Bhopal: अगर आप सही से सोचेंगे तो समझ जाएंगे कि मध्य प्रदेश में हिंसा फ़ैलाने के पीछे कांग्रेस पार्टी का मकसद क्या था, दरअसल कांग्रेस पार्टी का दो मकसद है, एक तो देशभर के किसानों को मोदी सरकार के खिलाफ भड़काना और दूसरा मध्य प्रदेश में होने वाले अगले चुनाव में शिवराज सिंह को हराना.
कांग्रेस ने इसी मकसद से मंडसौर कांड की प्लानिंग की थी, पुलिस फायरिंग की आड़ में 6 लोगों को मरवाया गया और उन्हें किसान बताया गया जबकि जांच में पता चला है कि उनके पास कोई जमीन ही नहीं है, अगर उनके पास जमीन ही नहीं है तो वे किसान किस बात के हुए, अगर उनके पास जमीन नहीं है, वे किसान नहीं हैं तो वे कर्जमाफी की मांग किसलिए कर रहे हैं, मतलब साफ़ है कि यह सारा खेल कांग्रेस पार्टी ने रचा है और कांग्रेसी विधायक जीतू पटवारी का VIDEO भी सामने आया है जिसमें वे मंडसौर में उपद्रिवियों को भड़काकर दंगा-फसाद करवा रहे हैं.
कांग्रेस ने सोचा था कि अगर किसानों के नाम पर हिंसा और आगजनी करेंगे तो किसानों पर सरकार गोलियां जरूर चलाएगी जिसके बाद राज्य के सभी किसान शिवराज सरकार के खिलाफ हो जाएंगे, अगर ऐसा हुआ तो मध्य प्रदेश में अगला चुनाव कांग्रेस जीत जाएगी लेकिन उनका पूरा प्लान ही बेकार हो गया, शिवराज सिंह ने एक ही वार में उनकी पूरी प्लानिंग बेकार कर दी, अब मध्य प्रदेश के किसान फिर से शिवराज सिंह के साथ हो गए हैं.
कांग्रेस के लिए सबसे बड़े दुःख की बात यह है कि कल वे 6 परिवार भी शिवराज सिंह से मिलने गए जिनके घर के लड़के पुलिस फायरिंग में मारे गए थे, इससे पहले कांग्रेस के भड़काने पर इन लोगों ने शिवराज सिंह से 1 करोड़ रूपया लेने से इनकार कर दिया था और कहा था कि शिवराज सिंह अगर चाहें तो हमसे 2 करोड़ ले लें.
कांग्रेस इन्हीं 6 किसानों के नाम पर पूरे देश में आन्दोलन करना चाहती थी, ट्रेनें टोकना चाहती थी, हाईवे जाम करना चाहती थी, दंगा-फसाद करके देश के किसानों को मोदी सरकार के खिलाफ करना चाहती थी लेकिन अब ये किसान शिवराज सिंह के साथ आ गए हैं, कल सभी किसानों ने शिवराज सिंह से मुलाक़ात की और उनसे उपवास तोड़ने की प्रार्थना करके राज्य के लिए काम करने की प्रार्थना की लेकिन शिवराज सिंह ने कहा कि मैं किसानों का बेटा हूँ, अगर मेरे किसान भूखे प्यासे रहकर सड़कों पर प्रदर्शन करेंगे तो मैं भी भूखा रहकर खुद को कष्ट दूंगा और तब तक कष्ट देता रहूँगा जब तक राज्य में हिंसा ख़त्म नहीं हो जाती.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शिवराज सिंह ने कांग्रेस के नहले पर दहला मारा है, अब सभी किसान शिवराज सिंह से मिलने भोपाल के दशहरा मैदान में जा रहे हैं और उनसे मिलकर बहुत खुश हो रहे हैं, शिवराज सिंह ने कहा है कि अब मैं यहीं से सरकार चलाऊंगा, किसानों की समस्याएँ सुनूंगा और उसे समाप्त करने की कोशिश करूँगा, मैं किसानों से प्रार्थना करता हूँ कि किसी के बहकावे में ना आयें और हिंसा में भाग ना लें, मैं खुद किसानों का बेटा हूँ और उनका दर्द समझता हूँ.
उन्होंने कहा कि मैं मध्य प्रदेश का बेटा हूँ, मेरा राज्य मेरे लिए मंदिर के समान है और मंदिर में कोई हिंसा करे तो मुझे बहुत कष्ट होता है क्योंकि मैंने 11 साल तक मध्य प्रदेश की सेवा की है, अपनी हर साँस राज्य को दी है, उस राज्य को बर्बाद होते हुए मैं नहीं देख सकता.
कहने का मतलब ये है कि शिवराज सिंह ने बहुत अच्छी तरह से किसानों को अपना सन्देश पहुंचा दिया है और किसान उनका सन्देश समझ भी गए हैं, अब सड़क पर सिर्फ कांग्रेस पार्टी के नेता हैं, अब इनके साथ ना किसान हैं और ना ही किसानों का नाम, अब कांग्रेसी नेताओं की पोल खुल गयी है, हिंसा भड़काने का आदेश देते कई नेताओं के VIDEO भी आ चुके हैं जिससे पूरे देश में यह सन्देश गया है कि किसान नहीं बल्कि कांग्रेस ही हिंसा कर रही है. शिवराज सिंह ने पूरे देश को यह भी सन्देश दे दिया है कि सिर्फ उनके राज्य में किसानों को -10 परसेंट पर ब्याज दिया जाता है, मतलब किसानों को लोन 1 लाख रुपये मिलता है तो उन्हें सिर्फ 90 हजार वापस करना पड़ता है, अब शिवराज सिंह की तारीफ हो रही है.
इससे भी बड़ी बात ये है कि पहले मीडिया का ध्यान राज्य की हिंसा पर थे, वे हिंसा करने वालों को ढूंढ रहे थे ताकि उन्हें कोई Breaking News मिले और उनकी TRP बढे लेकिन अब उनका भी खेल ख़त्म हो गया है, अब मीडिया का ध्यान शिवराज सिंह के उपवास पर लग गया है, कोई उनके उपवास में कमीं निकाल रहा है तो कोई उसे अच्छा बता रहा है, मीडिया वालों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है क्योंकि राज्य में जितना अधिक हिंसा होती, जितना अधिक आग लगाई जाती मीडिया को उतना अधिक मसाला मिलता और उनकी TRP बढती लेकिन अब उनके सपनों पर पानी फिर गया है.
शिवराज सिंह ने एक ही झटके में कांग्रेस और मीडिया के सपनों पर पानी फेर दिया है, सबको मैदान में अकेले ही चित कर दिया है.