Dhola-Tinsukia (Assam): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल की तीसरी सालगिरह पर देश को सबसे बड़ा तोहफा सौंपा है साथ ही दुश्मन देश चीन को सबसे बड़े टेंशन दी है. आज मोदी ने असम के तिनसुकिया जिले में ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़े देश के सबसे बड़े पुल 'Dhola-Sadiya Bridge' का उद्घाटन किया है, इस पुल ने असम को अरुणाचल प्रदेश से पूरी तरह से जोड़ दिया है जिसकी वजह से दुश्मन देश चीन की टेंशन बढ़ गयी है क्योंकि चीन काफी समय से अरुणाचल प्रदेश पर कब्जे का सपना देख रहा है, पुल के बनने से नार्थ ईस्ट के राज्य आपस में जुड़ेंगे, विकास होगा चीन का सपना सपना ही रह जाएगा.
इस पुल की लम्बाई सवा 9 किलोमीटर के करीब है, इस पुल के बनने से असम और अरुणाचल प्रदेश की दूरी करीब 40 किलोमीटर कम हो जाएगी और समय के साथ साथ धन भी बचेगा. मोदी ने ट्वीट करके बताया कि 'Dhola-Sadiya Bridge' भारत का सबसे महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है.
रिपोर्ट के अनुसार इस पुल का निर्माण वर्ष 2011 मिनिस्ट्री ऑफ़ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे और नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने PPP के तहत शुरू किया था, इस पुल का उद्घाटन दिसम्बर 2015 में होना था लेकिन निर्माण में देरी की वजह से इसका काम आज पूरा हुआ है.
इस पुल के निर्माण में 6 वर्ष और 10 अरब रुपये खर्च हुए हैं, नदी पर पुल की लम्बाई सवा नौ किलोमीटर है जो मुंबई के Bandra Worli Sea Link से करीब 3.55 किलोमीटर से अधिक है.
पुल से क्या मिलेंगे लाभ
- इस पुल की वजह से क्षेत्र में कई डेवलपमेंट परियोजनाएं शुरू होंगी जिसकी वजह से लोगों को रोजगार मिलेगा
- ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का विस्तार होगा
- सप्लाई चैन मैनेजमेंट में सुधार होगा जिसकी वजह से मंहगाई कम होगी, समय पर ढुलाई होने से जरूरत की चीजें लोगों को आसानी से मिल सकेंगी
- औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा
- स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विकास होगा, सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी
- टूरिज्म का विकास होगा
- अरुणाचल प्रदेश और पडोसी देशों (ASEAN देशों) के बीच सीमा व्यापर बढेगा
- डिफेंस क्षेत्र में भी काफी फायदा होगा क्योंकि चीन के साथ युद्ध की स्थिति में रक्षा सामान जल्दी पहुंचाए जा सकेंगे
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