्टिकरण करती है, जिस पार्टी ने कश्मीर से हिन्दू पंडितों को भगा दिया. जिस पार्टी ने भगवा और हिन्दू आतंकवाद का नारा दिया, अब करणी सेना के लोग उसी पार्टी से मिल गए हैं.
करणी सेना ने भले ही कांग्रेस से मिलकर राजपूतों को बीजेपी के खिलाफ भड़काने में चालाकी की लेकिन अब लोग राजपूत करणी सेना की असलियत जान गए हैं, लोग समझ गए हैं कि ये कांग्रेस पार्टी के ही मोहरे थे, इन्होने खिलजी के विरोध के नाम पर राजस्थान के राजपूतों को बीजेपी के खिलाफ भड़का दिया और कांग्रेस को वोट दिलवा दिया, राजपूत इनकी चाल को समझ नहीं सके, लेकिन अब लोगों की ऑंखें खुल चुकी हैं और लोग इनकी चाल को बाखूबी समझ रहे हैं. नीचे कमेन्ट में आप खुद देखिये लोग करणी सेना के बारे में क्या क्या लिख रहे हैं.
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