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ससुराल वाले थे कट्टर कांग्रेसी फिर भी निर्मला का कम नहीं हुआ BJP से प्यार, आज हैं रक्षा मंत्री

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भारत की नयी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की कहानी विल्कुल फ़िल्मी है. आज वे भारत की रक्षा मंत्री बन गयी हैं इसलिए उनकी कहानी भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. आपको बता दें कि निर्मला सीताराम का ससुराल कट्टर कांग्रेसियों से भरा हुआ इसके बावजूद भी निर्मला के दिल से बीजेपी के प्रति प्यार कम नहीं हुआ और आज उन्हें रक्षा मंत्री बनाकर मोदी ने उनके प्यार का इनाम दिया है. इससे पहले वे केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री थीं लेकिन आज उन्हें रक्षा मंत्री बनाकर बीजेपी के टॉप नेताओं के साथ खड़ा कर दिया गया है.

आपको बता दें कि इससे पहले सिर्फ एक महिला भारत की रक्षा मंत्री रह चुकी हैं और उनका नाम इंदिरा गाँधी है. इंदिरा गाँधी ने प्रधानमंत्री रहते वक्त रक्षा मंत्री का भी प्रभार सम्भाला था. हालाँकि उन्हें फुल टाइम रक्षा मंत्री नहीं माना जा सकता क्योंकि वह देश की प्रधानमंत्री थी और उनके पास अन्य मंत्रालय भी थे. फिलहाल आज निर्मला सीतारमण देश की रक्षा मंत्री बनकर इंदिरा गाँधी की बराबरी कर ली है साथ ही महिलाओं की शशक्तिकरण के मामले में बीजेपी ने कांग्रेस की बराबरी कर दी है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि निर्मला सीतारमण कर्नाटक की रहने वाली हैं जबकि उनकी शादी आंध्र प्रदेश में हुई है. वे अपने पति परकाला प्रभाकर से उस वक्त मिली थीं जब वह JNU से इकोनॉमिक्स में MA कर रही थीं, MA पूरा करने के बाद JNU से ही उन्होंने MPhil किया. उसी दौरान उन्हें प्रभाकर से प्यार हुआ और बाद में दोनों की शादी हो गयी. JNU में पढ़ते वक्त ही निर्मला सीतारमण का BJP के प्रति झुकाव हो गया था हालाँकि शादी के बाद पता चला कि उनका ससुराल कट्टर कांग्रेसियों से भरा है.

निर्मला की सास आंध्र प्रदेश से कांग्रेस की विधायक थीं तो ससुर जी 1970 में आंध्र प्रदेश से ही कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. शादी के बाद निर्मला और उनके पति UK चले गए और जब निर्मला सीतारमण प्रेग्नेंट हो गयीं तो 1990 में वापस लौटे,  वे दोनों आंध्र प्रदेश के कोस्टल क्षेत्र नर्सपुरम में रहने लगे, उस समय निर्मला सीतारमण प्रेग्नेंट थीं इसलिए वे अपना देखभाल करने लगीं, वहीँ पर उन्होंने कुछ समय गुजारा और चेन्नई में एक बच्ची को जन्म दिया. जब उनकी डेलिवरी हुई थी तो राजीव गाँधी की हत्या हो गयी थी जिसकी वजह से पूरे तमिलनाडु में कर्फ्यू लग गया था, उन्हें एक हप्ते अस्पताल में ही गुजारने पड़े.

बच्ची के थोडा बड़ी होने के बाद निर्मला सीतारमण ने हैदराबाद में एक परवाना स्कूल की स्थापना की. स्कूल से ही उनका नाम सुर्ख़ियों में रहने लगा. स्कूल चलाने के अलावा वे 2003-2005 में NCW की सदस्य भी रहीं. इसी समय वो सुषमा स्वराज के संपर्क में आयीं. सुषमा ने उन्हें BJP ज्वाइन करने का ऑफर दिया और उन्होने स्वीकार कर लिया.

निर्मला सीतारमण ने 2006 में BJP ज्वाइन किया था.  उसके पहले उनके पति प्रभाकर 2001 में आंध्र प्रदेश के BJP के प्रवक्ता थे. बाद में उनके पति प्रभाकर चिरंजीवी द्वारा शुरू की गयी प्रजाराज्यम से प्रभावित हो गए और उन्होंने बीजेपी छोड़कर 2007 में प्रजाराज्यम पार्टी को ज्वाइन कर लिया हालाँकि कुछ समय बाद उनका मन प्रजाराज्यम पार्टी में नहीं लगा.

इधर BJP ज्वाइन करने के बाद निर्मला सीतारमण की पॉपुलैरिटी बढ़ने लगी. जब नितिन गडकरी बीजेपी के अध्यक्ष थे तो उन्होंने मर्च 2010 में निर्मला सीतारमण को बीजेपी के 6 राष्ट्रीय प्रवक्ताओं में शामिल कर लिया. उसके बाद निर्मला सीतारमण ने पीछे मुड़कर नहीं देखा, वे हर टीवी चैनल पर बीजेपी का पक्ष रखने लगीं. वे मोदी के मुख्यमंत्री रहते समय दिल्ली से अधिक गुजरात में पॉपुलर हो गयीं. उन्होने 2014 लोकसभा चुनाव में पार्टी का सही तरीके से पक्ष रखा. इसी वजह से मोदी उनसे प्रभावित हुए और उन्हें 2016 में अपनी कैबिनेट में शामिल कर लिया. कैबिनेट में शामिल करने के बाद उन्हें आंध्र प्रदेश से राज्य सभा चुनाव लड़वाया गया जिसमें उनकी विजय हुई. वे अरुण जेटली के अंडर में वाणिज्य और वित्त राज्य मंत्री रहीं, उनके पास उद्योग मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार भी था. आज 3 सितम्बर को उन्हें भारत का रक्षा मंत्री बना दिया गया है.

मोदीजी हर मंत्री के कामकाज पर रखते हैं नजर, करेगा तो बढेगा, नहीं करेगा तो जाएगा: अरुण जेटली

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज मोदी के मंत्रिमंडल के फेर बदल के बाद कहा कि आज कई मंत्रियों को बाहर किया गया है, कई मंत्रियों का फेरबदल किया गया है जबकि कई लोगों का प्रमोशन हुआ है. मोदीजी ने आज साबित कर दिया है कि वह हर मंत्री के कामकाज पर नजर रख रहे हैं. जो भी मंत्री मेहनत कर रहे हैं उनकी तरक्की हो रही है, लेकिन जो मोदी जी की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे हैं उनसे जिम्मेदारी वापस ली जा रही है.

अरुण जेटली ने कहा कि निर्मला सीतारमण जी को रक्षा मंत्री बनाया गया है, उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है, वह रक्षा मंत्री का रोल अच्छी तरह से निभाएंगी. इसी तरह से अन्य तीन साथियों को प्रमोशन मिला है.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने मंत्रिमंडल का फेरबदल किया है और हार्ड वर्क करने वाले चार राज्य मंत्रियों को कबिनेट मंत्री बना दिया है. ये मंत्री हैं - धर्मेन्द्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण और पियूष गोयल. इससे पहले चारों के पास राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार था और चारों ने ही तीन वर्षों में जी तोड़ मेहनत की. इनके काम की प्रशंसा सब ने की. आज इन्हें इनके हार्ड वर्क का इनाम मिल गया और इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

तो इसलिए नोटबंदी से पहले PM MODI ने रघुराम राजन को कर दिया था अपनी टीम से बाहर: पढ़ें

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RBI गवर्नर पद पर रघुराम राजन की नियुक्ति पूर्व कांग्रेस सरकार ने की थी, वे कांग्रेस और मनमोहन सिंह के काफी करीबी थी. जब मोदी सरकार आयी तो भी रघुराम राजन RBI गवर्नर थे, 2 साल तक उन्होंने मोदी के साथ काम किया लेकिन मोदी ने उनके कार्यकाल को रि-न्यू नहीं किया. अब इस बात का खुलासा हो गया है कि रघुराम राजन को फिर से RBI गवर्नर क्यों नहीं बनाया गया.

आपको बता दें कि आज रघुराम राजन ने अपनी किताब में खुलासा किया है कि वे नोटबंदी के पक्ष में नहीं थे हालाँकि इससे लॉन्ग टर्म में लाभ था लेकिन शोर्ट टर्म में बहुत नुकसान था. समस्याओं से निपटने के अन्य रास्ते भी थे लेकिन वे नोटबंदी के पक्ष में नहीं थी.

रघुराम राजन की बात से ही समझ में आ गया है कि मोदी ने रघुराम राजन को अपनी टीम से बाहर क्यों किया. जब वे मोदी के फैसले से सहमत ही नहीं थे तो मोदी उन्हें अपनी टीम में क्यों रखेंगे. रघुराम राजन भी दूसरा कार्यकाल चाहते थे लेकिन सुब्रमनियम स्वामी इस तरह से उनके पीछे पड़ गए कि उन्होंने खुद ही कह दिया कि वे दूसरा कर्यकाल नहीं चाहते.

अब ऐसा लग रहा है कि मोदी ने ही सुब्रमनियम स्वामी को रघुराम राजन के पीछे पड़ने को कहा था. सुब्रमनियम स्वामी तुरंत ही रघुराम राजन के पीछे पड़ गए और उन्हें अमेरिका का एजेंट, कांग्रेस का ख़ास आदमी बताने लगे, उन्होंने कहा कि अगर रघुराम राजन को हटाया नहीं गया तो ये ब्याज बढाकर मंहगाई बढ़ा देंगे और मोदी सरकार की 2019 में वापसी मुश्किल कर देंगे क्योंकि ये कांग्रेस के इशारे पर काम कर रहे हैं.

मोदी रघुराम राजन पर इस कदर विश्वास नहीं करते थे कि उन्होंने नोटबंदी के बारे में उनसे कोई राय-सलाह नहीं ली, क्योंकि अगर मोदी ऐसा करते तो रघुराम राजन तुरंत ही कांग्रेस को सूचना दे देते और बात लीक हो जाती. अगर बात लीक हो जाती तो नोटबंदी भी फेल हो जाती. इसीलिए सितम्बर में रघुराम राजन का कार्यकाल ख़त्म हुआ, उर्जित पटेल ने उनकी जगह संभाली, मोदी ने उनके साथ केमिस्ट्री बिठाई और बिना किसी को बताए अचानक नोटबंदी कर दी.

कड़ी मेहनत करने वाले चार राज्य राज्य मंत्रियों को मोदी ने बनाया कैबिनेट मंत्री, मिला मेहनत का फल

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने मंत्रिमंडल का फेरबदल किया है और हार्ड वर्क करने वाले चार राज्य मंत्रियों को कबिनेट मंत्री बना दिया है. ये मंत्री हैं - धर्मेन्द्र प्रधान, मुख्तार अब्बास नकवी, निर्मला सीतारमण और पियूष गोयल. इससे पहले चारों के पास राज्य मंत्री के रूप में स्वतंत्र प्रभार था और चारों ने ही तीन वर्षों में जी तोड़ मेहनत की. इनके काम की प्रशंसा सब ने की. आज इन्हें इनके हार्ड वर्क का इनाम मिल गया और इन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया.

धर्मेन्द्र प्रधान पेट्रोलियम राज्य मंत्री थे और उन्होंने मोदी सरकार की उज्जवल योजना को घर घर पहुंचाया. पूरे देश में उन्होंने दौरे किये, करीब 3 करोड़ गरीबों को उन्होंने उज्जवल योजना का लाभ पहुँचाया. आज मोदी की कैबिनेट में उन्हें पेट्रोलियम राज्य मंत्री के बजाय केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री बना दिया गया है.

पियूष गोयल इससे पहले ऊर्जा राज्य मंत्री थे. उन्होंने भी मोदी सरकार की उजाला योजना को घर घर पहुंचकर रिकॉर्ड बना दिया. LED बल्ब डिस्ट्रीब्यूशन के मामले में उन्हें जी तोड़ मेहनत की, बिजली पहुंचाने का काम उन्होंने बिजली की रफ़्तार से किया. आज उन्हें भारत का केंद्रीय रेल मंत्री बना दिया गया.

मुख्तार अब्बास नकवी इससे पहले अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री थे लेकिन आज उन्हें संसदीय मामलों का केंद्रीय मंत्री बना दिया गया. अब वे राज्य सभा में वेंकैया का रिक्त हुआ स्थान भरेंगे. राज्य सभा में मुख्तार अब्बास नकवी ने कई बिलों को पास कराया. कांग्रेस के हर सवालों का बेबाकी और चतुराई से जवाब दिया और आज उन्हें उनकी मेहनत का ईनाम मिल गया.

निर्मला सीताराम इससे पहले वाणिज्य राज्य मंत्री थीं लेकिन आज उन्हें केंद्रीय रक्षा मंत्री बना दिया गया है. निर्मला सीतारमण कर्नाटक से सम्बन्ध रखती हैं, वह JNU की पूर्व छात्रा रह चुकी हैं. हर मामले में वह विरोधियों पर भारी पड़ती हैं. आज उन्हें उनकी मेहनत का इनाम मिल गया.

नरेन्द्र मोदी का काम सबसे खराब इसलिए उनको भी करो फेर-बदल में शामिल: गुलाम नबी आजाद

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कल मोदी मंत्रिमंडल का फेर-बदल हो रहा है, कई मंत्री जाने वाले हैं, कई मंत्री जा चुके हैं, कई नए मंत्री आने वाले हैं और कई मंत्रियों को इधर से उधर किया जाएगा. बीजेपी के कुछ नेता इसे काम के आधार पर फेर-बदल बता रहे हैं, यह भी सन्देश देने की कोशिश की जा रही है कि जो मंत्री काम नहीं कर पा रहे हैं उनका इस्तीफ़ा माँगा जा रहा है.

आज कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर काम के आधार पर मंत्रियों का फेर-बदल हो रहा है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम भी इसमें शामिल करना चाहिए क्योंकि तीन वर्षों में उनका काम सबसे खराब रहा है.

उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी हर मामले में फेल हुए हैं, चाहे युवाओं को रोजगार देने का मामला हो, किसानों का मामला हो, जम्मू और कश्मीर में लॉ एंड आर्डर का मामला हो और नोटबंदी का मामला हो. मोदी ने तीन वर्षों में जो भी काम शुरू किये, सभी में फेल हो गए इसलिए उन्हें भी फेर-बदल कर देना चाहिए.

नोटबंदी के बाद GDP गिरने से खुश हो रहे हैं कांग्रेसी लेकिन जल्द ही मनाएंगे मातम: पढ़ें क्यों

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कल RBI ने जून तिमाही (अप्रैल, मई, जून) के GDP के आंकड़े जारी किये. पिछली तिमाही के मुकाबले GDP ०.4 परसेंट गिरकर 5.7 पहुँच गयी. GDP गिरने से कांग्रेस के लोग बहुत खुश हैं. ये समझ लो कि उन्हें मुंहमांगा वरदान मिल गया है. हालाँकि उनकी ख़ुशी ज्यादा दिनों तक नहीं टिक पाएगी क्योंकि जैसे ही GST का असर शुरू होगा वैसे वैसे GDP बढ़ने लगेगी और हो सकता है कि चुनाव के समय GDP 9-10 परसेंट के आस पास पहुँच जाय. अगर ऐसा हो जाएगा तो आज जो कांग्रेस ख़ुशी मना रहे हैं वही लोग मातम मनाएंगे और वे लोग उसी गड्ढे में गिर जाएंगे जो वे मोदी सरकार के लिए खोद रहे हैं.

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी नोटबंदी का पहले से ही विरोध कर रही है, प्रधानमंत्री मोदी ने अर्थव्यवस्था सुधारने और देश से कालाधन और भ्रष्टाचार ख़त्म करने के लिए दो दो ताकतवर इंजेक्शन दे दिए. पहला इंजेक्शन नोटबंदी का लगाया इसलिए विकास की रफ़्तार रुकना तय थी, इसी बीच उन्होंने दूसरा इंजेक्शन GST का भी लगा दिया. एक साथ दो दो इंजेक्शन लगाने से जून तिमाही में देश की विकास दर 0.4 परसेंट गिरकर 5.7 फ़ीसदी हो गयी है. 

अब नोटबंदी और GST का असर शुरू हो गया है. अब नतीजे भी दिखने लगे हैं लेकिन कांग्रेस ने आँखों पर पट्टी बाँध ली है जो इनके लिए ही बुरी साबित होगी.

नोटबंदी और GST से क्या हुए फायदे: पढ़ें

नोटबंदी और GST का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि 56 लाख नए करदाता जुड़े हैं. मतलब टैक्स देने वालों की संख्या दोगुना हो गयी है. आप समझ सकते हैं, पहले केवल करीब 1 करोड़ लोग टैक्स देते थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़कर डेढ़ करोड़ पहुँच चुकी है और टैक्स देने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है और इस वर्ष डबल हो जाएगी क्योंकि अब सभी व्यापरियों को GST रजिस्ट्रेशन कराना ही पड़ेगा, टैक्स देना ही पड़ेगा. अगले साल केंद्र सरकार को दोगुनी कमाई होगी और GDP अपने आप बढ़ने लगेगी.

नोटबंदी और GST का दूसरा फायदा यह हुआ है कि पिछले साल रिटर्न भरने वालों की संख्या में केवल 9.9 फ़ीसदी वृद्धि हुई थी लेकिन इस साल 24.7 परसेंट की वृद्धि हुई.

नोटबंदी से तीसरा फायदा यह हुआ है कि व्यक्तिगत आयकर के अग्रिम संग्रह में पिछले साल की अवधि की तुलना में इस वर्ष 41.79 परसेंट की वृद्धि हुई है.

नोटबंदी से चौथा फायदा यह हुआ है कि स्वयं आकलन कर (सेल्फ असेसमेंट टैक्स) के तहत व्यक्तिगत आयकर पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 34.25 परसेंट बढ़ा है. 

आगे होंगे और फायदे

ये चारों फायदे तो शुरुआत में ही हुए हैं. जैसे जैसे लोग GST और टैक्स सिस्टम से जुड़ते जाएंगे, टैक्स करदाताओं की संख्या बढती जाएगी, केंद्र सरकार का खजाना भरता जाएगा, इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट पर इन्वेस्टमेंट बढ़ने लगेगा वैसे वैसे इकॉनोमी भी बढ़ती जाएगी, GDP भी बढ़ती जाएगी और कांग्रेस का मुंह भी लटकता जाएगा. आज कांग्रेसी ख़ुशी मना लें लेकिन जल्द ही वे मातम मनाएंगे और उन्हें भागने की भी जगह नहीं मिलेगी.

राजीव प्रताप रूडी ने हँसते हँसते दे दिया इस्तीफ़ा, बोले, पार्टी सबसे ऊपर, हर फैसला मंजूर है

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मोदी सरकार में मंत्रिमंडल का जल्द ही फेरबदल और विस्तार होने वाला है. कई मंत्री जाने वाले हैं तो कई नए मंत्री आने वाले हैं, कई मंत्रियों का प्रमोशन भी होने वाला है. कुछ मंत्रियों ने इस्तीफ़ा देना शुरू भी कर दिया है. उत्तर प्रदेश से आने वाले दो मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दिया है, एक हैं सजीव बाल्यान और दूसरे हैं महेंद्र नाथ पाण्डेय. महेंद्र नाथ पाण्डेय को उत्तर प्रदेश का BJP अध्यक्ष बनाया जा रहा है.

सबसे चौंकाने वाला इस्तीफ़ा स्किल डेवलपमेंट मंत्री राजीव प्रताप रूडी वाला है. आज उन्होंने हँसते हँसते इस्तीफ़ा दे दिया. उन्होंने कहा कि मेरी पार्टी ने निर्णय लिया कि मैं इस्तीफ़ा दूँ, मैंने अपनी पार्टी की बात मानते हुए इस्तीफ़ा दे दिया है, मेरे लिए पार्टी सबसे ऊपर है. मुझे पार्टी का हर फैसला मंजूर है. 

राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि मुझे इस बात की ख़ुशी है कि सरकार में काम करने का मौका मिला, इसके बाद पार्टी के लिए काम करूँगा, पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी उसे इमानदारी पूर्वक निभाऊंगा.

अमित शाह को मोदी दे सकते हैं सबसे बड़ा मंत्रालय, तो इसलिए बना दिया राज्य सभा सांसद: पढ़ें

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही अपनी कैबिनेट का फेरबदल करने वाले हैं. इसी महीनें में नवरात्रि से पहले मोदी कैबिनेट का विस्तार और फेरबदल हो सकता है. इस बात का इशारा आज वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने दिया है. अरुण जेटली ने यह भी इशारा किया कि वह अधिक समय तक रक्षा मंत्री का प्रभार नहीं संभालेंगे लेकिन इसका निर्णय मोदीजी लेंगे.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देश को इस वक्त एक ताकतवर रक्षा मंत्री की जरूरत है. ऐसा रक्षा मंत्री जिसका नाम सुनकर दुश्मन थर्राते हों. इस वक्त मोदी के अलावा राजनाथ सिंह के नाम से ही दुश्मन थर थर कांपते हैं. दोनों के अलावा एक और नेता हैं जिनके नाम से दुश्मन थर्राते हैं और उनका नाम है अमित शाह.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंत्री बनने के लिए लोकसभा या राज्य सभा का सदस्य होना जरूरी होता है. अमित शाह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. हाल ही में जब उन्हें राज्य सभा सदस्य बनाया गया तो लोगों को समझ में नहीं आया कि आखिर अमित शाह को राज्य सभा क्यों लाया जा रहा है. लेकिन अब इसकी गुत्थी सुलझने लगी है. सूत्र बता रहे हैं कि अमित शाह को प्रधानमंत्री मोदी देश का रक्षा मंत्री बनाना चाहते हैं.

अगर सब कुछ सही रहा तो अमित शाह देश के रक्षा मंत्री बनेंगे और बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष किसी और को बनाया जाएगा. रामलाल बीजेपी के अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं क्योंकि बूथ लेवल पर बीजेपी की रणनीति वही बनाते हैं और उन्हें अमित शाह की तरह ही रणनीति बनाने का अनुभव है. साथ ही वह आरएसएस से भी जुड़े हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस पार्टी के नेता हमेशा मोदी को ताने मारते रहते हैं कि वे देश को एक फुल टाइम रक्षा मंत्री भी नहीं दे पाए. अब कांग्रेस की यह मांग मोदी पूरा करने वाले हैं लेकिन कांग्रेस अमित शाह को रक्षा मंत्री बनते नहीं देख पाएगी. कांग्रेस को झटका झेलने के लिए तैयार हो जाना चाहिए. अमित शाह को मोदी इसलिए भी कैबिनेट में जगह देना चाहते हैं क्योंकि अमित शाह का रोल भविष्य में बड़ा होगा, उन्हें उस रोल को निभाने में अनुभव की जरूरत होगी. मोदी तो 10 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे इसलिए उन्हें अनुभव की जरूरत नहीं थी लेकिन अमित शाह सिर्फ अनुभव के मामले में सिर्फ गुजरात के गृह मंत्री रहे हैं. अब वे देश के रक्षा मंत्री बनकर दुश्मनों को सिरदर्द देंगे साथ ही अगला रोल निभाने के लिए अनुभव भी हासिल करेंगे.

अन्ना हजारे अब मोदी सरकार के खिलाफ करेंगे अनशन: पढ़ें क्यों

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अन्ना हजारे के चेले केजरीवाल ने आज तक लोकपाल नियुक्त नहीं किया जबकि इसी लोकपाल बिल के आन्दोलन में वे नेता बने थे. इसी आन्दोलन की वजह से केजरीवाल ने नाम कमाकर अलग पार्टी बनाई, चुनाव जीते, सरकार बनाई लेकिन खुद लोकपाल बिल पास नहीं किया. अब उनके गुरु अन्ना हजारे एक बार फिर से लोकपाल बिल के खिलाफ मोदी सरकार के खिलाफ अनशन करने वाले हैं.

आज अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनशन की धमकी दी है. उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली में रहकर मोदी सरकार के खिलाफ तब तक अनशन करूँगा जबतक मोदी सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं कर देती, साथ ही स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू नहीं की जाती.

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दिनेश शर्मा बोले, डोकलाम में चीनी सेना वापस लौट गयी, बड़ा दम है मोदी की विदेश नीति में, वाह

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डोकलाम मुद्दे पर चीनी सेना हर रोज भारत को युद्ध की धमकी दे रही थी लेकिन भारत की सेना भी सीना तानकर खड़ी हो गयी थी. मोदी ने भी सेना को आदेश दे रखा था कि वे एक मारें तो तुम दो मारना, पीछे मुड़कर मत देखना. चीन भी समझ गया कि अगर भारतीय सैनिकों पर हाथ छोड़ेंगे तो बहुत मार खाएंगे क्योंकि मोदी डरने वाला नहीं है, चीन को पता चल गया कि अगर युद्ध होगा तो भारत जवाब तो देगा ही, चायनीज सामानों का भी बहिष्कार कर देगा और अगर ऐसा हुआ तो चीन बर्बाद हो जाएगा, लिहाजा चीन को पीछे हटना ही पड़ा.

चीन के पीछे हटने को उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना है. उन्होने कहा कि - डोकलाम में चीनी सैनिकों की वापसी प्रधानमंत्री की विदेश नीति की सफलता है. यह साहस, संयम एवं समन्वय का परिणाम है. प्रधानमंत्री मोदी और सेना को बधाई.

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राहुल गाँधी का ये साइन देखकर बोले लोग 'ये तो LGJ के बच्चे ने किया है, जमकर उड़ाई हंसी: पढ़ें

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी लोगों को हमेशा हंसाते रहते है, कभी अपने भाषण के जरिये हंसाते हैं, कभी उल्टे सीधे बयानों के जरिये हंसते हैं और कभी ऐसा साइन कर देते है जिसे देखकर लोग जमकर हँसते हैं. कुल मिलाकर राहुल गाँधी ने कॉमेडी स्टार कपिल शर्मा को पीछे छोड़ दिया है. आज राहुल गाँधी ने लालू यादव को लिखी एक चिट्ठी पर ऐसा साइन कर दिया है जिसे देखकर लोग कह रहे हैं कि ये तो नर्सरी क्लास के बच्चे का साइन लग रहा है. कई लोग राहुल गाँधी को पप्पू बता रहे हैं. कई लोग लग रहे है कि अगर राहुल गाँधी नार्वे में हैं तो उन्होने साइन कैसे कर दिया. कई लोग कह रहे हैं कि राहुल गाँधी ने नहीं बल्कि कांग्रेस के किसी गुलाम ने साइन किया है. कई लोग कह रहे हैं कि ये किसी पढ़े लिखे का साइन तो नहीं लग रहा है. देखिये क्या क्या कह रहे हैं लोग -

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आज विपक्ष की पटना में बीजेपी भगाओ देश बचाओ रैली थी. इस रैली को चारा घोटाले के दोषी लालू यादव ने आयोजित किया था. इस रैली में राहुल गाँधी के साथ साथ विपक्ष के सभी नेताओं को आमंत्रित किया गया था लेकिन राहुल गाँधी नहीं आए. उन्होने लालू यादव को एक चिट्ठी जरूर लिखी-

राहुल गाँधी ने कहा - मुझे बेहद ख़ुशी है कि आपने 27 अगस्त को पटना में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया है जिसमें सामान विचारधारा के नेतागण शामिल हो रहे हैं. आपकी यह रैली ऐसे समय पर हो रही है जब देश के बुनियादी ढांचें की उस नींव पर हमला हो रहा है जिसपर हमारे बहुलतावादी लोकतंत्र की इमारत खड़ी है. धन और बाहुबल के विकृत गठजोड़ के दम पर सत्ताधारी दल आज उन राज्यों में भी अपना विस्तार कर रहा है जहाँ उसे जनता का जनादेश नहीं मिला है. वास्तव में यह सरकार 2014 में देश की जनता के साथ किये गए अपने वादों को पूरी तरह से भुला चुकी है.

राहुल गाँधी ने कहा कि सरकार के चंद करीबी लोगों को छोड़कर समाज का हर तबका मौजूदा सरकार की जन विरोधी और गरीब विरोधी नीतियों की शिकार है. आज वंचितों के अधिकारों को छीना जा रहा है, महिलाओं, किसानों और युवाओं का भविष्य दांव पर लगा है और निर्लज्जता की सारी हदों को पार करते हुए किसी भी कीमत पर इस सरकार के भ्रष्ट कारनामों पर पर्दा डाला जा रहा है.

राहुल गाँधी ने कहा - मुझे पूरा यकीन है कि यह जनसभा सत्ताधारी दल और उनकी सरकार के नापाक इरादों को उजागर कर देगी. इस रैली में शामिल होने की मेरी दिली इक्षा थी लेकिन नार्वे के एक आधिकारिक दौरे पर होने के कारण आज मै आपके बीच उपस्थित नहीं हो सका हूँ. मैं आपको और इस जन्सभाआ में शामिल होने वाले अन्य सभी लोगों को दिल से शुभकामनाएं देता हूँ.

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कांग्रेस को नही भाया कर्नल पुरोहित को जमानत देने का फैसला, बोले 'BJP राज में ये तो होना ही था'

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मालेगांव कांड में सेना के अधिकारी कर्नल पुरोहित को जमानत मिलने से कांग्रेस दुखी है. कल कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि NIA की जांच अधूरी है क्योंकि अब वह बीजेपी के इशारे पर कार्य कर रही है. कांग्रेसी नेताओं का बयान आने आप में अजीब है क्योंकि मालेगांव कांड 2008 में हुआ था और उसके बाद करीब 6 साल तक केंद्र और राज्य में भी कांग्रेस की ही सरकार थी. सवाल उठता है कि 6 वर्षों में NIA ने जांच पूरी क्यों नहीं की. उस वक्त तो NIA कांग्रेस के इशारे पर चलती रही होगी.

कल कांग्रेसी नेता मीम अफजल ने कहा कि NIA बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है और उसनें जो रिपोर्ट तैयार की है वह विरोधाभाषी है. जब इस रिपोर्ट के आधार पर कर्नल पुरोहित को बेल मिल गयी तो मुझे शॉक लग गया. बीजेपी ने जिस तरह से गुजरात में अपने लोगों को बचाया था, अब मालेगांव कांड में भी अपने लोगों को बचा रही है.

कांग्रेस के एक अन्य नेता राजू बाघमारे ने कहा कि जब से मोदी सरकार केंद्र में आयी तब से NIA ने जांच का तरीका बदल दिया. इन लोगों पर से चार्ज हटा लिए गए और गवाहों को बयान बदलने के लिए मजबूर किया गया. यह सब मौजूदा सरकार के इशारे पर हो रहा है.

यहाँ पर कांग्रेसी अपने ही बयानों से अपनी पार्टी की पोल खोल रहे हैं, इन्हें बताना चाहिए कि 6 साल सरकार में रहने के बावजूद भी इन लोगों के खिलाफ कोई सबूत क्यों नहीं मिल सके, इनके खिलाफ आरोप पत्र क्यों नहीं दाखिल किये गए, मोदी सरकार को तीन वर्षों से सत्ता में आयी है. NIA ने पहले ही जांच पूरी क्यों नहीं की. मतलब साफ़ है, इन लोगों के खिलाफ कोई सबूत था ही नहीं, इन्हें हिन्दू आतंकवाद की साजिश रचने के लिए फंसाया गया होगा.

2019 में BJP-NDA को 350 सीटें मिलते देखकर उड़ गयी कांग्रेस की नींद, बोले 'बाद में 0 अधिक लगा दिया'

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आज तक और कार्वी इनसाइट लिमिटेड के एक सर्वे ने कांग्रेस की नींद उड़ाकर रख दी है, इस सर्वे में 2019 लोकसभा चुनाव का अनुमान लगाया गया है जिसमें बीजेपी और NDA को 350 सीटों के आसपास दिखाया गया है जबकि अकेले BJP को ही 298 सीटें मिलते हुए दिखाया गया है. यह सर्वे देखकर बीजेपी ने कहा कि आकंड़ों और और सुधार आएगा और अकेले बीजेपी ही 350 सीटें हासिल करेगी.

बीजेपी का दावा सुनकर कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सर्वे करने वाले गलत हैं क्योंकि बाद में 0 अधिक लगा दिया है, मेरे अनुमार से बीजेपी को सिर्फ 35 सीटें मिलेंगी लेकिन सर्वे करने वालों ने 35 के बाद अपनी तरफ से 0 बढाकर सीटों की संख्या 350 कर दी है.

मनीष तिवारी ने कहा कि बीजेपी को इसलिए सिर्फ 35 सीटें मिलेंगी क्योंकि जमीन पर कुछ नहीं दिख रहा है लेकिन मीडिया में बहुत कुछ दिख रहा है, जनता बीजेपी सरकार से निराश है और सभी वादे अधूरे रह गए हैं.

बाबा रामदेव बोले, चीन की हिम्मत नहीं कि भारत को टच भी कर सके..क्योंकि?

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योगगुरु बाबा रामदेव ने चाइना का खिलाफ अभियान छेड़ दिया है. वे काफी दिनों से चायनीज सामानों के बहिष्कार की अपील कर रहे हैं क्योंकि चाइना का सामान खरीदकर हम लोग ही उसे अमीर और ताकतवर बना रहे हैं और इसी पैसे के दम पर चीन भारत को युद्ध की धमकी दे रहा है.

आज बाबा रामदेव ने चाइना पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि चीन बार बार डोकलाम विवाद पर भारत को धमकी दे रहा है लेकिन उसके अन्दर भारत को टच करने की हिम्मत नहीं है क्योंकि वो समझ रहा है कि भारत चीन को जवाब देने में सक्षम है. 

उन्होंने कहा कि आज का भारत पहले वाला भारत नहीं है, अब भारत आत्म निर्भर हो चुका है इसलिए चीन की धमकियों से डरने वाला नहीं है, ये भारत चीन को मुंह तोड़ जवाब दे सकता है, हमारे पास मजबूत सेना है, हथियार हैं और हमारे सैनिकों के मनोबल में कोई कमीं नहीं है.

उन्होने कहा कि चीन की धमकियों से डरने की जरूरत नहीं है, उसे डॉलर, हथियार और सेना की धमकी देने दो, भारत पर हमला करने की उनके अन्दर हिम्मत नहीं है क्योंकि उन्हें भी पता है कि भारत पर हमला करने का अंजाम क्या होगा.

बाबा रामदेव ने कहा कि चीन भारत को कैसे धमका सकता है जब पूरी दुनिया जानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और चीन यहाँ पर 20 लाख करोड़ का बिजनेस करता है और 5 लाख करोड़ रुपये मुनाफ़ा कमाता है जो केंद्र सकरार के आधे मुनाफे के बराबर है. कोई देश उस देश पर कैसे हमला करता है जहाँ से वह हर साल 5 लाख करोड़ रुपये कमाता है.

बाबा रामदेव ने कहा कि चीन की धमकी सुनने के बजाय भारत खुद चीन को धमका सकता है और उसे घुटनों पर झुका सकता है. उन्होंने कहा कि चीन कमजोर देशों को जरूर धमका सकता है लेकिन भारत जैसे देश को ना धमका सकता है और ना ही भारत की बराबरी कर सकता है.

कांग्रेस को भा गया चुनाव आयोग का ये बयान, की तारीफ: पढ़ें

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कल तक कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग पर EVM टेम्परिंग और मोदी भक्ति का आरोप लगाती थी लेकिन अब कांग्रेस को भी चुनाव आयोग के बयान बहाने लगे हैं. कल चुनाव आयोग ने कहा था कि चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जाना आज सामान्य बात हो गयी है, अब चुनाव लड़ने में नैतिकता का पालन नहीं किया जा रहा है.

चुनाव आयोग के आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने प्रेस को दिए गए बयान में कहा था कि लोकतंत्र तभी फलता फूलता है जब चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी होता है हालाँकि आम चुनावों में यह कहीं दिखाई नहीं देता है. अब तो चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक पार्टियाँ किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, कितना भी पैसा खर्च करने को तैयार हैं. किसी से भी फंड लेने के लिए तैयार हैं. राजनीतिक फंडिंग में भी बदलाव लाने की जरूरत है.

चुनाव आयोग के इसी बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेसी नेता मनीष तिवारी ने कहा कि चुनाव आयोग ने विल्कुल सही किया है. सबसे अधिक पॉलिटिकल फंडिंग भारतीय जनता पार्टी को होती है. इस साल बीजेपी को कार्पोरेट से 750 करोड़ रुपये का फंड मिला है. ये लोग चुनाव जीतने के लिए खरीद फरोख्त कर रहे हैं, ये चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक तैयार हैं. चुनाव आयोग को इसपर कड़ा एक्शन लेना चाहिए और पॉलिटिकल कार्पोरेट फंडिंग को रोक देना चाहिए.

राहुल गाँधी बोले, अगर हम सब मिलकर मोदी से लड़ गए तो..

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आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गाँधी नई दिल्ली के Constitution Club में शरद यादव के कार्यक्रम सांझी विरासत बचाओ में शामिल हुए और जोरदार भाषण दिया. राहुल गाँधी ने अपने भाषण में आरएसएस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर हमला बोला. राहुल गाँधी ने सभी विपक्षी पार्टियों को मोदी के खिलाफ एक होकर लड़ने की अपील की.

राहुल गाँधी ने कहा कि मोदी मेक इन इंडिया की बात करते हैं लेकिन आज अधिकतर चीजें मेड इन चाइना हैं, सच यह है कि मोदी का मेक इन इंडिया फेल हो गया है. राहुल ने कहा कि मोदी जी जहाँ भी जाते हैं कुछ ना कुछ झूठ बोल देते हैं, अगर हम इनसे मिलकर लड़ गए तो ये कहीं दिखाई नहीं पड़ेंगे.

राहुल गाँधी ने आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा - आरएसएस जानती है कि आरएसएस की विचारधारा इंडिया में चुनाव नहीं जीत सकती इसलिए वे लोग हर Institution में अपने लोगों को बिठा रहे हैं और अब ये लोग न्यायिक व्यवस्था में भी घुसपैठ कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि Constitution में लिखा है 1 मैन 1 वोट. जो हमें Constitution ने दिया है उसे आरएसएस वाले नष्ट करना चाहते हैं, ये Constituion बदलना चाहते हैं. जब तक आरएसएस ने हिंदुस्तान में राज नहीं किया तब तक इन्होने झंडे को सलाम नहीं किया.

राहुल गाँधी ने कहा कि देश को देखने के दो तरीके हैं, एक कहता है ये देश मेरा है, एक कहता है मैं इस देश का हूँ, ये फर्क है हममें और आरएसएस में. उन्होंने कहा - आरएसएस कहती है कि ये देश हमारा है तुम इसके नहीं हो, गुजरात में इन्होने दलितों की पिटाई की और कहा ये देश हमारा है, तुम इसके नहीं हो.

अभी भी RSS की ताकत पर राहुल को नहीं हो रहा यकीन, बोले, ये अपने दम पर चुनाव नहीं जीत सकते, इसलिए

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लोकसभा चुनाव 2014 में आरएसएस की वजह से ही कांग्रेस को सिर्फ 44 सीटें मिलीं, उसके बाद से लगातार कांग्रेस सभी राज्यों से मुक्त होती जा रही है, इस समय देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति भी आरएसएस से ही आये हैं इसके बाद भी कांग्रेस उपाध्यक्ष को आरएसएस की ताकत पर यकीन नहीं हो रहा है. उन्हें आरएसएस की विचारधारा पंसद नहीं आ रही है, आज उन्होंने दिल्ली के Constitution Club में सांझी विरासत बचाओ कार्यक्रम के दौरान आरएसएस पर जमकर हमला बोला.

राहुल गाँधी ने कहा कि आरएसएस जानती है कि आरएसएस की विचारधारा इंडिया में चुनाव नहीं जीत सकती इसलिए वे लोग हर Institution में अपने लोगों को बिठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि Constitution में लिखा है 1 मैन 1 वोट. जो हमें Constitution ने दिया है उसे आरएसएस वाले नष्ट करना चाहते हैं, ये Constituion बदलना चाहते हैं. जब तक आरएसएस ने हिंदुस्तान में राज नहीं किया तब तक इन्होने झंडे को सलाम नहीं किया.

राहुल गाँधी ने कहा कि देश को देखने के दो तरीके हैं, एक कहता है ये देश मेरा है, एक कहता है मैं इस देश का हूँ, ये फर्क है हममें और आरएसएस में. उन्होंने कहा - आरएसएस कहती है कि ये देश हमारा है तुम इसके नहीं हो, गुजरात में इन्होने दलितों की पिटाई की और कहा ये देश हमारा है, तुम इसके नहीं हो.

राहुल गाँधी ने मोदी पर हमला करते हुए कहा कि मोदी मेक इन इंडिया की बात करते हैं लेकिन आज अधिकतर चीजें मेड इन चाइना हैं, सच यह है कि मोदी का मेक इन इंडिया फेल हो गया है. राहुल ने कहा कि मोदी जी जहाँ भी जाते हैं कुछ ना कुछ झूठ बोल देते हैं, अगर हम इनसे मिलकर लड़ गए तो ये कहीं दिखाई नहीं पड़ेंगे.

राहुल गाँधी की हुई फजीहत, लोग बोले, आज दादी इंदिरा को भूल गए कल कहीं India को China ना बोल दें

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बेंगलुरु: आज कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गाँधी की सोशल मीडिया पर फिर से जमकर फजीहत हो गयी है क्योंकि वे आज अपनी दादी इंदिरा गाँधी का ही नाम भूल गए और उनकी जगह अम्मा यानी जयललिता का नाम बोल दिया हालाँकि उन्होने अपनी गलती सुधार ली लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी जमकर फजीहत हो गयी. फजीहत हो भी क्यों ना, आखिर वे अपनी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का नाम भूले थे.  

सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि राहुल गाँधी आज अपनी दादी इंदिरा का नाम भूले हैं, कल इंडिया को भूलकर चाइना ना बोल दें. क्या आदमी है यार.

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राहुल गाँधी ने की दो गलतियाँ

राहुल गाँधी ने आज दो गलतियाँ की, उन्होने इंदिरा कैंटीन को अम्मा कैंटीन बता दिया और बैंगलोर के शहरों में भी इंदिरा कैंटीन खोलने का वादा किया जबकि बैंगलोर खुद एक शहर है और शहर के अन्दर शहर होता ही नहीं. राहुल गाँधी को ये भी नहीं पता कि बैंगलोर शहर है या राज्य है. वे बैंगलोर को राज्य समझ रहे हैं. उनकी इस भूल पर बीजेपी नेता तजिंदर बग्गा ने चुटकी ली.

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कश्मीर में 'झप्पी फ़ॉर्मूले' का ऐलान करके बुरे फंसे मोदी, कांग्रेसी बोले ‘तो अब रख दो बन्दूक'

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कल लाल किले से देशवासियों को संबोधित करते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर में झप्पी फ़ॉर्मूले का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि अब ना गोली से और ना गाली से, अब कश्मीर समस्या को कश्मीरियों को गले लगाकर सुलझाएंगे. ऐसा लग रहा है कि मोदी यह बयान देकर फंस गए हैं क्योंकि कांग्रेस ने इसे पॉजिटिव लिया है और मोदी को इस रास्ते पर चलकर दिखाने की चुनौती दी है.

कांग्रेस ने मोदी के इस बयान पर ख़ुशी जाहिर की है. कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने ANI से बात करते हुए कहा कि अगर मोदी कह रहे हैं कि कश्मीरियों को गले लगाने से ही यह समस्या सुलझेगी तो उन्हें अपनी रणनीति तुरंत ही बदल देना चाहिए. उन्हें अपनी बात का पालन करना चाहिए और हथियारों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए.

मीम अफजल ने कहा कि हम भी यही मानते हैं कि गाली और गोली से यह समस्या नहीं सुलझेगी, अब मोदी भी यही कर रहे हैं इसलिए अब फ़ोर्स का इस्तेमाल बंद करना चाहिए.

इससे पहले पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम ने भी मोदी पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि जब आपके एक हाथ में बन्दूक है तो आप कश्मीरियों को गले कैसे लगा सकते हैं. गले लगाने के लिए बन्दूक को हाथ से उतारना पड़ता है.

शिवसेना बोली, जब मोदी नोटबंदी और GST के लिए फ़ोर्स कर सकते हैं तो वन्दे मातरम के लिए क्यों नहीं?

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शिवसेना ने आज सामना में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखे शब्दवाण छोड़े हैं. शिवसेना ने मोदी के कश्मीरियों को गले लगाने के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देने के अलावा वन्दे मातरम के नारे पर भी मोदी से तीखे सवाल किये हैं.

सामना में एक लेख के जरिये शिवसेना ने मोदी से पूछा - आप देश की जनता पर जबरजस्ती नोटबंदी कानून लाद सकते हैं, जबरजस्ती GST कानून लाद सकते हैं तो जबरजस्ती वंदे मातरम क्यों नहीं बुलवा सकते. वन्दे मातरम हमारा राष्ट्रीय गीत है लेकिन कुछ लोग इसे धर्म के खिलाफ बोलते हैं और इसका अपमान करते हैं. आप ऐसे लोगों से उसी तरह से जबरजस्ती यह नारा क्यों नहीं बुलवाते जैसे नोटबंदी और GST का कानून लागू किया है.

शिवसेना ने नोटबंदी के जरिये कालाधन लाने के मोदी के बयान का भी विरोध किया. मोदी ने कल कहा था कि नोटबंदी की वजह से करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये का कालाधन बैंकों में पहुंचा.