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सुप्रीम कोर्ट से अब नहीं लड़ेंगे अनुराग ठाकुर, बोले, अब अपने रिटायर जजों से ही चलवा लो BCCI

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नई दिल्ली, 2 जनवरी: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को लोढ़ा समिति की अनुशंसाओं को लागू करने पर अड़ियल रुख अपनाए हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बाहर का रास्ता दिखा दिया। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने दोनों शीर्ष अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए उनके खिलाफ एक नोटिस भी जारी किया, जिसमें उनसे पूछा गया है कि उन पर झूठी गवाही देने और अदालत की अवमानना का मुकदमा क्यों न चलाया जाए?

अदालत ने यह भी कहा कि माफी न मांगने पर अनुराग को जेल भी जाना पड़ सकता है।

अदालत का फैसला आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद अनुराग ने कहा, "भारत में पूरी दुनिया की अपेक्षा कहीं अधिक प्रभावशाली खिलाड़ी हैं। मेरे लिए यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी। यह लड़ाई खेल संगठन को स्वायत्तता दिलाने की है। मैं किसी भी अन्य नागरिक की तरह सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करता हूं।"

लेकिन, उन्होंने देश की शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों पर निशाना साधा। ट्विटर पर पोस्ट किए अपने वीडियो संदेश में उन्होंने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को लगता है कि सेवानिवृत्त हो चुके न्यायाधीशों के मार्गदर्शन में बीसीसीआई बेहतर काम कर सकता है। मैं उन्हें अपनी शुभकामनाएं देता हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि उनके मार्गदर्शन में भारतीय क्रिकेट का भला होगा।"

अनुराग ने कहा, "बीसीसीआई देश में सबसे व्यवस्थित खेल संघ है। भारत के पास सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट अवसंरचना है और बीसीसीआई की मदद से राज्य क्रिकेट संघ इनकी बहुत अच्छी तरह देखरेख कर रहे हैं।"

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) से बीसीसीआई में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की नियुक्ति को बोर्ड के कामकाज में सरकारी हस्ताक्षेप के तौर पर पेश करने वाली सिफारिशी चिट्ठी मांगने को लेकर 'झूठी गवाही' देने के बाद से ही अदालत अनुराग और शिर्के से नाराज थी।

पीठ ने अंतरिम व्यवस्था के तहत बीसीसीआई के वरिष्ठतम उपाध्यक्ष को बोर्ड का अध्यक्ष और संयुक्त सचिव को बोर्ड का सचिव नियुक्त किया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम और जाने-माने वकील फली नरीमन को उन लोगों के नाम सुझाने के लिए कहा है, जो एक प्रशासक के नेतृत्व में काम करने वाली समिति में शामिल हों। यह समिति बीसीसीआई के संचालन का कामकाज देखेगी।

शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 जनवरी की तिथि निर्धारित की है। इसी दिन बीसीसीआई अंतरिम बोर्ड की घोषणा होगी। न्यायालय ने कहा कि वह उसी दिन प्रशासक की नियुक्ति का आदेश भी जारी करेगा।

अदालत ने यह भी कहा कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर अड़ियल रुख रखने वाले बीसीसीआई के अधिकारियों और बोर्ड से संबद्ध राज्य क्रिकेट संघों के अधिकारियों को अपना पद छोड़ना होगा।

सर्वोच्च न्यायालय ने बीसीसीआई और इससे संबद्ध राज्य संघों के अधिकारियों को लोढ़ा समिति की सिफारिशों को मानने के संबंध में प्रतिबद्धता देने को भी कहा।

अनुराग के साथ सचिव पद से हटाए गए शिर्के ने कहा, "मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है। बीसीसीआई में मेरा काम खत्म हो गया है। अगर सर्वोच्च न्यायालय ने मुझे हटने के लिए कहा है, तो ठीक है। आशा है कि नया प्रबंधन बोर्ड का संचालन सही तरीके से करेगा। बोर्ड की स्थिति पर अब और अधिक आंच नहीं आएगी।"

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए न्यायमूर्ति लोढ़ा ने कहा, "इन सिफारिशों को लागू करने का फैसला 18 जुलाई को सुनाया गया था। बीसीसीआई इस फैसले को लागू करने के लिए बाध्य थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। इसलिए, ऐसे परिणामों का सामना करना पड़ रहा है।"

उन्होंने कहा, "सिफारिशों को लागू किया जाना चाहिए था, लेकिन अब यह हो गया। समिति ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष तीन रिपोर्ट पेश की। इसके बावजूद सिफारिशों को लागू नहीं किया गया।"

बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष किशोर रूंगटा ने कहा, "यह लोढ़ा समिति की सिफारिशों को नहीं मानने का नतीजा है।"

बीसीसीआई के कामकाज की लगातार आलोचना करते रहने वाले भारत के पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि भारतीय क्रिकेट सही रास्ते पर लौट आएगा। मैं इस फैसले से संतुष्ट हूं।"

डीडीसीए मामले की जांच करने वाले न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल ने भी इस फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा, "ठाकुर और शिर्के को सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को नहीं मानने का परिणाम भुगतना पड़ा है।"

जब तक BCCI में कांग्रेसी थे तो सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नहीं किया, BJP वाले आये तो उन्हें हटा दिया

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नई दिल्ली, 2 जनवरी: अनुराग ठाकुर बीजेपी के दिग्गज देना माने जाते हैं और वे जब से BCCI के सचिव बने उन्होंने BCCI की सफाई शुरू कर दी, उन्होंने सबसे भ्रष्ट BCCI अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को पूरी तरह से साफ कर दिया और उन्हें ICC चेयरमैन पद से भी हटवा दिया, उन्होंने धीरे धीरे कांग्रेसी नेताओं को BCCI से साफ़ कर दिया, इससे पहले शरद पवार, एन श्रीनिवासन जैसे कांग्रेसी नेताओं ने BCCI पर कब्ज़ा जमा रखा था लेकिन तब तक ना तो कोई लोढ़ा कमेटी बनी और ना ही सुप्रीम कोर्ट ने किसी को बाहर निकाला लेकिन जैसे ही बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर BCCI के अध्यक्ष बने, सुप्रीम कोर्ट नींद से जाग उठा और हाथ धोकर अनुराग ठाकुर के पीछे पड़ गया और उनके साथ साथ BCCI सचिव अजय शिर्के को पद से हटा दिया।

अब सवाल यह उठता है कि क्या अनुराग ठाकुर ने BCCI को केवल तीन-चार महीने में ही लूट लिया? क्या BCCI में भ्रष्टाचार अनुराग ठाकुर ने ही फैलाया? कांग्रेस के समय लोढ़ा कमेटी इतनी एक्टिव क्यों नहीं हुई? सुप्रीम कोर्ट ने कभी कांग्रेस नेताओं को पद से क्यों नहीं हटाया?

खैर बात कुछ भी हो लेकिन अनुराग ठाकुर ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय से उनकी यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी और क्रिकेट के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उसी तरह बनी रहेगी। उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने क्रिकेट प्रशासन में सुधार के लिए शीर्ष अदालत द्वारा गठित लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने में उनकी असफलता के कारण अनुराग और बोर्ड के सचिव अजय शिर्के को बर्खास्त कर दिया।

अदालत का फैसला आने के बाद अनुराग ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो साझा की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि बीसीसीआई देश का सबसे व्यवस्थित खेल संगठन है और क्रिकेट को स्वायत्तता दिलाने की लड़ाई लड़ रहे थे।

अनुराग ने कहा, "मुझे भारतीय क्रिकेट की सेवा करने का सम्मान मिला। इतने वर्षो में भारतीय क्रिकेट प्रशासन और प्रदर्शन के तौर पर अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में पहुंची। बीसीसीआई देश में सबसे व्यवस्थित खेल संघ है, जिसमें सभी प्रक्रियाएं परिभाषित हैं। भारत के पास सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट अवसंरचना है और बीसीसीआई की मदद से राज्य क्रिकेट संघों इनकी बहुत अच्छी तरह देखरेख कर रहे हैं।"

भाजपा नेता अनुराग ने कहा, "भारत में पूरी दुनिया की अपेक्षा कहीं अधिक प्रभावशाली खिलाड़ी हैं। मेरे लिए यह व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी। यह लड़ाई खेल संगठन को स्वायत्तता दिलाने की थी। मैं किसी भी अन्य नागरिक की तरह सर्वोच्च न्यायालय का सम्मान करता हूं।"

उन्होंने आगे कहा, "सर्वोच्च न्यायालय को लगता है कि बीसीसीआई सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के अधीन बेहतर काम कर सकती है, तो उन्हें मेरी शुभकामनाएं हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि भारतीय क्रिकेट उनके मार्गदर्शन में भी अच्छा करेगा।"

बीसीसीआई के दोनों शीर्ष अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाते हुए शीर्ष अदालत ने उनके खिलाफ एक नोटिस भी जारी किया है, जिसमें उनसे पूछा गया है कि इन पर झूठी गवाही और अदालत की अवमानना का मुकदमा क्यों न चलाया जाए?

सर्वोच्च न्यायालय ने एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम और जाने-माने वकील फली नरीमन को उन लोगों के नाम सुझाने के लिए कहा है, जो एक प्रबंधक के नेतृत्व में काम करने वाली समिति में शामिल हों। यह समिति बीसीसीआई के संचालन का कामकाज देखेगी।

शीर्ष अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 19 जनवरी की तिथि निर्धारित की है। इसी दिन बीसीसीआई अंतरिम बोर्ड की घोषणा होगी। न्यायालय ने कहा कि वह उसी दिन प्रबंधक की नियुक्ति का आदेश भी जारी करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग को BCCI अध्यक्ष पद से हटा दिया

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नई दिल्ली, 2 जनवरी: सर्वोच्च न्यायालय ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर सालभर से ज्यादा समय से चल रहे मामले में सोमवार को अपना अंतिम फैसला सुनाते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय सिर्के को पद से हटा दिया। देश की शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने को लेकर अड़ियल रुख अपनाए बीसीसीआई के खिलाफ तीखे तेवर अपनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने ठाकुर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है। उनसे पूछा गया है कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला क्यों न चलाया जाए?

गौरतलब है कि क्रिकेट प्रशासन ने सुधार के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित लोढ़ा समिति की कुछ सिफारिशों को अपनाने को लेकर बीसीसीआई अड़ियल रुख अपनाए हुए था। इनमें अधिकारियों की उम्र, कार्यकाल, एक राज्य एक वोट जैसी सिफारिशें शामिल हैं।

भ्रष्टाचार के आरोपी 'अभय चौटाला और कलमाड़ी' को बना दिया गया IOA का मानद अध्यक्ष, सरकार हैरान

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नई दिल्ली, 28 दिसम्बर: राष्ट्रमंडल खेल-2010 में भ्रष्टाचार के आरोपी सुरेश कलमाड़ी और भंग हो चुकी भारतीय एमैच्योर मुक्केबाजी महासंघ (IABF) के अध्यक्ष रह चुके अभय सिंह चौटाला को मंगलवार को सर्वसम्मति से भारतीय ओलम्पिक संघ (IOA) का आजीवन मानद अध्यक्ष चुन लिया गया। यह फैसला आईओए की वार्षिक आम बैठक में लिया गया।

हालांकि खेल मंत्रालय ने कलमाड़ी और चौटाला की नियुक्तियों पर हैरानी जताई है। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा है कि कलमाड़ी और चौटाला को अजीवन मानद अध्यक्ष बनाए जाने से सरकार हैरान है।

कलमाड़ी पर दिल्ली में 2010 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भ्रष्टाचार के आरोप हैं। वह इस मामले में नौ महीने की सजा भी काट चुके हैं। चौटाला का भी आईओए में पुराना कार्यकाल विवादों भरा रहा था।

गोयल ने कहा, "हम आईओए द्वारा सुरेश कलमाड़ी और अभय चौटाला को अजीवन मानद अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले से हैरान हैं। यह बिल्कुल भी मान्य नहीं है क्योंकि दोनों पर भ्रष्टचार और आपाराधिक मामले दर्ज हैं।"

उन्होंने कहा, "अभय चौटाला और ललित भनोट के कारण ही अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (IOC) ने भारतीय ओलम्पिक संघ (IOA) को निलंबित भी कर दिया था। वह निलंबन तभी हटा था जब इन दोनों को प्रबंधन से हटाया गया था।"

रविचंद्रन अश्विन का बजा दुनिया में डंका, चुने गए साल के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खिलाड़ी

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दुबई, 22 दिसम्बर: भारत के ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना। इसके साथ भारतीय टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली को आईसीसी की इस साल की एकदिवसीय टीम का कप्तान चुना गया। 

आईसीसी की साल की टेस्ट टीम में अश्विन एकमात्र भारतीय हैं। उन्हें साल का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी भी चुना गया है। बल्लेबाज रोहित शर्मा और हरफनमौला रवींद्र जडेजा को एकदिवसीय टीम में जगह मिली है। 

साल के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को दी जाने वाली गार्फिल्ड सोबर्स ट्रॉफी को जीतने वाले अश्विन भारत के तीसरे और दुनिया के कुल 12वें खिलाड़ी हैं। 

उनसे पहले राहुल द्रविड़ (2004) और सचिन तेंदुलकर (2010) ने भारत की तरफ से यह ट्रॉफी अपने नाम की थी। इंग्लैंड के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिनटाफ और दक्षिण अफ्रीका के हरफनमौला खिलाड़ी जैक्स कालिस को 2005 में संयुक्त रूप से यह पुरस्कार मिला था।

आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग को 2006 और 2007, वेस्टइंडीज के शिवनारायण चंद्रपॉल को 2008 में, आस्ट्रेलिया के मिशेल जॉनसन को 2009 और 2014 में, इंग्लैंड के जॉनाथन ट्रॉट को 2011 में, श्रीलंका के कुमार संगाकारा को 2012 में, आस्ट्रेलिया के माइकल क्लार्क को 2013 में और आस्ट्रेलिया के मौजूदा कप्तान स्टीव स्मिथ को 2015 में यह खिताब मिला था। 

अश्विन एक साल में आईसीसी के दो खिताब जीतने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले द्रविड़ ने 2004 में दो खिताब जीते थे।

अश्विन के अलावा कैलिस (2005), पोंटिंग (2006), संगाकारा (2012), क्लार्क (2013), जॉनसन (2014) और स्मिथ (2015) ने एक साल में आईसीसी के दो खिताब अपने नाम किए थे। 

इन पुरस्कारों के लिए वोटिंग का समय 14 सितंबर 2015 से 20 सितंबर 2016 तक का था। 

चेन्नई के अश्विन ने इस साल आठ टेस्ट मैच खेले और 48 विकेट लिए। इसके साथ उन्होंने 336 रन भी बनाए। उन्होंने 19 टी-20 मैचों में 27 विकेट भी अपने नाम किए। 

उन्होंने 2015 का अंत भी टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक गेंदबाज के तौर पर किया था और इस साल भी उन्होंने दो बार यह स्थान हासिल किया। 

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने अश्विन को इस उपलब्धि पर बधाई दी है।

ठाकुर ने ट्वीट किया, " आईसीसी का साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुने जाने पर बधाई हो अश्विन। उम्मीद है यह अवार्ड आपको और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।"

आईसीसी के एक बयान के मुताबिक, अश्विन ने कहा, "इस खिताब का मिलना मेरे लिए गर्व की बात है। सचिन तेंदुलरकर और राहुल द्रविड़ के नक्शेकदम पर चलना मेरे लिए शानदार अनुभूति है। आईसीसी का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट खिलाड़ी चुने जाने ने इसे और बेहतर बना दिया है।"

उन्होंने कहा, "इस शानदार उपलिब्ध के लिए शुक्रिया अदा करने के लिए काफी लोग हैं। मेरे पिछले कुछ साल अच्छे रहे हैं लेकिन यह साल खास है। इस साल में सबसे अच्छी बात मैंने जिस तरह गेंदबाजी और बल्लेबाजी की, वह रही है।"

उन्होंने कहा, "मैं इस पुरस्कार को अपने परिवार को समर्पित करता हूं। मैं आईसीसी का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं और सबसे महत्वपूर्ण मैं अपनी टीम के साथियों को धन्यवाद कहना चाहता हूं। मैं अपनी टीम के सहयोगी स्टाफ का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। जब से महेन्द्र सिंह धौनी ने (टेस्ट से) संन्यास लिया है, तब से हमने अपनी टीम में काफी बदलाव किया है। एक युवा कप्तान ने टीम की जिम्मेदारी संभाली, हम सही रास्ते पर आ गए और अब हमारे पास नए खिलाड़ियों का समूह है।"

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान मिस्बाह-उल-हक को आईसीसी 'स्पिरिट ऑफ क्रिकेट' का पुरस्कार मिला और वह इस पुरस्कार को जीतने वाले पाकिस्तान के पहले खिलाड़ी बन गए हैं। 

दक्षिण अफ्रीका के सलामी बल्लेबाज क्विटन डी कॉक को आईसीसी ने साल का सर्वश्रेष्ठ एकदिवसीय खिलाड़ी चुना।

अफगानिस्तान के मोहम्मद शाहजाद को आईसीसी ने अपने एसोसिएट/ संबद्ध सदस्यों में सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना, वहीं वेस्टइंडीज के हरफनमौला खिलाड़ी कार्लोस ब्राथवेट को साल के सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय टी-20 प्रदर्शन का पुरस्कार मिला है। 

बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान को साल का सर्वश्रेष्ठ उभरता क्रिकेट खिलाड़ी चुना गया। 

दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी राहुल द्रविड़, गैरी क्रिस्टन और कुमार संगाकारा ने आईसीसी की टेस्ट और एकदिवसीय टीम का चयन किया। टीम का चयन 14 सितंबर 2015 से 20 सितंबर 2016 तक के बीच खिलाड़ियों के प्रदर्शन के आधार पर किया गया है।

इंग्लैंड के एलिएस्टर कुक को आईसीसी की टेस्ट टीम का कप्तान चुना गया। इसमें इंग्लैंड के चार क्रिकेट खिलाड़ी, आस्ट्रेलिया के तीन तथा न्यूजीलैंड, भारत, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका के एक-एक क्रिकेट खिलाड़ी का नाम शामिल है। 

ऐसा तीसरी बार हुआ है जब कुक को आईसीसी टेस्ट टीम का कप्तान चुना गया है। जबकि बीते नौ साल में यह आठवीं बार है जब दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज डेल स्टेन को टेस्ट टीम में चुना गया है।

टेस्ट टीम : डेविड वॉर्नर (आस्ट्रेलिया), कुक (इंग्लैंड, कप्तान), केन विलियम्सन (न्यूजीलैंड), जोए रूट (इंग्लैंड), एडम वोग्स (आस्ट्रेलिया), जॉनी बेयरस्टो (इंग्लैंड, विकेटकीपर), बेन स्टोक्स (इंग्लैंड), आर. अश्विन (भारत), रंगना हेराथ (श्रीलंका), मिशेल स्टार्क (आस्ट्रेलिया), डेल स्टेन (दक्षिण अफ्रीका), स्टीव स्मिथ (आस्ट्रेलिया)।

एकदिवसीय टीम में आस्ट्रेलिया, भारत, दक्षिण अफ्रीका के तीन-तीन खिलाड़ी और इंग्लैंड तथा वेस्टइंडीज के एक-एक खिलाड़ी शामिल हैं। इस टीम में 2010 के बाद से अब्राहम डिविलियर्स को लगातार छठी बार चुना गया है। 

एकदिवसीय टीम : डेविड वॉर्नर (आस्ट्रेलिया), क्विटंन डी कॉक (दक्षिण अफ्रीका, विकेटकीपर), रोहित शर्मा (भारत), विराट कोहली (भारत, कप्तान), अब्राहम डिविलियर्स (दक्षिण अफ्रीका), जोस बटलर (इंग्लैंड), मिचेल मार्श (आस्ट्रेलिया), रवींद्र जडेजा (भारत), मिशेल स्टार्क (आस्ट्रेलिया), कागिसो रबादा (दक्षिण अफ्रीका), सुनील नरेन (वेस्टइंडीज) और इमरान ताहिर (दक्षिण अफ्रीका)।

पेशेवर मुक्केबाजी में विजेंदर ने चेका को किया चित

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नई दिल्ली, 17 दिसंबर: भारतीय पेशेवर मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने पेशेवर मुक्कबाजी में अपराजित रहने का रिकार्ड कायम रखते हुए विश्व मुक्केबाजी संगठन (डब्ल्यूबीओ) एशिया पैसिफिक सुपर मिडिलवेट का खिताब कायम रखा है। उन्होंने शनिवार को खचाखच भरे त्यागराज स्टेडियम में खुद से कहीं अनुभवी मुक्केबाज तंजानिया के फ्रांसिस चेका को तीसरे राउंड में ही तकनीकी आधार पर नॉकआउट कर लगातार आठवीं जीत दर्ज की।

मुकाबले के बाद विजेंदर ने कहा, "मुझे नहीं लगा था कि यह इतना आसान मुकाबला होगा। चेका ने जिस तरह मीडिया में बयान दिए थे, मुझे लगा था कि पता नहीं क्या करेगा। लेकिन दूसरे राउंड में जो हुआ, मुझे लगने लगा था कि मैं उसे आसानी से हरा दूंगा।"

विजेंदर ने कहा, "मुझे चेका ने दांत काटने की कोशिश भी की, लेकिन मैं बच गया। मैं उनकी मजे लेकर पिटाई करना चाहता था और मैंने यही किया।"

विजेंदर ने इसी साल जुलाई में आस्ट्रेलिया के कैरी होप को इसी स्टेडियम में मात देते हुए यह खिताब हासिल किया था। 2015 में पेशेवर मुक्केबाजी में कदम रखने वाले विजेंदर ने इस मुकाबले को मिलाकर कुल आठ मुकाबले खेले हैं और सभी में जीत हासिल की है।

इस खिताब को बचाने के लिए उनका सामना अनुभवी मुक्केबाज चेका से था। चेका इस मुकाबले में 43 मुकाबलों का अनुभव लेकर विजेंदर के सामने उतरे थे, लेकिन विजेंदर ने अपने शानदार खेल से उन्हें एकतरफा मुकाबले में मात दी।

दोनों खिलाड़ियों ने मुकाबले की शुरुआत संयम के साथ की और विपक्षी के गलत मूव का इंतजार किया। लेकिन पहले राउंड के बाद विजेंदर ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया और दूसरे राउंड में अपने विपक्षी पर हावी रहे। चेका उनके पंचों का बचाव भी नहीं कर पा रहे थे।

तीसरे राउंड में विजेंदर समझ गए थे कि उन्हें कैसे चेका को मात देनी है और तकनीकी रूप से दक्ष विजेंदर ने इस राउंड की शुरुआत में ही अपने सटीक पंचों से चेका को बैकफुट पर धकेल दिया और नॉकआउट कर खिताब अपने पास ही रखा।

अन्य मुकाबलों में भारत के राजेश कुमार ने 61 किलोग्राम भारवर्ग में युगांडा के मुबाराका सेगुया को 2-1 से मात दी। दीपक तंवर ने पेशेवर मुक्केबाजी में अपने अपराजित रिकार्ड कायम रखते हुए लगातार चौथी जीत दर्ज की। उन्होंने 67 किलोग्राम भारवर्ग में इंडोनेशिया के सुत्रियोनो को तकनीकी आधार पर नॉकआउट कर मुकाबला जीता।

धर्मेद्र ग्रेवाल ने 91 किलोग्राम भारवर्ग में युगांडा के अबासी क्योबे को 3-0 से मात दी। भारत के कुलदीप धांडा ने भी अपना जीत का सिलसिला कायम रखा और 61 किलोग्राम भारवर्ग में इंडोनेशिया के इया रोजटोन को 3-0 से मात दी।

हालांकि भारत के परदीप खारकेरा को 67 किलोग्राम भारवर्ग में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें आस्ट्रेलिया के स्कॉट एडवर्डस ने 3-0 से मात दी।

जयंत ने नौवें क्रम पर खेलते हुए शतक लगाकर रचा इतिहास

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मुंबई, 11 दिसम्बर: हरियाणा के प्रतिभाशाली खिलाड़ी जयंत यादव नौवें क्रम पर खेलते हुए भारत के लिए टेस्ट शतक लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं। इंग्लैंड के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में जारी चौथे टेस्ट मैच के चौथे दिन रविवार को जयंत ने यह कारनामा किया। उन्होंने अपनी पारी में कुल 104 रन बनाए। उन्होंने 204 गेंदों पर 15 चौके जड़े। 

टेस्ट करियर में जयंत का यह पहला शतक है। उन्होंने अभी तक कुल दो टेस्ट मैच खेले हैं। 

जयंत से पहले भारत के लिए फारुख इंजीनियर ने 27 फरवरी, 1965 को न्यूजीलैंड के खिलाफ चेन्नई में नौवें क्रम में खेलते हुए 90 रन बनाए थे। इंजीनियर 10 रनों से इतिहास रचने से चूक गए थे। 

इसके बाद हालांकि, 27 नवम्बर, 1996 को अनिल कुंबले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता में इस क्रम पर खेलते हुए भारत के लिए पहला शतक बनाने के करीब पहुंचते दिखे थे, लेकिन दुर्भाग्य से वह 88 रन पर आउट हो गए। 

इसके अलावा, जयंत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच में भारत की पहली पारी में कोहली के साथ 241 रनों की साझेदारी की। भारत के लिए आठवें विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी है। 

इससे पहले यह रिकॉर्ड मोहम्मद अजहरुद्दीन और अनिल कुंबले के नाम था। 20 साल पहले दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलकाता में दोनों के बीच आठवें विकेट के लिए 161 रनों की साझेदारी हुई थी। 

जयंत ने नौंवे क्रम पर शतक लगाने के साथ ही भारत को उन देशों की सूची में शामिल कर दिया है, जिनके बल्लेबाजों ने इस क्रम पर खेलते हुए शतक लगाए हैं। 

इस सूची में भारत छठे स्थान पर है। आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों ने नौंवे क्रम पर चार शतक लगाए हैं जबकि बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने इसी क्रम पर दो शतक जड़े हैं। पाकिस्तान इस सूची में सातवें स्थान पर है। उसके नाम एक शतक है। 

मुंबई टेस्ट: भारत ने बनाए 631 रन, कोहली ने जड़ा दोहरा शतक

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मुंबई, 11 दिसम्बर: भारतीय क्रिकेट टीम ने कप्तान विराट कोहली (235) के दोहरे शतक, मुरली विजय (136) और जयंत यादव (104) की ओर से खेली गई शतकीय पारियों की बदौलत इंग्लैंड के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में जारी चौथे टेस्ट मैच के चौथे दिन रविवार को अपनी पहली पारी में सभी विकेट गंवाकर 631 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया है। इंग्लैंड की ओर से पहली पारी में बनाए गए 400 रनों के आधार पर भारत ने 231 रनों की बढ़त हासिल कर ली है। 

भारत ने तीसरे दिन शनिवार को सात विकेट के नुकसान पर 451 रन बनाए थे। कोहली एक दिन पहले 147 और जयंत 30 रनों पर नाबाद लौटे थे। इसके बाद भारत ने पहले सत्र में बिना कोई विकेट गंवाए कोहली और जयंत की बेहतरीन साझेदारी के दम पर 597 रन बनाए थे। 

दूसरे सत्र में जयंत ने अपना शतक पूरा किया, लेकिन 605 रनों के कुल योग पर आदिल राशिद ने उन्हें आउट कर पवेलियन भेजा। कोहली और जयंत के बीच आठवें विकेट के लिए 241 रनों की साझेदारी हुई। जयंत ने 204 गेंदों में 15 चौके लगाए। 

भारत का नौंवा विकेट 615 के कुल योग पर गिरा। उन्होंने अपनी पारी में 340 गेंदों का सामना कर 25 चौके और एक छक्का लगाया। इसके साथ ही कोहली ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वह एक साल में तीन दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय और विश्व के पांचवें खिलाड़ी बन गए हैं। 

इसके बाद भुवनेश्वर कुमार ने 9 और उमेश यादव ने नाबाद सात रन बनाए। भुवनेश्वर के आउट होने के साथ ही भारतीय टीम की पारी 631 रनों पर सिमट गई। 

कोहली टेस्ट में सर्वोच्च स्कोर करने वाले भारतीय कप्तान बन गए हैं। उनसे पहले यह रिकॉर्ड महेंद्र सिंह धौनी के नाम था। धौनी ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ 22 फरवरी, 2013 में 224 रन बनाए थे।

इंग्लैंड के लिए आदिल राशिद ने सबसे अधिक चार विकेट लिए जबकि मोइन अली तथा जोए रूट को दो-दो सफलता हासिल हुई, वहीं को दो और क्रिस वोक्स और जैक बॉल एक-एक विकेट लेने में सफल रहे। 

लोढ़ा समिति और BCCI मामले पर सुनवाई फिर टली

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नई दिल्ली, 9 दिसंबर: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति की याचिका पर सुनवाई को शुक्रवार को लगातार दूसरी बार टाल दिया है। अब इस मामले पर सुनवाई 14 दिसंबर को होगी। वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो के मुताबिक, एक अन्य मामले की सुनवाई देर तक चलने के कारण इस मामले की सुनवाई को टाल दिया गया। 

न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने लोढ़ा पैनल द्वारा दायर तीसरे यथास्थिति रिपोर्ट पर पांच दिसंबर को होने वाली सुनवाई को मुख्य न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर के अस्वस्थ रहने के कारण टाला था, जो इस पीठ के अध्यक्ष हैं। 

सर्वोच्च अदालत ने लोढ़ा समिति पर अंतिम सुनवाई 21 अक्टूबर को की थी। तब अदालत ने बीसीसीआई के राज्य संघों को तब तक फंड न देने को कहा था, जब तक वह समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करते। 

सुप्रीम कोर्ट ने BCCI को पैसे निकालने की इजाजत दी

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नई दिल्ली, 7 दिसम्बर: सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को मुंबई और चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले दो टेस्ट मैचों और तीन एकदिवसीय व तीन टी ट्वेंटी मैचों के लिए कुल 2.83 करोड़ रुपये अपने खाते में से खर्च करने की इजाजत दे दी। अदालत ने इन दो टेस्ट मैचों के लिए बोर्ड को 1.33 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए सहमति दे दी है। 

इसके अलावा अदालत ने बीसीसीआई को अगले साल इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली तीन एकदिवसीय और तीन टी-20 मैचों की श्रृंखला के लिए 25 लाख रुपये प्रत्येक मैच (कुल 1.5 करोड़) खर्च करने की मंजूरी भी दे दी है। 

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर, न्यायमूर्ति ए.एम.खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ ने बीसीसीआई से राजकोट, विशाखापट्नम और मोहली में हुए टेस्ट मैचों के साथ-साथ मुंबई और चेन्नई में होने वाले टेस्ट मैचों में खर्च का हिसाब मांगा। 

बीसीसीसीआई ने अदालत से तीन एकदिवसीय मैचों और तीन टी-20 मैचों की श्रृंखला के लिए 3.79 करोड़ रुपये की मांग की थी। लेकिन, अदालत ने उसे एकदिवसीय और टी-20 श्रृंखला के लिए 25 लाख रुपये प्रति मैच और मुंबई तथा चेन्नई में होने वाले टेस्ट मैच के लिए 1.33 करोड़ रुपये खर्च करने की मंजूरी दी। 

लोढ़ा समिति की तरफ से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील गोपाल शंकरनारायणन ने बीसीसीआई की अपील की मुखालफत नहीं की लेकिन उन्होंने अदालत से कहा कि बीसीसीआई मैचों का आयोजन उन राज्य संघों के मैदानों पर करा रहा है जो लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने से मना कर रहे हैं। 

गोपाल ने अदालत से कहा, "यह वे राज्य हैं जिन्होंने आपके आदेशों को नहीं माना है। लेकिन, मैचों का आयोजन फिर भी इन्हीं के मैदानों पर किया जा रहा है।"

प्रधान न्यायाधीश ठाकुर ने बीसीसीआई से आय-व्यय की जानकरी मांगते हुए कहा, "हम जानना चाहते हैं कि कितना पैसा खर्च हुआ है और बीसीसीआई को कितने पैसे मिले हैं।"

उन्होंने कहा, "आप अपनी आय से ज्यादा खर्च कर रहे हैं। हर टेस्ट मैच के लिए बैलेंस शीट होती है।" 

न्यायमूर्ति ठाकुर की यह टिप्पणी बीसीसीआई की तरफ से दलील दे रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा पेश किए गए कुछ आंकड़ों के बाद आई।

सर्वोच्च न्यायालय ने आठ नवंबर को बीसीसीआई को इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में हुए पहले टेस्ट मैच के लिए 58.66 लाख रुपये खाते से निकलने को मंजूरी दी थी। अदालत ने बोर्ड को तीन दिसंबर तक बाकी मैचों के लिए भी इतनी ही रकम खर्च करने की बात कही थी। 

क्रिकेट प्रशासन में बदलाव के लिए सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित लोढ़ा समिति की सिफारिशों के आने के बाद अदालत ने 21 अक्टूबर से बोर्ड के खातों पर रोक लगाई हुई है। समिति का कहना था कि जब तक बीसीसीआई उसकी सिफारिशों को लागू नहीं करता तब तक वह अपने खातों से पैसा नहीं खर्च कर सकेगा। 

समिति ने साफ तौर पर कहा हुआ है कि बोर्ड जब तक उसकी सिफारिशों को लागू नहीं करता तब तक यह रोक जारी रहेगी।

मोहाली टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 8 विकेट से रौंदा, 2-0 से आगे

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मोहाली (पंजाब), 29 नवंबर: भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने शानदार हरफनमौला खेल के दम पर पंजाब क्रिकेट संघ (पीसीए) स्टेडियम में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन मंगलवार को इंग्लैंड को आठ विकेट से हरा दिया। इसी के साथ मेजबानों ने पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 2-0 की बढ़त ले ली है। 

भारत ने इंग्लैंड को उसकी दूसरी पारी में 236 रनों पर समेट दिया था, जिसके बाद उसे 103 रनों का लक्ष्य मिला था। मेजबानों ने इस लक्ष्य को 20.2 ओवरो में दो विकेट खोकर हासिल कर जीत दर्ज की। 

भारत को पार्थिव पटेल (नाबाद 67) और कप्तान विराट कोहली (नाबाद 6) ने जीत की दहलीज पर पहुंचाया। पटेल ने मुरली विजय (0) का विकेट सात के कुल स्कोर पर गिर जाने के बाद चेतेश्वर पुजारा (25 ) के साथ दूसरे विकेट के लिए 81 रनों की साझेदारी की। पुजारा को आदिल राशिद ने जोए रूट के हाथों कैच कराया। 

54 गेंदों में 11 चौके और एक छक्का लगाने वाल पटेल ने चौका मार टीम को जीत दिलाई। भारत की पहली पारी में 90 रनों का योगदान देने वाले और इस मैच में कुल चार विकेट लेने वाले रवींद्र जडेजा को मैन ऑफ द मैच चुना गया। 

इंग्लैंड ने तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक 78 रनों पर अपने चार विकेट गंवा दिए थे। चौथे दिन अपने सोमवार के स्कोर से आगे खेलने उतरी मेहमान टीम ने दिन के पहले सत्र में अपने तीन विकेट गंवाए। 

गारेथ बैटी (0), जोस बटलर (18) और जोए रूट (78) दिन के पहले सत्र में पवेलियन लौटे। बैटी और बटलर को क्रमश: रवींद्र जडेजा और जयंत यादव ने पवेलियन भेजा। 

एक छोर संभालकर खड़े रूट ने इसके बाद हसीब हमीद (नाबाद 59) के साथ सातवें विकेट के लिए 45 रनों की साझेदारी कर टीम को स्थिरता देने की भरपूर कोशिश की, लेकिन वे इस साझेदारी को पहले सत्र से आगे ले जाने में असफल रहे।

जडेजा ने पहले सत्र की समाप्ति से ठीक पहले 152 के कुल योग पर रूट की संघर्षभरी पारी पर विराम लगाया। रूट का कैच अजिंक्य रहाणे ने लपका। रूट ने 179 गेंदों की धैर्यभरी पारी में छह चौके लगाए। 

आमतौर पर सलामी बल्लेबाजी करने वाले हमीद उंगली में चोट के कारण इस पारी में आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे। उन्होंने तीन महत्वपूर्ण साझेदारियां कर टीम को बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई। 

रूट के बाद उन्होंने दूसरे सत्र में क्रिस वोक्स (30) के साथ आठवें विकेट के लिए 43 रनों की साझेदारी की। लेकिन मोहम्मद समी ने 195 के स्कोर पर वोक्स आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। 

वोक्स के जाने के बाद समी ने आदिल राशीद को भी बिना खाता खोले पवेलियन लौटाया। जेम्स एंडरसन (5) के रूप में इंग्लैंड का आखिरी विकेट गिरा। वह रन आउट हुए। नाबाद रहने वाले हमीद ने 156 गेंदें खेलीं और छह चौके एवं एक छक्का लगाया और एंडरसन के साथ दसवें विकेट के लिए 41 रनों की साझेदारी की। 

भारत की तरफ से रविचन्द्रन अश्विन ने तीन विकेट लिए। जडेजा, जयंत यादव और समी को दो-दो विकेट मिले। 

इंग्लैंड ने पहली पारी में जॉनी बेयर्सटो (89) और बटलर (43) की बदौलत मात्र 283 रन बनाए थे। इंग्लैंड की पारी को सस्ते में समेटने में भारतीय गेंदबाजों का संयुक्त प्रयास था।

मोहम्मद समी ने सर्वाधिक तीन, जबकि उमेश यादव, जयंत और जडेजा ने दो-दो विकेट लिए थे। अश्विन को एक विकेट मिला था।

इसके बाद भारत ने निचले क्रम पर जडेजा (90), अश्विन (72) और जयंत (55) के शानदार अर्धशतकों की बदौलत पहली पारी में 417 रन बनाए और इंग्लैंड पर 134 रनों की बढ़त हासिल की।

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जबकि सातवें क्रम से नीचे के तीन-तीन बल्लेबाजों ने अर्धशतक लगाए। इससे पहले आठ वर्ष के लंबे अंतराल के बाद टेस्ट टीम में वापसी करने वाले पार्थिव पटेल (42), चेतेश्वर पुजारा और कप्तान विराट कोहली (62) ने भी अहम पारियां खेलीं।

भारत ने पहले टेस्ट में इंग्लैंड को पटना, 1-0 से बनायी बढ़त

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विशाखापट्नम, 21 नवंबर: भारत ने डॉ. वाई. एस. राजशेखर रेड्डी एसीए-वीसीए क्रिकेट स्टेडियम में हुए दूसरे टेस्ट मैच के पांचवें दिन सोमवार को इंग्लैंड को 246 रनों के बड़े अंतर से हराकर पांच मैचों सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। चौथे दिन की समाप्ति तक मेहमान टीम ने 405 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 87 रनों पर दो विकेट गंवा दिए थे। पांचवें दिन के पहले सत्र में उसने पांच विकेट गंवाए और फिर दूसरे सत्र में बाकी के तीन विकेट गंवा दिए।

मेहमान टीम 97.3 ओवरों का सामना करते हुए 158 रन ही बना सकी। उसकी ओर से जॉनी बेयर्सटो 34 रनों पर नाबाद लौटे। भारत की कसी गेंदबाजी के आगे इंग्लिश टीम के सात बल्लेबाज दहाई तक नहीं पहुंच सके।

भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन और जयंत यादव ने तीन-तीन सफलता हासिल की जबकि रवींद्र जडेजा और मोहम्मद समी को दो-दो सफलता मिली।

भोजनकाल तक जॉनी बेयरस्टो 23 रन बनाकर क्रीज पर जमे हुए थे। उनके साथ क्रीज पर नाबाद मौजूद जफर अंसारी ने खाता नहीं खोला था। भोजनकाल के बाद अंसारी खाता खोले बगैर अश्विन का शिकार हुए जबकि स्टुअर्ट ब्रॉड (5) तथा जिमी एंडरसन (0) को यादव ने चलता किया।

कप्तान एलिस्टर कुक (54) के विकेट गिरने के साथ चौथे दिन का खेल समाप्त हो गया था। दो विकेट पर 83 रन के स्कोर से आगे खेलने उतरी इंग्लैंड के लिए रविवार को नाबाद लौटे जोए रूट (25) के साथ बेन डकेट पारी को आगे बढ़ाने उतरे।

डकेट ने धैयपूर्वक खेलना शुरू किया हालांकि 16 गेंदों का सामना करने के बाद बगैर खाता खोले वह रविचंद्रन अश्विन का शिकार हुए। इसके बाद बेन स्टोक्स (2) और मोइन अली (6) के विकेट भी जल्दी जल्दी गिर गए।

रूट भी 107 गेंदों की अपनी संघर्षभरी पारी को और आगे नहीं ले जा सके और मोहम्मद समी की गेंद पर पगबाधा करार दिए गए। कुक और रूट के अलावा हसीब हमीद ने 25 रनों का योगदान दिया।

भारत ने कोहली (81), अजिंक्य रहाणे (26) और जयंत यादव (नाबाद 27) की बदौलत दूसरी पारी में 204 रन बनाते हुए इंग्लैंड के सामने चौथी पारी में 405 रनों की चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा।

इससे पहले भारत ने मैन ऑफ द मैच चुने गए कप्तान कोहली (167) और चेतेश्वर पुजारा (119) की बदौलत पहली पारी में 455 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था, जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी महज 255 रनों पर सिमट गई। इंग्लैंड की पहली पारी समेटने में रविचंद्रन अश्विन का विशेष योगदान रहा।

अश्विन ने इंग्लैंड के पांच बल्लेबाजों को चलता किया। अश्विन ने इससे पहले बल्ले से भी अहम योगदान देते हुए 58 रनों की अर्धशतकीय पारी खेली थी।

बैडमिंटन: सिंधु चीनी खिलाडी को पटककर जीता चीन ओपन का खिताब

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फूझोउ (चीन), 20 नवंबर: ओलम्पिक रजत पदक विजेता भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी. वी सिंधु ने रविवार को चीन ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर बैडमिंटन टूर्नामेंट का खिताब जीत लिया है। सिंधु ने महिला एकल वर्ग के फाइनल मुकाबले में उलटफेर करते हुए विश्व की नौंवीं वरीयता प्राप्त चीन की सुन यू को मात देकर खिताब हासिल किया।

11वीं विश्व वरीतया प्राप्त सिंधु ने एक घंटे नौ मिनट तक चले इस संघर्षपूर्ण मुकाबले में सुन यू को 21-11, 17-21, 21-11 से मात दी।

इस जीत के साथ ही सिंधु ने अपने करियर का पहला सुपर सीरीज प्रीमियर खिताब जीत लिया।

सिंधु और सुन के बीच यह छठा मुकाबला था, जिसमें सिंधु ने जीत-हार का आंकड़ा 3-3 से बराबर कर लिया।

विश्व नंबर-1 खिलाड़ी बनने पर जोकोविक ने मरे को दी बधाई

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लंदन, 8 नवंबर: सर्बिया के टेनिस स्टार नोवाक जोकोविक ने ब्रिटेन के एंडी मरे को विश्व का नंबर-1 टेनिस खिलाड़ी बनने पर बधाई दी है। मरे ने हाल ही में जोकोविक को अपदस्थ कर शीर्ष वरीयता हासिल की है। जोकोविक पिछले 122 सप्ताह से नंबर-1 की कुर्सी पर कायम थे।

जोकोविक ने सोमवार को अपने फेसबुक पेज पर लिखा, "बधाई हो एंडी मरे। आप इसके हकदार हो, आपने इसके लिए काफी मेहनत की है।"

मरे ने रविवार को पेरिस मास्टर्स का खिताब जीतकर शीर्ष वरीयता हासिल की। यह मरे का इस साल का आठवां खिताब था।

जोकोविक ने आस्ट्रेलियन ओपन और फ्रेंच ओपन का खिताब जीत कर साल की अच्छी शुरुआत की थी। लेकिन हाल ही में उनके प्रदर्शन में गिरावट देखी गई। 

जोकोविक के खराब फॉर्म के कारण ही मरे को शीर्ष वरीयता हासिल करने का मौका मिला।

पूर्व नंबर-1 जोकोविक ने लिखा, "आपका जुनून और दृढसंकल्प काम आया। मैं आपके साथ इस समय में खेलते हुए खुश हूं। मेरे साथ खड़े रहने के लिए मैं अपने प्रशंसकों का शुक्रगुजार हूं, मैं आपसे लंदन में मिलूंगा।"

BCCI ने फंड के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने गुहार लगाई, बोले पैसे दो तभी होगा राजकोट टेस्ट

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नई दिल्ली, 8 नवंबर: इंग्लैंड के साथ राजकोट में बुधवार से शुरू हो रहे पहले टेस्ट मैच को संचालित कराने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने फंड की मांग की है। इसके लिए बीसीसीआई ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया। सर्वोच्च न्यायालय ने फिलहाल बीसीसीआई पर वित्तीय फैसले लेने पर रोक लगा रखी है।

न्यायालय ने कहा है कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों को मानने के बाद ही बोर्ड को वित्तीय अधिकार मिल सकत हैं।

न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे और न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर की खंडपीठ के सामने पेश होते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर बीसीसीआई को फंड जारी नहीं किए गए तो राजकोट टेस्ट रद्द किया जा सकता है।

सिब्बल ने न्यायालय से इस मामले में त्वरित सुनवाई का अनुरोध किया। दूसरी ओर, लोढ़ा समिति के वकील गोपाल एस. ने न्यायालय को बताया कि बीसीसीआई ने न्यायालय के 21 अक्टूबर के आदेश को नहीं माना है।

गोपाल एस. ने कहा कि न्यायायालय द्वारी स्वीकृत लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार बीसीसीआई को शर्तो के मानने से पहले किसी भी प्रकार का फंड नहीं दिया जाना चाहिए।

इस पर सिब्बल ने कहा, "ठीक है कि हमने (बीसीसीआई) ने न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया लेकिन इसके बावजूद लोढ़ा समिति को फंड जारी करने को कहा जाए क्योंकि अगर फंड नहीं मिला तो राजकोट टेस्ट रद्द किया जा सकता है।"

इस पर न्यायमूर्ति दवे ने कहा कि वह इस मामले में प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर से भोजनकाल के दौरान मिलेंगे और कोई भी फैसला लेने से पहले उनसे चर्चा करेंगे।

पाकिस्तान को पीटकर हॉकी में एशिया का चैंपियन बना भारत, जीत ली चैम्पियंस ट्रॉफी

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कुआंटान (मलेशिया), 30 अक्टूबर: भारतीय पुरुष सीनियर हॉकी टीम ने रविवार को मलेशिया की मेजबानी में हुई एशियन चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर खिताब जीत लिया। भारत ने पाकिस्तान को 3-2 से मात दी।

भारत के लिए रुपिंदर पाल सिंह, अफ्फान यूसुफ और निकिन थिमैया ने गोल दागे, जबकि पाकिस्तान की ओर से मोहम्मद अलीम बिलाल और अली शान ने गोल दागे।

रुपिंदर ने मैच के 18वें मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल कर भारत को बढ़त दिलाई। पहला क्वार्टर भारत के नाम रहा।

दूसरे क्वार्टर में अफ्फान यूसुफ ने 23वें मिनट में फील्ड गोल के जरिए भारत की बढ़त को 2-0 कर दिया। पाकिस्तानी गोलपोस्ट के बिल्कुल मुहाने पर खड़े अफ्फान ने यह गोल रमनदीप से मिले बेहतरीन क्रॉस पर किया।

ऐसा लग रहा था कि भारत इसी स्कोर के साथ पहले हाफ की समाप्ति करेगा, लेकिन पाकिस्तानी टीम पहला हाफ समाप्त होने से ठीक पहले पेनाल्टी कॉर्नर पाने में सफल रही। अलीम बिलाल ने पेनाल्टी को गोल में तब्दील कर पाकिस्तान का स्कोर 1-2 कर लिया।

पहले हाफ में बढ़त ले चुकी भारतीय टीम दूसरे हाफ में थोड़ी ढीली नजर आई, जिसका फायदा उठाने में पाकिस्तान सफल रहा। अली शान ने मैच के 38वें मिनट में बेहतरीन फील्ड गोल कर पाकिस्तान को 2-2 से बराबरी पर ला दिया।

स्कोर बराबर होने के बाद मैच रोमांचक मोड़ पर आ गया और दोनों टीमों ने चौथे निर्णायक क्वार्टर में बढ़त लेने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया। दोनों तरफ से कई हमले हुए, लेकिन सफलता किसी को नहीं मिल रही थी।

मैच के 51वें मिनट में पाकिस्तानी गोलपोस्ट के बाईं ओर मौजूद निकिन थिमैया को सरदार से बेहतरीन पास मिला, जिसे उन्होंने बड़ी सूझबूझ के साथ पाकिस्तानी गोलकीपर के जरा सा ऊपर से गोलपोस्ट की राह दिखा दी।

शुभ दीवापली, भारत ने न्यूजीलैंड को 190 रनों से हराकर सीरीज जीती

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विशाखापट्टनम, 29 अक्टूबर: अमित मिश्रा (18-5) के नेतृत्व में अपने गेंदबाजों को उम्दा प्रदर्शन के दम पर भारत ने शनिवार को यहां खेले गए पांचवें और अंतिम एकदिवसीय मैच में न्यूजीलैंड को 190 रनों के अंतर से हराकर सीरीज 3-2 से अपने नाम कर ली। एसीए-वीडीसीए स्टेडियम में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए रोहित शर्मा (70) और विराट कोहली (65) की उम्दा अर्धशतकीय पारियों की मदद से न्यूजीलैंड के सामने 270 रनों का लक्ष्य रखा। जवाब में खेलते हुए मेहमान टीम 23.1 ओवरों में सभी विकेट गंवाकर 79 रन ही बना सकी।

यह भारत के खिलाफ मेहमान टीम का न्यूनतम एकदिवसीय स्कोर है। इससे पहले का न्यूनतम योग 103 रन रहा था।

मिश्रा के अलावा अपना पहला एकदिवसीय मैच खेल रहे जयंत यादव, जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव ने एक-एक सफलता हासिल की। अक्षर पटेल को दो विकेट मिले। 

न्यूजीलैंड की ओर से कप्तान केन विलियमसन ने सबसे अधिक 27 रन बनाए। टॉम लाथम और रॉस टेलर ने 19-19 रन जोड़े। उसके सात बल्लेबाज दहाई तक भी नहीं पहुंच सके।

इससे पहले, भारत ने निर्धारित 50 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 269 रन बनाए। रोहित और कोहली के अलावा कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने 41, अक्षर पटेल ने 24, अजिंक्य रहाणे ने 20 रन बनाए। केदार जाधव 39 रनों पर नाबाद रहे।

कीवी टीम की ओर से ईश सोढ़ी और ट्रेंट बाउल्ट ने दो-दो सफलता हासिल की जबकि जीमी नीशम और मिशेल सेंटनर को एक-एक सफलता मिली।

न्यूजीलैंड ने धोनी को उनके घर में घुसकर हरा दिया

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रांची, 26 अक्टूबर: न्यूजीलैंड ने बुधवार को झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (जेएससीए) अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में खेले गए चौथे एकदिवसीय मैच में भारत को 19 रनों से हरा दिया। इसी के साथ किवी टीम ने श्रृंखला 2-2 से बराबर कर ली।

किवी टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत को 261 रनों का लक्ष्य दिया, लेकिन मेजबान टीम लक्ष्य हासिल नहीं कर सकी और 48.4 ओवरों में 241 रनों पर ही ढेर हो गई।

किवी टीम ने मार्टिन गुप्टिल (72) की अर्धशतकीय पारी की बदौलत निर्धारित 50 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 260 रन बनाए थे।

लक्ष्य की पीछा करने उतरी भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत नहीं मिली और रोहित शर्मा (11) 19 के कुल योग पर पवेलियन लौट गए। इसके बाद अजिंक्य रहाणे (57) ने विराट कोहली (45) के साथ दूसरे विकेट के लिए 79 रन जोड़ टीम को संभाला, लेकिन इन दोनों के जाने के बाद भारतीय पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गई।

स्थानीय दर्शकों को चहेते भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भी अपने घरेलू मैदान पर कुछ खास नहीं कर सके और 11 रनों पर पवेलियन लौट गए।

अंत में अक्षर पटेल (38) और अमित मिश्रा (14) ने आठवें विकेट के लिए 38 रनों की साझेदारी कर टीम को जीत दिलाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्यवश मिश्रा रन आउट हो गए।

धवल कुलकर्णी (25) ने आखिरी ओवरों में कुछ अच्छे शॉट खेल किवी टीम की धड़कनों को बढ़ा दिया। उन्होंने उमेश यादव (7) के साथ अंतिम विकेट के लिए 34 रनों की साझेदारी कर मैच को रोमांचक मोड़ दे दिया, लेकिन वह भारत को जीत नहीं दिला सके।

किवी टीम के लिए टिम साउदी ने सर्वाधिक तीन विकेट अपने नाम किए। जिम्मी नीशम और ट्रेंट बाउल्ट को दो विकेट मिले। ईश सोढ़ी और मिशेल सैंटनर को एक-एक विकेट मिला।

मोहाली में कप्तान और उपकप्तान ने मिलकर मार लिया मैदान

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मोहाली, 23 अक्टूबर: न्यूजीलैंड के खिलाफ पंजाब क्रिकेट संघ मैदान पर हुए तीसरे एकदिवसीय मुकाबले में भारत को उसके दो कप्तानों ने जीत दिलाई। इस जीत के साथ भारत ने पांच मैचों की श्रृंखला में 2-1 से बढ़त हासिल कर ली।

सबसे सफल कप्तानों में शुमार महेंद्र सिंह धौनी (80) और सभी प्रारूपों में भविष्य के कप्तान के तौर पर देखे जा रहे विराट कोहली (नाबाद 154) की नायाब पारियों की बदौलत भारत ने न्यूजीलैंड को सात विकेट से हराया।

न्यूजीलैंड से मिले 286 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने कोहली और धौनी के बीच 151 रनों की साझेदारी की बदौलत 48.2 ओवरों में 289 रन बनाए और 10 गेंद शेष रहते जीत हासिल कर ली।

कोहली के साथ मनीष पांडेय (नाबाद 24) भारत को जीत दिलाकर नाबाद लौटे। कोहली को मैन ऑफ द मैच चुना गया।

लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने रोहित शर्मा (13) और अजिंक्य रहाणे (5) के रूप में शुरुआत में जल्द ही दो विकेट गंवा दिए थे, लेकिन उसके बाद धौनी और कोहली ने जिस तरह भारतीय पारी को संभाला, लग रहा था कि भारतीय टीम के जहाज को दो-दो कप्तान नेतृत्व दे रहे हों।

धौनी ने 91 गेंदों की अपनी नायाब पारी में नौ चौके और तीन छक्के लगाए। इस दौरान धौनी ने एकदिवसीय करियर में 9,000 रनों का आंकड़ा पार किया और ऐसा करने वाले दुनिया के 17वें बल्लेबाज और तीसरे विकेटकीपर/बल्लेबाज बन गए।

धौनी यह कारनामा करने वाले पांचवें भारतीय बल्लेबाज हैं। इसके आलावा धौनी ने सर्वाधिक छक्के लगाने के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। धौनी के नाम अब एकदिवसीय में 196 छक्के हो गए हैं, जबकि तेंदुलकर ने 195 छक्के लगाए थे। हालांकि इस सूची में 351 छक्कों के साथ शाहिद अफरीदी शीर्ष पर हैं।

उधर अंत तक नाबाद रहे कोहली ने जिस अंदाज में भारत को जीत दिलाई उसने एकदिवसीय क्रिकेट में भारतीय टीम के भविष्य के नेतृत्व को लेकर किसी तरह की शंका या अटकल को दूर कर दिया। कोहली ने 134 गेंदों की अपनी मैच जिताऊ पारी में 16 चौके और एक छक्का लगाया। कोहली और मनीष ने चौथे विकेट के लिए 7.76 की तेज रफ्तार से 97 रनों की नाबाद साझेदारी कर टीम को लक्ष्य रेखा से पार पहुंचाया।

हालांकि कोहली को पांचवें ओवर में एक जीवनदान मिला। मैट हेनरी की गेंद कोहली के बल्ले का बाहरी किनारा लेकर वाइड स्लिप में खड़े रॉस टेलर की ओर गई, हालांकि दाहिनी और इस नीचे कैच को टेलर लपक नहीं पाए, जिसका खामियाजा पूरी किवी टीम को भुगतना पड़ा।

इससे पहले, टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी किवी टीम दो गेंद पहले ही ऑलआउट हो गई। टॉम लाथम (61) और जिम्मी नीशम (57) की अहम पारियों के बावजूद किवी टीम 49.4 ओवरों में 285 के स्कोर पर ऑलआउट हो गई।

न्यूजीलैंड को शुरुआत अच्छी मिली। मार्टिन गुप्टिल (27) और केन विलियमसन (22) बड़ी पारियां तो नहीं खेल सके, लेकिन उन्होंने टीम को अपेक्षित शुरुआत जरूर दिलाई।

गुप्टिल, विलियमसन के जाने के बाद लाथम को अपनी टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी रॉस टेलर (44) का अच्छा साथ मिला। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 73 रन जोड़े। न्यूजीलैंड टीम इस साझेदारी की बदौलत 28 ओवरों में 150 रन बना चुकी थी और मजबूत स्थिति में नजर आने लगी थी।

लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने यहां जबरदस्त वापसी की और लगातार तीन ओवरों में न्यूजीलैंड के तीन विकेट चटका डाले। मिशेल सैंटनर (7) भी विकेटों के इस बहाव में बच नहीं सके। उमेश यादव ने 199 के कुल योग पर टिम साउदी (13) का विकेट चटका किवी टीम की कमर ही तोड़ दी।

37.5 ओवरों में 199 के कुल योग पर आठ विकेट गंवा चुकी किवी टीम बुरी तरह संकट में नजर आ रही थी, लेकिन यहां नीशम ने मैट हेनरी (नाबाद 39) के साथ करिश्माई साझेदारी की। दोनों ने नौवें विकेट के लिए 7.52 की तेज रन गति से 84 रन जोड़ डाले और अपनी टीम को फिर से मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया।

47 गेंदों में सात चौके लगाकर मैच बचाऊ पारी खेलने वाले नीशम का विकेट छह गेंद पहले केदार जाधव ने लिया।

उमेश और केदार ने तीन-तीन विकेट चटकाए, जबकि बुमराह और अमित मिश्रा को दो-दो विकेट मिले। बुमराह ने आखिरी ओवर की चौथी गेंद पर बोल्ट का विकेट चटका किवी टीम की पारी समेटी।

कबड्डी में विश्व विजेता बना भारत, फाइनल मे ईरान को पटका

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अहमदाबाद, 22 अक्टूबर: द एरेना बाय ट्रांसस्टेडिया में खेले गए कबड्डी विश्व कप में शनिवार को वही हुआ जिसकी करोड़ों भारतवासियों को उम्मीद थी। मौजूदा विश्व विजेता भारत ने फाइनल में अपने कड़े प्रतिद्वंद्वी ईरान पर अपनी बादशाहत कायम रखते हुए उसे नौ अंकों से हरा दिया। भारत ने लगातार तीसरी बार ईरान को विश्व कप के फाइनल में मात दी है।

मौजूदा विश्व विजेता और एशियन चैम्पियन भारत ने ईरान को खिताबी मुकाबले में 38-29 से मात दी, हालांकि यह खिताबी मुकाबला कई मौकों पर सांस रोकने वाला रहा।

विश्व कप में सर्वाधिक 64 रेड अंक हासिल करने वाले अजय ठाकुर फाइनल मैच में भी भारत की जीत के नायक रहे। उन्होंने इस मैच से 12 रेड अंक हासिल किए।

अजय ने पहले हाफ तक पीछे चल रही भारत को लगातार सफल रेड डालते हुए न सिर्फ बारबरी दिलाई बल्कि अहम समय पर भारत को मजबूत किया। उन्होंने कुल 12 अंक हासिल किए। कुल अंकों के मामले में भी अजय सबसे आगे रहे। उन्होंने कुल 68 अंक हासिल किए।

डिफेंस के मामले में ईरान सर्वश्रेष्ठ टीम मानी जाती है, लेकिन भारत के सुरजीत ने टैकल अंक जुटाने में सबको मात दे दी। उन्होंने विश्व कप में कुल 23 टैकल अंक हासिल किए और ईरान के फजल अतराचली से एक अंक आगे रहे।

सुरजीत ने फाइनल मैच में टैकल से तीन ही अंक हासिल किए, लेकिन ये तीन अंक बेहद अहम मौके पर आए।

स्टेडियम में जुटे 3000 जुनूनी दर्शक भारत को हर हाल में जीतता देखना चाहते थे, लेकिन शुरुआती 20 मिनट में जो हुआ वह उनकी अपेक्षा और समझ से परे था। पहले हाफ में ईरान भारत पर हावी रहा और लग रहा था कि एशियाई चैम्पियन ईरान से मात खा जाएगा।

मैच की पहली रेड डालने निकले भारतीय कप्तान अनूप कुमार खाली हाथ लौटे। अजय ठाकुर भारत का खाता खोलने में तो सफल रहे, लेकिन ईरान के कप्तान मिराज शेख ने बोनस अंक हासिल करते हुए अपनी टीम को 2-2 से बराबरी दिला दी।

यहां से कभी भारत आगे होता तो कभी ईरान। ईरान एक समय 9-7 से आगे चल रहा था। यहां भारत ने सुपर टैकल कर स्कोर 10-9 कर लिया। हालांकि ईरान ने बढ़त को कायम रखते हुए हाफ टाइम तक मेजबानों पर 18-13 की बढ़त ले ली थी।

दर्शक दुविधा में थे और भारत के पिछड़ने के साथ स्टेडियम में सन्नाटा सा पसर गया था।

पहले हाफ में भारत का डिफेंस उस आक्रामकता के साथ नहीं खेल रहा था जिसके लिए वह जानी जाती है। वहीं ईरान ने मजबूत डिफेंस के दम पर भारत को पहले हाफ में पछाड़ दिया था।

दूसरे हाफ में भारतीय टीम ने अपनी रणनीति में बदलाव किया। अजय ठाकुर को नितिन तोमर की जगह मैट पर बुलाया गया, लेकिन अगले दो रेड अनूप और संदीप नरवाल लगाने गए और खाली हाथ ही लौटे।

इस बीच ईरानी कप्तान मेराज लगातार अपनी टीम के लिए अंक जुटा रहे थे, जिसकी बदौलत ईरान 19-14 की बढ़त ले चुका था। लेकिन इसके बाद अजय ठाकुर ने लगातार दो सफल रेड से तीन अंक लेते हुए भारत का स्कोर 17-19 कर लिया। अजय ने ही अगले दो सफल रेड के जरिए भारत को 20-20 की बराबरी पर ला खड़ा किया।

अजय के ओजस्वी खेल ने भारतीय टीम में ऊर्जा का संचार किया और भारतीय डिफेंस में भी निखार नजर आने लगा। अंतत: भारत ने ईरान को ऑल आउट कर स्कोर 24-21 कर लिया और भारतीय खेमे में खुशी की लहर ला दी।

यहां से भारत ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। ईरान ने वापसी की कोशिश की लेकिन भारतीय टीम द्वारा पैदा किए गए अंतर को वह पाट नहीं पाई। भारत ने बढ़त कायम रखते हुए 38-29 से जीत हासिल की।

भारत की तरफ से अजय के अलावा अनूप, संदीप नरवाल, सुरजीत ने तीन-तीन अंक हासिल किए। ईरान की तरफ से मिराज ने सबसे ज्यादा सात अंक कमाए।

भारतीय टीम ने अपेक्षा के मुताबिक रेड के बल पर यह मैच अपने नाम किया। उसने रेड से 22 अंक हासिल किए जबकि ईरान की टीम 16 अंक ले सकी। भारत ने टैकल से आठ अंक जुटाए, यहां ईरान भारत से एक अंक आगे रही।

दोनों टीमों ने ऑल आउट से चार-चार अंक हासिल किए। वहीं दोनों टीमों के हिस्से दो-दो अतिरिक्त अंक आए।

भारत ने जैसे ही यह मैच जीता, पूरा स्टेडियम नाचने-कूदने लगा। यहां तक कि भारतीय खिलाड़ी भी खुशी से झूम उठे। अपने कोच बलवान सिंह को कंधे पर उठाए खिलाड़ियों ने मैट का चक्कर लगाया और दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया।