मोदी को हराने के लिए 2019 तक अपने आप आ जाएगा विदेश में जमा कालाधन, होगा देश का फायदा, पढ़ें

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2014 लोकसभा चुनाव से पहले कालेधन का मुद्दा जोर शोर से उठा था, कहा जाता था कि एक पार्टी ने घोटाले करके करीब 12 लाख करोड़ रुपये का कालाधन विदेशों में जमा किया है, यह पैसे लाने के लिए मोदी सरकार पर बहुत बड़ा दबाव था लेकिन विदेशी बैंकों के कानून की वजह से कालेधन को सीधे भारत लाना बहुत बड़ी चुनौती बन गया लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी ने अब ऐसा माहौल बना दिया है कि मोदी को हराने के लिए अपने आप कालाधन भारत लाया जा रहा है.

अगर प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसे ही माहौल बनाए रखा तो 2019 में उन्हें हराने के लिए विदेशों से कालाधन अपने आप भारत लाया जाएगा और उसे मोदी को हराने के लिए रैलियों और चुनावी प्रचार, आन्दोलन खड़ा करने, जातिवाद भड़काने, आरक्षण आन्दोलन खड़ा करने, दारू-शराब बांटने, वोटरों को खरीदने पर खर्च किया जाएगा.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जितने भी नेता और राजनीतिक पार्टियाँ घोटाले करती हैं, कालाधन देश में या विदेश में जमा करते हैं, उसे वापस चुनाव जीतने के लिए ही खर्च किया जाता है, विदेश में कालाधन डॉलर के रूप में जमा होता है, भारत में घोटाले करके लूटा हुआ पैसा किसी हवाला कारोबारी को दे दिया जाता है और बदले में उससे विदेश में डॉलर ले लिया जाता है और उसे बैंकों में अन्य नामों से जमा कर दिया जाता है, पैसा वापस लाने के लिए डॉलर विदेश में किसी हवाला कारोबारों को दे दिया जाता है और बदले में भारत में उससे रूपया ले लिया जाता है और उसे रैलियों पर खर्च किया जाता है.

अब एक राजनीतिक पार्टी किसी भी कीमत पर 2019 में मोदी को हराना चाहती है लेकिन इसके लिए बहुत पैसा खर्च करना पड़ेगा, पूरे देश में हजारों रैलियां करनी पड़ेंगी, सैकड़ों आन्दोलन करने पड़ेंगे, पूरे देश में हार्दिक, जिग्नेश, अल्पेश जैसे लड़कों को ढूंढकर उनके जरिये जातिवादी और आरक्षण आन्दोलन करवाना पड़ेगा, उन्हें भी रैलियां करने के लिए पैसे बाँटे जाएंगे, बैनर, पोस्टर, पम्पलेट बनवाने पड़ेंगे, मीडिया को पैसे खिलाने पड़ेंगे, टीवी न्यूज़ चैनलों को पैसे खिलाने पड़ेंगे, किसान आन्दोलन करवानें पड़ेंगे, सब्जियां, टमाटर, आलू, प्यार सड़कों पर फेंकवाने पड़ेंगे.

ये सभी काम करने में हजारों लाखों करोड़ रुपये खर्च होंगे, यह सब एक दो महीनें में शुरू हो जाएगा, आपने गुजरात में इसका ट्रायल देख लिया होगा जहाँ पर जातिवादी आन्दोलन खड़ा किया गया, तीन लड़कों से हजारों रैलियां करवानी पड़ीं, अन्य तिकड़म भिडाने पड़े, अब पूरे देश में यही काम शुरू होगा, विदेश में जमा कालाधन लाकर पूरे देश में खर्च किया जाएगा और देश का बहुत आर्थिक लाभ होगा. देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी, जीडीपी बढ़ेगी और अर्थ तंत्र बहुत मजबूत हो जाएगा.

आपको बता दें यह सब करने में लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा, बैनर, पोस्टर, पम्फलेट, रैलियां, लाउड-स्पीकर, टेंट हाउस, कुर्सी, मेज, माली, फूल वाले, हलवाई, रिक्शे वाले, ऑटो वाले, बस वाले, कार वाले, पेट्रोल पंप वाले, गरीब, साफ सफाई वाले, हर आदमी कमाएगा, देश का बहुत फायदा होगा.
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