Showing posts with label Maharashtra. Show all posts

नोटबंदी से नाराज जनता ने सोलापुर MC चुनावों में सभी 17 सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ किया

maharashtra-municipal-council-poll-resunt-2016-bjp-win-congress-lost

Mumbai, 28 November: नोटबंदी का विरोध करना कांग्रेस को भारी पड़ता दिख रहा है आज इसका दूसरा उदाहरण देखने को मिला है, आज महाराष्ट्र नगरपरिषद के चुनावों के नतीजे आ रहे हैं और जनता ने कई जगह से कांग्रेस को साफ़ कर दिया है, कांग्रेस को सबसे अधिक नुकसान सोलापुर में हुआ है, इस नगर परिषद में कांग्रेस का एक सत्र राज हुआ करता था, पिछले 50 वर्षों से सभी 17 सीटों पर कांग्रेस का कब्ज़ा था लेकिन नोटबंदी के विरोध से नाराज जनता ने आज सभी 17 सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ कर दिया है और सभी सीटें बीजेपी की झोली में डाल दी है। 

अभी तक महाराष्ट्र में करीब 579 सीटों के नतीजे आ गए हैं जिसमें बीजेपी से सबसे अधिक 221 सीटों पर जीत दर्ज की है, NCP ने 108, शिवसेना ने 83, कांग्रेस ने 125 और अन्य ने 42 सीटें जीती हैं। 

बीजेपी की जीत के बाद ट्विटर पर #MAHAVoted4BJP ट्रेंड करने लगा है, लोगों का कहना है कि महाराष्ट्र की जनता ने कांग्रेस को एक बार फिर से सबक सिखाया है। 

कांग्रेस गुस्सा बाँट रही है तो BJP बाँट रही है प्यार, लोगों को मिठाई खिलाकर जता रही है आभार

nagpur-news-bjp-jan-abhaar-diwas-against-congress-jan-akrosh-day

नई दिल्ली, 28 नवंबर: आज कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी पार्टियाँ नोटबंदी के विरोध में जन आक्रोश दिवस मनाकर जनता के बीच गुस्सा बाँट रही हैं, लोगों को दंगा-फसाद के लिए उकसा रही हैं लेकिन बीजेपी वाले इस गुस्से का जवाब प्यार से दे रहे हैं। आज नागपुर में बीजेपी कार्यकर्त्ता कांग्रेस के जन आक्रोश दिवस का जवाब देने के लिए 'जन आभार दिवस' मना रहे हैं। 

हजारों बीजेपी कार्यकर्ता सड़कों पर मिठाई लेकर निकल चुके हैं और काम करने वाले लोगों को मिठाई खिलाकर उनका आभार जता रहे हैं, सभी कार्यकर्त्ता उन सभी दुकानों पर मिठाई लेकर जा रहे हैं जो अपना काम कर रही हैं। ऐसी दुकानों में बीजेपी कार्यकर्त्ता घुस जाते हैं और काम करने वालों को मिठाई खिलाकर मोदी की नोटबंदी का समर्थन करने के लिए उन्हें मिठाई खिलाते हैं और उन्हें थैंक यू बोलते हैं, देश में ईमानदारी के महायज्ञ में प्रधानमंत्री मोदी का साथ देने के लिए जनता का आभार जताते हैं। 

मिठाई खिलाने के अलावा जनता को फूल और माला एके जरिये सम्मान क्या जा रहा है। 

इसके विपरीत कांग्रेस ने आज नोटबंदी  के विरोध में सदन में अपना हंगामा जारी रखा जिसकी वजह से सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने नोटबंदी के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरू कर दी।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल के संचालन की कोशिश की, लेकिन हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

मोदी का नाम खराब कर रहे हैं राम कदम जैसे BJP विधायक, कद्दू से बेटे को गिफ्ट की करोड़ों की कार

bjp-mla-ram-kadam-luxary-car-son-aum-kadam-people-criticise-modi
Photo Credit: Twitter
New Delhi, 26 November: चाहे BJP हो या कांग्रेस, अगर कोई विधायक अपने कद्दू जैसे नाबालिक बेटे के बर्थडे पर करोड़ों रुपये की लग्जरी कार गिफ्ट करेगा तो लोग सवाल तो पूछेंगे ही वो भी ऐसे समय में जब आम आदमी 2-2 हजार रुपये के लिए बैंकों के बाहर लाइन लगाकर घंटो खड़े हुए हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी करके बहुत ही अच्छा काम किया है लेकिन भ्रष्ट और बेईमान सभी पार्टियों में हैं, ऐसे में जब महाराष्ट्र के घाटकोपर (वेस्ट मुंबई) से बीजेपी विधायक राम कदम ने अपन नाबालिक बेटे आम कदम के जन्मदिन पर करोड़ों रुपये की कार गिफ्ट की तो लोगों ने उनकी ट्विटर पर जमकर खिंचाई की और अब कांग्रेसियों ने इसे मुद्दा बनाकर प्रधानमंत्री मोदी की भी आलोचना की है। 
Photo Credit: Twitter
जब विधायक राम कदम ने अपने बेटे को कार गिफ्ट कर दी तो अपनी अमीरी दिखाने के लिए उन्होंने ट्वीट किया और बताया कि अपन प्यारे बेटे के जन्मदिन पर उन्होंने ये कार गिफ्ट की है। लेकिन उनकी अमीरी की लोगों ने बखिया उधेड़ दी और उनकी जमकर खिंचाई की साथ ही मोदीजी से मांग की कि ऐसे लोगों का दिमाग भी जरूर ठीक करें। 










ऐसे बहुत से ट्वीट हैं जिसमें बीजेपी विधायक राम कदम की बखिया उधेडी गयी है, ऐसे लोगों की वजह से ही प्रधानमंत्री मोदी जैसे काम करने वाले नेताओं का भी नाम बदनाम होता है साथ ही बीजेपी का भी नाम खराब होता है, अब मौका है, ऐसे लोगों पर इनकम टैक्स का छापा मरवाकर इनकी कमाई का राज जानना चाहिए।  

BJP के कालेधन चोरों को भी नहीं बख्श रही मोदी सरकार, वरिष्ठ मंत्री का 91 लाख का कालाधन जब्त

bjp-maharashtra-miniter-subhash-deshmukh-91-lakh-black-money

मुंबई, 18 नवंबर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लज्जित कर सकने वाली एक घटना में महाराष्ट्र सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री और भाजपा नेता ने शुक्रवार को 91,50,000 हजार रुपये मूल्य के 500 और 1000 के नोटों को रखने की बात स्वीकार की। सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख ने एक निजी समाचार टीवी चैनल से कहा, "मैं हमेशा सोचता था कि मेरे नियमित व्यापारिक लेनदेन में इन नोटों से सुविधा होगी। लेकिन, गत 8 नवम्बर को ये नोट अचानक अमान्य घोषित कर दिए गए। इस संबंध में मैं कोई भी परिणाम भुगतने को तैयार हूं।"

पुराने नोट एक निजी वाहन से जब्त किए गए थे। यह वाहन देशमुख द्वारा नियंत्रित सोलापुर की एक गैर सरकारी संस्था लोक मंगल समूह का था। इस घटना से लोग अचंभित रह गए हैं।

जब्ती की पुष्टि करते हुए गुरुवार को उस्मानाबाद के कलेक्टर प्रशांत नरनावरे ने संवाददाताओं से कहा कि जिले के निर्वाचन विभाग के एक उड़न दस्ते द्वारा उमरगा शहर के निकट वाहनों की नियमित जांच के दौरान इस धनराशि का पता चला था।

वाहन को जब्त कर लिया गया और नकद राशि को जांच लंबित रहने तक जिला कोषागार में जमा कर दिया गया।

पहले लोक मंगल समूह के एक कर्मचारी ने कहा था कि नकद राशि लोक मंगल बैंक की है और समूह की चीनी फैक्ट्री के कर्मचारियों के भुगतान के लिए है।

लेकिन, एक ही दिन बाद देशमुख ने कहा कि नकद राशि उनकी है। उन्होंने कहा कि यह अवैध नहीं है और न ही इनका चुनावों में इस्तेमाल होना है।

कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने देशमुख को राज्य मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।

कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि आयकर विभाग को विगत छह महीने के दौरान भाजपा नेताओं द्वारा किए गए सभी हस्तांतरणों की जांच करनी चाहिए।

सावंत ने कहा, "500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के निर्णय की सूचना भाजपा के कुछ चुनिंदा वरिष्ठ नेताओं को लीक की गई थी। उद्योगपतियों को पहले से ही इस बारे में मालूम था।"

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि सर्वाधिक काला धन भाजपा नेताओं के घर में छिपा हुआ है। उन्होंने कहा कि देशमुख को मंत्री पद से हटाया जाए और आयकर अधिकारी सभी भाजपा नेताओं के घरों और दफ्तरों की जांच करें।

जिले के अधिकारियों ने कहा कि आगामी चुनावों और देश में नकदी की कमी के मद्देनजर उन्होंने पुलिस और आयकर अधिकारियों से मामले की विस्तृत जांच करने को कहा है।

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि प्रतिबंधित मुद्रा में इतनी बड़ी राशि रखने को सही ठहराने में यदि समूह विफल रहा तो वह प्रासंगिक कानून के तहत मुकदमा का सामना कर सकता है।

RSS मानहानि मामले में राहुल गाँधी को मिली जमानत

rahul-gandhi-get-bail-in-rss-defamation-case

ठाणे (महाराष्ट्र), 16 नवंबर: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े मानहानि के एक मामले में निजी मुचलके पर बुधवार को जमानत मिल गई। भिवंडी की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कांग्रेस उपाध्यक्ष को जमानत दी। साथ ही मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 28 जनवरी, 2017 निर्धारित की।

राहुल के खिलाफ यह मामला संघ के कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने दायर किया था।

जानकारी के लिए बता दें कि राहुल गाँधी हमेशा अपनी रैलियों में आरएसएस को महात्मा गाँधी का हत्यारा बताते हैं, यही देखते हुए आरएसएस कार्यकर्त्ता राजेश कुंटे से राहुल गाँधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया था हालाँकि बाद में उन्होंने यू-टर्न मार लिया। 

आज बेल मिलने के बाद राहुल गाँधी ने कहा कि वे महात्मा गाँधी के रास्ते पर चल रहे हैं। 

कालेधन की सर्जिकल स्ट्राइक में उड़ गया शिवसेना का मुखौटा, मोदी को छोड़कर थामा ममता बनर्जी का हाथ

shivsena-leave-modi-bjp-joined-hand-with-mamata-banerjee-congress

मुंबई, 15 नवंबर: कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक से सबसे हैरान कर देने वाली खबर यह है कि बीजेपी की सहयोगी और पाकिस्तान के नाम से भड़कने वाली पार्टी शिवसेना का मुखौटा पूरी तरह से उतर चुका है, सर्जिकल स्ट्राइक में सबसे अधिक नुकसान पाकिस्तान का ही हुआ है इसके बावजूद भी शिवसेना ने मोदी का साथ छोड़ दिया है और विपक्षी पार्टियों से गठजोड़ बनाकर मोदी का विरोध करने का फैसला किया है। 

आज शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ नोट बंदी के नतीजे को लेकर चर्चा की। पार्टी सांसद संजय राउत ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। राउत ने ठाकरे और बनर्जी के बीच क्या बातचीत हुई, उसके बारे में कुछ भी बताए बगैर कहा, "यह सरकार के खिलाफ या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं है। यह देश की 125 करोड़ जनता और उनके कष्ट का, उनके जारी उत्पीड़न का मुद्दा है, जिसके बारे में हर राजनीतिक दल चिंतित है।" 

शिव सेना केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) का घटक है। 

राउत ने दलील दी कि गत मंगलवार को 500 और 1000 रुपये की हुई नोट बंदी ने देश में वित्तीय अराजकता की स्थिति पैदा कर दी है और समाज के हर वर्ग के लोग पिछले सात दिनों से बुरी तरह प्रभावित हैं।

नोट बंदी की आलोचना के क्रम में राज्यसभा सदस्य ने इसे 'बीमारी का खराब इलाज' करार देते हुए कहा कि पार्टी जनता के कष्ट पर मूकदर्शक नहीं रहेगी और अपनी अगली कार्रवाई की घोषणा करेगी। 

बाद में पार्टी के शीर्ष नेताओं, सांसदों और विधायकों की जल्दबाजी में बुलाई गई बैठक में ठाकरे ने कहा कि शिव सेना मोदी के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह देश के लोगों के जीवन और मौत का सवाल हो गया है। 

एक अन्य परोक्ष हमले में ठाकरे ने व्यंग्यपूर्वक कहा, "यदि मोदी शरद पवार के साथ जा सकते हैं तो शिव सेना बनर्जी के साथ क्यों नहीं मिल सकती?" 

ममता बनर्जी नोट बंदी के बाद पैदा हुई स्थिति पर बहु दलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ 'आम जनता के हित में' राष्ट्रपति से मिलने की योजना बना रही हैं। ठाकरे ने इसमें बनर्जी के साथ शामिल होने की इच्छा जताई है। 

ममता से निमंत्रण मिलने के बाद पार्टी के लोकसभा सदस्य अरविंद सावंत ने घोषणा की है कि शिव सेना बुधवार को दोपहर बाद राष्ट्रपति भवन जाने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल होगी। 

नोटबंदी से सेक्स-सेवा में लगे लोगों का धंधा हुआ चौपट, लेकिन मदद के लिए आगे आये आम लोग

sex-workers-in-india-getting-more-trouble-from-demonetization

पुणे (महाराष्ट्र), 15 नवंबर: हाल में हुई नोटबंदी से कुछ पेशे सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं। इनमें महाराष्ट्र के पुणे और अन्य क्षेत्रों में यौनकर्मियों (सेक्स वर्कर) और ट्रांसजेंडर का पेशा भी शामिल है। पूरी तरह से नकद भुगतान पर आश्रित दुनिया के इस सबसे पुराने पेशे को बधवार पेठ और आस पास के इलाके में पूरी तरह से ग्रहण लग गया है। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा देह व्यापार का इलाका है। 

आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों के बंद हो जाने के बाद यौनकर्मियों और ट्रांसजेंडर के आय के सारे स्रोत सूख गए। ऐसे में इन लोगों के सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई।

जरूरतमंदों की मदद के लिए अनौपचारिक रूप से परियोजना शुरू करने वाले उद्यमी तहसीन पूनावाला बताते हैं कि चूंकि अधिकांश ग्राहक 500 और 1000 के नोट ही यौनकर्मियों को देते थे, इसलिए उनकी सारी बचत रातोंरात अवैध हो गई।

यौनकर्मियों की और उनके बच्चों की दयनीय स्थिति देखकर पूनावाला और उनके कुछ दोस्त एकजुट हुए और अचानक आए संकट से जूझ रहे इस वंचित समाज के लिए कुछ करने का निर्णय लिया। 

तहसीन ने बताया, "हम लोगों ने स्थानीय होटल, रेस्तरां और अन्य स्थानों से संपर्क किया जहां खाना परोसा जाता है। इन जगहों के मालिकों से इन लोगों को खिलाने के लिए अतिरिक्त या बचा हुआ खाना दान करने का आग्रह किया।" 

पूनावाला ने आईएएनएस से कहा, "इसका बहुत अच्छा प्रभाव पड़ा। हम लोग करीब 200 लोगों को प्रतिदिन भोजन के पैकेट मुहैया करा रहे हैं।" 

भोजन एकत्र करने के बाद वे उसे एक वैन में रखते हैं और उन गलियों में लेकर जाते हैं जहां बहुत सारे भूखे बच्चे और विकलांग सर्दी की इस शुरुआत में ठिठुरते मिलते हैं। 

उन्होंने कहा कि सरकार को हर हाल में समाज के इस सर्वाधिक प्रभावित होने वाले वर्ग की दयनीय स्थिति पर विचार करना चाहिए जो विमुद्रीकरण के बाद अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रहा है। 

सबसे बुरी स्थिति यह है कि इनमें से अधिकांश के पास बैंक खाता या पहचान पत्र नहीं हैं। इनके पेशे से जुड़ी सामाजिक मान्यताओं की वजह से इन्हें समाज ने त्याग दिया है। ये हर चीज के लिए पूरी तरह से नकद लेन-देन पर निर्भर हैं। 

पूनावाला ने कहा कि हमलोग जो कुछ हो सकता है वह कर रहे हैं और उम्मीद करते हैं कि अन्य शहरों में भी इस पर विचार किया जाएगा। 

मंगलवार को इन लोगों को खाना खिलाने की तैयारी में जुटे पूनावाला ने कहा, "जब अशक्त वर्ग को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है तो यह आम लोगों का नैतिक कर्तव्य है कि मदद करने के लिए आगे आएं।"

मोदी ने ‘नोटबंदी का बम’ गिराकर जनता से धोखा किया, अब जनता नहीं करेगी उनका समर्थन: शिवसेना

shivsena-told-in-saamnaa-public-will-not-support-modi-after-notbandi

मुंबई, 14 नवंबर: नोटबंदी जैसे बड़े काम की वजह से विपक्षी पार्टियों जैसे कांग्रेस, आप, वामपंथी, सपा, बसपा आदि का बौखलाना तो बनता है लेकिन बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना भी इस फैसले से बौखलाई हुई है, शिवसेना के बदले मिजाज पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा है, नोटबंदी से सबसे अधिक पाकिस्तान को नुकसान हुआ है, शिवसेना हमेशा खुद को एंटी पाकिस्तान साबित करने की कोशिश करती है लेकिन यहाँ पर उसके बदली मिजाज को देखकर लोगों का कहना है कि दरअसल शिवसेना हाथी के दांत के समान है यानी खाने के और दिखाने के और। 

आज शिव सेना ने 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने को जनता के साथ धोखा करार देते हुए सोमवार को सवाल किया कि क्या जनता अब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करेगी।

शिव सेना ने सरकार के आठ नवंबर के गोपनीय मिशन की तुलना एक आर्थिक गृहयुद्ध से की, और कहा कि मोदी विमुद्रीकरण के जरिए पहले ही एक बम गिरा चुके हैं।

शिव सेना के मुखपत्र सामना और दोपहर का सामना में प्रकाशित एक संपादकीय में मोदी के उस दावे पर सवाल उठाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि देश की जनता ने विमुद्रीकरण के लिए उन्हें आशीर्वाद दिया है। शिव सेना ने कहा है कि दरअसल, जिन लोगों ने उन्हें 2014 में आशीर्वाद दिया और वोट देकर सत्ता में पहुंचाया, उनके साथ यह धोखा है।

संपादकीय में कहा गया है, "मुट्ठीभर उद्योगपतियों से काला धन निकालने के लिए मोदी सरकार ने 125 करोड़ जनता को सड़क पर खड़ा कर दिया है। वे अपने खुद के पैसों के लिए बैंकों, एटीएम के सामने कतार लगाए हुए हैं, घंटों बगैर भोजन-पानी के अपनी बारी के लिए इंतजार कर रहे हैं, और कुछ तो इस प्रक्रिया में मर भी गए।"

संपादकीय में कहा गया है, "एक झटके में सरकार ने 125 करोड़ जनता को काला धन की बलिवेदी पर कुर्बान कर दिया। क्या सभी भ्रष्ट और काला धन रखने वाले हैं? कितने ऐसे हैं, जो कतारों में अवैध 500 और 1000 रुपये के बंडल लेकर खड़े हैं?"

शिव सेना ने कहा है कि वह काला धन के खिलाफ अभियान का पूर्ण समर्थन करती है, लेकिन जिस तरीके से मोदी सरकार ने इस योजना को क्रियान्वित किया है, उससे देश में आर्थिक अराजकता की स्थिति पैदा हो गई है।

देशवासियों से बंद हो अपराधियों जैसा सुलूक, माल ठिकाने लगाने के लिए देना चाहिए था समय: शिवसेना

shivsena-blamed-modi-sarkar-behaving-us-like-criminals

मुंबई, 13 नवंबर: शिव सेना ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिख कर 500 और 1000 रुपये के नोटों के विमुद्रीकरण के मामले में नागरिकों के साथ 'अपराधियों' जैसा व्यवहार बंद करने को कहा है साथ ही काले माल को ठिकाने लगाने के लिए कुछ समय देने की भी मांग की है।

शिवसेना पहले से ही इस योजना पर परेशान है लेकिन बेमाने ढंग से कालेधन धन पर चोट करने की सरकार की मंशा की तारीफ करते हुए राज्यसभा सांसद संजय राउत और अनिल देसाई ने इस बात को लेकर चिंता जाहिर की कि इसके तहत प्रत्येक भारतीय को एक अपराधी के रूप में देखा जा रहा है।

शनिवार देर रात जेटली को लिखे पत्र में राउत और देसाई ने कहा, "जिस तरह सरकार प्रत्येक नागरिक को एक अपराधी के रूप में देख रही है, उसे लेकर हम चिंतित हैं। अचानक नोटों को अवैध किए जाने से लाखों लोग और परिवार अस्तव्यस्तता की स्थिति में आ गए हैं।"

दोनों नेताओं ने सरकार से अनुरोध किया कि वह 'नागरिकों को अपराधी नहीं माने' और आम लोगों का दुख और नहीं बढ़ाए, क्योंकि वे पहले ही से काफी दुखी हैं। शिव सेना के नेताओं ने कहा कि सरकार को आम जनता को पर्याप्त समय देना चाहिए था और चूंकि यह लोकतंत्र है, इसलिए लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था। 

लोगों की परेशानी के मद्देनजर दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य सेवाओं, परिवहन, श्मशान घाटों, पेट्रोल पंपों और किराने की दुकानों समेत सभी तरह के उपयोगिता बिलों के भुगतानों के लिए इन रद्द नोटों के उपयोग की समय सीमा 30 दिसंबर तक बढ़ाने की अपील की।

शिव सेना नेता राउत और देसाई ने कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि सरकार लोगों के दुखों के प्रति संवेदनशील होगी और उन्हें उस चश्मे से नहीं देखेगी जिससे स्विस बैंक के खातों में कालाधन रखने वालों को देखती है।"

दो दिनों पहले शिव सेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने लोगों को परेशान करने के तरीके की निंदा करते हुए कहा था कि विमुद्रीकरण भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावों में विनाशकारी साबित होगा।

मुंबई में नोट बदलने की कतार में खड़े बुजुर्ग की मौत

mumbai-news-senior-citizen-death-in-queue-to-exchange-notes

मुंबई, 11 नवंबर: विमुद्रित नोटों को बदलने के लिए यहां एक बैंक की शाखा के बाहर कतार में खड़े एक व्यक्ति को शुक्रवार अपराह्न् दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। 

अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि विश्वनाथ वर्तक उत्तर-पूर्व मुंबई के मुलुंड उपनगर में भारतीय स्टेट बैंक की एक शाखा के बाहर कुछ पुराने नोट बदलने के लिए कतार में खड़े थे।

उमस और गरमी के कारण वर्तक 73 कतार में बेहोश हो गए और गिर पड़े। कुछ लोगों ने उन्हें होश में लाने की कोशिश की, लेकिन उनपर कुछ असर नहीं हुआ और अंत में पुलिस और एंबुलेंस को सूचित किया गया।

उसके थोड़ी ही देर बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उन्हें गंभीर हृदयाघात हुआ था।

मुंबई में पिछले दो दिनों से विभिन्न बैंकों और एटीएम पर कतारबद्ध लाखों लोगों ने शिकायत की है कि उन्हें पुराने नोट बदलने के लिए घंटों कतारों में खड़े रहना पड़ रहा है, लेकिन न तो वहां बैठने की कोई व्यवस्था है, और न पीने के पानी व शौचालय की व्यवस्था ही।

सर्वाधिक परेशानी वरिष्ठ नागरिकों, गर्भवती महिलाओं, और अस्वस्थ लोगों के लिए है, क्योंकि उन्हें सड़कों और फुटपाथों पर घंटों कतार में खड़े रहना पड़ रहा है, और बैंक शाखाओं या स्थानीय प्रशासन से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है।

नोटबंदी से बौखलाए उद्धव ठाकरे ने PM MODI पर बोला तीखा हमला, बताया विनाशकारी

uddhav-thackeray-attack-pm-modi-for-notbandi-told-vinashkari

मुंबई, 11 नवंबर: शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार द्वारा घोषित विमुद्रीकरण विनाशकारी है और सरकार को इसका गंभीर परिणाम भुगतना पड़ सकता है। 

ठाकरे ने कहा, "हम देश की अर्थव्यवस्था से काले धन को समाप्त करने के खिलाफ नहीं हैं.. यह एक साहसपूर्ण कदम है। हम सिर्फ इसके तरीके के खिलाफ हैं, क्योंकि इसे जनता को समय दिए बगैर लागू किया गया।"

उन्होंने कहा कि आम आदमी को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, लोग अपने पुराने नोट बदलने के लिए घंटों लंबी कतारों में खड़े हैं, और मुंबई में कतार में खड़े एक व्यक्ति की मौत हो गई है।

ठाकरे ने मांग की, "इस मौत के लिए जिम्मेदार कौन है? जिन लोगों ने विमुद्रीकरण का निर्णय लिया है, क्या वे इस मौत की जिम्मेदारी लेंगे?"

ठाकरे विश्वनाथ वर्तक (73) का जिक्र कर रहे थे, जिन्हें मुलुंड में भारतीय स्टेट बैंक की शाखा के बाहर शुक्रवार अपराह्न् एक लंबी कतार में दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। वह वहां अपने पुराने नोट बदलने के लिए खड़े थे।

हाजी अली दरगाह महिलाओं के मजार में प्रवेश पर राजी

best-hindi-news-haji-ali-dargah-agree-for-women-entry-in-majaar

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: मुंबई के हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि महिला श्रद्धालु हाजी अली दरगाह के पवित्र स्थल तक जा सकेंगी। ट्रस्ट ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि वह सूफी संत की मजार पर महिला श्रद्धालुओं के जाने के लिए एक पृथक मार्ग का निर्माण कर रहा है।

हाजी अली दरगाह ट्रस्ट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रह्मण्यम ने महिलाओं के लिए मार्ग बनाने हेतु दो सप्ताह का समय मांगा। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव की पीठ ने इसे सकारात्मक प्रगति बताया। 

पीठ ने कहा, "अगर आप उच्च न्यायालय (बम्बई) के आदेश का पालन करने जा रहे हैं, तो आपको चार सप्ताह का समय मिल सकता है।"

सुह्ममण्यम ने दरगाह के नक्शे का सहारा लेते हुए न्यायालय को बताया कि दरगाह ने उन दानपात्रों को किसी और जगह रखने का फैसला किया है, जिसमें श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान को रखा जाता है।

उन्होंने न्यायालय से यह भी कहा कि अतीत में महिलाओं को दरगाह के पवित्र स्थल तक जाने की अनुमति थी, लेकिन कुछ लॉजिस्टिकल कारणों से इस पर पाबंदी लगा दी गई। उन्होंने कहा, "ट्रस्ट ने पवित्र स्थल में महिलाओं के प्रवेश पर साल 2012 में पाबंदी लगाई थी।"

हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में ट्रस्ट को महिला श्रद्धालुओं को दरगाह पर जाने की अनुमति देने का निर्देश दिया था।

बंबई उच्च न्यायालय ने 26 अगस्त को प्रसिद्ध सूफी संत हाजी अली की मजार के प्रतिबंधित क्षेत्र में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दी थी।

बंबई उच्च न्यायालय ने महिलाओं को दरगाह के पवित्र स्थल तक जाने की अनुमति से संबंधित अपने फैसले पर रोक लगाते हुए हाजी अली ट्रस्ट को सर्वोच्च न्यायालय जाने का समय दिया था। 

नूरजहां नियाज, जकिया सोमान और अन्य की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने यह आदेश दिया था।

हाजी अली दरगाह एक मस्जिद और दरगाह है, जो मुंबई में वर्ली के अपतटीय क्षेत्र में एक छोटे-से टापू पर स्थित है। यह एक मुस्लिम संत पीर हाजी अली शाह बुखारी को समर्पित है।

सेना के पास आत्मसम्मान है, रिश्वत की जरूरत नहीं: उद्धव ठाकरे

shivsena-uddhav-thackeray-indian-army-self-respect-not-need-bribe

पणजी, 23 अक्टूबर: शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों के पास आत्मसम्मान है और उन्हें रिश्वत के धन की जरूरत नहीं है। 

उद्धव की टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब उनके चचेरे भाई और मनसे नेता राज ठाकरे ने पाकिस्तानी अभिनेताओं के साथ काम करने वाले फिल्मकारों से पांच करोड़ रुपये सेना को दान करने के लिए कहा है।

उद्धव ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के बागी नेता सुभाष वेलिंगकर से मुलाकात से अलग संवाददाताओं से कहा, "हमारी सेना के पास आत्मसम्मान है। उसे रिश्वत के धन की जरूरत नहीं है।"

शिव सेना, गोवा सुरक्षा मंच के साथ गठबंधन कर राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाली है। इस मंच के संरक्षकों में वेलिंगकर और आरएसएस के अन्य बागी नेता और क्षेत्रीय भाषा के लिए लड़ाई लड़ने वाले शामिल हैं।

ठाकरे ने कहा, "हमारे बीच एक स्वस्थ चर्चा हुई है और हमने कई मुद्दों पर अपने रुख साझा किए हैं, खासतौर से क्षेत्रीय भाषा, विकास, हिंदुत्व, रोजगार, अच्छा प्रशासन, और अन्य मुद्दों पर।"

ठाकरे शनिवार से राज्य में डेरा डाले हुए हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही संभावित गठबंधन साझेदारों के साथ बैठकें कर रहे हैं।

ठाकरे ने कहा कि गोवा के लिए शिव सेना के घोषणा-पत्र को दिवाली बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।

भाजपा सांसद किरीट सोमैया को माफिया से जान का खतरा

BJP-MP-Kirit-Somaiya-the-risk-of-death-by-mafia

मुंबई, 13 अक्टूबर: भारतीय जनता पार्टी के सांसद किरीट सोमैया ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अपराधियों और माफिया एजेंटों ने मुलुंड के उपनगरीय इलाके में दो दिन पहले उन्हें उनके घर के पास जान से मारने की कोशिश की गई। उन्होंने मुंबई के पुलिस आयुक्त दत्ता पडसालगिकर को दिए गए एक पत्र में 'माफिया साजिश' में उन्हें खत्म किए जाने के मामले की जांच की मांग की। साथ उन्होंने हमले में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही।

मुंबई के उत्तर-पूर्व निर्वाचन क्षेत्र से 62 साल के सोमैया लोकसभा सांसद हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर-पूर्व मुंबई में दशहरा पर करीब 100 गुंडे हथियारों के साथ मुलुंड के रावण दहन स्थल पर वाहनों के निकट उनका इंतजार कर रहे थे।

सोमैया ने पडसालगिकर को दी अपनी शिकायत में कहा, "'माफिया रावण दहन' के बाद ज्यादातर भाजपा कार्यकर्ताओं के चले जाने पर जब मैं अपने कार में बैठने जा रहा था तभी अचानक हथियार के साथ वे मुझ पर झपटे।"

उन्होंने कहा, "ऐसा लग रहा था कि अपने बॉस/माफिया को बचाने के लिए उनकी मुझे मारने की योजना थी।"

किरीट सोमैया ने बृहन मुंबई नगर निगम (बीएमसी) में 'भ्रष्टाचार माफिया का पुतला दहन' का जब फैसला लिया, उसके बाद दशहरा त्योहार विवादित हो गया था। इसे लेकर शिवसेना ने भी कड़ी आपत्ति जताई।

हालांकि पुलिस को दी शिकायत में सोमैया ने शिवसेना का नाम शामिल नहीं किया है। लेकिन जनता के बीच उन्होंने आरोप लगाया कि हमला शिवसेना के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया।

उन्होंने कहा कि पुलिस सुरक्षा गार्डो ने उन्हें उस शाम हमलावरों से बचाया।

बीते कुछ दिनों से सोमैया ने बीएमसी में भाजपा के सहयोगी पर निशाने पर। उन्होंने आरोप लगाया कि बीएमसी भ्रष्टाचार और माफिया राज में डूबा हुआ है। इसे लेकर शिवसेना नाराज है। शिवसेना भाजपा की राज्य और केंद्र में सरकार में साझेदार है।

समाज विरोधी नहीं हैं गौरक्षक, गौ रक्षा एक पवित्र मिशन: मोहन भागवत

mohan-bhagwat-backed-gaurakshak-said-they-are-not-anti-social

नागपुर, 11 अक्टूबर: केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के मार्गदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को गौरक्षकों का समर्थन करते हुए कहा कि उनकी तुलना समाज विरोधी तत्वों से न की जाए। भागवत का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का विरोधाभाषी है, जिसमें मोदी ने अधिकांश गौरक्षकों को फर्जी बताते हुए राज्यों को उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। भगवत ने आरएसएस के 91वें स्थापना दिवस पर वार्षिक संबोधन के दौरान कहा, "कुछ लोग हैं जो गौरक्षा के प्रति समर्पित हैं। यह राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों का हिस्सा है।"

उन्होंने कहा, "गौरक्षक कानून के तहत काम करते हैं, जो लोग कानून का उल्लंघन करते हैं, उन्हें गौरक्षकों से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।"

भागवत की यह टिप्पणी मोदी के अगस्त में दिए गए उस बयान के विरोधाभाषी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 70-80 फीसदी गौरक्षक असामाजिक गतिविधियों में लिप्त हैं और इसे समाज स्वीकार नहीं कर सकता। 

गौरक्षकों द्वारा गुजरात सहित देशभर में दलितों पर अत्याचार के बाद मची हायतौबा के बीच मोदी ने दिल्ली व तेलंगाना में दिए बयानों में राज्य को सलाह दी थी कि वे ऐसे फर्जी गौरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करें।

भागवत मोदी के बयान से सहमत नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि हिंदुओं की मां मानी जाने वाली गौ माता की सुरक्षा कानून द्वारा की जानी चाहिए और गौरक्षक महत्वपूर्ण सेवा प्रदान करते हैं। उन्होंने गौसंरक्षण को एक 'पवित्र मिशन' करार दिया, जो विरोध के बावजूद लगातार जारी रहेगा।

आरएसएस प्रमुख ने इस दौरान कश्मीर व पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर भी बहुत कुछ बोला।

भागवत ने पाकिस्तान पर जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग हिंसा में लिप्त हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।

भागवत ने आरएसएस के 91वें स्थापना दिवस पर आयोजित सालाना सभा में कहा, "पाकिस्तान कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा दे रहा है। कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा तनावमुक्त है। हमें उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो हिंसा में लिप्त हैं। समूचा कश्मीर हमारा है, जिसमें मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगित-बालटिस्तान भी शामिल हैं।"

उन्होंने कहा, "हमारी सेना ने इस सरकार के तहत बेहद उत्साहजनक प्रदर्शन किया है। सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। हमारी सीमाओं की रक्षा की जानी चाहिए और उसका अच्छी तरह प्रबंधन किया जाना चाहिए।"

भागवत ने सामाजिक असमानता तथा जातिवाद पर भी चिंता जताते हुए कहा कि इस संबंध में आरएसएस के सर्वेक्षण में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं।

उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर, मध्य प्रदेश के 9,000 गांवों पर किए गए एक विस्तृत सर्वेक्षण में पता चला है कि इसमें 40 प्रतिशत गांवों में पिछड़ी और दलित जाति को मंदिर में प्रवेश करने को लेकर भेदभाव का सामना करना पड़ा। करीब 30 प्रतिशत गांवों में इन वर्गो को जलस्रोतों से पानी लेने की अनुमति नहीं है और 35 प्रतिशत गांवों में इन्हें श्मशान का इस्तेमाल करने से रोका गया है।

भागवत ने कहा, "स्वंयसेवक इस मुद्दे पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बंधुओं को संविधान के तहत मिले फायदों के लिए दावा करने और सरकार और प्रशासन से उनके कल्याण के लिए आवंटित राशि को सुनिश्चित रूप से व्यय किए जाने में सहायता करना शुरू कर दिया है।"

भागवत ने कहा, "यह निश्चित तौर से 21वीं शताब्दी में भारत के लिए शर्म की बात होगी यदि एक निर्दोष जाति को किसी एक तुच्छ मुद्दे या किसी एक के खुद को श्रेष्ठ समझने के कारण अपमान और शारीरिक हमले का सामना करना पड़े। यह विभाजनकारी ताकतों को देश की छवि बिगाड़ने का मौका देता है और सामाजिक कल्याण की चल रही गतिविधियों को धीमा कर देता है।"

मुंडे की बेटियों का महाराष्ट्र में जोरदार शक्ति प्रदर्शन

Mundes-daughters-vigorous-strength-performance-in-Maharashtra

अहमदनगर (महाराष्ट्र), 11 अक्टूबर: पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत गोपीनाथ मुंडे की पुत्री एवं महाराष्ट्र में मंत्री पंकजा मुंडे तथा उनकी सांसद बहन प्रीतम मुंडे ने दशहरा के मौके पर मंगलवार को जोरदार तरीके से अपनी ताकत दिखाई। इसे गोपीनाथ मुंडे की राजनीतिक विरासत को बरकरार रखने से जोड़कर देखा जा रहा है। मराठवाड़ा क्षेत्र के अहमदनगर-बीड जिले की सीमा पर स्थित पहाड़ी पर भगवानगढ़ मंदिर में मुंडे बहनों ने प्रतीकात्मक रूप से शक्ति प्रदर्शन किया।

अनुमान के मुताबिक, आयोजन में राज्य भर के सात-आठ लाख से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया, जिससे मुंडे बहनों, खासकर पंकजा को खासा संबल मिला। पंकजा का भगवानगढ़ मंदिर के मुख्य पुजारी महंत नामदेवशास्त्री सनाप के साथ बीते कुछ हफ्तों से विवाद चल रहा है।

विवाद उस वक्त शुरू हुआ था, जब मंदिर के प्रबंधन ने पंकजा को मंदिर में होने वाली सालाना दशहरा रैली करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। पंकजा मुंडे के समर्थकों ने कहा कि मंजूरी मिलनी चाहिए, क्योंकि उनके पिता ने अपने समर्थकों को यहां से 20 वर्षो तक संबोधित किया था।

पंकजा एक हजार गाड़ियों के काफिले के साथ बीड से भगवानगढ़ पहुंचीं। रास्ते में उनके हजारों समर्थक काफिले में शामिल होते गए। वह मंदिर के पास हेलीकाप्टर से उतरीं और अपने कुछ समर्थकों के साथ उन्होंने संत भगवान बाबा का दर्शन किया। 

उनके साथ उनके पति अमित पाल्वे और अन्य सहयोगी दलों के पिछड़ी जातियों के कई नेता थे।

मंदिर में पंकजा ने महंत से मुलाकात नहीं की। महंत ने कहा था कि पूजा के लिए मंदिर में उनका स्वागत है, लेकिन उन्हें यहां बोलने की इजाजत नहीं है।

इस शक्ति प्रदर्शन ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी। पूर्व मंत्री व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने पंकजा मुंडे का समर्थन किया है।

खडसे ने कहा, "मैं पंकजा ताई (पंकजा बहन) के साथ हूं। यह 'शक्ति प्रदर्शन' नहीं बल्कि 'भक्ति प्रदर्शन' है।"

भागवत ने देश में फैले जातिवाद पर चिंता जताई, बोले, नहीं होना चाहिए भेदभाव, सभी मनुष्य एक सामान

rss-chief-mohan-bhagwat-showed-concern-for-casteism-in-india

नागपुर, 11 अक्टूबर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को भारतीय समाज में फैली सामाजिक असमानता और जातिवाद पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आरएसएस के एक सर्वेक्षण में इस स्थिति को लेकर घातक परिणाम सामने आए हैं।

उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर, मध्य प्रदेश के 9,000 गांवों पर किए गए एक विस्तृत सर्वेक्षण में पता चला है कि इसमें 40 प्रतिशत गांवों में पिछड़ी और दलित जाति को मंदिर में प्रवेश करने को लेकर भेदभाव का सामना करना पड़ा। करीब 30 प्रतिशत गांवों में इन वर्गो को जल स्रोतों से पानी लेने की अनुमति नहीं है और 35 प्रतिशत गांवों में इन्हें श्मशान का इस्तेमाल करने से रोका गया है।

नागपुर में संघ की वार्षिक दशहरा रैली में भागवत ने कहा, "स्वंयसेवक इस मुद्दे पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने अपने अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति बंधुओं को संविधान के तहत मिले फायदों के लिए दावा करने और सरकार और प्रशासन से उनके कल्याण के लिए आवंटित राशि को सुनिश्चित रूप से व्यय किए जाने में सहायता करना शुरू कर दिया है।"

उन्होंने कहा कि आरएसएस कार्यकर्ता अपनी शक्ति, क्षमता और बुद्धि के अनुसार सामाजिक समानता के लिए कोशिश तो करेंगे ही, समाज के सभी व्यक्ति और संगठन भी इस सामाजिक भलाई के लिए ज्यादा सक्रिय हों।

भागवत ने कहा, "यह निश्चित तौर से 21वीं शताब्दी में भारत के लिए शर्म की बात होगी यदि एक निर्दोष जाति को किसी एक तुच्छ मुद्दे या किसी एक के खुद को श्रेष्ठ समझने के कारण अपमान और शारीरिक हमले का सामना करना पड़े। यह विभाजनकारी ताकतों को देश की छवि बिगाड़ने का मौका देता है और सामाजिक कल्याण की चल रही गतिविधियों को धीमा कर देता है। "

नागपुर में आरएसएस की 90वीं रैली में संघ के वरिष्ठ नेता पहली बार पहले की खाकी हाफ पैंट की बजाय गहरे भूरे रंग पूरी पतलून में दिखाई दिए।

पाकिस्तान दे रहा है कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा: भागवत

pakistan-promoting-separation-for-kashmir-mohan-bhagwan-rss-chief

नागपुर, 11 अक्टूबर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को पाकिस्तान पर जम्मू और कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि जो लोग हिंसा में लिप्त हैं, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। भागवत ने आरएसएस के 91वें स्थापना दिवस पर आयोजित सालाना सभा में कहा, "पाकिस्तान कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को बढ़ावा दे रहा है। कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा तनावमुक्त है। हमें उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए जो हिंसा में लिप्त हैं। समूचा कश्मीर हमारा है जिसमें मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगित-बालटिस्तान भी शामिल हैं।"

उनकी यह टिप्पणी 8 जुलाई को हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद कश्मीर घाटी में भड़के तनाव की पृष्ठभूमि में आई है जिसमें अब तक 91 लोग मारे गए हैं। 

भागवत ने कहा, "सरकार ने सराहनीय कदम उठाया है। हमारी सीमाओं की रक्षा की जानी चाहिए और अच्छी तरह इसका प्रबंधन किया जाना चाहिए। और उनको अच्छा जवाब भी हमारे शासन ने दिया है। शासन के नेतृत्व में हमारी सेना ने साहस दिखाया है। फिर एक बार पूरी दुनिया में भारतीय सेना की प्रतिष्ठा ऊंची हुई है। उपद्रवियों को संकेत मिला कि सहने की एक मर्यादा होती है।"

भागवत का यह बयान भारतीय सेना द्वारा 29 सितम्बर को नियंत्रण रेखा के पार किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर था, जिसमें भारतीय बलों ने आतंकवादियों के कई लांचपैड तबाह कर दिए। 

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "सरकार ने जिस तरीके से इस स्थिति को नियंत्रित किया है, वह बहुत गर्व की बात है।"

यशस्वी प्रधानमंत्री ने सिखा दिया पाकिस्तान को सबक: मोहन भागवत

mohan-bhagwat-praised-pm-modi-for-teaching-pakistan-lesson

नागपुर, 11 अक्टूबर: संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए कहा है कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान को अलग थलग करके उसे करारा सबक सिखा दिया है, उन्होंने कहा कि पडोसी बार बार नापाक हरकतें करता रहता है इसलिए उसे एक बार सबक सिखाना जरूरी हो गया था। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे लोगों से भी बचने की सलाह दी जो छोटी घटनाओं को बड़ा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को पाकिस्तान पर जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को उकसाने का आरोप लगाते हुए हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। भागवत ने आरएसएस के 91वें स्थापना दिवस के वार्षिक संबोधन के दौरान कहा, "पाकिस्तान, कश्मीर में अलगाववादी ताकतों को प्रोत्साहित कर रहा है।"

उन्होंने बताया, "कश्मीर का एक बड़ा भाग तनाव मुक्त है। हमें हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।"

भागवत ने यह दोहराते हुए कहा, "मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान सहित पूरा कश्मीर हमारा है।"

कुछ लोग छोटी घटनाओं को बड़ा बनाकर कांटे को नासूर बना रहे हैं, ऐसे लोगों से बचें: मोहन भागवत

rss-chief-mohan-bhagwat-warn-to-aware-from-dirty-politician-india

नागपुर, 11 अक्टूबर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को छोटी घटनाओं को बड़ा बनाने को लेकर विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधा और लोगों से ऐसी ताकतों से सतर्क रहने का आग्रह किया। 

भागवत ने यहां आरएसएस के 91वें स्थापना दिवस के दौरान अपने वार्षिक भाषण में कहा, "आजकल छोटी घटनाओं को बड़ा बनाया जा रहा है।"

उन्होंने कहा, "(वे) कांटे को नासूर बनाने का काम कर रहे हैं।"

उन्होंने साथ ही कहा कि कुछ लोग एकजुट नहीं होना चाहते और "हमें सभी लोगों को ऐसी ताकतों से सतर्क करने की जरूरत है।"

भागवत ने कहा, "हमें समाज को इस प्रथा के प्रति जागरुक करने की जरूरत है, ताकि वे उसका शिकार न बनें।"

केशव बलिराम हेडगेवार ने सितंबर 1925 में आरएसएस की स्थापना की थी। हर वर्ष विजयदशमी के दिन संघ का स्थापना दिवस मनाया जाता है।