3 साल के बच्चे की कराई गयी कुतिया से शादी, पढ़ें क्यों

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रांची: ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी अंधविश्वास पूरी तरह अपने चरम पर है. ऐसी ही एक अद्भुत खबर झारखण्ड बुरुडीह टोला आसुरा से है जहाँ एक तीन साल के बच्चे की सदी एक कुतिया से धूमधाम से करायी गयी.

पता लगा है कि बच्चों की सलामती के लिए अजीब-अजीब रश्में निभाई जातीं हैं. कुछ ऐसी ही एक रश्म झारखंड और पड़ोसी राज्य ओडिशा के कुछ इलाकों में होती है. जिसके बारे में सुनकर आपको  अजीब लगेगा. यहां बच्चों की शादी जानवरों से इसलिए करायी कराई जाती है. ताकि अपशकुन कट जाए और बच्चा को लंबी जिंदगी मिले, यह मामला  झारखंड के बुरुडीह टोला आसुरा का है.

जानवरों से क्यों करायी जाती है शादी 

गांव वाले के मुताबिक अगर किसी बच्चे के ऊपरी जबड़े में 10 महीने में पहला दांत निकले तो इसे अशुभ माना जाता है. इसी से बचने के लिए बच्चों की शादी पूरे विधि-विधान से कुतिया या कुत्ते से कराई जाती है. यह अंधविश्वास झारखंड सहित पड़ोसी ओडिशा के कुछ जिलों में भी कायम है पुरानी परंपरा के तहत ऊपर के दांत निकलने पर बच्चों की शादी पशुओं से कराई जाती है। 

गांववाले बताते हैं कि जबड़े के ऊपरी हिस्से में पहला दांत निकलने पर बच्चे पर मृत्युदोष का खतरा मंडराता है. इस खतरे को टालने के लिए पशुओं से शादी कराई जाती है

अगर लड़का होता है तो उसकी शादी कुतिया से और लड़की होने पर उसकी शादी कुत्ते से होती है. खास बात है कि शादी पूरे धूम-धाम से होती है पूरे गांव के लोग जुटते हैं. विवाह की तरह इसका भी गांववालों को न्यौता जाता है. झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम और ओडिशा के क्योंझर व मयूरभंज जिले में सबसे ज्यादा इस परंपरा का पालन होता है.
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