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ट्रेन के आगे कूदकर प्रेमी युगल ने की खुदकुशी

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बरेली, 15 जनवरी: उत्तर प्रदेश के जनपद बरेली में प्रेमी युगल द्वारा ट्रेन से कटकर खुदकुशी किए जाने का मामला सामने आया है। अभी तक दोनों प्रमियों की शिनाख्त नहीं हो सकी है।

जानकारी के मुताबिक फरीदपुर के टिसुआ रेलवे स्टेशन के पास शनिवार देर रात लोगों ने एक प्रेमी युगल को रेलवे स्टेशन के पास घूमते देखा। कुछ देर बाद दोनों अचानक सामने से आ रही ट्रेन के आगे कूद गए। दोनों की चीखें सुनकर लोग उस ओर दौड़े जहां दोनों के शव पड़े थे।

इस लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर फरीदपुर पुलिस पहुंची और दोनों शवों को कब्जे में ले लिया। काफी देर तक उनकी पहचान की कोशिश की गई लेकिन शिनाख्त नहीं हो सकी।

पुलिस का कहना है कि प्रेमी युगल इलाके के रहने वाले हो सकते हैं। उनकी पहचान के लिए लापता युवक और युवतियों के बारे में जिले के सभी थाने से जानकारी जुटाई आ रही है।

हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश, WhatsApp पर फोटो देखकर लगती थी लड़कियों की बोली

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रायपुर, 15 जनवरी: छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक हाईप्रोफाइल सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस रैकेट की सबसे कड़ी बात यह है कि लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरों को व्हाट्स एप के माध्यम से देखकर लोग बोली लगाते और फिर लड़कियों को दूसरे राज्यों से बुलाया जाता था। पुलिस ने आरोपी दलाल और कोलकाता की दो लड़कियों को गिरफ्तार किया है। राजेंद्र नगर पुलिस ने बताया कि अशोका रतन में रहने वाला आदित्य सिंह ठाकुर उर्फ पोषण एजेंट का काम करता है। वह दूसरे राज्यों से लड़कियां बुलाकर लोगों को उपलब्ध कराता है। आरोपी पीटा एक्ट में दो बार जेल भी जा चुका है। 

राजेंद्र नगर थाना टीआई संध्या द्विवेदी ने बताया कि आरोपी युवक आदित्य सिंह को हिरासत में लिया गया है। 

सूत्रों ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी जेल से छूटने के बाद फिर से सेक्स रैकेट चला रहा है। पुलिस ने अपना एक प्वाइंटर उसके पीछे लगाया, जिसने एजेंट आदित्य से संपर्क किया। प्वाइंटर ने कहा कि एक जन्मदिन की पार्टी है। उसके लिए दो लड़कियां चाहिए। आदित्य ने बताया कि लड़कियां बाहर से बुलानी पड़ती है। उसकी कीमत ज्यादा है। दोनों के बीच सौदा तय हो गया। 

एजेंट ने कोलकाता से 20 और 21 साल की दो युवतियों को बुलाया। दोनों युवतियां शुक्रवार को ट्रेन से रायपुर पहुंचीं। उन्हें स्टेशन रोड के होटल में ठहराया गया था। प्वाइंटर ने एजेंट को युवतियों को लेकर शनिवार शाम राजेंद्र नगर बुलाया जहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने बताया कि एजेंट ने पुलिस के प्वाइंटर को वाट्स एप पर कई युवती की फोटो भेजी थी। इसमें अलग-अलग उम्र की युवतियां थीं। सभी आपत्तिजनक फोटो थी। फोटो के आधार पर प्वाइंटर ने दो युवतियां का चयन किया। उस आधार पर दोनों को बुलाया गया। पुलिस ने बताया कि दोनों युवतियां इसी पेशे से जुड़ी हैं। इसमें एक महिला का नाम सामने आया है जिसने एजेंट का युवतियों से परिचय कराया, तब युवतियां रायपुर पहुंचीं।

पुलिस के अनुसार, यह बड़ा रैकेट है। आरोपी के आधा दर्जन से ज्यादा साथी पिछली बार गिरफ्तार हुए थे। जो प्रदेश के अलग-अलग शहर में काम करते हैं। पुलिस को आशंका है कि बाकी आरोपी भी जेल से छूटने के बाद इसी काम में लग गए होंगे। पुलिस उनके बारे में भी पता कर रही है।

BJP उम्मीदवारों को चुनाव में पटका, जीतने के बाद दोनों पार्षदों ने चिपका ली BJP नेताओं की फोटो

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Faridabad, 15 January: फरीदाबाद नगर निगम चुनावों के नतीजे आये कई दिन हो गए हैं, यहाँ पर बीजेपी ने 40 में से 29 सीटें जीती थीं, अब पार्षदों द्वारा बधाई कार्यक्रम चल रहा है, बैनर पोस्टर और अन्य माध्यमों से जनता को बधाई दी जा रही है। 

जीते हुए कई आजाद उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें बीजेपी की तरफ से टिकट नहीं दिया गया, उन्होने आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और बीजेपी उम्मीदवार को ही पटक दिया। आश्चर्य इस बात का है कि ऐसे उम्मीदवारों ने आजाद लड़कर भी बीजेपी के नाम पर वोट मांगे और जीतने के बाद भी इन्होने बीजेपी नेताओं की फोटो लगा रखी है। 

वार्ड तीन, चार और पांच से बीजेपी की हार हुई थी, वार्ड तीन से आजाद पार्षद जयबीर खटाना और वार्ड चार से आजाद पार्षद शीतल खटाना ने जीतने के बाद अपने बैनरों में बीजेपी नेताओं की भी फोटो लगा रखी है जिससे जाहिर होता है कि ये लोग बीजेपी से टिकट चाहते थे लेकिन इन्हें टिकट नहीं मिला, टिकट ना मिलने पर भी इन लोगों का बीजेपी से प्यार कम नहीं हुआ और जीतने के बाद ये लोग बीजेपी नेताओं की फोटो अपने साथ लगा रहे हैं। 

जयवीर खटाना और शीतल खटाना ने अपने बैनरों में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, फरीदाबाद बीजेपी अध्यक्ष गोपाल शर्मा और मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री किशन पाल गुर्जर की फोटो लगा रखे हैं जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि ये लोग बीजेपी के बुलावे का इन्तजार कर रहे हैं। 

ठीक इसी तरह से वार्ड 37 से दीपक चौधरी की जीत हुई है, वे भी बीजेपी के परम भक्त थे लेकिन जब उन्हें टिकट नहीं मिला तो उन्होने आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर बीजेपी उम्मीदवार को पटक दिया लेकिन उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया गया। 

जानकारी के अनुसार कम से कम 6-7 आजाद उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें बीजेपी की टिकट नहीं मिली और इन्होने बीजेपी उम्मीदवारों को पटककर चुनाव जीता, अगर ये लोग बीजेपी में वापस आते हैं तो फरीदाबाद नगर निगम में बीजेपी पार्षदों की संख्या 35-37 हो जाएगी। 

बड़ी खबर, BJP पार्षद बिल्लू पहलवान ने BJP विधायक मूलचंद शर्मा और अन्य नेताओं पर लगाए गंभीर आरोप

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Faridabad, 15 January: हाल ही में फरीदाबाद नगर निगम के नतीजे आये थे जिसमें बीजेपी को 40 में से 29 सीटों पर जीत मिली थी, कांग्रेस मुकाबले से बाहर थी और आजाद उम्मीदवारों को 11 सीटों पर जीत मिली थी, बीजेपी की इस जीत को बम्पर जीत माना गया लेकिन यह जीत बम्पर नहीं मानी जा सकती क्योंकि कई बीजेपी उम्मीदवार हारते हारते बचे, मतलब जनता ने विरोधी उम्मीदवारों को भी खूब वोट दिए थे। 

इस चुनाव में वार्ड 22 से लगातार चार बार पार्षद रहे बिल्लू पहलवान भी मैदान में थे, उनकी भी बड़ी मुस्किल से केवल 534 वोटों से जीत हुई लेकिन हारने वाले आजाद उम्मीदवार अवनेश शर्मा को अपनी हार पची नहीं और उन्होंने कोहराम मचा दिया, उन्होंने बिल्लू पहलवान के आदमियों को पकड़ पकड़ कर पीटना शुरू कर दिया है, अब बिल्लू पहलवान के आदमी जैसे ही खेडी पुल पार करते हैं, अवनेश शर्मा के आदमी उन्हें पकड़ पकड़ कर मारते हैं, उनकी गाड़ियों पर पत्थरबाजी करते हैं। आज खुद बिल्लू पहलवान ने प्रेस के सामने अपना दुखड़ा सुनाया और मदद की गुहार की। 

अब आप सोच रहे होंगे कि फरीदाबाद तो बीजेपी का गढ़ है, वहां पर कई बीजेपी विधायक, कई मंत्री हैं ऐसे में एक आजाद उम्मीदवार की इतनी हिम्मत कैसे बढ़ गयी कि उसने जीते हुए उम्मीदवार के आदमियों को पीटना शुरू कर दिया। 

बिल्लू पहलवान ने खुलासा करते हुए कहा कि दरअसल अवनेश शर्मा के सर पर बीजेपी के ही विधायक मूलचंद शर्मा का हाथ है, इसके अलावा उसके शर पर बसपा विधायक टेकचंद शर्मा का हाथ है, आजकल टेकचंद शर्मा बीजेपी से नजदीकियां बढ़ा रहे हैं और वे एकतरह से अब वे बीजेपी विधायक ही हो गए हैं। दोनों विधायक चाहते थे कि बिल्लू पहलवान को पार्षद का टिकट ना मिले। उनके ना चाहने के बावजूद भी जब बिल्लू को बीजेपी का टिकट मिल गया तो दोनों विधायक उनके खिलाफ हो गए और आजाद उम्मीदवार अवनेश शर्मा का प्रचार करना शुरू कर दिया। 

अब आप सोचिये, बीजेपी विधायक ही चाहता था कि बीजेपी उम्मीदवार चुनाव हार जाए, अगर बिल्लू हार जाते तो दुनिया में यही सन्देश जाता कि लोगों ने मोदी को नोटबंदी के लिए सजा दी है, नोटबंदी फेल है, मोदी फेल है। यहाँ पर बीजेपी विधायक मूलचंद शर्मा ही मोदी का नाम डुबाना चाहते थे। 

बीजेपी पार्षद बिल्लू पहलवान ने कहा कि दोनों विधायकों की शह पर अवनेश शर्मा ने उनके खिलाफ पंडितों की महापंचायत बुलाई है और इसे जातिवाद का रंग दे दिया है, आज ही अवनेश शर्मा ने यह महापंचायत आयोजित की है, इसमें पूरे फरीदाबाद से करीब 2000 ब्राम्हणों को बुलाया गया। बीजेपी विधायक मूलचंद शर्मा बीजेपी और आरएसएस की नीतियों के विपरीत चलते हुए इस महापंचायत का समर्थन कर रहे हैं और फरीदाबाद को अशांत करना चाहते हैं। 

बिल्लू पहलवान ने कहा कि हम क्षेत्र में शांति चाहते हैं, अगर चुनावों में बेईमानी होती तो हमारे कई पार्षद कम अंतर से हारे हैं, हम उन्हें भी जिता देते। उन्होंने कहा कि अवनेश शर्मा हार से बौखलाए हुए हैं और अपनी हार पचा नहीं पा रहे हैं, उन्होंने कहा कि हमारे भी समर्थक हैं लेकिन वे शांत बैठे हैं, अगर पुलिस ने अवनेश शर्मा पर कार्यवाही नहीं की तो क्षेत्र में अशांति फ़ैल सकती है। बिल्लू ने कहा कि अवनेश शर्मा ने उनके खिलाफ झूठ उनके घर की महिलाओं से मारपीट का झूठा आरोप लगाया है। 

दिल्ली की तरह केजरीवाल गोवा में भी देंगे मुफ्त वाई-फाई, बनाएंगे कचरा फ्री, दिल खोलकर किये वादे

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Goa, 14 January: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली की तरह गोवा की जनता से भी दिल खोलकर वादे कर डाले हैं और इन वादों में फ्री वाई फाई, आधे दाम में बिजली और कूड़े-कचरे से गोवा को फ्री करने का वादा भी शामिल है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या गोवा की जनता केजरीवाल के वादों पर भरोसा करती है क्योंकि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने ना तो फ्री वाई फाई का वादा पूरा किया है और ना ही कूड़े कचरे से छुटकारा दिला पाए हैं उल्टा दिल्ली नरक बन गयी है।

केजरीवाल ने पूरे गोवा को फ्री वाई फाई जोन में बदलने का वादा किया है। केजरीवाल ने दिल्ली में भी ऐसा वादा किया था लेकिन दो साल पूरे होने वाले हैं लेकिन अभी तक एक भी जगह वाई-फाई नहीं लगा है।

आज गोवा में आप के मुख्यमंत्री उम्मीदवार एल्विस गोम्स ने पार्टी का घोषणा पत्र जारी किया। इस घोषणापत्र में राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त, राज्य की संस्कृति, पहचान और धरोहर को बचाने का वादा किया गया है।

क्या क्या वादे किये गए हैं: पढ़ें

  • पूरे गोवा में फ्री वाई-फाई
  • गाँवों और पंचायतों में 400 मोहल्ला क्लिनिक और 500 बेड वाले अस्पताल का निर्माण
  • युवाओं को 5 साल में 50 हजार नौकरियां
  • बेरोजगारों को 5000 रुपये बेरोजगारी भत्ता
  • नया कारोबार शुरू होने पर 80 फ़ीसदी नौकरियां स्थानीय लोगों को
  • 24 घंटे वर्ल्ड क्लास बस सेवा 
  • गोवा को कैसिनो मुक्त बनाया जाएगा
  • माइनिंग माफियाओं से 36 हजार करोड़ रूपए वापस लाये जाएंगे
  • राज्य माइनिंग निगम का गठन किया जाएगा
  • गोवा वालों को हर महीने 20 हजार लीटर पानी मुफ्त दिया जाएगा
  • हर परिवार को आधी कीमत में बिजली दी जाएगी
  • महिलाओं के लिए कई वादे किये गए हैं
  • खेल कूद को बढ़ावा देने के लिए स्पोर्ट यूनिवर्सिटी खोली जाएगी
  • ड्यूटी पर शहादत देने वाले जवानों को एक करोड़ रुपये की सहायता

गोवा में पर्रिकर की छवि खराब हो चुकी है, बीजेपी नहीं जीत पाएगी चुनाव: सुभाष वेलिंगकर

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पणजी, 14 जनवरी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख सुभाष वेलिंगकर ने शनिवार को कहा कि राज्य में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की छवि खराब है। वेलिंगकर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता नितिन गडकरी ने पर्रिकर को दोबारा राज्य की राजनीति में लाने का गुरुवार को संकेत दिया, लेकिन राज्य के मतदाताओं पर इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री की छवि काफी खराब हो चुकी है।

वेलिंगकर ने शनिवार को आईएएनएस से कहा कि गडकरी का यह बयान कि भाजपा का एक केंद्रीय नेता चुनाव के बाद गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में लौटेगा, इस बात का संकेत है कि सत्तारूढ़ पार्टी चुनाव में अपनी हार को भांप रही है।

उन्होंने कहा, "यह लोगों को लुभाने की कोशिश है और यह कोशिश गोवा में ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाली। मनोहर पर्रिकर की वापसी राज्य के लिए नुकसानदायक होगी। पहली बार जब वह मुख्यमंत्री बने थे, तब उनकी छवि अच्छी थी। लेकिन अब वह छवि धूमिल हो चुकी है और उनके लौटने या न लौटने का गोवा की राजनीति पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।" पर्रिकर तीन बार गोवा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।

गडकरी ने गुरुवार को कहा था, "चुनाव के बाद निर्वाचित विधायक एक नए नेता का चुनाव करेंगे और हमारी पार्टी के पास एक संसदीय बोर्ड है। नए नेता का चयन लोकतांत्रिक तरीके से होगा। चुनकर आए विधायकों में से नए नेता का चयन हो सकता है या फिर पार्टी के नेताओं की सहमति से दिल्ली से कोई नेता लाया जाएगा।"

गडकरी के इस बयान के एक दिन बाद पर्रिकर ने राज्य की राजनीति में लौटने की बात खारिज नहीं की और उन्होंने कहा, "पहले चुनाव होने दीजिए फिर देखते हैं।"

गोवा में विपक्षी गठबंधन, गोवा सुरक्षा मंच (जीएसएम), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी तथा शिवसेना के संयोजक वेलिंगकर ने भी कहा कि गडकरी द्वारा केंद्रीय नेता के आयात का संकेत देना भाजपा नेतृत्व की क्षमता के दिवालिएपन को दर्शाता है।

उन्होंने कहा, "उनकी टिप्पणी से ऐसा लगता है कि गोवा में उनके पास कोई सक्षम नेता नहीं है। वे जीएसएम तथा गठबंधन से क्षति महसूस कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि उनके पांव के नीचे की जमीन खिसक रही है। और इसलिए वे कुछ नया करने की सोच रहे हैं, संभवत: मनोहर पर्रिकर के रूप में।"

मुख्यमंत्री के रूप में पर्रिकर तथा पारसेकर के कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर वेलिंगकर ने कहा, "लक्ष्मीकांत पारसेकर तो बस डमी हैं, सबकुछ दिल्ली से मनोहर पर्रिकर द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।"

राज्य में भाजपा नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त प्राथमिक स्कूलों में क्षेत्रीय भाषाओं के बदले अंग्रेजी भाषा को महत्ता दिए जाने का विरोध करने के कारण वेलिंगकर को गोवा के आरएसएस प्रमुख के पद से बर्खास्त कर दिया गया था।

गुरुग्राम में लगी आग, एक परिवार के 4 बच्चे जिंदा जलकर खाक

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गुरुग्राम, 14 जनवरी: शनिवार सुबह यहां एक घर में आग लगने के कारण एक ही परिवार के चार बच्चे जिंदा जलकर खाक हो गए, जबकि उनके माता-पिता घायल हो गए हैं। पुलिस ने कहा कि दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे के पास मोहम्मदपुर गांव में एक खेत में बने घर में आग लग गई, जिसमें कुसुम (14), कंचन (10), रोहित (6) और मोहित (5) की जलकर मौत हो गई, जबकि सूरजवती देवी और कृपाल सिंह घायल हो गए।

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के रहने वाले सिंह अनुबंध के आधार पर पास में स्थित चार एकड़ जमीन पर खेती करते हैं।

पीड़ित के एक रिश्तेदार ने आईएएनएस को बताया कि नाजुक हालत होने के कारण सिंह को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया है। 

आग लगने के कारणों का तुरंत पता नहीं चल पाया है। 

मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं। 

महात्मा गाँधी ने बेहतर ब्रांड हैं मोदी, अभी तो खादी से हटे है, रुपये से भी गायब होंगे: अनिल विज

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New Delhi, 14 January: हरियाण के बीजेपी नेता और स्वस्थ्य मंत्री अनिल विज ने महात्मा गाँधी को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया है जिसके बाद हडकंप मच गया है। 

अनिल विज खादी ग्रामोद्योग के कैलेंडर में महात्मा गाँधी को हटाये जाने पर सफाई दे रहे थे, उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने महात्मा गाँधी की फोटो हटाकर सही किया है, आज की तारीख में प्रधानमंत्री मोदी महात्मा गाँधी से बेहतर ब्रांड हैं क्योंकि उनके आने से खादी की विक्री 34 फ़ीसदी बढ़ गयी है। प्रधानमंत्री मोदी को देखकर ही युवा खादी के वस्त्र अपना रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि गाँधी का नाम जुड़ने से ही खादी की दुर्गति हुई थी लेकिन मोदी के आने से खादी के अच्छे दिन शुरू हो गए हैं। 

उन्होंने कहा कि जिस तरह खादी के साथ गाँधी का नाम जुड़ने से खादी की दुर्गति शुरू हो गयी उसी तरह से रुपये में गाँधी की फोटो जुड़ने से रुपये की भी दुर्गति शुरू हो गयी और उसकी कीमत गिर गयी। जिस पारकर से खादी से गाँधी की फोटो हटाई गयी है, धीरे धीरे रुपये से भी गाँधी की फोटो गायब हो जाएगी। 

विवाद बढ़ने पर अनिल विज ने ट्विटर पर सफाई दी है, उन्होंने कहा कि यह पार्टी का नहीं बल्कि मेरा निजी बयान है, अगर किसी को मेरे बयान से ठेस पहुँची हो तो मै माफी मांगता हूँ। 

अंतिम समय में एक हो जाएंगे पिता-पुत्र और UP वालों से कहेंगे ‘उल्लू बनाया बड़ा मजा आया’

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Lucknow, 14 January: आप सोच रहे होंगे कि अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के रिश्ते ठीक नहीं हैं, दोनों अलग अलग हो जाएंगे, दो पार्टियाँ बन जाएंगी, अखिलेश ने पिता को धोखा दे दिया, राम गोपाल ने गद्दारी की, शिवपाल और अखिलेश की नहीं बन रही है। अंत में आप देखना सभी एक हो जाएंगे और अपने मन में उत्तर प्रदेश वालों से यही कहेंगे कि 'उल्लू बनाया बड़ा मजा आया'। 

यह नौटंकी उत्तर प्रदेश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए और अखिलेश यादव को सुपर पॉवर दिखाने के लिए की जा रही है ताकि यूपी की जनता विकास के मुद्दे को भूल जाए और अखिलेश यादव को केवल एक युवा मुख्यमंत्री के रूप में सोचे, समाजवादी पार्टी के पास एक होने के अलावा कोई चारा नहीं है। इन्हें पता है कि अगर दो पार्टियाँ बनेंगी तो इनकी पक्की हार होगी। 

ये लोग इस युद्ध को अंतिम समय तक खींचना चाहते हैं ताकि यूपी की जनता को कुछ और सोचने का मौका ही ना मिले, बिजली, पानी, शिक्षा, बेरोजगारी आदि मुद्दों को भूल जाए और सिर्फ समाजवादी पार्टी के बारे में सोचे। 

इस वक्त चुनाव आयोग के पास इस युद्ध को बंद कराने के सिर्फ तीन रास्ते हैं -

पहला रास्ता: अखिलेश को मिले साइकिल
दूसरा रास्ता: मुलायम को मिले साइकिल 
तीसरा रास्ता:  फ्रीज किया साइकिल का सिंबल 

अगर चुनाव आयोग पहला रास्ता अपनाता है और अखिलेश को साइकिल देता है तो मुलायम सिंह बेटे के आगे झुक जाएंगे और कहेंगे 'अगर यूपी की जनता अखिलेश के साथ है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं है, इससे पहले भी वे कह चुके हैं कि मुझमे और अखिलेश में कोई विवाद नहीं है। 

अगर चुनाव आयोग मुलायम को साइकिल देता है तो अखिलेश अपने पिता के आगे झुक जाएंगे और कहेंगे, पिताजी जैसा कहेंगे मै तो वही करूँगा। वे खुद को आज्ञाकारी पुत्र दिखाने की कोशिश करेंगे ताकि जनता में यह सन्देश जाए कि अखिलेश तो बड़ा आज्ञाकारी पुत्र है। 

अगर चुनाव आयोग साईकिल सिम्बल को फ्रीज करने का रास्ता अपनाता है तो दोनों लोग एक हो जाएंगे और कहेंगे, पार्टी की भलाई के लिए हम एक हो रहे हैं। अगर ये लोग ऐसा नहीं करेंगे तो दोनों को अलग अलग पार्टी बनानी पड़ेगी और दोनों लोग चुनाव हार जाएंगे, इसका लाभ बीजेपी को मिलेगा। 

जब तक इन लोगों की नौटंकी समाप्त होगी, चुनाव की तारीख नजदीक आ जाएगी, इनका एक तरह से प्रचार हो रहा है, जनता अखिलेश और मुलायम के बीच उलझी है, मीडिया वाले पैसे खाकर जनता के मुंह से अखिलेश के बारे में कुछ अच्छा बुलवा रहे हैं ताकि जनता अखिलेश के बारे में अच्छा सन्देश जाए। इस वक्त समाजवादी पार्टी की सबसे बड़ी कोशिश है कि बीजेपी को मीडिया से दूर रखा जाए और पूरा फोकस समाजवादी पार्टी पर रहे ताकि जनता बीजेपी को वोट देने के बारे में सोचे ही ना। 

भंडाफोड़: मोदी सरकार राशन भेजती है गरीबों के लिए, लेकिन बेचकर खा जाते हैं बेईमान राशन-माफिया

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Mewat, 14 January: मोदी सरकार वर्तमान में गरीबों के लिए जितना राशन भेजती है अगर वह इमानदारी से गरीबों को दिया जाए तो देश में ऐसा कोई नहीं होगा जिसके भूखा मरने की नौबत आये, लेकिन इस देश का दुर्भाग्य है कि 80 फ़ीसदी राशन डीलरों का ध्यान गरीबों को राशन देने पर नहीं रहता बल्कि दुकानों में राशन बेचने पर रहता है, नतीजा यह होता है कि गरीबों को राशन के लिए लाईन में लगाकर ये लोग परेशान करते हैं और गरीब इतना परेशान हो जाते हैं कि दोबारा राशन लेने के लिए जाते ही नहीं और ये लोग गरीबों के लिए मिलने वाले राशन को खुद ही बेचकर खा जाते हैं।

हरियाणा के मेवात के तावडू से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जो राशन गरीबों के लिए आया था उसे उसे में भरकर अवैध तरीके से बेचने के लिए ट्रक में भेजा जा रहा था। तावडू पुलिस ने बृहस्पतिवार की रात एक ट्रक पकड़ लिया और भ्रष्टाचार के मामले का पर्दाफाश कर दिया। पकड़े गए ट्रक से 320 गेंहू के कटटे बरामद हुए है।

पुलिस ने ट्रक के चालक व उसके एक साथी को गिरफतार कर लिया है। इस गिरफतारी से कई बडे राज खुलने की सम्भावना जताई जा रही है। इससे पहले 2010  व 2016  में अवैध ढंग से गरीबों का राशन भ्रष्टाचार की भेट चढ़ता हुआ पकड़ा जा चुका है। पुलिस ने खाद्य  विभाग के स्थानीय निरीक्षक के बयान पर विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

सिटी चौकी इंचार्ज उप निरीक्षक बच्चू सिंह ने बताया की बृहस्पतिवार की रात करीबन 1 बजे गुप्त सूचना पर बाईपास से गरीबों के राशन से भरे एक गेंहू के ट्रक को आरोपी वारिस पुत्र रशीद निवासी गांव डांडा  थाना पुन्हाना व चालक इंजु पुत्र इब्राहीम निवासी गांव सुनारी थाना तावडू सहित पकड़ा गया है। पकडे गए ट्रक में 320 गेंहू की बोरी बरामद हुई है। गरीबो का राशन वेयरहाउस गोदाम सेवली होडल जिला पलवल से गांव सुनारी थाना तावडू में अवैध तरीके से बेचने के लिए लाया जा रहा था। उन्होंने बताया की चालक ने पूछताछ में बताया की यह राशन इमरान पुत्र महमूद निवासी गांव सुनारी के घर पर अलीशेर पुत्र यूनुस निवासी गांव सुनारी के ट्रक से पहुंचाया जा रहा था। पकड़ा गया गेंहू फिरोजपुर नमक गांव के गरीबों का था। जिसे डिपो होल्डर द्वारा तावडू के गांव सुनारी के इमरान को बेचा गया था।

इस भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ व गिरफतारी से जहां विभाग में हडकम्प मच गया वहीं  पूछताछ के बाद कुछ और बडे भ्रष्टाचार का भंडाफोड होने की सम्भावना जताई जा रही है।

भ्रष्टाचार की वजह से गरीब लोग अधिकारियों के शोषण का शिकार हो रहे है। चौकी प्रभारी सब इंसपेटर बच्चू सिंह ने बताया कि पुलिस ने विभाग के निरीक्षक के ब्यान पर विभिन्न धाराओं के तहत राशन को खुर्दबुर्द करने का मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया की पकडे गए आरोपियों से पूछताछ के पशचात बड़े सैकंडल का पर्दाफाश होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इस मामले में जिसकी भी संल्पिता होगी उसे बख्शा नहीं जायेगा। खाद्य एंव पूर्ति निरीक्षक तावडू इरशाद ने  बताया की उसके क्षेत्र में यह गेंहू अवैध तरीके से पहुंचा है। यह गेंहू फिरोजपुर नमक नूंह डिपो धारक जुबैर का है। जिसने इसे गांव सुनारी के इमरान को बेच दिया। इस मामले को लेकर पुलिस को शिकायत दे दी गई है। पुलिस व विभाग द्वारा मिलकर इस मामले में कार्रवाई की जायेगी जो भी इसमे दोषी होगा उसके विरूद्व कड़ी कार्रवाई होगी।

होनी चाहिए सर्जिकल स्ट्राइक

मोदी सरकार को एक सर्जिकल स्ट्राइक इन लोगों पर भी करनी चाहिए, गरीबों के लिए मिलने वाले राशन को राशन के बजाय उतनी ही रकम उनके खाते में भेजनी चाहिए और राशन डीलरों की दुकानें तुरंत बंद करनी चाहिए, क्योंकि इन्हें भ्रष्टाचार की ऐसी लत लग चुकी है कि वह छूटने वाली नहीं है।

कटनी में एसपी गौरव तिवारी के तबादले के बाद शिवराज सरकार का विरोध जारी, कर्मचारी करेंगे हड़ताल

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कटनी, 13 जनवरी: मध्यप्रदेश के कटनी जिले में हवाला कारोबार का खुलासा करने वाले पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के तबादले से उपजा जनाक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। चौथे दिन भी लोग सड़कों पर उतरे, महिलाओं ने चूड़ियां लहराईं, आंदोलन में आम आदमी पार्टी (आप) का साथ मिला तो उधर भोपाल में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने तीन फरवरी से बेमियादी हड़ताल का ऐलान किया। इस बीच कटनी के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ला ने कार्यभार संभाल लिया। 

गौरव तिवारी 500 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा करने के कारण चर्चा में थे और कई रसूखदारों के नाम हवाला कारोबार में सामने आने लगे थे। मामले की जांच में जुटे एसपी का सोमवार को तबादला कर दिया गया। तिवारी यहां महज छह माह ही तैनात रहे। माना जा रहा है कि उनका तबादला राजनीतिक दबाव में, एक मंत्री को बचाने के लिए किया गया है। जांच पूरी होने से पहले ही अधिकारी का तबादला कर दिए जाने के बाद मंगलवार से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन जारी है। एक दिन बाजार भी बंद रखा गया।

शुक्रवार को सैकड़ों लोग कांग्रेस विधायक सौरभ सिंह, पूर्व विधायक सरोज बच्चन नायक के नेतृत्व में प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे। महिलाएं हाथ में चूड़ियां लिए हुए थीं और ये चूड़ियां शिवराज सरकार को सौंपने के नारे लगा रही थीं। इन सभी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और कुछ देर बाद रिहा कर दिया।

प्रदर्शन के दौरान सरोज बच्चन कहा, "महिलाओं को सरकार सुरक्षा दे नहीं पा रही है। एक अधिकारी ऐसा आया, जिसने महिलाओं की सुरक्षा के लिए काम किया तो उसे स्थानांतरित कर दिया गया। सरकार को अपना फैसला बदलकर तिवारी को फिर से कटनी में पदस्थ करना चाहिए।"

कांग्रेस विधायक सौरभ सिंह ने सरकार पर एक मंत्री को बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक को हटाने का आरोप लगाया।

वहीं कटनी पहुंचकर नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक शशिकांत शुक्ल ने शुक्रवार को पदभार संभाला। शुक्ल ने आईएएनएस को बताया कि शुक्रवार को कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, बल्कि सड़क पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को सिर्फ रोका गया था।"

दूसरी ओर, भोपाल में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने दो फरवरी तक तिवारी का तबादला निरस्त कर उनकी वापसी न होने पर तीन फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया।

मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अरुण द्विवेदी ने आईएएनएस से कहा, "कटनी के पुलिस अधीक्षक तिवारी एक ईमानदार अफसर हैं। वह हवाला कारोबार की जांच कर रहे थे, इसमें कई बड़े लोगों के नाम भी सामने आ रहे थे। रसूख वाले लोग बेनकाब न हो जाएं, इसलिए उनका तबादला कर दिया गया। अगर दो फरवरी तक तबादला निरस्त नहीं किया गया तो हमारे संगठन के पांच लाख कर्मचारी तीन फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।"

द्विवेदी ने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी कर कालाधन बाहर लाने की मुहिम चलाई है, तो दूसरी ओर काले कारोबारियों ने हवाला का रास्ता अपना लिया और जब पुलिस ने इसका खुलासा किया तो अफसर का ही तबादला कर दिया गया। इससे प्रदेश सरकार की नीयत का पता चलता है।

राजधानी में शुक्रवार को तिवारी के तबादले के विरोध में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। आप का आरोप है कि कटनी के हवाला कारोबार में एक मंत्री का नाम आ रहा था, इसीलिए तिवारी का तबादला कर जांच को भटकाने की कोशिश की गई है। आप ने तिवारी का तबादला निरस्त करने की मांग की है। 

लोगों में आक्रोश बढ़ता देख मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कटनी हवाला मामले की जांच के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से आग्रह करने की बात कही है। वहीं कांग्रेस ने सीधे तौर पर इस मामले को दबाए जाने का आरोप लगाया है।

चुनाव चिन्ह साइकिल पर फैसला सुरक्षित, घोषणा सोमवार को

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नई दिल्ली, 13 जनवरी: निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह 'साइकिल' को आवंटित करने पर अपना फैसला सुरक्षित रखा। उम्मीद है कि वह अपना निर्णय सोमवार को सुनाएगा। समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलायम सिंह यादव की वकील गौरी नौलांकर ने आयोग में सुनवाई के बाद आईएएनएस से कहा, "आयोग ने अपना फैसला आज (शुक्रवार को) सुरक्षित रख लिया। वह पार्टी के चुनाव चिन्ह के बारे में सोमवार को निर्णय सुनाएगा।"

उन्होंने कहा, "आयोग ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।"

शुक्रवार को हुई सुनवाई की संक्षिप्त जानकारी देते हुए अधिवक्ता गौरी ने कहा, "मुलायम जी ने कहा कि शुरुआत से ही वह पार्टी के वैधानिक अध्यक्ष हैं, इसलिए कोई भी व्यक्ति अवैधानिक रूप से सम्मेलन बुलाकर उन्हें उनके पद से नहीं हटा सकता है।"

गौरी के अनुसार, मुलायम ने आयोग से कहा कि पार्टी के संविधान के मुताबिक वह उसके पदस्थ अध्यक्ष हैं। 

अधिवक्ता ने कहा कि मुलायम के पुत्र और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी से कहा कि यह अखिलेश की पार्टी की है।

आयोग में सुनवाई के बाद सिब्बल ने भी संवाददाताओं से कहा कि आयोग ने दोनों गुटों की बातें सुनीं और किसी एक पक्ष को चुनाव चिन्ह देने को लेकर फैसला सुरक्षित रख लिया।

उधर, मुख्यमंत्री के वकील सुमन राघव ने आईएएनएस से कहा, "मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के समक्ष हमारे अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने हमारा पक्ष प्रस्तुत किया है। उन्होंने आयोग को सूचित किया कि पार्टी के अधिकांश सांसद और विधायक अखिलेश के साथ हैं, इसलिए साइकिल चुनाव चिन्ह हमलोगों को मिलना चाहिए।"

राघव ने कहा, "हम आश्वस्त हैं कि निर्णय हमारे पक्ष में होगा।"

सुनवाई के लिए हालांकि मुख्यमंत्री यहां नहीं आए थे, लेकिन उनके सिपहसलार रामगोपाल यादव, नरेश अग्रवाल, किरणमय नंदा और नीरज शेखर उपस्थित थे।

मुलायम के साथ उनके भाई शिवपाल यादव, आशु मलिक और संजय सेठ थे।

निर्वाचन आयोग में शुक्रवार को सुनवाई करीब चार घंटे तक चली।

हवाला कारोबारी का पर्दाफाश करने वाले पुलिस अफसर का ट्रान्सफर करके शिवराज ने मोल ले ली मुसीबत

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भोपाल, 12 जनवरी: मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अपने को जनता का हमदर्द बताते का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देती। मगर यह भी उतना ही सच है कि उसे जनहितैषी अफसर रास नहीं आते हैं, तभी तो ऐसे अफसरों पर सरकार की गाज गिरती है और नाइंसाफी के खिलाफ लोगों को बार-बार सड़कों पर उतरना पड़ता है। शिवराज सिंह पिछले 12 वर्षों से मध्य प्रदेश को विकास के रास्ते पर दावा कर रहे हैं लेकिन ईमानदार और जनता के लिए काम करने वाले अफसरों का ट्रान्सफर करके अपना दामन पर दाग भी लगा रहे हैं। 

ताजा मामला कटनी के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के तबादले का है। उनका कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने 500 करोड़ रुपये के हवाला कारोबार का खुलासा किया और उसकी आंच सत्ता से जुड़े एक व्यक्ति पर आने लगी थी। सरकार ने आनन-फानन में तिवारी का तबादला कटनी से छिंदवाड़ा कर दिया। 

तिवारी के तबादले से कटनी की जनता भड़क उठी। लोग सड़कों पर उतर आए, रैलियां निकलीं, बाजार बंद रहे और सरकार पर भी जमकर हमला बोले। हर जुबां से सिर्फ एक ही आवाज निकली और सरकार से पूछा कि 'जो पुलिस अफसर समाज के लिए काम कर रहा था, जिसकी तैनाती के बाद से अपराधियों पर अंकुश लगा था, महिलाएं व युवतियां सुरक्षित महसूस करती थीं, उसका महज छह माह के भीतर ही तबादला क्यों किया गया?' 

राज्य की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच कहती हैं, "सरकार को इतनी जल्दी तबादला नहीं करना चाहिए, यह बात सही है कि कई बार प्रशासन को दबाव में काम करना होता है, हो सकता है कि वह अफसर किसी के लिए रोड़ा बन रहा हो और दबाव के चलते सरकार को उसका तबादला करना पड़ा हो, मगर तिवारी के तबादले से संदेश तो यही जा रहा है कि सरकार की नीयत सही नहीं है।"

राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कटनी पुलिस अधीक्षक तिवारी के तबादले को 'सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया' करार दिया है। इस पर पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय वाते कहते हैं, "तबादलों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश है कि दो साल से पहले तबादले न किए जाएं और किए जाएं तो कारण बताया जाए। तिवारी के तबादला आदेश के साथ कारण भी बताया जाना चाहिए। अगर इसी तरह प्रशासनिक प्रक्रिया बताकर छह-छह माह में तबादले होते रहे तो प्रशासन व शासन का तो भगवान ही मालिक है।"

तिवारी इकलौते ऐसे अधिकारी नहीं हैं, जो नियम-सम्मत काम कर रहे थे, और उससे कुछ लोग प्रभावित हुए तो उनका तबादला किया गया। इससे पहले बीते साल शाजापुर के तत्कालीन जिलाधिकारी राजीव शर्मा को सिर्फ इसलिए हटाया गया, क्योंकि उन्होंने जनहित की कई योजनाएं शुरू कर दी थीं, जिसके चलते क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों के दरवाजे पर लगने वाली भीड़ कम हो गई थी।

शर्मा ने शाजापुर में रहते हुए शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए खास कदम उठाए। इतना ही नहीं, आमजन को होने वाली समस्या को फेसबुक में दर्ज कराने का अभियान चलाया, जिसमें यह व्यवस्था थी कि शिकायत आते ही उस पर बगैर समय गंवाए निराकरण के प्रयास किए जाएं। इसका नतीजा यह हुआ कि लोग जिलाधिकारी व अन्य अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाने की बजाय फेसबुक से शिकायत दर्ज कराने लगे। इससे जहां समस्या का जल्द से जल्द निराकरण हुआ, वहीं भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा। 

प्रशासन की जनता को बेहतर सुविधा देने की पहल से क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को लगा कि उनकी अहमियत घटने लगी है, क्योंकि जिस काम के लिए आमजन को उनके दरबार में आना चाहिए, उसके लिए वे फेसबुक का सहारा ले रहे हैं। बदलते हालात से परेशान नेताओं ने सरकार पर दबाव बनाकर शर्मा का तबादला करा दिया। शर्मा के तबादले के विरोध में जनता भी सड़कों पर उतरी, कई दिन प्रदर्शन चले।

इसी तरह नरसिंहपुर के तत्कालीन जिलाधिकारी सी.बी. चक्रवर्ती का तबादला भी इसलिए किया गया, क्योंकि वे जनता के हिमायती बन गए थे। उनके तबादले के विरोध में भी सड़कों पर लेाग उतरे थे। नीमच में जिलाधिकारी रहे नंद कुमारम् का भी तबादला इसलिए किया गया, क्योंकि उन्होंने अंतर्राज्यीय बैरियर पर अवैध परिवहन पर रोक लगा दी थी। 

इन चार अफसरों के तबादलों ने सरकार की छवि पर आंच आई है। लोगों में संदेश यही गया है कि 'सरकार को नियम और कानून के मुताबिक जनता के लिए काम करने वाले अफसर पसंद नहीं है।'

इतना ही नहीं, जनता ने सड़कों पर उतरकर तबादलों का विरोध किया और सरकार के फैसले पर सवाल उठाए हैं। अब देखना है कि सुशासन का दावा करने वाली सरकार जनता के बीच जा रहे नकारात्मक संदेश से अपनी 'फेस सेविंग' कैसे करती है। 

चुनाव आयोग ने साक्षी महाराज से कहा, आपका जवाब संतोशजनक नहीं है, आखिरी चेतावनी दे रहे हैं

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नई दिल्ली, 12 जनवरी: निर्वाचन आयोग ने गुरुवार को भाजपा सांसद साक्षी महाराज के उस विवादास्पद बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने भारत की तेजी से बढ़ रही जनसंख्या के लिए 'मुसलमानों' को दोषी ठहराया था। आयोग ने कहा कि भाजपा सांसद ने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है और उत्तर प्रदेश के सांसद की इस दलील को खारिज कर दिया कि उन्होंने बयान सार्वजनिक या चुनावी सभा में नहीं दिया, इसलिए यह चुनाव आचार संहिता के दायरे में नहीं आता है।

चुनाव आयोग ने कहा, "आयोग ने आपके जवाब पर विचार किया और यह संतोषजनक नहीं है। धर्म के आधार पर चुनाव के संबंध में समाज के विभिन्न वर्गो के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने के प्रभाव वाला कोई भी बयान आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है।"

साक्षी महाराज की निंदा करते हुए आयोग ने आगे आचार संहिता का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।

मेरठ में संतों की एक सभा को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता ने परोक्ष रूप से मुसलमानों को जनसंख्या वृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने 6 जनवरी को अपने संबोधन में कहा था, "जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और इसलिए देश की समस्याएं भी बढ़ रही हैं, लेकिन हिंदू इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। इसके लिए वे जिम्मेदार हैं, जो चार पत्नी और 40 बच्चे की बात करते हैं।"

निर्वाचन आयोग द्वारा नोटिस जारी होने के बाद मेरठ पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।

उत्तर प्रदेश में उन्नाव के लोकसभा सदस्य ने कई बार अपनी टिप्पणियों का बचाव किया है। उन्होंने यह दावा किया कि उन्होंने किसी भी धार्मिक समुदाय का नाम नहीं लिया था।

हवाला कारोबारी के साथ शिवराज सिंह और उनके मंत्री की एक साथ फोटो से मचा हडकंप

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भोपाल, 12 जनवरी: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और उनके मंत्री संजय पठान के साथ एक हवाला कारोबारी सतीश सरावगी की फोटो मिलने से हडकंप मच गया है और मध्य प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। 

इस तस्वीर के आधार पर कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश के कटनी जिले में हुए पांच सौ करोड़ रुपये के हवाला कारोबार के एक आरोपी सतीश सरावगी की सत्ता के गलियारों में गहरी पैठ रही है। विपक्षी कांग्रेस ने इस बात का खुलासा गुरुवार को एक तस्वीर जारी कर किया। इस तस्वीर में सरावगी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व लघु, मध्यम व सूक्ष्म उद्योग राज्यमंत्री संजय पाठक के साथ खड़ा है। मंत्री पाठक ने इस तस्वीर को वर्ष 2014 में हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे के बाद जश्न के समय का होना स्वीकारा है। 

पिछले दिनों कटनी जिले में हुए हवाला कारोबार का तत्कालीन पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी की अगुवाई में खुलासा हुआ था। इस मामले में कई रसूखदारों के नाम आए, जिसमें सरावगी बंधु के नाम भी थे। पुलिस मामले की जांच कर रही थी, इसी बीच बीते सोमवार को तिवारी का तबादला कर दिया गया। इस तबादले की वजह राजनीतिक दबाव मानी जा रही है। 

कटनी का हवाला मामला चर्चाओं में है और तिवारी के तबादले की वजह राजनीतिक दबाव को माना जा रहा है। इसी बीच कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को एक तस्वीर जारी की, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाईं ओर संजय पाठक (कुर्ता-पजामा पहने) व दाईं ओर सतीश सरावगी (हाफ शर्ट पहने) खड़े हैं। इस तस्वीर से पाठक और सरावगी की नजदीकियां भी जाहिर होती हैं। 

इस तस्वीर को लेकर आईएएनएस ने पाठक से चर्चा की तो उन्होंने कहा, "कटनी छोटा शहर है और यहां सभी एक-दूसरे से परिचित होते हैं। यहां सभी पारिवारिक भाव से रहते हैं, जहां तक सरावगी के साथ तस्वीर की बात है, वह तस्वीर वर्ष 2014 के उपचुनाव के नतीजे आने के बाद की है, जब मुख्यमंत्री जीत पर धन्यवाद जताने आए थे।" 

मुलायम सिंह ने राम गोपाल यादव के बारे मे किया खुलासा

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लखनऊ , 11 जनवरी: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को एक बार फिर रामगोपाल यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के इशारे पर वह सपा को तोड़ने में लगे हुए हैं। मुलायम ने यह भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में रामगोपाल भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से कई बार मिल चुके हैं। लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुलायम ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि बड़े संघर्षो के साथ उन्होंने पार्टी को खड़ा किया है और वह नहीं चाहते हैं कि पार्टी टूट जाए।

सपा प्रमुख ने कहा, "मैं नही चाहता हूं कि पार्टी टूट जाए, लेकिन कुछ लोग भाजपा से मिलकर पार्टी को तोड़ने में लगे हुए हैं। पार्टी बनाने के लिए हमने काफी लाठियां खाई हैं। इसे टूटने नहीं देंगे।"

सपा अध्यक्ष ने कहा, "मेरे पास जो कुछ था हमने दे दिया। अब मेरे पास क्या बचा है? मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि न तो पार्टी का नाम बदलेगा और न ही सिंबल।"

उन्होंने कहा कि बेटा, बहू के इशारे पर रामगोपाल यह सब कर रहे हैं। वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से चार बार मिल चुके हैं।

कांग्रेस ने CM शिवराज के खिलाफ FM जेटली को लिखा खत

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भोपाल, 10 जनवरी: मध्यप्रदेश के कटनी जिले के पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के तबादले को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोलते हुए केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने हवाला कारोबार में घिरे अपने एक मंत्री को बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने मंगलवार को जेटली को लिखे खत में कहा है, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आठ नवंबर 2016 को लागू की गई नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचारियों ने देशभर में कालेधन को सफेद करने का खेल जमकर खेला है। भाजपा के शासन वाले मध्यप्रदेश में भी इस तरह का गोरखधंधा जमकर फला और फूला है। इस तरह के कई प्रमाण सामने आए हैं।"

यादव ने अपने पत्र में कटनी में उजागर हुए हवाला कारोबार का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है, "कटनी जिले में पुलिस की शुरुआती जांच में 500 करोड़ रुपयों से ज्यादा का एक घोटाला सामने आया है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि हवाला कारोबारियों, बैंक व बैंक अफसरों की सांठगांठ से नोटबंदी के बाद कटनी में पुराने नोटों की अदला-बदली का बड़ा घोटाला हुआ। पुलिस की जांच में कई प्रभावशाली चेहरे सामने आए।"

यादव ने पत्र में आरोप लगाया है कि कटनी पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी को जांच में यह प्रमाण मिल गए थे कि इस काले कारोबार के पीछे शिवराज सरकार का एक मंत्री है। इस पर पुलिस अधीक्षक तिवारी पर दवाब बनाया गया। जब दवाब काम नहीं आया तो सोमवार को उनका तबादला कर दिया गया। हैरान करने वाली बात यह रही कि छह महीने पहले ही इस अधिकारी को कटनी में पदस्थ किया गया था। 

यादव ने जेटली से कटनी मामले की जांच वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाली किसी प्रमुख एजेंसी से कराने की मांग की है। 

अपने मुख्यमंत्री बेटे को फुद्दू समझते हैं मुलायम सिंह, बोले, उसे बहका दिया है कुछ लोगों ने

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नई दिल्ली, 9 जनवरी: समाजवादी पार्टी (सपा) के कुर्सी से बदखल किये गए मुलायम सिंह अभी भी सत्ता हथियाने वाले अपने बेटे अखिलेश यादव को फुद्दू समझते हैं, उन्होंने कहा है कि उनके बेटे अखिलेश यादव यानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के बीच कोई मतभेद नहीं है उसे तो कुछ लोगों ने बहका दिया है। अब आप बताइये पांच साल तक देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सरकार चलाने वाले अखिलेश यादव को कौन बहका सकता है, अगर अखिलेश चाहते तो मुलायम सिंह को जबरजस्ती कुर्सी से हटाकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने से मना कर देते। 

मुलायम सिंह ने अपने  चुनाव चिह्न् 'साइकिल' पर दावे को लेकर पार्टी के दोनों गुटों के दावों के बीच 'दरार' की बात स्वीकार कर ली। निर्वाचन आयोग द्वारा सपा के चुनाव चिह्न् साइकिल को लेकर 'दावों' पर जल्द फैसला लेने की बात कहने के बाद मुलायम की यह टिप्पणी सामने आई है।

एक सप्ताह के भीतर लगातार दूसरी बार मुलायम सिंह ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात की और 'साइकिल' पर अपना दावा जताने के साथ ही अपने चचेरे भाई राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव पर पार्टी में झगड़ा लगाने का आरोप लगाया।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी से मुलाकात के बाद मुलायम ने रामगोपाल यादव की ओर स्पष्ट तौर पर इशारा करते हुए संवाददाताओं से कहा कि सिर्फ 'एक शख्स' पार्टी में समस्याएं पैदा कर रहा है। 

उन्होंने कहा, "कोई है, जो मेरे बेटे (अखिलेश) को बहका रखा है। मैंने उससे रविवार रात और आज (सोमवार) सुबह भी बात की है। मेरे और मेरे बेटे के बीच कोई विवाद नहीं है।"

मुलायम ने कहा, "पार्टी में थोड़ा बहुत विवाद है, ज्यादा नहीं। इसके लिए सिर्फ एक शख्स जिम्मेदार है। लेकिन, मेरे लखनऊ पहुंचने पर मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा।"

मुलायम सिंह ने राज्यसभा के सभापति को पत्र लिखकर राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव को सपा से निष्कासित किए जाने की सूचना दी है।

पार्टी के ज्ञात सूत्रों ने कहा है कि जैदी से मुलाकात के वक्त मुलायम ने जोर दिया कि एक जनवरी को हुए अधिवेशन के दौरान उन्हें अध्यक्ष पद से हटाया जाना 'अवैध' है।

पार्टी के चुनाव चिह्न् 'साइकिल' पर अपना दावा ठोकने आए मुलायम ने जैदी से लगभग 40 मिनट तक बातचीत की। उनके साथ उनके भाई शिवपाल यादव व वरिष्ठ नेता अमर सिंह भी थे।

सोमवार को बाद में अखिलेश गुट से रामगोपाल यादव भी निर्वाचन आयोग के दफ्तर पहुंचे और पार्टी के चुनाव चिह्न् पर जल्द फैसले का आग्रह किया।

रामगोपाल ने बाद में कहा, "हमने उनसे चुनाव चिह्न् पर जल्द से जल्द फैसला लेने के लिए कहा है, क्योंकि 17 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी।"

उन्होंने मुलायम के उस बयान पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके व अखिलेश के बीच कोई मतभेद नहीं है। 

इससे पहले, अखिलेश यादव की तरफ से एक वकील देवेंद्र उपाध्याय ने कहा कि पार्टी के चुनाव चिह्न् पर मुलायम ने रामगोपाल द्वारा दाखिल जवाब को स्वीकार करने से एक बार फिर इनकार कर दिया।

उपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, "निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि उनके समक्ष जवाब दाखिल करने से पहले हम उसकी एक प्रति मुलायम सिंह यादव को दें। मैंने उन्हें प्रति देने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया।"

ढाई साल हो गए, गरीबों को लाईन में लगाने वाले गैस डीलरों का कुछ नहीं बिगाड़ पाए मोदीजी, कुछ करो

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New Delhi, 10 January: प्रधानमंत्री मोदी गरीबों के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं लेकिन सिस्टम में इतने छेद हैं कि उन्हें भरने में बहुत वक्त लगेगा। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि गैस, तेल, चीनी, राशन और अन्य सुविधाओं के लिए लाईन में ना लगना पड़े, कम से कम गैस के लिए तो लाइन में लगना ही ना पड़े क्योंकि जितने भी गैस के ग्राहक हैं सभी का कोई ना कोई एड्रेस है जो उनकी कॉपी पर लिखा भी होता है। 

गैस डीलर सभी ग्राहकों से गैस की होम डेलिवरी का चार्ज लेते हैं लेकिन अभी भी हजारों लाखों गैस डीलर हैं जो अमीरों को तो उनके घर पर गैस पहुंचाते हैं लेकिन गरीबों को या तो एजेंसी पर बुलाते हैं या कहीं अन्य जगह पर लाईन में लगाकर गैस देते हैं। 

अमीरों को तो गैस बुक करते ही सिलेंडर मिल जाता है क्योंकि गैस डीलर उनके घर पर सिलेंडर पहुंचा देते हैं लेकिन गरीबों को गैस लेने के लिए या तो गैस डीलर के पास आना होता है या कई कई दिन तक किसी अन्य स्थान पर इन्तजार करना पड़ता है, अगर गाड़ी आती है तो उन्हें गैस मिल जाती है, अगर गाड़ी नहीं आती तो उन्हें अगले दिन फिर से लाईन में लगना पड़ता है। अगर गैस कम पड़ जाती है तो उन्हें बिना सिलेंडर लिए ही निराश होना पड़ता है। 

अब आप सोचिये, जिस आदमी को अपना काम काज छोड़कर गैस के लिए लाईन में लगना पड़ता है, कभी कभी दो-तीन दिन तक इन्तजार करना पड़ता है, कभी कभी लाईन में लगने के बावजूद भी उन्हें गैस नहीं मिलती तो उन्हें गुस्सा कितना आता होगा। ग्राहक सरकार को अपने घर पर गैस पहुंचाने के लिए अतिरिक्त पैसा भी दे रहा है उसके बावजूद भी उसे एजेंसी पर गैस लेने के लिए जाना पड़ता है। 

फरीदाबाद का गैस डीलर Sumit Enterprises भी मोदी विरोधी काम कर रहा है, जनता को लाइन में लगवाकर सिलेंडर देता है, प्याली चौक पर एक छोटी गाडी में सिलेंडर भेजता है, 100-150 लोग लाईन में लगते हैं, किसी को गैस मिलती है किसी को नहीं मिलती है, जिसको नहीं मिलती उसे दूसरे दिन आने के लिए बोलता है, अगर दूसरे दिन नहीं मिलती तो तीसरे दिन आने के लिए बोलता है। ग्राहक अपने घर पर होम डिलीवरी का भी पैसा देते हैं उसके बावजूद भी उन्हें प्याली चौक पर लाईन में लगना पड़ता है। गैस एजेंसी इतनी दूर है कि अगर ग्राहक को रिक्शे से जाना पड़े तो 200 रुपये अलग से खर्च करने पड़ते हैं। गरीबों को बुरा हाल है। इसी स्थान पर रिहायशी कालोनियों में यही डीलर घर घर गैस पहुंचाता है लेकिन गरीबों को लाईन में लगवाता है। 

गरीबों की मजबूरी यह है कि वे शिकायत भी नहीं कर सकते, उन्हें इतना ताम झाम आता नहीं, अमीर लोग शिकायत कर देते हैं इसलिए ऐसे गैस डीलरों को गरीबों का डर नहीं होता। गरीब लोग चुपचाप दर्द सहते रहते हैं, अच्छे दिन का इन्तजार करते रहते हैं, मोदी सरकार के तीन साल होने वाले हैं, दो साल और हैं, अब देखते हैं कि मोदी सरकार Sumit Enterprises जैसी गैस एजेंसियों का कुछ बिगाड़ पाती है या नहीं। 

आश्चर्य की बात तो यह है कि हरियाणा और फरीदाबाद में भी बीजेपी की ही सरकार है, उसके बावजूद भी Sumit Enterprises का कोई कुछ बिगाड़ नहीं पा रहा है, मोदी सरकार कहती है कि सभी गैस डीलर सिलेंडर को ग्राहकों के सामने तौलेंगे लेकिन Sumit Enterprises प्याली चौक पर अपने साथ तौलने वाली मशीन लाता ही नहीं है, इसका कारण यह भी हो सकता है कि एक-दो किलो गैस निकाली जा रही हो। मोदी सरकार और हरियाणा बीजेपी सरकार को तुरंत इसपर ध्यान देना चाहिए और ऐसे गैस डीलरों को सुधारना चाहिए, वर्ना अगले विधानसभा और लोकसभा चुनावों में गरीब लोग बीजेपी के खिलाफ अपना गुस्सा निकालेंगे और कमल के बटन को भूल जाएंगे। 

जम्मू में आतंकी हमला रोकने के बजाय रक्षा मंत्री गोवा में चुनाव प्रचार कर रहे हैं: संजय राउत

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Panaji, 9 January: मनोहर पर्रिकर द्वारा गोवा में चुनाव प्रचार करने से शिवसेना सहित सभी विपक्षी दल घबरा गए हैं, लोगों को लग रहा है कि अगर मनोहर पर्रिकर ऐसे ही प्रचार करते राहत तो गोवा में एक बार फिर से बीजेपी की सरकार बन जाएगी। 

आज पाकिस्तानी आतंकियों ने शिवसेना को मनोहर पर्रिकर के खिलाफ बोलने का मौका दे दिया, अखनूर सेक्टर में आज आतंकी हमला किया गया जिसमें तीन मजदूरों की मौत हो गयी, शिवसेना सांसद संजय राउत ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पर हमला बोलते हुए कहा 'सीमा पर आतंकी हमले हो रहे हैं और रक्षा मंत्री आतंकी हमले रोकने के बजाय गोवा में चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं, वे बीजेपी नेताओं को टिकट बाँट रहे हैं। 

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले पर ध्यान देने की अपील की। 

आज अखनूर सेक्टर में GREF कैंप पर आतंकियों ने बेम फेंक जिसमें तीन मजदूरों की मौत हो गयी, घटना के बाद आर्मी ने आतंकियों को ढूंढने का अभियान शुरू कर दिया है।