मुंबई: वैसे तो शिवसेना बीजेपी से ढाई साल पहले ही अलग हो चुकी थी जब उन्होंने महाराष्ट विधानसभा में अकेले चुनाव लड़ा था, उसके बाद हर जगह शिवसेना ने बीजेपी से अकेले होकर चुनाव लड़ा, चाहे BMC हो या नगर पंचायत चुनाव हो या नगर निगम का चुनाव हो.
अब शिवसेना ने हमेशा के लिए बीजेपी और एनडीए गठबंधन से अलग होने का फैसला कर लिया है. शिवसेना ने कसम खा ली है कि 2019 लोकसभा चुनाव से वह हमेशा के लिए बीजेपी से अलग हो जाएंगे. इसकी जानकारी मीडिया को दी जा चुकी है.
शिवसेना ने यह फैसला आज पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में किया, इसके लिए बाकायदा प्रस्ताव पास किया, शिवसेना सांसद संजय राउत ने खुद यह प्रस्ताव पेश किया जिसे अधिकतर लोगों ने मंजूर किया.
बीजेपी से अलग होने के बाद शिवसेना ने महाराष्ट्र की 48 में से 25 लोकसभा सीटें और 288 में से 150 विधानसभा सीटें जीतने का दावा किया है. वर्तमान में शिवसेना के पास 18 लोकसभा सदस्य और 63 विधायक हैं.
आपको बता दें कि शिवसेना की पिछले दो तीन महीनें से कांग्रेस से नजदीकी बढ़ती जा रही है, शिवसेना अब राहुल गाँधी को अच्छा नेता मानने लगी है और कई मौकों पर उनकी लीडरशिप की तारीफ भी की है, शायद 2019 लोकसभा चुनावों में शिवसेना राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने का सपना देख रही है इसलिए बीजेपी से दोस्ती ख़त्म करने की कसम खा ली.
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