अभी भी कांग्रेस को नहीं आई सद्बुद्धि, नोटबंदी के खिलाफ सभी RBI दफ्तरों का घेराव करेगी कांग्रेस

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नई दिल्ली, 17 जनवरी: कांग्रेसी नेताओं का अभी भी दिमाग नहीं खुल रहा है, नोटबंदी के बाद कई राज्यों की जनता ने चुनावों में कांग्रेस को करारा सबक सिखाया है लेकिन इनको अब तक सद्बुद्धि नहीं आयी। अब कांग्रेस ने देश एक सभी बड़े शहरों के RBI दफ्तरों का घेराव करने का फैसला किया है। 

कांग्रेस नोटबंदी के खिलाफ विरोध जताने और देश के केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता खत्म किए जाने के खिलाफ बुधवार से दिल्ली में और देश के अन्य हिस्सों में स्थित भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 25 कार्यालयों का घेराव शुरू करेगी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "वक्त की जरूरत है कि रुपये की आपूर्ति पूरी तरह पुराने ढर्रे पर लौटे, नोटबंदी के बाद मची तबाही की जवाबदेही तय की जाए और देश के आम नागरिकों पर हाड़-तोड़ मेहनत कर कमाए गए रुपये अपने बैंक खातों से निकालने पर लगा प्रतिबंध हटाया जाए।"

उन्होंने कहा, "पीएमओ के आगे घुटने टेकने वाले आरबीआई का घेराव देश के विभिन्न हिस्सों में 18 से 23 जनवरी के बीच किया जाएगा।"

राष्ट्रीय राजधानी में इस घेराव का नेतृत्व वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा करेंगे, वहीं मुंबई में सुरजेवाला, कोलकाता में एन. संजीव रेड्डी, बेंगलुरू में पृथ्वीराज चव्हाण, चेन्नई में ऑस्कर फर्नाडीज, चंडीगढ़ में राजीव शुक्ला, देहरादून में कपिल सिब्बल, पणजी में के.सी. वेणुगोपाल, लखनऊ में शकील अहमद, जयपुर में गुरुदास कामत, अहमदाबाद में सुशील कुमार शिंदे और पटना में सलमान खुर्शीद घेराव का नेतृत्व करेंगे।

सुरजेवाला ने कहा, "मोदी सरकार और आरबीआई द्वारा आज (मंगलवार) एटीएम से रुपये निकालने पर लगा 24,000 रुपये प्रति सप्ताह का प्रतिबंध न हटाने का फैसला देशवासियों के साथ बेईमानी है।"

उन्होंने कहा, "रुपयों की आपूर्ति बहाल करने में अक्षमता के चलते देश की अर्थव्यवस्था पंगु हो गई है, हजारों लोगों की नौकरी चली गई है और दिन-ब-दिन लोगों का काम- धंधा चौपट हो रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, "उर्जित पटेल के नेतृत्व में आरबीआई स्वतंत्र मुद्रा नियामक और आर्थिक वृद्धि में अहम योगदान देने वाले संस्थान की भूमिका न निभाकर सिर्फ किसी डाकघर जैसा रह गया है और सिर्फ मोदी सरकार से मिले आदेशों का पालन करने वाला पालतू बनकर रह गया है। यह देश के लिए शर्मनाक है।"