वाह, आदिवासी माँ ने अपने बेटे को लकड़ियाँ बेचकर पढ़ाया, बेटे ने कर ली IIT प्रवेश परीक्षा पास

A tribal student of Kirandul village of Chhattisgarh's Dantewada region has made his mother proud by securing a place for himself in the prestigious Indian Institute of Technology
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दंतेवाडा: आप सोच भी नहीं सकते कि नक्सलियों के गढ़ दंतेवाडा में कोई बच्चा IIT की प्रवेश परीक्षा पास कर सकता है लेकिन ऐसा हुआ है, छत्तीसगढ़ के दंतेवाडा जिले के किरंदुल गाँव के एक छात्र ने IIT की प्रवेश परीक्षा (JEE Advance) 2912th रैंक से पास कर ली है.

रिपोर्ट के अनुसार छात्र वमन मांडवी ने IIT JEE Advance परीक्षा में 2912वां रैंक हासिल किया है, उसकी माँ मंगली ने लकड़ियाँ बेचकर उसे पढ़ाया था, IIT प्रवेश परीक्षा पास करने वमन और उसकी माँ मंगली बहुत खुश है क्योंकि यह परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है.

ANI रिपोर्ट के अनुसार वमन के पिता चमन राव मांडवी की मृत्यु उसके जन्म के 10 महीने बाद ही हो गयी थी, पिता की मृत्यु के बाद उसकी माँ ने बहुत मुश्किल से लकड़ियाँ बेचकर घर चलाया और उसकी पढ़ाई का इंतजाम किया. मंगली ने बताया कि हम आदिवासी तबसे से आते हैं, हमारे बच्चों को जानवर चराने, जानवर पालने और खेती करना सिखाया जाता है लेकिन मैंने अपने बेटे को पढने के लिए स्कूल भेज दिया.

मंगली ने यह भी बताया कि बेटे की कामयाबी में जिला प्रशासन और सरकार ने भी योगदान दिया है, उनके बेटे को सरकार ने फ्री में शिक्षा दी.

जानकारी के लिए बता दें कि वमन ने सरकारी स्कूल से शिक्षा हासिल की है, उन्होंने 10वीं में 72 फ़ीसदी अंक और 12वीं में 76 फ़ीसदी अंक हासिल किये हैं. 

वमन ने बताया कि वह अपनी माँ के सपने को पूरा करना चाहता है, मेरे माँ ने बहुत मेहनत करके मुझे पाला है, मैं अपनी माँ के लिए इंजीनियर बनना चाहता हूँ.
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