MODI बोले, 2004 में अटल जीतते तो 10 साल पहले बन जाता सबसे लम्बा पुल, कांग्रेस ने रोका काम

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Assam: मोदी ने आज असम की ब्रह्मपुत्र नदी पर बने भारत और एशिया के सबसे बड़े पुल - 'Dhola-Sadiya Bridge' का उद्घाटन करके इस तोहफे को देश को सौंप दिया. इस मौके पर आयोजित जनसभा को सबोधित करते हुए कहा कि अगर 2004 में अटल जी ही हार ना होती तो यह पुल 10 साल पहले ही देश को मिल गया होता लेकिन कांग्रेस की 10 साल की सरकार ने काम रोक दिया जिसकी वजह से यह पुल देश को 10 साल बाद मिल रहा है.

मोदी ने असम वादियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोग पिछले 50 वर्षों से इस पुल का इन्तजार कर रहे हैं, आज आपको यह पुल मिल रहा है. मोदी ने कहा कि 29 मई 2003 को देश में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, उस समय बीजेपी विधायक जगदीश भुवन ने एक चिट्ठी लिखकर इस ब्रिज के लिए आग्रह किया और अटल जी की सरकार ने इस पुल की फीजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करने का आदेश दे दिया, यह काम गंभीरता से मिला गया, अगर उसके तुरंत बाद ये काम चला होता तो आज से 10 साल पहले आपको यह ब्रिज मिल गया होता लेकिन बीच में सरकार बदल गयी तो कम में रुकावट आ गयी जिसकी वजह से आपका सपना भी डगमगाता रहा. लेकिन पिछले तीन साल में हमने अटल बिहारी का सपना पूरा करना का लगातार प्रयास किया और आज जब असम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का 1 वर्ष पूर्ण हो रहा है, ऐसे अवसर पर आपको ब्रिज सौंप रहा है, यह ना केवल असम के लिए गर्व का विषय है बल्कि हिंदुस्तान के लिए भी गर्व का विषय है क्योंकि यह एशिया का सबसे लम्बा ब्रिज है.

इस पुल की लम्बाई सवा 9 किलोमीटर के करीब है, इस पुल के बनने से असम और अरुणाचल प्रदेश की दूरी करीब 40 किलोमीटर कम हो जाएगी और समय के साथ साथ धन भी बचेगा. मोदी ने ट्वीट करके बताया कि 'Dhola-Sadiya Bridge' भारत का सबसे महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है.

रिपोर्ट के अनुसार इस पुल का निर्माण वर्ष 2011 मिनिस्ट्री ऑफ़ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे और नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने PPP के तहत शुरू किया था, इस पुल का उद्घाटन दिसम्बर 2015 में होना था लेकिन निर्माण में देरी की वजह से इसका काम आज पूरा हुआ है.

इस पुल के निर्माण में 6 वर्ष और 10 अरब रुपये खर्च हुए हैं, नदी पर पुल की लम्बाई सवा नौ किलोमीटर है जो मुंबई के Bandra Worli Sea Link से करीब 3.55 किलोमीटर से अधिक है.


पुल से क्या मिलेंगे लाभ
  • इस पुल की वजह से क्षेत्र में कई डेवलपमेंट परियोजनाएं शुरू होंगी जिसकी वजह से लोगों को रोजगार मिलेगा
  • ट्रांसपोर्ट नेटवर्क का विस्तार होगा
  • सप्लाई चैन मैनेजमेंट में सुधार होगा जिसकी वजह से मंहगाई कम होगी, समय पर ढुलाई होने से जरूरत की चीजें लोगों को आसानी से मिल सकेंगी
  • औद्योगीकरण को बढ़ावा मिलेगा
  • स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विकास होगा, सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी
  • टूरिज्म का विकास होगा
  • अरुणाचल प्रदेश और पडोसी देशों (ASEAN देशों) के बीच सीमा व्यापर बढेगा
  • डिफेंस क्षेत्र में भी काफी फायदा होगा क्योंकि चीन के साथ युद्ध की स्थिति में रक्षा सामान जल्दी पहुंचाए जा सकेंगे
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