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BJP सांसद साक्षी महाराज का धमाकेदार बयान, 4 बीवियां, 40 बच्चे और 3 तलाक नहीं चलेगा

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New Delhi, 7 January: उत्तर प्रदेश के उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने एक बार फिर से धमाकेदार बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि भारत की जनसँख्या बढ़ती जा रही है, जमीन छोटी होती जा रही है ऐसे में 4 बीवियां, 44 बच्चे और 3 तलाक जैसी चीजें नहीं होगी चाहियें। उन्होंने कहा कि औरत मशीन नहीं है, इसलिए दो बच्चों के बारे में ही सोचना चाहिए। 

साक्षी महाराज के बयान पर बवाल मच गया है, बीजेपी ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। मुस्लिम संगठन उनके विरोध में उतर आये हैं, साक्षी महाराज ने फिर से अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि औरत का सम्मान करना चाहिए, उसे बच्चे पैदा करने की मशीन नहीं समझना चाहिए। 

उन्होंने अपने आप का जिक्र करते हुए कहा कि हमें तो इनाम मिलना चाहिए, हम चार भाई हैं और चारों सन्याशी हैं, बच्चे पैदा होने का सवाल ही नहीं उठता है। 

मायावती ने 100 उम्मीदवारों की तीसरी लिस्ट जारी की: पढ़ें

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लखनऊ, 7 जनवरी: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने तेजी पकड़ ली है। बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार को 100 प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी। चुनाव के लिए प्रत्याशियों की चौथी सूची रविवार को जारी की जाएगी। 

गौरतलब है कि पार्टी पिछले तीन दिनों से लगातार 100-100 प्रत्याशियों की सूची जारी कर रही है।

बयान के मुताबिक, पार्टी ने जिन प्रत्याशियों की सूची जारी की है उसमें उन्नाव जनपद के उन्नाव विधानसभा से सुरेश पाल, भगवंतनगर से शशांकर शेखर सिंह, पुरवा से अनिल सिंह, रायबरेली के बछरावां (एससी) से श्याम सुन्दर भारती, हरचन्दपुर से मनीष सिंह, रायबरेली से शहबाज खान, सलोनी (एससी) से बृजलाल पासी, सरैनी से ठाकुर प्रसाद यादव और ऊंचाहार से विवेक सिंह, बाराबंकी से वी़पी़ सिंह, रामनगर से मो़ हफीज भारती, बाराबंकी से सुरेन्द्र सिंह वर्मा, जैदपुर (एससी) से कुमारी मीता गौतम, दरियाबाद से मो़ मुबस्सिर खान और हैदरगढ़ (एससी) से कमला प्रसाद रावत को प्रत्याशी बनाया गया है।

इसी तरह फतेहपुर के जहानाबाद से रामनारायण निषाद, बिन्दकी से सुखदेव प्रसाद वर्मा, फतेहपुर से समीर त्रिवेदी, अयाह-शाह से देव कुमार उर्फ भोले पाल, हुसैनगंज से मो़ आशिफ शेख, खागा (एससी) से सुनील कुमार गौतम, प्रतापगढ़ की रामपुर खास से अशोक कुमार सिंह, बाबागंज (एससी) से दयाराम पासी, कुण्डा से परवेज अख्तर अंसारी, विश्वनाथगंज से प्रेम आनन्द त्रिपाठी, प्रतापगढ़ सदर से अशोक त्रिपाठी, पट्टी से कुंवर शक्ति सिंह और रानीगंज से शकील अहमद उम्मीदवार हैं।

इसके अलावा कौशांबी के सिराथू से साईदुर्रब, मंझनपुर (एससी) से इंद्रजीत सरोज और चायल से मो़ आसिफ जाफरी, इलाहाबाद के मऊ से मनोज पाण्डेय, सोरांव (एससी) से गीता पासी, फूलपुर से मो़ मसरूर, प्रतापुर से मो़ मुजता सिद्दीकी, हंडिया से हाकिम लाल बिन्द, मेजा से सुरेन्द्र कुमार मिश्रा, करछना से दीपक पटेल, इलाहाबाद पश्चिम से पूजा पाल, इलाहाबाद दक्षिण से मासूक खां, इलाहाबाद उत्तर से अमित श्रीवास्तव, बारा (एससी) से अशोक कुमार गौतम और कोरांव (एससी) से राजबली जैसल को टिकट दिया गया है।

जालौन की माधौगढ़ से गिरीश अवस्थी, कालपी से छोटे सिंह और उरई (एससी) से अजय सिंह, झांसी की बबीना से कृष्ण्पाल राजपूत, झांसी नगर से सीताराम कुशवाहा, मऊरानीपुर (एससी) से प्रागी लाल अहिरवार और गरौठा से डॉ़ अरुण मिश्रा, ललितपुर जनपद की ललितपुर विधानसभा से संतोष कुमार कुशवाहा और महरौनी (एससी) से फेरनलाल अहिरवार, हमीरपुर जनपद की हमीरपुर विधानसभा से संजीव कुमार दीक्षित उर्फ संजय दीक्षित और राठ (एससी) से अनिल अहिरवार, महोबा जनपद की महोबा विधानसभा से अरिमर्दन सिंह, चरखारी से जितेन्द्र कुमार मिश्रा, तिन्दवारी से जगदीश प्रजापति, बबेरू से किरन यादव, नरैनी (एससी) से गयाचरन दिनकर और बांदा से मधुसूदन कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया गया है।

इसके अलावा चित्रकूट जनपद की चित्रकूट विधानसभा से जगदीश प्रसाद गौतम और मानिकपुर से चन्द्रभान सिंह पटेल, बलरामपुर की तुलसीपुर से डॉ के.के सचान, गैसड़ी से अलाउद्दीन खां, उतरौला से परवेज अहमद और बलरामपुर (एससी) से राम सागर अकेला पार्टी प्रत्याशी होंगे। जबकि गोंडा के मेहनौन से अरसद अली खां, गोण्डा से मो़ जलील खां, कटराबाजार से मसूद आलम खां, करनैलगंज से संतोष कुमार तिवारी, तरबगंज से इन्द्रबहादुर सिंह उर्फ पप्पू सिंह, मनकापुर (एससी) से रमेश कुमार गौतम और गौरा से अब्दुल कलाम मलिक को टिकट दिया गया है।

फैजाबाद की रूदौली से फिरोज खान, मिल्कीपुर (एससी) से रामगोपाल कोरी, बीकापुर की जितेन्द्र सिंह बबलू, अयोध्या से बज्मी सिद्दीकी और गोसाईगंज से धर्मराज निषाद, अंबेडकर नगर की कटेहरी से लाल जी वर्मा, टाण्डा से मनोज कुमार वर्मा, आलापुर (एससी) से त्रिभुवन दत्त, जलालपुर से रितेश पाण्डेय और अकबरपुर से रामअचल राजभर को उम्मीदवार के तौर पर पेश किया गया है।

इसी तरह बइराइच की बलहा (एससी) से किरन भारती, नानपारा से अब्दुल वहीद, मटेरा से सुलतान अहमद खां, महसी से कृष्ण कुमार ओझा, बहराइच से अजीत प्रताप सिंह, पयागपुर से ऋषभ कुमार तिवारी और कैसरगंज से खालिद अहमद खां को टिकट दिया गया है। 

श्रावस्ती की भिनगा से मो़ असलम राइनी और श्रावस्ती से सुभाष सत्या, सिद्घार्थनगर की सोहरतगढ़ से मो़ जमील सिद्घीकी, कपिलवस्तु (एससी) से चन्द्रभान, बांसी से लालचन्द निषाद, इटवा से अरशद खुर्शीद और डुमरियागंज से श्रीमती सैय्यदा खातून, संत कबीर नगर की मेहदावल से अनिल कुमार त्रिपाठी, खलीलाबाद से मशहूर आलम चौधरी और घनघटा (एससी) से नीलमणि को टिकट दिया गया है।

बसपा महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने नोटबंदी के लिए PM MODI के खिलाफ जमकर उगला जहर

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Bijnor, 6 January: बहुजन समाज पार्टी के विधान सभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने नोटबंदी के लिए प्रधानमंत्री मोदी पर जमकर जहर उगला। 

उन्होना कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार ने काले धन की आड़ में लोगों को बहुत बड़ा धोखा दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नोटबन्दी के फैसले से गरीब, मजदूर, कृषको अपना ही पैसा लेने के लिये लाईनों में खड़े हो गए जबकि काला धन रखने वालों की काली कमाई तो पहले ही सफेद करा दी गयी। 

उन्होंने सपा सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने गुन्डागर्दी, माफिया गर्दी व भ्रष्टाचार को बढ़ावा देकर प्रदेश की भोली जनता को माफियाओं व गुन्डों से लुटवाने का काम किया है। 

उन्होंने मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं मै एक चाय बेचने वाले मजदूर का बेटा हूं। कोई उनसे पूछे कि ढाई साल में प्रधानमंत्री बनकर देश के लोगों को बर्बाद क्यों कर दिया। प्रधानमंत्री ने सत्तर करोड़ की कीमत के कपड़े कहाँ से पहने, जबकि प्रधानमंत्री फन्ड में ऐसा कोई फन्ड नही होता। उन्होने कहा कि मोदी जी ने अपनी कमियों को छुपाने के लिये आनन फानन में हजार व पांच सौ के नोट बन्द करने का फैसला लेकर गरीब, मजदूर, किसान व व्यापारियों को अपने ही पैसे लेने के लिये भिखारियों की तरह लाईनो मे लगा दिया। किसानों को समय पर पैसा न मिलने फसल बर्बाद हो गयी।

उन्होंने बताया कि नोटबंदी की वजह से बहुत से व्यापारीयों ने अपने कारोबार बन्द कर दिये। मजदूरों को बेरोजगार कर दिया जबकि काले धन वालों का धन बैंको के पीछे के रास्ते से सफेद किया गया। 

उन्होने कहा कि जो दो हजार का नोट शुरू किया गया है उस नोट की शक्ल ऐसी है जैसी हमें बचपन में चूरन में निकले नोट में मिलती थी। उन्होने कहा कि कोई गरीब मजदूर व्यक्ति पूरा हफ्ता मजदूरी कर दो हजार का नोट पाता है और जब वह दुकानदार के पास 100, 200 रुपये का सामान खरीदने के लिये 2000 रुपये का नोट देता है तो दुकानदार नोट को देखकर सामान नहीं देता है।

उन्होनें कहा कि मोदी जी देश कि जनता से कहते है अब अच्छे दिन आने वाले है। उन्होनें कहा कि केन्द्र कि ढाई वर्ष कि सरकार में देश कि जनता के अच्छे दिन नहीं  बल्कि बुरे दिन आये है।

मायावती ने मुज्जफरनगर दंगो के आरोपी 'नूर सलीम राणा' को भी दिया टिकट

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Lucknow, 6 January: उत्तर प्रदेश का चुनाव जीतने के लिए मायावती कुछ भी करने को तैयार हैं, इस बार मायावती ने मुस्लिमों पर अधिक दांव अपनाया है, उन्होंने 403 में से 97 मुस्लिमों को टिकट देने का ऐलान किया है, मुस्लिमों को टिकट देने में कोई बुराई नहीं है लेकिन मायावती ने उस आदमी को भी टिकट दे दिया है जिसपर मुजफ्फरनगर दंगा कराने के आरोप हैं। 

मायावती ने आज 100 बसपा उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है जिसमें चरथावल विधानसभा के मौजूदा विधायक नूर सलीम राणा का भी नाम है। 100 उम्मीदवारों में 36 मुसलमानों को भी टिकट दिया गया है जिसमें नूर सलीम राणा का भी नाम है। 

मायावती ने उत्तर प्रदेश चुनाव अकेले ही लड़ने का निर्णय किया है हालाँकि पहले वे कांग्रेस का साथ चाहती थीं लेकिन कांग्रेस से समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने का संकेत देकर मायावती की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। 

मायावती ने फिर से चल दी 2007 वाली चुनाव जिताऊ चाल: पढ़ें

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Lucknow, 6 January: उत्तर प्रदेश के 2007 विधानसभा चुनावों में मायावती ने एक चुनाव जिताऊ फार्मूला अपनाया था, उन्होंने ज्यादा से ज्यादा टिकेट सवर्णों और ब्राह्मणों को बांटे थे जिसका नतीजा यह हुआ था कि बसपा को दलितों और ब्राह्मणों का वोट मिल गया था और मायावती की बम्पर जीत हुई थी। 

इसे आप दलितों की मजबूरी ही कह सकते हैं कि ब्राह्मण लोग ही उनका ज्यादातर तिरस्कार और उपेक्षा करते हैं लेकिन जब चुनाव में मायावती ब्राह्मण को टिकेट देती हैं तो दलितों को मजबूरन ब्राह्मण को वोट देना पड़ता है। इस बार भी मायावती ने चुनाव जीतने के लिए वही फार्मूला अपनाया है, उन्होंने इस बार भी ज्यादातर टिकट ब्राह्मण को ही दिए हैं ताकि बसपा को दलितों के साथ साथ ब्राह्मण के भी वोट मिल सकें। 

इसके अलावा मायावती ने मुसलमानों को भी खूब टिकेट दिए हैं ताकि मायावती को दलितों, ब्राह्मण और मुसलमानों के वोट मिल जाएं, अगर मायावती की यह ट्रिक काम कर गयी तो उन्हें चुनाव जीतने से कोई नहीं रोक सकता। 

मायावती 403 सीटों में से 113 टिकट सवर्णों को, 97 मुसलमानों, 106 टिकेट पिछड़ी जातियों और 87 टिकेट दलितों को दे रही हैं। 

पीछे हटने को तैयार नहीं मुलायम, चुनाव आयोग में हलफनामा दाखिल करने दिल्ली पहुंचे

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लखनऊ , 5 जनवरी: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच छिड़े संग्राम में अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं बची है, ऐसा लगता है कि मुलायम सिंह ने कुर्सी से हटाये जाने की घटना को दिल पर ले लिया है। दोनों ही खेमों से साफ संकेत मिल रहे हैं कि कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है। मुलायम सिंह यादव, शिवपाल के साथ चुनाव आयोग में हलफनामा दाखिल करने दिल्ली चले गए। सियासी संकट के बीच अखिलेश यादव की पार्टी विधायकों के साथ बैठक आज सुबह 10 बजे से लखनऊ में उनके आवास पर हुई। वह राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में आजम खां भी मौजूद रहे। 

सपा सूत्रों के मुताबिक, बैठक में 90 फीसदी से अधिक विधायक पहुंचे हैं। उनसे हलफनामे पर हस्ताक्षर कराया जा रहा है। चुनाव चिह्न् पर दावा पेश करने के बाद अखिलेश खेमा गुरुवार को ही चुनाव आयोग को समर्थक विधायकों की सूची सौंप सकता है।

सुलह न हो पाने पर एमएलसी सुनील यादव साजन ने कहा कि अखिलेश यादव राजधर्म का पालन करने का फैसला कर रहे हैं। 

इस बीच, उन्होंने रामगोपाल यादव के खिलाफ आयोग को एक और ज्ञापन भेजा है। रामगोपाल यादव ने 1 जनवरी को एक अधिवेशन बुलाया था, जिसे मुलायम सिंह यादव ने असंवैधानिक बताया था।

अखिलेश ने बुलाई विधायकों की बैठक, नई सूची जारी होने की संभावना

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लखनऊ, 5 जनवरी: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनीतिक दलों पर अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने और प्रत्याशियों की सूची जारी करने का दबाव बढ़ गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अंदर जारी संकट के बीच गुरुवार को पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है। 

अखिलेश गुट के सूत्रों की मानें तो विधायकों के साथ बैठक कर आगे की रणनीति तय की जाएगी और जल्द ही प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी की जाएगी।

ज्ञात हो कि चुनाव आयोग द्वारा बुधवार को उप्र समेत पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान करने के बाद अखिलेश यादव बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा कर सकते हैं। हालांकि अभी सपा में जारी संकट का कोई समाधान नहीं निकल पाया है।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 11 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक सात चरणों में होगा। चुनाव के नतीजे 11 मार्च को आएंगे।

सपा सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने लोगों से कह दिया है कि अब वह पूरी तरह चुनाव प्रचार में लग जाएं और किसी तरह के भ्रम में न रहें। 

मुख्यमंत्री ने अपने विधायकों व बड़े नेताओं की गुरुवार को बैठक बुलाई है। बैठक दोपहर को मुख्यमंत्री आवास पर होगी। इसमें अखिलेश पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की हैसियत से विधायकों को चुनावी तैयारियों के संबंध में निर्देश देंगे। हालांकि, अखिलेश यह भी थाह लेना चाहते हैं कि पार्टी के सभी विधायक और मंत्री उनके साथ खड़े हैं या नहीं।

विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, पार्टी प्रत्याशियों की नई सूची भी जारी कर सकती है। प्रचार अभियान, रथयात्रा कार्यक्रम, रैलियों पर भी चर्चा होगी। साफ है कि अखिलेश खेमा किसी समझौते का इंतजार किए बिना अब अपनी ताकत के बूते चुनाव में उतरना चाहता है।

रामगोपाल यादव पहले ही कह चुके हैं कि अब सुलह समझौते का कोई मतलब नहीं है।

इस बीच अखिलेश की ओर से नामित किए गए सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने बुधवार देर रात चार जिलाध्यक्षों की नियुक्ति कर दी। हालांकि उन्होंने शिवपाल के हटाए अध्यक्षों को ही तरजीह दी है। 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने देवरिया, कुशीनगर, आजमगढ़ एवं मिर्जापुर जिलों के सभी पूर्व नामित अध्यक्षों क्रमश: राम इकबाल यादव, राम अवध यादव, हवलदार यादव तथा आशीष यादव को बहाल कर दिया है और जिला कमेटियां फिर से काम करती रहेंगी।

नरेश उत्तम ने उक्त सभी अध्यक्षों से तत्काल कार्यभार ग्रहण कर चुनाव की तैयारियों में जुट जाने का आग्रह किया है। 

युवती ने दर्ज करायी युवक पर FIR, शादी का झांसा देकर 8 महीने तक बनाता रहा हवस का शिकार

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फतेहपुर, 4 जनवरी: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के धाता कस्बा के मोहल्ला भीटापर में एक युवती ने शादी के नाम पर बीते आठ माह से लगातार शारीरिक शोषण करने वाले युवक के खिलाफ दुष्कर्म का अभियोग दर्ज कराया है।

युवती का आरोप है कि शादी के नाम पर अपनी हवस का शिकार बनाने वाला युवक अब शादी से इंकार कर रहा है। 

युवती ने आरोप लगाया कि वह उसके घर वालों से एक लाख नगद, सोने की चेन, मोटर साइकिल की मांग करते हुए तरह-तरह की धमकियां दे रहा है। युवती ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। थानाध्यक्ष की मानंे तो युवती की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। युवती को चिकित्सीय परीक्षण के लिए जिला महिला अस्पताल भेजा गया है।

भीटापर गांव निवासी रिंकू ने बीते लगभग आठ माह पूर्व एक पड़ोसी युवती को पहले अपने प्रेमजाल में फंसाया। धीरे-धीरे उसने युवती से शादी करने की बात कह कर उसका शारीरिक शोषण शुरू कर दिया। मामला इतना आगे बढ़ गया कि दोनों के प्रेम प्रसंग की चर्चाएं मोहल्ले में होने लगी। युवती के परिजनों ने जब युवती से समूचे प्रकरण की जानकारी ली तो उसने युवक के शादी करने की बात बताई। इसके बाद परिजन भी स्वजातीय होने के नाते युवक के परिजनों से दोनों की शादी करने की बात की। 

मामला आगे बढ़ता तभी अचानक रिंकू ने युवती से शादी करने से इंकार कर दिया। पीड़ित युवती की माने तो युवक ने उसके गरीब परिजनों से शादी के नाम पर एक लाख की नगदी, सोने की चेन व मोटर साइकिल की मांग करने लगा। जिसे देने में परिजनों ने असमर्थता जताई। यहीं से दोनों पक्षों के बीच तलवारे खिंच गयीं। पीड़ित युवती परिजनों के साथ थाना पहुंची। 

थानाध्यक्ष को अपनी व्यथा सुनाते हुए उसने कहा कि जब वह राजी नहीं थी तो युवक ने उससे शादी करने की बात कह कर अपनी हवस का शिकार बनाया। अब जब वह और उसके परिजन शादी के लिए राजी हो गए तो उसने धोखा दे दिया। शादी के नाम पर दहेज की लम्बी-चौड़ी मांग शुरू कर दी।

हमारे बांटे गए लैपटॉप में मेरी और नेताजी की तस्वीर दिखती है, कोई उसे हटा ही नहीं सकता: अखिलेश

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Lucknow, 4 January: अखिलेश यादव ने एक बार फिर से अजीबोगरीब बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि पिछले दिनों हमने जप लैपटॉप बांटे थे उसे स्टार्ट करते ही मेरी और नेताजी मुलायम सिंह की तस्वीर दिखती है, अगर कोई उसे हटाना भी चाहे तो नहीं हटा सकता, इसी तरह से समाजवादी पार्टी में मै और नेताजी ऐसे हैं जिसे कोई हटाना भी चाहे तो नहीं हटा सकता। 

अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश प्रवासी दिवस 2017 के समारोह में बोल रहे थे, उन्होंने कहा कि हम चुनाव में जा रहे हैं और दोबारा भी सरकार बनायेंगे, हमें जहाँ भी लगाना होगा, जहाँ कहीं भी हथौड़े का इस्तेमाल करना पड़ेगा सही से करेंगे। 

उन्होंने मुलायम सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने ही मुझे मौका दिया, उन्हीं के आशीर्वाद से हमने इतना काम किया है। हालाँकि अखिलेश ने यह नहीं बताया कि उन्होंने मुलायम सिंह को कुर्सी से बर्खास्त करके इतना नाराज क्यों कर दिया। 

अमेठी से बड़ी खबर, जमालुद्दीन नामक व्यक्ति ने अपने परिवार के 10 लोगों का गला काटा, खुद भी मरा

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अमेठी, 4 जनवरी: उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक ही परिवार के 11 लोगों के शव बुधवार को बरामद हुए। घटना शुकुल बाजार के महोना गांव की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, परिवार के मुखिया जमालुद्दीन का शव फांसी के फंदे से लटकता मिला, जबकि बाकी 10 सदस्यों के शवों का गला रेता हुआ था। पुलिस मौके पर पहुंच गई है और पूरे मामले की जांच कर रही है।

पुलिस के अनुसार, मरने वालों में से आठ बच्चे, दो महिलाएं व एक पुरुष शामिल हैं। जमालुद्दीन बैटरी का काम करता था। मरने वालों में दो बच्चे उसके भाई के हैं और बाकी जमालुद्दीन के हैं। परिवार की महिला को गंभीर हालत में जगदीशपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। उसके होश में आते ही इस घटना का कारण पता चलने की उम्मीद है।

डीआईजी और बाकी फोर्स मौके पर पहुंच चुके हैं। ग्रामीण इस बात की भी आशंका जता रहे हैं कि परिवार के मुखिया ने सभी को नशीला पदार्थ खिलाने के बाद उनका गला काट डाला और उसके बाद खुद फांसी लगाकर जान दे दी।

इस बीच उसकी पत्नी और बेटी को बेहोशी की हालत में जगदीशपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में उसकी बेटी ने बताया कि पिता ने रात में घर के सदस्यों को दवा पिलाई थी, जिसके बाद सब सो गए। इसके बाद किसी को कुछ पता नहीं चला।

पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द ही सब स्पष्ट हो जाएगा। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

पिता ही कर रहा था बेटी के साथ दुष्कर्म, बेटी ने जान से मारा

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बरेली, 3 जनवरी: उत्तर प्रदेश के जनपद बरेली के बारादरी इलाके के गोल्डन ग्रीन पार्क में 11वीं कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म का प्रयास कर रहे शिक्षक पिता की पीड़ित बेटी ने लोहे की रॉड से सिर पर वार कर हत्या कर दी। पुलिस ने छात्रा को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।

बारादरी इलाके के गोल्डन ग्रीन पार्क निवासी सोमपाल (45) जीआईसी में शिक्षक थे। बताते हैं कि सोमवार को उनकी पत्नी बच्चों के साथ अपने मायके गई थीं। घर पर 16 साल बेटी और पिता थे। बेटी ने पुलिस को बताया कि देर रात करीब एक बजे पिता ने बेटी को मछरदानी फटी होने का बहना बनाते हुए उसके बिस्तर पर जाकर सो गए। कुछ देर बाद पिता ने बेटी को पकड़ लिया और जबदस्ती करने की कोशिश की। 

बेटी के विरोध करने पर पिता ने उसका मुंह बंद कर दिया। पीड़िता ने बताया कि वह किसी तरह पिता के चंगुल से छूट कर भागी और आंगन में पड़ी लोहे की रॉड लेकर पिता के सिर में मार दी। पिता ने रॉड छीनने का प्रयास किया। जब बेटी को लगा कि अब पिता उसकी हत्या कर देगा, तब बेटी ने पिता पर ताबड़तोड़ प्रहार कर पिता को मौत के घाट उतार दिया।

इस घटना के बाद बेटी ने मां को फोन कर सारी बात बताई। मां ने एंबुलेंस 108 को फोन किया, लेकिन गाड़ी पहुंचने से पहले ही शिक्षक ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

एसपी (सिटी) समीर सौरभ ने बताया कि छात्रा ने बताया है कि पिता उसके प्रति गलत नीयत रखता था। रात में मौका पाकर छेड़खानी करने लगा, विरोध करने पर मारपीट की। इस पर बेटी ने लोहे की रॉड से पिता की हत्या कर दी। फिलहाल पुलिस मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।

साइकिल पर अपना दावा ठोंकने राम गोपाल यादव भी पहुंचे चुनाव आयोग

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नई दिल्ली, 3 जनवरी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के विश्वासपात्र रामगोपाल यादव ने मंगलवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात कर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न् 'साइकिल' पर दावा पेश किया। रामगोपाल यादव ने संवाददाताओं को बताया, "हमने निर्वाचन आयोग को बताया कि पार्टी के ज्यादातर सासंद, विधायक और एमएलसी अखिलेश के साथ हैं। इसलिए समाजवादी पार्टी की बागड़ोर उनके हाथ में होनी चाहिए और उन्हें ही पार्टी का चुनाव चिह्न् मिलना चाहिए।"

निर्वाचन आयोग पहुंचने वालों में रामगोपाल यादव, के.पी. नंदा, नरेश अग्रवाल, अभिषेक मिश्रा व अक्षय यादव शामिल थे।

उधर, समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने भी निर्वाचन आयोग से मिलकर 'साइकिल' पर दावा पेश किया।

पूर्व सीईसी बी.बी.टंडन ने आईएएनएस को बताया कि पार्टी के चुनाव चिह्न् को जब्त किया जा सकता है और दोनों खेमों से कोई नया चुनाव चिह्न् लेने को कहा जा सकता है।

कांग्रेस ख़त्म है, सपा के चक्कर में अपना वोट बर्बाद ना करें मुस्लिम, केवल मुझे दें वोट: मायावती

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लखनऊ, 3 जनवरी: उत्तर प्रदेश में बीजेपी की आंधी से मायावती घबरा गयी हैं, अब उन्हें मुस्लिमों के वोट का ही भरोसा है क्योंकि उन्हें पता है कि मुस्लिम किसी भी कीमत पर बीजेपी को वोट नहीं देंगे, मायावती जानती हैं कि अगर मुस्लिम वोट बंट गए तो बीजेपी चुनाव जीत जाएगी इसलिए आज उन्होंने मुस्लिमों से अपील की हिया कि वे दूसरी पार्टियों को वोट देकर अपना वोट बर्बाद ना करें।

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में मुस्लिमों को अपने वोट न बांटने को लेकर सावधान किया। बसपा नेता ने साथ ही कहा कि दलित खोखले शब्दों में नहीं बहेंगे।

मायावती ने यहां मीडिया से कहा कि मुस्लिमों को आगामी विधानसभा चुनाव में और अधिक सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उन्हें विभाजन की कगार पर खड़ी समाजवादी पार्टी (सपा) को वोट देकर अपना वोट बर्बाद नहीं करना चाहिए।

मायावती ने कहा, "समाजवादी पार्टी दो हिस्सों में बंट चुकी है। मुस्लिमों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है। उन्हें अपना मत विभाजन नहीं करना चाहिए।"

मायावती ने जाति आधारित राजनीति करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, "हम सर्वजन हिताय की अवधारणा में यकीन रखते हैं और हमने सभी जातियों को सीटें आवंटित की हैं।"

मायावती ने कहा कि सवर्णो में ब्राह्मणों को 66 सीटों पर उतारा गया, क्षत्रियों को 36 और अन्य समूहों को 11 सीटें आवंटित की गईं।

मायावती ने कहा, "हमारी पार्टी ने सवर्ण जाति के लिए आर्थिक आधार पर आरक्षण की वकालत की थी।"

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की हालत बेहद खराब है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि दलितों को केवल भीमराव अबेंडकर का नाम लेकर और उनके नाम पर योजनाएं घोषित करके नहीं लुभाया जा सकता।

उन्होंने कहा, "दलितों को मूर्ख न समझें, वे सभी चीजें अच्छी तरह समझते हैं..रोहित वेमुला की हत्या और गुजरात के उना में दलितों की पिटाई को भुलाया नहीं जा सकता।"

सुलह करने अखिलेश फिर पहुंचे मुलायम सिंह के द्वार, बैठक जारी

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लखनऊ, 3 जनवरी: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के भीतर छिड़े संग्राम के बीच एक बार फिर सुलह के संकेत मिल रहे हैं। चुनाव आयोग में अपना पक्ष रखने के बाद सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव लखनऊ लौट आए हैं। अब पिता-पुत्र के बीच वार्ता चल रही है, जिसमें सुलह के नए फार्मूले बनाए जाने की उम्मीद की जा रही है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मंगलवार को मुलायम सिंह से मिलने उनके आवास पर गए। सत्तारूढ़ पार्टी के भविष्य को लेकर यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, मुलायम और अखिलेश के बीच अब भी सुलह की गुंजाइश है। टिकटों के बंटवारे के अधिकार से लेकर संगठन में बदलाव और कुछ प्रमुख लोगों को पार्टी से निकालने के अधिकार मिलने पर अखिलेश पिता मुलायम के समक्ष झुक सकते हैं। 

सूत्र यह भी बताते हैं कि पिता-पुत्र में सहमति बनी है कि अखिलेश सपा अध्यक्ष का पद छोड़ दें और शिवपाल यादव को केंद्र की राजनीति में भेजा जाए।

इस बीच शिवपाल भी दिल्ली से लौट आए हैं। अखिलेश-मुलायम के बीच बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने केवल इतना कहा, "अगर नेताजी बैठक में बुलाएंगे तो जरूर जाऊंगा।"

उधर, मंगलवार को अखिलेश खेमे की तरफ से प्रो. रामगोपाल यादव ने चुनाव आयोग में दावा पेश कर दिया। उन्होंने कहा कि साइकिल चुनाव निशान अखिलेश का है और पार्टी पर भी उन्हीं का हक है।

इससे पहले सोमवार को मुलायम सिंह कह चुके हैं कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और उनकी अनुमति के बिना अधिवेशन नहीं बुलाया जा सकता है। लिहाजा, पार्टी के चुनाव-चिह्न् पर उन्हीं का अधिकार है।

यूपी में BJP के टिकट के लिए रमापति झुनझुनवाला ने बायोडाटा दिखाकर लगाई भगवान महाकाल से गुहार

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उज्जैन, 3 जनवरी: चुनाव का टिकट पाने के लिए विभिन्न दलों के दावेदार नेताओं की परिक्रमा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर के पार्षद रमापति झुनझुनवाला ऐसे व्यक्ति है, जिन्होंने उज्जैन के महाकाल के दरबार में अर्जी लगाई है। झुनझुनवाला उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ना चाहते है। सोमवार को महाकाल मंदिर दर्शन करने पहुंचे झुनझुनवाला ने अपना बायोडाटा बाबा के सामने अर्पित कर दिया और टिकट दिलाने की कामना की। 

कानपुर निवासी झुनझुनवाला ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि वे नए साल के मौके पर पिछले कई वषरें से महाकाल बाबा के दरबार में आ रहे है। वे इस बार भी यहां पहुंचे हैं। वे उत्तर प्रदेश में भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना चाहते है, इसके लिए उन्होंने बाबा के दरबार में अर्जी लगाई है। 

उन्होंने बताया है कि वह वर्तमान में कानपुर से भाजपा के पार्षद हैं और विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि बाबा महाकाल उनकी मनोकामना पूरी करेंगे। 

105 करोड़ गँवा चुकी मायावती बोलीं, नोटबंदी आजाद भारत का काला अध्याय, जनता मोदी सरकार से परेशान

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नई दिल्ली, 3 जनवरी: नोटबंदी के बाद 104 करोड़ रुपये गँवा चुकी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता मोदी सरकार से परेशान हो गई है। मायावती ने लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को बताना चाहिए कि उन्हें नोटबंदी से क्या मिला? सरकार के नोटबंदी के फैसले से 90 फीसदी जनता को परेशानी हुई है जिससे कई लोगों की जानें गई। लोगों को पहले की तरह पैसे निकालने की आजादी मिलनी चाहिए। मोदी सरकार ने बिना तैयारी के नोटबंदी का फैसला किया है। 

उन्होंने नोटबंदी के फैसले को आजाद भारत का काला अध्याय बताते हुए कहा कि अच्छे दिन के आसार बहुत कम दिख रहे हैं। मायावती ने कहा कि उम्मीद है कि लोगों के खाते में 15 लाख रुपये आएंगे और उन्हें अपने पैसे खर्च करने की आजादी होगी। 

मायावती ने सोमवार को लखनऊ में प्रधानमंत्री की रैली में उमड़ी भीड़ के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री की रैली में भाड़े पर लोगों को लाया गया था। मोदी सरकार जनता का ध्यान नोटबंदी से हटाने पर लगी हुई है।

बिजनोर में पकड़ा गया चोरों का बड़ा गैंग, कई पिस्टल, तमंचे, जेवरात और पासपोर्ट बरामद

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Bijnor, 3 January: बिजनोर से एक बड़ी खबर आयी है, जानकारी के अनुसार पुलिस ने ताबड़तोड़ लूट और चोरी की वारदातो को अंजाम देने वाले एक अंतर्राज्य गिरोह को चेकिंग अभियान के वक्त पकड़ा लिया है। इन लुटेरो के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में रुपया, सोना के जेवर सहित कई हथियार भी बरामद किये

पुलिस 9 डैकतो के इस बड़े गिरोहों को पकड़ा है, ये लुटेरे आस पास जनपद मेरठ, ग़ाज़ियाबाद, नॉएडा, दिल्ली सहित कई अन्य जिलो में लूट की बड़ी वारदातो को अंजाम देते रहे है। इनके पास से पुलिस ने 9 MM की 2 पिस्टल और तमंचे सहित कारतूस भी बरामद किये है।

पुलिस अब इन्हें न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने की तैयारी में जुट गई है, इससे पहले पुलिस इनसे गहनता से पूछताछ किया है और इनके अन्य साथियो को गिरफ्तार करने की मुहीम में जुट गई है, ये लुटेरे जनपद बिजनौर के कई थानों में भी लूट की घटना को अंजाम दे चुके है।

बदमाशों ने मचा रखा था कोहराम

बिजनौर  जिले के  नूरपुर, धामपुर और नहटौर थाना इलाके में पकडे गए सभी 9 बदमाशो ने कोहराम मचा रखा था। इन बदमाशो ने दोनों थाना इलाको में 8 से ज्यादा लूट की वारदातो को अंजाम देकर भारी मात्रा में सोने और चांदी के आभूषण, लाखो की नकदी  पर  हाथ साफ किया था।

पुलिस ने इन बदमाशो को पकड़ने के लिए कई दिनों से अभियान चलाया हुआ था। एसपी देहात डॉ धर्मवीर सिंह के निर्देश में पुलिस की कई टीमे काम कर रही थी। देर रात पुलिस ने चेकिंग के दौरान नूरपुर थाना इलाके के झंडा चौक चोराहे से इन 9 लुटेरो को गिरफतार कर लिया है।

पकडे गए 9 बदमाशों के नाम हैं - वसीम, रफीक, आफ़ताब, एहसान, इरफ़ान, रिंकू, राशिद, कामिल और जुबैर। ये बदमाश बिजनोर, मेरठ, गाजियाबाद के रहने वाले है। पुलिस को इनके पास से आधा दर्जन पिस्तौल और धारदार हथियार सहित भारी मात्रा में ज्वेलरी की बरामदगी सहित नकदी भी बरामद की है।ये गिरोह अंतर्राज्य गिरोह है और इनके ऊपर 2 दर्जन के करीब लूट और आर्म्स एक्ट के मुकदमे दर्ज है।

मुलायम सिंह ने साबित कर दिया, चालाकी में वे अभी भी अखिलेश के बाप हैं, फंस गए अखिलेश यादव: पढ़ें

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New Delhi, 3 January: अखिलेश यादव चालाकी दिखाकर और मुलायम सिंह यादव को कुर्सी से हटाकर सपा के मुखिया तो बन गए लेकिन मुलायम सिंह तो उनसे भी अधिक चालाक निकले। अब अखिलेश यादव मुलायम सिंह के चंगुल में बुरी तरह से फंस चुके हैं और हो सकता है कि समाजवादी पार्टी या समाजवादी पार्टी का निशान साइकिल उनके हाथों से छिन जाय। 

हुआ यह था कि कुछ दिन पहले मुलायम सिंह ने अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव को समाजवादी पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया था, उसके बाद आजम खान मुलायम सिंह से मिले और उनसे प्रार्थना करके अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव का सस्पेंसन रुकवा दिया। खबर फैल गयी कि अखिलेश और राम गोपाल यादव को फिर से पार्टी में ले लिया गया है। 

जब अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव को पता चला कि उन्हें पार्टी में वापस ले  लिया गया है तो उन्होंने चालाकी से अपने आप से सपा का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर अखिलेश यादव को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया। उन्होंने सोचा कि जब एक बार अखिलेश यादव सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए गए तो मुलायम सिंह उन्हें बार बार निकाल नहीं पाएंगे। 

लेकिन मुलायम सिंह ने गेंद अभी भी अपने पाले में रखी हुई थी, इन लोगों के सस्पेंशन की खबर केवल ट्विटर पर डाली गयी थे, कागज पर इनके सस्पेंशन को रद्द नहीं किया गया था, ऐसे में ये लोग अधिवेशन बुला ही नहीं सकते थे। मुलायम सिंह ने इस अधिवेशन को असंवैधानिक बताया है, उन्होंने कहा है कि जब राम गोपाल यादव पार्टी से सस्पेंड हैं तो वे सपा का अधिवेशन किस अधिकार से बुला सकते हैं। उन्होंने यही बात चुनाव आयोग के सामने रखी। 

आपको बता दें कि राम गोपाल यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं और उनके ही नाम पर साइकिल चुनाव चिन्ह रजिस्टर है। 

अब या तो अखिलेश को अपने समर्थक विधायकों के साथ अलग पार्टी बनानी पड़ेगी, या मुलायम सिंह के साथ वापस आना पड़ेगा, अब दोनों के हाथों से अगले चुनाव में साइकिल चुनाव चिन्ह छिन जाएगा क्योंकि मुलायम सिंह अपनी जगह ठीक हैं। उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए दोनों को सस्पेंड कर रखा है और कागज पर उन्हें बहाल नहीं किया है ऐसे में अखिलेश और राम गोपाल साइकिल पर अपना दावा नहीं कर सकते। 

मुलायम बोले ‘मै हूँ सपा का अध्यक्ष’ तो राम गोपाल बोले ‘भूल जाओ, अब सबको पता है कौन है अध्यक्ष’

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नई दिल्ली/लखनऊ, 2 जनवरी: उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव तथा उनके बेटे व प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच चल रही रस्साकशी ने सोमवार को नाटकीय मोड़ ले लिया। पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' पर अपना दावा जताने मुलायम सिंह निर्वाचन आयोग के दफ्तर पहुंचे। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी उनसे जुड़ी हुई है और उन्हें लोगों का भरपूर समर्थन प्राप्त है।

उन्होंने यहां कहा, "समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर हमारा हक है और अभी तक पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी मै ही हूँ, राम गोपाल यादव को अधिवेशन बुलाने का कोई हक नहीं है क्योंकि उन्हें तो मैंने पार्टी से पहले ही निकला दिया था। इस पर राम गोपाल यादव ने कहा कि मुलायम सिंह क्या कोई सुप्रीम कोर्ट के जज हैं जो फैसले सुना रहे हैं, उन्होंने कहा कि अब सब को पता है कि कौन सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष है। 

अपने भाई शिवपाल यादव, राज्यसभा सांसद अमर सिंह तथा जया प्रदा के साथ मुलायम सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात की।

यह बैठक करीब 30 मिनट तक चली, जिस दौरान पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह ने चुनाव चिन्ह पर अपना दावा जताया।

ज्ञात सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पार्टी के संविधान को जैदी के साथ चर्चा की और दावा किया कि वह अभी भी पार्टी के अध्यक्ष हैं।

कहा गया है कि मुलायम सिंह ने तर्क दिया है कि अखिलेश समर्थकों द्वारा लखनऊ में बुलाए गए अधिवेशन ने पार्टी के कायदे-कानून को तोड़ा है और इसलिए बैठक में जो भी होता है, वह अमान्य है।

उन्होंने पांच जनवरी को होने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अधिवेशन को स्थगित कर दिया है।

अखिलेश गुट की तरफ से मंगलवार को निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे रामगोपाल यादव ने कहा कि मुलायम सिंह यादव सर्वोच्च न्यायालय नहीं हैं, जो रविवार के हुए फैसले को असंवैधानिक और गैर कानूनी करार दे दें। 

उन्होंने कहा, "मुझे भी संविधान के बारे में जानकारी है। विधि सम्मत तरीके से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया है। वह (मुलायम सिंह) सुप्रीम कोर्ट के जज नहीं है। उन्होंने कहा कि सब जानते है कि अब कौन राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन है।" 

अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह के विश्वस्त अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया है, लेकिन इस फैसले से अमर सिंह बेफिक्र दिखे और मुलायम सिंह के प्रति अपनी वफादारी जताई।

उन्होंने कहा, "मैं मुलायम के साथ था और रहूंगा। उनका साथ मुझे नायक बनाता है और अगर जरूरत पड़ी, तो मैं खलनायक भी बन सकता हूं।"

बाप-बेटे के बीच मचे घमासान के बीच पार्टी कार्यकर्ता यहां मुलायम सिंह के आवास के बाहर इकट्ठा हुए और उनके पक्ष में नारे लगाए तथा पार्टी में एकता की मांग की।

समर्थकों ने हालांकि अखिलेश यादव या राम गोपाल यादव के विरोध में कोई नारा नहीं लगाया। उन्होंने मुलायम सिंह से चुनाव में अखिलेश यादव को पार्टी के चेहरे के रूप में पेश करने की मांग की।

संवैधानिक विशेषज्ञों के मुताबिक, निर्वाचन आयोग पार्टी के चुनाव चिन्ह को जब्त कर सकता है और दोनों गुटों को चुनाव लड़ने के लिए अलग-अलग नया चुनाव चिन्ह जारी कर सकता है।

अगर ऐसा हुआ, तो दोनों गुटों को ही झटका लगेगा, क्योंकि साइकिल सपा का स्थापित चुनाव चिन्ह है।

सपा में मचे घमासान के बीच रविवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के गुट ने शिवपाल यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया था। रामगोपाल यादव की ओर बुलाए पार्टी के आपात विशेष राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया था, जबकि मुलायम को पार्टी का सर्वोच्च नेता मानते हुए 'मार्गदर्शक' का दर्जा दिया गया। अधिवेशन में अमर सिंह को सपा से निकालने का फैसला भी लिया गया।

इसके बाद कुछ ही घंटों के भीतर मुलायम सिंह ने पलटवार करते हुए राज्यसभा सदस्य रामगोपाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया। मुलायम ने इसके साथ ही अन्य राज्यसभा सदस्यों नरेश अग्रवाल और पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा को भी पार्टी से निकाल दिया।

BJP वाले जनता को सिर्फ इतना समझा दें, UP में मोदी की नहीं सपा की सरकार है, जीत जाएंगे UP चुनाव

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लखनऊ, 2 जनवरी: उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा प्रचारक के रूप में यहां सोमवार को पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परिवर्तन महारैली के दौरान विजय का शंखनाद किया और जनता से खंडित जनादेश की बजाय पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की अपील की। 

आज प्रधानमंत्री मोदी की रैली तो शानदार रही लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत तभी हो सकती है जब बीजेपी कार्यकर्त्ता घर घर जाकर लोगों को यह समझाएं कि उत्तर प्रदेश में मोदी या बीजेपी की नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी की सरकार है, विकास के काम उनको करना चाहिए। सड़कें उन्हें बनवानी चाहिए, स्कूल उन्हें बनवाने चाहिए, शिक्षा का स्तर उन्हें सुधारना चाहिए, अस्पताल उन्हें बनवाने चाहिए और कानून व्यवस्था उन्हें मजबूत करनी चाहिए। 

समाजवादी पार्टी के लोग उत्तर प्रदेश की जनता को यह सन्देश दे रहे हैं कि उन्होंने मोदी को 2014 में वोट दिया था लेकिन उन्होने उत्तर प्रदेश का कोई विकास नहीं कराया इसलिए इस चुनाव में बीजेपी को वोट ना दें, समाजवादी पार्टी के नेता इस चुनाव को बीजेपी के लिए एंटी-इनकम्बेंसी में बदलना चाहते हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश एक लोग एक बार बीजेपी को वोट दे चुके हैं। 

बीजेपी के पक्ष में माहौल तो है लेकिन अखिलेश यादव भी फिर से सरकार बनाने की जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं और उत्तर प्रदेश की जनता का ध्यान विकास से भटकाकर सहानुभूति लूटना चाहते हैं। खुद को ईमानदार दिखाने की कोशिश कर रहे हैं साथ ही यह भी कह रहे हैं कि मोदी ने उत्तर प्रदेश का विकास नहीं कराया, जबकि विकास कार्य उन्हें खुद कराना चाहिए। 

अगर बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश की जनता को यह समझा दिया कि यहाँ पर विकास कराने की जिम्मेदारी अखिलेश सरकार की थी, केंद्र सरकार तो केवल वित्तीय मदद कर सकती है, उन्हें जनता को बताना होगा कि केंद्र सरकार का काम क्या होता है और राज्य सरकार का काम क्या क्या होता है, कहीं जनता के मन में यह ना चला जाय कि पिछली बार उन्होने मोदी को वोट दिया था और उन्होंने यहाँ विकास नहीं कराया। बीजेपी वालों को इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा।