हुकुमदेव ने दिया फिर धमाकेदार भाषण, कांग्रेसियों की कर डाली कालनेमि से तुलना, जमकर धोया

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भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज सांसद हुकुमदेव नारायण यादव ने आज संसद में फिर से धमाकेदार भाषण दिया और कांग्रेस पार्टी को जमकर धोया, संसद में मोब लिंचिंग पर बहस चल रही है, हुकुमदेव बीजेपी की तरफ से कांग्रेस को जवाब दे रहे थे, उन्होंने ऐसा जवाब दिया कि कांग्रेस की बोलती बंद हो गयी.

मोब लिंचिंग पर हुकुमदेव ने कांग्रेस और विपक्ष की तुलना कालनेमि राक्षस से कर डाली. उन्होंने कहा की भीड़ कोई एक व्यक्ति नहीं है और एक तरह की नहीं होती है, भीड़ सिर्फ भीड़ होती है, चाहे वह किसी के भी नाम पर भीड़ हो, लेकिन जब भीड़ के द्वारा हिंसा की जाती है तो उस वक्त उनकी मानसिकता क्या रहती है इसके सम्बन्ध में मैं एक उदाहरण देना चाहूँगा.

उन्होंने कहा - रामचरित मानस में एक कहानी है, कालनेमि नाम का एक राक्षस था, जब वह श्री हनुमान के रास्ते में बाधा उत्पन्न करने गया तो उसनें भी अपना रूप साधू का बना लिया, लेकिन हनुमान जी तो उस रूप को पहचान लिये थे, उसी तरह से मैं यह जानता हूँ कि हिंदुस्तान के अन्दर भी आज कुछ लोग कालनेमि-वाद से ग्रसित हैं. 

हुकुमदेव ने कहा कि कालनेमि कोई एक व्यक्ति नहीं है, कालनेमि के विचारधारा है, उसका एक चरित्र है और चिंतन है और आज भी हिन्दुतान की राजनीति में कालनेमि हैं, पहले भी थे और आगे भी रहेंगे लेकिन उससे लड़ने वाला भी हनुमान जैसा चाहिए.

हुकुमदेव ने कहा कि जहाँ तक कालनेमि से लड़ने की बात है तो भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार कहा कि ये गलत है, ये अपराध है, ऐसा नहीं होना चाहिए, इसके विरुद्ध कायवाही होनी चाहिए, जब भारत के प्रधानमंत्री ये बात कह रहे हैं तो राज्य सरकारों की जिम्मेदारी होती है कि प्रधानमंत्री के आदेश का पालन करे. क्या कहीं संविधान में लिखा है कि भारत की सरकार पलटन भेज देगी, भारत की सरकार CRPF भेज देगी, BSF को अलग से भेज देगी. अब आप बताइये, BSF को कश्मीर में भेजने की आवश्यकता है, चीन की सीमा पर भेजने की आवश्यकता है या राज्यों में भेजने आवश्यता है.

उन्होने कहा कि 58 वर्ष की आयु में मैंने पता नहीं कितने कालनेमि-वाद को देखा है. आज भी मैं कहता हूँ कि वे क्षद्मभेशी हैं जो रूप बदलकर सरकार को बदनाम करने के लिए इस तरह का आतंकवादियों जैसा काम कर रहे हैं, ऐसे कालनेमियों को पकड़ने की आवश्यकता है, कौन हैं वो उन्हें खोजने की आवश्यकता है.

इतना कहने पर कांग्रेसी चिल्लाने लगे तो हुकुमदेव ने कहा, मैं आपको तो नहीं कह रहा हूँ कालनेमि, आप क्यों नाराज हो रहे हैं, मैं किसी दल या पार्टी पर आरोप नहीं लगा रहा हूँ, अगर आप भीड़ की बात करते हो तो मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि कश्मीर में एक DSP ऑफिसर जो किसी समारोह के कार्यक्रम में जाता है, वहां पर भीड़ आती है और उसे पकड़कर उसकी हत्या कर देती है, क्या वह भीड़ की हत्या नहीं है.

उन्होंने कहा कि कश्मीर में जब हमारी सेना सीमा की सुरक्षा करती है, आतंकवादियों से लडती है तो उस समय हमारी सेना पर भीड़ बनाकर पथराव करते हैं, उनकी राष्ट्रभक्ति के काम में अवरोध पैदा किया जाता है उन्हें आतंकवादियों से लड़ने से रोकते हैं और इसी देश में एक दो नेता होते हैं जो उन पत्थरबाजों के लिए कहते हैं कि वे अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं, इसी देश के लोग उनको ऐसा कहते हुए सुनते हैं और समझते हैं.

हुकुमदेव ने कहा कि नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं, राष्ट्रीयता की भावना से ओत प्रोत हैं, क्रन्तिकारी आर्थिक क़दमों को उठा रहे हैं, जो लोग जानने वाले हैं वो समझ गए हैं कि अगर राष्ट्रीयता और क्रन्तिकारी आर्थिकता एक साथ चलेगी तो दोनों चक्की में जितने भी कालनेमि हैं वो पिस जाएंगे और उनके वंश में रहने वाला कोई नहीं रहेगा.
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